अभ्यास
1. चित्र का अवलोकन करके प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
इस चित्रपाठ में किस पशु की बात है?
उत्तर :
इस चित्रपाठ में एक हिरनी की बात है।
प्रश्न 2.
आपने किन-किन पशुओं को देखा है?
उत्तर :
मैंने इन पशुओं को देखा है : गाय, बैल, भैंस, बकरी, घोड़ा, हाथी, कुत्ता, बंदर, बिल्ली, ऊँट और गधा।
प्रश्न 3.
जंगल में कौन-कौन-से जानवर देखने को मिलते हैं?
उत्तर :
जंगल में शेर, बाघ, हाथी, हिरन, भालू, लोमड़ी, सियार, खरगोश, बंदर आदि जानवर देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 4.
चित्रपाठ के आधार पर शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर :
शिकारी, दयालु, हिरनी, जंगल, बंदूक, निशाना, गोली, टाँग, शावक, आँसू, पशु, अस्पताल।
प्रश्न 5.
चित्रपाठ के आधार पर चुने गए शब्दों को लेकर वाक्य बनाइए।
उत्तर:
(1) शिकारी – राजा अच्छा शिकारी था।
(2) दयालु – सविता दयालु लड़की है।
(3) हिरनी – जंगल में हिरनी दौड़ रही है।
(4) जंगल – शेर जंगल का राजा है।
(5) बंदूक – शिकारी के पास बंदूक थी।
(6) निशाना – तुमने सही निशाना लगाया।
(7) गोली – गोली निशाने पर लगी।
(8) टाँग – बंदर की टाँगें लंबी होती हैं।
(9) शावक – शावक अपनी माँ के पास बैठा था।
(10) आँसू – माँ की आँखों में आँसू थे।
(11) पशु – गाय दुधार पशु है।
(12) अस्पताल – यह शहर का नया अस्पताल है।
2. चित्रों के आधार पर निम्नलिखित जैसे प्रश्न पूछकर ‘दयालु शिकारी’ कहानी बनाइए :
प्रश्न 1.
पहले चित्र में हिरनी क्या कर रही है?
उत्तर :
पहले चित्र में हिरनी दौड़ रही है।
प्रश्न 2.
हिरनी जंगल में क्या-क्या खाती होगी?
उत्तर :
हिरनी जंगल में घास और पेड़-पौधों के पत्ते खाती होगी।
प्रश्न 3.
हिरनी देखने में कैसी है?
उत्तर :
हिरनी देखने में मोटी-ताजी है।
प्रश्न 4.
शिकारी हिरनी का शिकार क्यों करना चाहता था?
उत्तर :
शिकारी मांस खाने के लिए हिरनी का शिकार करना चाहता था।
प्रश्न 5.
गोली मारने के बाद शिकारी ने क्या किया?
उत्तर :
गोली मारने के बाद शिकारी हिरनी के समीप गया।
प्रश्न 6.
हिरनी के समीप जाकर शिकारी ने क्या देखा?
उत्तर :
हिरनी के समीप जाकर शिकारी ने देखा कि उसकी टाँग में गोली लगी है और उसने एक शावक को जन्म दिया है।
प्रश्न 7.
शिकारी हिरनी को कहाँ ले गया? क्यों?
उत्तर :
शिकारी हिरनी को पशुओं के अस्पताल में ले गया, क्योंकि वह उसका इलाज कराना चाहता था।
प्रश्न 8.
शिकारी ने हिरनी के साथ कैसा व्यवहार किया? क्यों?
उत्तर :
शिकारी ने हिरनी के साथ दयापूर्ण व्यवहार किया, क्योंकि उसकी दशा देखकर शिकारी को दुःख हुआ था।
3. वर्ण के आधार पर अधिक-से-अधिक शब्द बनाइए :
उदाहरण :
ख – खरगोश, खत्म, खाली, खाना (ट, ड, म, भ)
उत्तर :
ट – टकसाल, टका, टखना, टमटम
ड – डकार, डकैती, डग, डगमग
म – मकड़ी, मकर, मधुर, मक्षिका भ- भगत, भगदड़, भगवा, भगोड़ा
स्वाध्याय
प्रश्न 1.
शिकारी हिरनी के पास क्यों गया? अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
शिकारी ने हिरनी पर गोली चलाई थी। वह यह जानना चाहता था कि उसकी गोली हिरनी को कहाँ लगी और अब वह किस दशा में है। यह जानने के लिए ही वह हिरनी के पास गया। यह हालत देखकर शिकारी को बहुत दुःख हुआ। उसे हिरनी पर दया आई। उसने हिरनी को बचाने का निश्चय किया। इसलिए वह हिरनी को अस्पताल ले गया।
प्रश्न 2.
नीचे कुछ प्रसिद्ध कहानियों के चित्र दिए हैं, उनके नाम लिखकर कहानी लिखिए।
उत्तर :
विषय-प्रवेश
बहुत बोलना बुरी आदत है। इसके कारण बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। यहाँ तक कि जान भी जा सकती है। यह कहानी हमें बातूनी न बनने की सीख देती है। एक तालाब था। उसमें एक कछुआ रहता था। वह बहुत बातूनी था। वहीं दो हंस भी रहते थे। वे उसके अच्छे मित्र बन गए थे।
एक साल वहाँ बरसात बहुत कम हुई। तालाब का पानी सूखने लगा। हंसों ने कछुए के साथ दूसरे तालाब पर जाने का निश्चय किया। वे एक लकड़ी ले आए और उसका एक-एक सिरा अपनी-अपनी चोंच से पकड़ लिया। बीच का भाग कछुए ने अपने मुँह से पकड़ लिया। हंसों ने कछुए से कहा, “भाई, तुम रास्ते में बोलना मत। बोलोगे तो लकड़ी मुँह से छूट जाएगी और तुम नीचे गिर पड़ोगे।” ।
दोनों हंस कछुए को लेकर उड़ने लगे। रास्ते में एक गाँव आया। गाँव के लोग इस प्रकार कछुए को लेकर उड़ते हुए हंसों को देखने के लिए जमा हो गए। लोगों को देखकर कछुए से चुप न रहा गया। उसने बोलने के लिए अपना मुँह खोला। उसी समय लकड़ी उसके मुँह से छूट गई और वह जमीन पर गिर पड़ा और मर गया।
प्रश्न 3.
कौआ और लोमड़ी’ कहानी बनाकर लिखिए :
उत्तर :
विषय-प्रवेश
कुछ लोग खुशामद के द्वारा दूसरों को मूर्ख बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने की चाल चलते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत होती हैं और उनके चंगुल में फँसना नहीं चाहिए।
इस चित्रपाठ में एक चालाक लोमड़ी एक कौए की बड़ाई करके उसे मूर्ख बनाकर उससे रोटी हड़प लेना चाहती है। लेकिन कौआ होशियारी से काम लेता है और लोमड़ी को अपना-सा मुँह लेकर खाली हाथ चले जाना पड़ता है।
एक बार एक कौए को एक रोटी मिली। वह रोटी लेकर उड़ता हुआ एक पेड़ की डाल पर जा बैठा। इतने में एक लोमड़ी पेड़ के नीचे आई। उसकी नजर कौए की रोटी पर पड़ी। उसके मुँह में पानी आ गया। उसने सोचा, ‘कौए को मूर्ख बनाकर मैं उससे रोटी ले लूँ।’
लोमड़ी ने कौए से कहा, “कौआ भइया, कौआ भइया ! कोई गाना सुनाइए न ! आपका गाना मुझे बहुत मीठा लगता है।” कौआ लोमड़ी की चालाकी समझ गया। उसे लगा कि लोमड़ी रोटी पाने के लिए यह नाटक कर रही है। कौए ने अपनी चोंच की रोटी अपने पंजे से पकड़ ली और वह जोर-जोर से काँव-काँव करने लगा।
यह देखकर लोमड़ी आश्चर्यचकित रह गई। “अरे, यह कौआ तो समझदार लगता है।” ऐसा वह मन-ही-मन बोली और चलती बनी। फिर कौए ने मजे से रोटी खा ली। सचमुच, अपनी झूठी बड़ाई सुनकर हमें गुमराह नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 4.
पृष्ठ 3 के चित्रों के आधार पर ‘दयालु शिकारी’ कहानी लिखिए।
उत्तर :
एक शिकारी था। एक दिन उसे हिरन का माँस खाने की इच्छा हुई। वह बंदूक लेकर जंगल की ओर चल पड़ा। जंगल में शिकारी ने एक मोटी-ताजी हिरनी देखी। वह दूर से दौड़ती हुई उसकी तरफ ही आ रही थी। शिकारी एक पेड़ के पीछे छिप गया और हिरनी की ओर निशाना साधा। दौड़ती हुई हिरनी निशाने की सीध में आते ही शिकारी ने गोली छोड़ी। गोली की आवाज सुनकर जंगल के दूसरे हिरन इधर-उधर भागने लगे।
शिकारी हिरनी के पास गया। उसने देखा कि हिरनी ने एक छोटे शावक को जन्म दिया है। शिकारी की गोली हिरनी की टाँग में लगी थी। हिरनी की आँखों से आँसू बह रहे थे। यह दृश्य देखकर शिकारी का दिल भर आया। उसे बहुत पछतावा हुआ। जंगल से कुछ दूरी पर ही पशुओं के इलाज के लिए एक अस्पताल था। शिकारी हिरनी और उसके बच्चे को वहाँ ले गया। डॉक्टर ने हिरनी की टाँग में लगी गोली निकाल दी और घाव पर मरहम लगा दिया। इलाज से हिरनी को आराम मिला। शिकारी हिरनी को बच्चे के साथ जंगल में छोड़ आया।
प्रश्न 5.
प्रश्न 2 और 3 में से आपको कौन-सी कहानी अच्छी लगी? क्यों?
उत्तर :
प्रश्न 2 और 3 में तीन कहानियाँ दी गई हैं – ‘बुद्धिमान कौआ’, ‘बातूनी कछुआ’ और ‘कौआ और लोमड़ी’। तीनों कहानियाँ रोचक हैं, फिर भी मुझे ‘कौआ और लोमड़ी’ कहानी अच्छी लगी।
पहली दोनों कहानियाँ बहुत पुरानी हो गई हैं, जबकि ‘कौआ और लोमड़ी’ कहानी में नवीनता और आधुनिक बोध है। यह कहानी हमें मूर्ख बनाकर अपना मतलब सिद्ध करनेवालों से सावधान करती है। कौए की चालाकी हमें बहुत कीमती सीख दे जाती है, इसलिए यह कहानी मुझे अच्छी लगी।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए शब्द के विरोधी शब्द घेरे में से ढूँढ़कर वाक्यप्रयोग कीजिए।
(1) दयालु (2) बहुत (3) स्वस्थ (4) खुश (5) जन्म (6) बुराई
उत्तर :
(1) दयालु x निर्दयी
(2) बहुत x थोड़ा
(3) स्वस्थ x अस्वस्थ
(4) खुश x नाखुश
(5) जन्म x मरण
(6) बुराई x भलाई
वाक्य-प्रयोग :
(1) दयालु – दयालु मनोज ने आहत चिड़िया को बचाया।
निर्दयी – शिकारी निर्दयी होता है।
(2) बहुत – तुम बहुत थक गए हो।
थोड़ा- अब थोड़ा आराम कर लो।
(3) स्वस्थ – आज मैं स्वस्थ हूँ।
अस्वस्थ-कल मैं अस्वस्थ था।
(4) खुश – वह हमेशा खुश रहता है।
नाखुश – मैंने उसे कभी नाखुश नहीं देखा।
(5) जन्म – रोज कई बच्चों का जन्म होता है।
मरण – रोज कई लोगों का मरण होता है।
(6) बुराई – मैंने आपके साथ कभी बुराई नहीं की।
भलाई – मैंने आपके साथ हमेशा भलाई की है।
प्रश्न 7.
नीचे दिए गए वाक्यों में से जो ‘संज्ञा’ हैं उन्हें रेखांकित कीजिए :
उदाहरण : थोडी देर बाद उसे राम और श्याम मिले।
(1) पूजन की परीक्षा पाँच बजे तक चलनेवाली थी।
(2) सब अंबाजी जा रहे थे।
(3) गुलाब का फूल मुझे पसंद है।
(4) हिमालय की चढ़ाई बहुत कठिन थी।
(5) आज बिल्ली सारा दूध पी गई।
उत्तर :
(1) पूजन की परीक्षा पाँच बजे तक चलनेवाली थी।
(2) सब अंबाजी जा रहे थे।
(3) गुलाब का फूल मुझे पसंद है।
(4) हिमालय की चढ़ाई बहुत कठिन थी।
(5) आज बिल्ली सारा दूध पी गई।
प्रश्न 8.
अंदाज अपना-अपना : यदि शिकारी की जगह तुम होते तो क्या करते? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
यदि शिकारी की जगह मैं होता, तो मैं भी हिरनी के साथ वैसा ही व्यवहार करता जैसा शिकारी ने किया।
चर्चा : नरेंद्र – घायल हिरनी और उसके नवजात शावक को देखकर मेरा दिल भर आता।
परेश – में तुरंत दौड़कर रिक्शा या किसी दूसरे वाहन को ले आता।
अखिल – रिक्शा या किसी अन्य सवारी को किराया देना पड़ता। अगर तुम्हारे पास किराये के पैसे न होते तब क्या करते?
परेश – तब मैं दौड़कर सीधे अस्पताल पहुँचता और हिरनी की हालत
बताकर उनसे ऐम्ब्युलन्स् भेजने का अनुरोध करता। नरेंद्र – हाँ, किसी तरह हिरनी का इलाज तो करवाना ही था। उसके
बचने पर ही उसके बच्चे के जीवित रहने की आशा की जा सकती थी।
योग्यता विस्तार
(1) आपकी पाठशाला में आनेवाले सामयिकों का अध्ययन करके चित्रकथा संग्रह बनाइए।
(2) अपने दादा-दादी के पास बैठकर कहानी सुनकर लिखिए।
Hindi Digest Std 6 GSEB दयालु शिकारी Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
जंगल में शिकारी ने एक …………… को देखा।
A. हिरनी
B. बकरी
C. लोमड़ी
D. सियारिन
उत्तर :
C. लोमड़ी
प्रश्न 2.
शिकारी एक ………… के पीछे छिप गया।
A. झाड़ी
B. खंभे
C. पहाड़ी
D. पेड़
उत्तर :
D. पेड़
प्रश्न 3.
शिकारी ने हिरनी की आँखों में ………… देखे।
A. अंगारे
B. आँसू
C. तारे
D. सपने
उत्तर :
B. आँसू
प्रश्न 4.
पशु-पक्षी के बच्चे को ………. कहते हैं।
A. मेमना
B. पिल्ला
C. शावक
D. शिशु
उत्तर :
C. शावक
प्रश्न 5.
हमें पशु-पक्षियों के प्रति ………… रखना चाहिए।
A. मैत्रीभाव
B. सद्भावना
C. घृणाभाव
D. शत्रुभाव
उत्तर :
B. सद्भावना
प्रश्न 6.
कछुआ कहाँ रहता था?
A. नदी में
B. झील में
C. तालाब में
D. पोखर में
उत्तर :
C. तालाब में
प्रश्न 7.
कौन-से पक्षी कछुए के मित्र थे?
A. कौए
B. हंस
C. बगुले
D. सारस
उत्तर :
B. हंस
प्रश्न 8.
कछुआ बहुत …………… था।
A. आलसी
B. शरारती
C. बुद्धिमान
D. बातूनी
उत्तर :
D. बातूनी
प्रश्न 9.
रास्ते में क्या आया?
A. जंगल
B. शहर
C. गाँव
D. मैदान
उत्तर :
C. गाँव
प्रश्न 10.
कछुए के मुँह से क्या छूट गई?
A. तार
B. वायर
C. लकड़ी
D. रस्सी
उत्तर :
C. लकड़ी
प्रश्न 11.
कौआ कैसा था?
A. भूखा
B. प्यासा
C. चालाक
D. काला
उत्तर :
B. प्यासा
प्रश्न 12.
कौए को क्या नहीं मिला?
A. मित्र
B. रास्ता
C. खाना
D. पानी
उत्तर :
D. पानी
प्रश्न 13.
कौए ने झोंपड़ी के पास क्या देखा?
A. लोटा
B. घड़ा
C. खाना
D. पानी
उत्तर :
B. घड़ा
प्रश्न 14.
कौए ने घड़े में क्या डाले?
A. कंकड़
B. कंचे
C. ढेले
D. दाने
उत्तर :
A. कंकड़
प्रश्न 15.
कौआ कैसा था? ।
A. जल्दबाज
B. धूर्त
C. बुद्धिमान
D. साहसी
उत्तर :
C. बुद्धिमान
प्रश्न 16.
किसके मुँह में पानी आ गया?
A. सियारिन के
B. कुतिया के
C. लोमड़ी के
D. भालू के
उत्तर :
C. लोमड़ी के
प्रश्न 17.
पेड़ की डाल पर कौन बैठा था?
A. कबूतर
B. मोर
C. कौआ
D. कोयल
उत्तर :
C. कौआ
प्रश्न 18.
लोमड़ी कैसी थी?
A. चालाक
B. भोली
C. शरमीली
D. मूर्ख
उत्तर :
A. चालाक
प्रश्न 19.
कौआ कैसा था?
A. मूर्ख
B. समझदार
C. चापलूस
D. धोखेबाज
उत्तर :
B. समझदार
प्रश्न 20.
अपनी झूठी बड़ाई सुनकर कौआ ……………….. नहीं हुआ।
A. गुमराह
B. दुःखी
C. परेशान
D. चकित
उत्तर :
A. गुमराह
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(शावक, पछतावा, हिरन, टाँग, जंगल)
उत्तर :
(1) शिकारी को हिरन का मांस खाने की इच्छा हुई।
(2) हिरन जंगल में रहते हैं।
(3) गोली हिरनी की टाँग में लगी थी।
(4) हिरनी ने एक शावक को जन्म दिया था।
(5) शिकारी को बहुत पछतावा हुआ।
(कम, लोगों, मित्र, कछुआ, लकड़ी)
(1) तालाब में एक कछुआ रहता था।
(2) दो हंस कछुए के मित्र थे।
(3) एक साल बरसात बहुत कम हुई।
(4) हंस एक लकड़ी ले आए।
(5) लोगों को देखकर कछुए से रहा न गया।
(थोड़ा, चोंच, तलाश, कंकड़, प्यास)
उत्तर :
(1) कौए को खूब प्यास लगी थी।
(2) कौए ने इधर-उधर पानी की तलाश की।
(3) घड़े में थोड़ा पानी था।
(4) कौए की चोंच पानी तक पहुँच नहीं सकती थी।
(5) कौए ने घड़े के आसपास कंकड़ पड़े देखे।
(गाना, चालाकी, मीठा, रोटी, डाल)
उत्तर :
(1) लोमड़ी ने पेड़ की डाल पर कौए को देखा।
(2) लोमड़ी को कौए का गाना मीठा लगता था।
(3) लोमड़ी ने कौए से गाना सुनाने के लिए कहा।
(4) कौआ लोमड़ी की चालाकी समझ गया।
(5) फिर कौए ने मजे से रोटी खा ली।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
शिकारी जंगल में गया, क्योंकि …
(अ) वहाँ उसे सिंह का पता लगाना था।
(ब) वहाँ से उसे जड़ी-बूटी लानी थी।
(क) उसे हिरन का मांस खाने की इच्छा हुई थी।
उत्तर :
शिकारी जंगल में गया, क्योंकि उसे हिरन का मांस खाने की इच्छा हुई थी।
प्रश्न 2.
हिरन इधर-उधर भागने लगे, क्योंकि …
(अ) उन्होंने शिकारी को आते हुए देखा।
(ब) वे गोली चलने की आवाज से डर गए थे।
(क) उन्होंने हिरनी को भागते हुए देखा।
उत्तर :
हिरन इधर-उधर भागने लगे, क्योंकि वे गोली चलने की आवाज से डर गए थे।
प्रश्न 3.
शिकारी को पछतावा हुआ, क्योंकि …
(अ) उसने एक निर्दोष प्राणी को कष्ट पहुँचाया था।
(ब) गोली हिरनी की टाँग में लगी थी।
(क) हिरनी ने एक शावक को जन्म दिया था।
उत्तर :
शिकारी को पछतावा हुआ, क्योंकि उसने एक निर्दोष प्राणी को कष्ट पहुँचाया था।
प्रश्न 4.
तालाब का पानी सूखने लगा, क्योंकि …
(अ) तालाब बहुत कम गहरा था।
(ब) उसके पानी का उपयोग बहुत-से लोग करते थे।
(क) बरसात बहुत कम हुई थी।
उत्तर :
तालाब का पानी सूखने लगा, क्योंकि बरसात बहुत कम हुई थी।
प्रश्न 5.
हंस एक लकड़ी ले आए, क्योंकि …
(अ) उससे अच्छी खुशबू आती थी।
(ब) वे उसी की सहायता से कछुए को दूसरे तालाब पर ले जाना चाहते थे।
(क) वह उनके प्रिय वृक्ष की यादगार थी।
उत्तर :
हंस एक लकड़ी ले आए, क्योंकि वे उसी की सहायता से कछुए को दूसरे तालाब पर ले जाना चाहते थे।
प्रश्न 6.
गाँव के लोग जमा हो गए, क्योंकि …..
(अ) आकाश में बादल उमड़ रहे थे।
(ब) ग्रामपंचायत की बैठक होनेवाली थी।
(क) उन्होंने कछुए को लेकर हँसों को उड़ते देखा था।
उत्तर :
गाँव के लोग जमा हो गए, क्योंकि उन्होंने कछुए को लेकर हँसों को उड़ते देखा था।
प्रश्न 7.
हंसों ने कछुए को अपने साथ ले जाने की युक्ति की, क्योंकि …
(अ) उन्हें उस पर दया आई।
(ब) वे बुद्धिमान थे।
(क) वह उनका मित्र था।
उत्तर : हंसो ने कछुए को अपने साथ ले जाने की युक्ति की, क्योंकि वह उनका मित्र था।
प्रश्न 8.
कौए ने पानी की तलाश की, क्योंकि …
(अ) उसे अपनी चोंच साफ करनी थी।
(ब) उसे स्नान करना था।
(क) उसे खूब प्यास लगी थी।
उत्तर :
कौए ने पानी की तलाश की, क्योंकि उसे खूब प्यास लगी थी।
प्रश्न 9.
उड़ते-उड़ते कौआ …
(अ) एक मकान की छत पर आया।
(ब) एक झोंपड़ी के पास पहुँचा।
(क) एक पेड़ की डाल पर बैठ गया।
उत्तर :
उड़ते-उड़ते कौआ एक झोंपड़ी के पास पहुंचा।
प्रश्न 10.
कौए की चोंच पानी तक पहुँच नहीं सकी, क्योंकि …
(अ) घड़े में पानी बहुत नीचे था।
(ब) घड़ा बहुत नीचे था।
(क) कौआ बहुत ऊपर बैठा था।
उत्तर :
कौए की चोंच पानी तक पहुँच नहीं सकी, क्योंकि घड़े में पानी बहुत नीचे था।
प्रश्न 11.
कौए ने घड़े में कंकड़ डाले, क्योंकि …
(अ) उसे घड़े का पानी साफ करना था।
(ब) उसे कंकड़ों को धोना था।
(क) उसे नीचे का पानी ऊपर लाना था।
उत्तर :
कौए ने घड़े में कंकड़ डाले, क्योंकि उसे नीचे का पानी ऊपर लाना था।
प्रश्न 12.
लोमड़ी ने कौए का गाना सुनने की इच्छा प्रकट की, क्योंकि …
(अ) कौए की बोली बहुत मीठी थी।
(ब) कौए का गाना अच्छा था।
(क) वह उससे रोटी ले लेना चाहती थी।
उत्तर :
लोमड़ी ने कौए का गाना सुनने की इच्छा प्रकट की, क्योंकि वह उससे रोटी ले लेना चाहती थी।
प्रश्न 13.
कौए ने रोटी अपने पंजे से पकड़ ली, क्योंकि …
(अ) लोमड़ी आश्चर्यचकित रह गई थी।
(ब) वह लोमड़ी की चालाकी समझ गया था।
(क) लोमड़ी नाराज हो गई थी।
उत्तर :
कौए ने रोटी अपने पंजे से पकड़ ली, क्योंकि वह लोमड़ी की चालाकी समझ गया था।
प्रश्न 14.
लोमड़ी चलती बनी, क्योंकि …
(अ) कौआ डाल से उड़ गया।
(ब) कौआ लोमड़ी को गाना न सुना सका।
(क) वह कौए से रोटी न पा सकी।
उत्तर :
लोमड़ी चलती बनी, क्योंकि वह कौए से रोटी न पा सकी।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
शिकारी को क्या खाने की इच्छा हुई ?
उत्तर :
शिकारी को हिरन का मांस खाने की इच्छा हुई।
प्रश्न 2.
शिकारी ने जंगल में किसे देखा?
उत्तर :
शिकारी ने जंगल में एक दौड़ती हुई हिरनी को देखा।
प्रश्न 3.
शिकारी की गोली हिरनी को कहाँ लगी?
उत्तर :
शिकारी की गोली हिरनी को उसकी टाँग में लगी।
प्रश्न 4.
क्या देखकर शिकारी का दिल भर आया?
उत्तर :
हिरनी की आँखों में आँसू देखकर शिकारी का दिल भर आया।
प्रश्न 5.
हिरनी को आराम कैसे मिला?
उत्तर :
डॉक्टर के इलाज से हिरनी को आराम मिला ।
प्रश्न 6.
शिकारी हिरनी और उसके बच्चे को कहाँ छोड़ आया?
उत्तर :
शिकारी हिरनी और उसके बच्चे को जंगल में छोड़ आया।
प्रश्न 7.
कछुए की क्या आदत थी?
उत्तर :
कछुए की बहुत बोलने की आदत थी।
प्रश्न 8.
बरसात कम होने पर क्या हुआ?
उत्तर :
बरसात कम होने पर तालाब का पानी सूखने लगा।
प्रश्न 9.
हंसों ने कहाँ जाने का निश्चय किया?
उत्तर :
हंसों ने दूसरे तालाब पर जाने का निश्चय किया।
प्रश्न 10.
कछुए ने मुँह से लकड़ी का कौन-सा भाग पकड़ा?
उत्तर :
कछुए ने मुँह से लकड़ी का बीच का भाग पकड़ा।
प्रश्न 11.
कछुए का मुँह खुलने पर क्या हुआ?
उत्तर :
कछुए का मुँह खुलने पर लकड़ी छूट गई और वह जमीन पर गिर गया।
प्रश्न 12.
कौए ने पानी की तलाश क्यों की?
उत्तर :
कौए ने पानी की तलाश की, क्योंकि उसे खूब प्यास लगी थी।
प्रश्न 13.
कौआ घड़े का पानी क्यों नहीं पी सका?
उत्तर :
कौआ घड़े का पानी नहीं पी सका, क्योंकि उसमें पानी बहुत नीचे था।
प्रश्न 14.
कौए ने घड़े के आसपास क्या देखे?
उत्तर :
कौए ने घड़े के आसपास बहुत से कंकड़ पड़े हुए देखे।
प्रश्न 15.
घड़े में कंकड़ डालने पर क्या हुआ?
उत्तर :
घड़े में कंकड़ डालने पर नीचे का पानी घड़े के मुँह तक आ गया।
प्रश्न 16.
कौए ने अपनी प्यास कैसे बुझाई?
उत्तर :
कौए ने युक्ति से काम लेकर अपनी प्यास बुझाई।
प्रश्न 17.
लोमड़ी कैसी थी?
उत्तर :
लोमड़ी भूखी थी।
प्रश्न 18.
लोमड़ी ने कौए को कहाँ देखा?
उत्तर :
लोमड़ी ने कौए को पेड़ की एक डाल पर बैठा देखा।
प्रश्न 19.
लोमड़ी ने किसे मीठा बताया’
उत्तर :
लोमड़ी ने कौए के गाने को मीठा बताया।
प्रश्न 20.
लोमड़ी क्या देखकर आश्चर्यचकित रह गई?
उत्तर :
लोमड़ी कौए की समझदारी देखकर आश्चर्यचकित रह गई।
5. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए :
कौए ने घड़े का पानी पीने के लिए क्या युक्ति की?
उत्तर :
कौआ घड़े में एक-एक कंकड़ डालने लगा। कंकड़ों के कारण नीचे का पानी घड़े के मुँह तक आ गया। इस युक्ति से कौए ने घड़े का पानी पिया।
प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
शिकार करनेवाले पशु कौन-कौन-से हैं? उनके नाम बताइए।
उत्तर :
शेर, बाघ, चीता, भालू, भेड़िया – ये मुख्य शिकारी पशु हैं।
प्रश्न 2.
शिकार होनेवाले पशुओं के नाम लिखिए और उनके चित्र अपनी कॉपी में चिपकाइए।
उत्तर :
हिरन, खरगोश, गाय, बैल, बकरी, भेड़ आदि शिकार होनेवाले पशु हैं।
प्रश्न 3.
शिकार करने के पुराने हथियारों के नाम लिखिए और उनके रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर :
पत्थर, लाठी, तीर-कमान, भाला, तलवार, खंजर, छुरा – पुराने समय में
प्रायः इन हथियार का उपयोग शिकार करने के लिए किया जाता था।
प्रश्न 4.
हिरन की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
हिरन की विशेषताएँ :
(1) सुंदर आँखें
(2) दौड़ने- छलाँग मारने में कुशल
(3) फुर्तीला शरीर
(4) हमेशा चौकन्ना
(5) शाकाहारी।
प्रश्न 5.
कछुए का चित्र अपनी कॉपी में चिपकाइए और उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
कछुए की विशेषताएँ :
(1) उभयचर प्राणी
(2) अभेद्य कवच
(3) धीमी चाल
(4) पैर छोटे और शरीर के भीतर, चलते समय बाहर निकालना
(5) आँखें छोटी लेकिन तेज
(6) खतरा होने पर पानी में कूद जाना।
प्रश्न 6.
एक प्रसिद्ध कहानी में किस प्राणी ने कछुए से शर्त लगाई थी? उसका क्या परिणाम हुआ था?
उत्तर :
खरगोश ने दौड़ने में कछुए से शर्त लगाई थी। दौड़ में कछुए की जीत और खरगोश की हार हुई थी।
प्रश्न 7. कक्षा में सहपाठियों के सामने यह कहानी बताइए।
प्रश्न 8.
कौए का चित्र अपनी कॉपी में चिपकाकर उसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर :
कौए की विशेषताएँ :
(1) कर्कश बोली
(2) ईर्ष्यालु स्वभाव
(3) शाकाहारी – मांसाहारी
(4) हमेशा चौकन्ना।
प्रश्न 9.
कौआ और कोयल किस बात में समान हैं और किस बात में भिन्न? संक्षेप में बताइए।
उत्तर :
कौआ और कोयल दोनों का रंग काला होता है। पर दोनों में भिन्नता यह है कि कौए की बोली कर्कश होती है, जबकि कोयल अपनी मीठी बोली के कारण सबकी प्रिय है।
प्रश्न 10.
कौए की बोली और मेहमान के आगमन के बारे में क्या मान्यता है? क्या आप इसमें विश्वास करते हैं? कक्षा में अपने सहपाठियों के समक्ष इस विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर :
लोग ऐसा मानते हैं कि खिड़की या छज्जे पर बैठकर कौए यदि बोले तो समझ लो कि घर में कोई मेहमान आनेवाला है।
एक छात्र : हमारे यहा लोगों में तरह-तरह के अंधविश्वास प्रचलित हैं। मैं तो इसे भी एक अंधविश्वास ही मानता हूँ।
दूसरा छात्र : देखो, ये मान्यताएँ ऐसे ही प्रचलित नहीं हो जातीं। कई बार कसौटी पर सरी उतरने पर ही कोई बात मान्यता बन जाती है।
तीसरा छात्र : मेरी दादी का तो पूरा विश्वास है की कौए की बोली मेहमान के आने का संकेत है। हमारे यहाँ तो कई बार कौआ बोला और मेहमान आए।
पहला छात्र : अरे भाई, हम विज्ञान के युग में रह रहे हैं। विज्ञान ऐसी बेहूदी बातों को नहीं मानता।
दूसरा छात्र : क्या विज्ञान यह बता सका कि पहले अंडा हुआ या मुर्गी? (सब लड़के हँस पड़ते हैं।)
प्रश्न 11. लोमड़ी का चित्र अपनी कॉपी में चिपकाइए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित विशेषताओं में से जो विशेषता लोमड़ी से संबंध रखती है उसके सामने चिह्न लगाइए।
(1) लंबी पूँछ √
(2) बड़े सींग। √
(3) चालाकी
(4) मांसाहारी
(5) पालतू √
(6) जंगली √
प्रश्न 13.
प्राणी के सामने उसके निवास का नाम लिखिए। नाम कोष्ठक में से चुनिए :
(गोठ, बिल, दरबा, माँद, वृक्ष, घोंसला, अस्तबल)
(1) शेर – माँद
(2) बंदर – वृक्ष
(3) घोड़ा – अस्तबल
(4) गाय – गोठ
(5) चूहा – बिल
(6) मुर्गा – दरबा
(7) चिड़िया – घोंसला
विषय-प्रवेश
शिकारी प्राणियों के प्रति क्रूर होते हैं। क्रूरता के कारण ही वे पशुओं का शिकार करते हैं। इस चित्रपाठ में एक शिकारी जंगल में एक हिरनी पर गोली चलाता है। परंतु बाद में उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है। इस कहानी द्वारा बताया गया है कि पशुओं को भी इस धरती पर जीने का पूरा अधिकार है। मनुष्य को पशुओं के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए।
अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
एक जगत, एक लोक’ ऐसा कवि ने क्यों कहा है?
उत्तर :
यह संसार एक मानवलोक है। एक ही चंद्रमा सारे संसार में अपनी चाँदनी फैलाता है। एक ही सूर्य सारे संसार को प्रकाशित करता है। दुनिया के सभी लोग एक ही धरती पर और एक ही आसमान के नीचे रहते हैं। इस प्रकार प्रकृति के तत्त्व हम सबके लिए एक हैं। इसलिए कवि ने ‘एक जगत, एक लोक’ कहा है।
प्रश्न 2.
‘एक रक्त’ का अर्थ समझाइए।
उत्तर :
मनुष्य चाहे किसी भी देश, जाति और धर्म का हो, उसके रक्त का रंग लाल ही होता है। रक्त के रंग की समानता से साबित होता है कि पूरी मनुष्यजाति एक हैं। भले ही हमारे रूप-रंग भिन्न हों, पर भीतर से हम सब एक हैं।
प्रश्न 3.
हमारा धर्म क्या होना चाहिए?
उत्तर :
सबकी प्रगति हो, सबको न्याय मिले और मानवता की रक्षा हो – यही हमारा धर्म होना चाहिए।
प्रश्न 4.
‘हमारा जीवन एक सुख-दुःख की कहानी है’ – ऐसा कवि ने क्यों कहा है?
उत्तर :
सभी मनुष्यों के जीवन में कभी सुख के दिन आते हैं तो कभी लोगों को दुःख के दिन भी देखने पड़ते हैं। किसीका सारा जीवन न सुखी होता है न दुःखी। जीवन में बारी-बारी से सुख और दुःख आते रहते हैं। इसलिए कवि ने कहा है कि ‘हमारा जीवन एक सुख-दुःख की कहानी है’।
ऊँचे स्वर में पढ़िए :
सूर्य, सुख-दुःख, रक्त, अस्थि, प्राण, गाएँ, गूंज, हर्ष, ऐक्य, कर्म, प्रगति, लहराएँ, विश्वशांति
3. उदाहरण के अनुसार निर्देशित वर्ण से शुरू होनेवाले अधिक-सेअधिक शब्द बनाइए :
उदाहरण : क-कौआ, कमल, कागज, कौशल
उत्तर :
ग – गणेश, गमला, गज, गीत
घ- घर, घड़ी, घंटा, घटना
च – चरखा, चमचा, चरण, चटाई
म – महल, मकान, मक्खन, मोर
4. शब्द-सारणी :

उपर्युक्त सारणी में कुछ शब्द दिए गए हैं, सार्थक शब्द ढूँढ़कर घेरा बनाइए और उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण :
बाइबिल – बाइबिल धर्मग्रंथ है।
उत्तर :
(1) महाभारत – महाभारत महाकाव्य है।
(2) पारसी- पारसी अग्नि की पूजा करते हैं।
(3) हिन्दू – हिन्दू मंदिर में जाते हैं।
(4) मस्जिद – मुसलमान मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं।
(5) मंदिर – यह राम का मंदिर है।
(6) अवेस्ता – अवेस्ता पारसियों का धर्मग्रंथ है।
(7) रामायण – रामायण हिन्दूओं का धर्मग्रंथ है।
(8) मुस्लिम – ईद मुस्लिम त्योहार है।
(9) साई – साई एक संत थे।
(10) गुरुग्रंथसाहिब – गुरुग्रंथसाहिब सिखों का धर्मग्रंथ है।
(11) सिख – सिख गुरुद्वारा में जाते हैं।
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
इस काव्य में प्रकृति के कौन-कौन-से तत्त्व हैं?
उत्तर :
इस काव्य में प्रकृति के तत्त्व चंद्रमा, सूर्य, भूमि, आकाश, हवा और पानी हैं।
प्रश्न 2.
काव्य का ऐसा शीर्षक ‘एक जगत, एक लोक’ क्यों रखा गया है?
उत्तर :
पूरे विश्व को एक ही सूर्य प्रकाश देता है। विश्व में एक ही हवा चल रही है और पानी भी एक ही है। सबके जीवन में सुख और दुःख समान हैं। सभी मनुष्यों का शरीर मांस और हड्डियों से बना है। इस तरह कवि ने पूरे विश्व की एकता सिद्ध की है। इसलिए इस काव्य का शीर्षक ‘एक जगत, एक लोक’ रखा गया है।
प्रश्न 3.
आप इस काव्य को और कौन-कौन-से शीर्षक देना चाहेंगे?
उत्तर :
हम इसके अलावा काव्य को ये शीर्षक देना चाहेंगे : ‘एक विश्व, एक धरा’ तथा ‘हम सब विश्वबंधु’।
प्रश्न 4.
सभी नदियाँ अलग-अलग हैं, फिर भी कवि क्यों कहते हैं कि ‘एक ही पानी’?
उत्तर :
सभी नदियों के पानी की वैज्ञानिक संरचना एक जैसी है। सभी नदियों के पानी का मनुष्य के लिए समान उपयोग है। इसलिए कवि अलग-अलग नदियों के पानी को ‘एक ही पानी’ कहते हैं।
2. विलोम अर्थवाले शब्दों के जोड़े बनाइए और उदाहरण के अनुसार वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : पास x दूर
– मेरे घर के पास मीना का घर है।
– मीना का घर मेरे घर से दूर नहीं है।
उत्तर :
(1) शुभ x अशुभ
(2) चेतन x जड़ शुभ
(3) जीवन x मृत्यु
(4) स्वामी x दास
(5) प्रकाश x अंधकार
वाक्य-प्रयोग :
(1) शुभ-विजयादशमी का दिन सबके लिए शुभ दिन है।
अशुभ- कल का दिन आपके लिए अशुभ था।
(2) चेतन – वृक्षों में भी चेतन हैं।
जड़ – वनस्पति जड़ नहीं है।
(3) जीवन – औषधियाँ हमें जीवन देती हैं।
मृत्यु – औषधियाँ हमें मृत्यु से बचाती हैं।
(4) स्वामी – ईश्वर सबका स्वामी है।
दास – वह किसीका दास नहीं है।
(5) प्रकाश – सूर्य हमें प्रकाश देता है।
अंधकार – दीपक अंधकार का नाश करता है।
3.समान प्रासवाले शब्द बनाकर लिखिए :
उदाहरण : आना – जाना
सुनकर, मेहरबान, सेठानी, बागबान, जेठानी, पढ़कर
उत्तर :
सुनकर – पढ़कर
मेहरबान – बागबान
सेठानी – जेठानी
4. निम्नलिखित भाव दर्शानवाली काव्य-पंक्तियाँ लिखिए :
प्रश्न 1.
पूरे विश्व में एक ही सूर्य का प्रकाश है, एक ही हवा चल रही है और एक ही प्रकार का जल है।
उत्तर :
एक तेज, एक हवा, एक ही पानी।
प्रश्न 2.
समता का यह गीत पूरा विश्व हमेशा गा रहा है।
उत्तर :
हर्ष भरे गाएँ हम राग सुहाने
समता और ममता के गीत-तराने
5. समानार्थी शब्द ढूँढ़कर घेरा बनाइए और लिखिए :
उत्तर :
(1) लोक = विश्व, दुनिया
(2) मान = सम्मान, प्रतिष्ठा
(3) निशान = चिह्न, संज्ञा
(4) हाथ = हस्त, पाणि
(5) अंबर = आकाश, आसमान, गगन
6. प्रश्न 5 में दिए गए कोष्ठक में से आपने जो दो समानार्थी शब्द ढूँढ़े हैं, उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : हाथ-पाणि
हाथ : ज्योतिषी ने सीता का हाथ देखा।
पाणि : लड़की के पाणि सुंदर हैं।
उत्तर :
(1) विश्व – सारा विश्व एक है।
दुनिया – दुनिया में बहुत-से देश हैं।
(2) सम्मान – हम बड़ों का सम्मान करें।
प्रतिष्ठा – अच्छे कामों से हमारी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
(3) चिह्न – यह किसी के पैर का चिह्न है।
संज्ञा – दरवाजे पर कोई संज्ञा नहीं है।
(4) हस्त – हस्त की शोभा दान है।
पाणि – सीता ने पाणि से पानी पिया।
(5) आकाश – आकाश का कहीं अंत नहीं है।
आसमान – आसमान का रंग नीला है।
गगन – धीरे-धीरे गगन बादलों से छा गया।
7. नीचे दिए हुए चौरस में से उदाहरण के अनुसार संज्ञा शब्द बनाइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : फूल – यह फूल सुंदर है।
उत्तर :
(1) कमल- तालाब में कमल खिले हैं।
(2) सागर – सागर की शोभा दर्शनीय है।
(3) भारत – भारत विशाल देश है।
(4) हिमालय – हिमालय सबसे ऊँचा पर्वत है।
(5) आरती – मंदिर में आरती के समय बहुत भीड़ होती है।
योग्यता विस्तार
चित्र में रंग भरिए और प्रकृति के बारे में चर्चा कीजिए :
उत्तर :
अशोक – देखो, यह स्थान कितना सुंदर है ! हरी-भरी घास मखमल-सी बिछी हुई है।
मनोहर – हाँ, ये पेड़ कितने हरे-भरे हैं।
नीलम – और नदी के किनारे पौधों पर फूल कितने अच्छे लग रहें हैं ! आकाश में पंछी उड़ रहे हैं।
अशोक – दो बच्चे कागज की नौका तैरा रहे हैं। नदी के जल में बतख तैर रहे हैं और मछलियाँ इधर-उधर घूम रही हैं।
मनोहर – वह देखो, हाथी अपनी सूंड हिला रहे हैं।
नीलम – पेड़ पर चिड़ियाँ, तोता, मोर आदि पक्षी बैठे हैं। नीचे एक मोर रूमझूमकरता हुआ चल रहा है।
अशोक – दूर से मंदिर की मधुर घंटियाँ सुनाई दे रही है। कुछ छोटी-छोटी झोंपड़ियाँ भी दिखाई दे रही है।
Hindi Digest Std 6 GSEB एक जगत, एक लोक Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
इनमें से किस शब्द का अर्थ ‘आसमान’ होता है?
A. नमन
B. चमन
C. गगन
D. नयन
उत्तर :
C. गगन
प्रश्न 2.
हम सबका जीवन ………….. की कहानी है।
A. ऊँच-नीच
B. सुख-दुःख
C. गरीब-अमीर
D. जाति-पाँति
उत्तर :
B. सुख-दुःख
प्रश्न 3.
सबका जीवन …………. के सूत्र में बँधा है।
A. पवित्रता
B. शांति
C. समता
D. एकता
उत्तर :
D. एकता
प्रश्न 4.
हमारा राग कैसा होना चाहिए? ।
A. सुहाना
B. ऊँचा
C. स्वादिष्ट
D. पवित्र
उत्तर :
A. सुहाना
प्रश्न 5.
………… ही हमारा सच्चा धर्म है।
A. सज्जनता
B. सुंदरता
C. एकता
D. मानवता
उत्तर :
D. मानवता
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(ऐक्य, विश्वशांति, जीवन, राग)
उत्तर :
(1) जीवन है सुख-दुःख की एक कहानी।
(2) हर्ष भरे गाएँ हम राग सुहाने ।
(3) राष्ट्रों में ऐक्य यही कर्म हमारा।
(4) हिलमिल के लहराएँ विश्वशांति का निशान
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
हम सब मिल-जुलकर …
(अ) स्वच्छता-अभियान चलाएँ।
(ब) शांति-गीतों की रचना करें।
(क) विश्वशांति का झंडा लहराएँ।
उत्तर :
हम सब मिल-जुलकर विश्वशांति का झंडा लहराएँ।
प्रश्न 2.
प्रकृति लोगों में भेदभाव नहीं करती, इसलिए …
(अ) सबके रक्त का रंग लाल है।
(ब) वह सबको हवा, पानी और प्रकाश देती है।
(क) सबका शरीर एक जैसी हड्डियों से बना है।
उत्तर :
प्रकृति लोगों में भेदभाव नहीं करती, इसलिए वह सबको हवा, पानी और प्रकाश देती है।
प्रश्न 3.
यह सारा संसार …
(अ) एक मानवलोक है।
(ब) जादू की पुड़िया है।
(क) एक खुली हुई पुस्तक है।
उत्तर :
यह सारा संसार एक मानवलोक है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
हमारा जीवन क्या है?
उत्तर :
हमारा जीवन सुख-दुःख की एक कहानी है।
प्रश्न 2.
हम सबका रक्त कैसा है?
उत्तर :
हम सबका रक्त एक जैसा लाल है।
प्रश्न 3.
हम कैसे तराने गाएँगे?
उत्तर :
हम मानवजाति की समता और ममता के तराने गाएँगे।
प्रश्न 4.
हमारा कर्म क्या है?
उत्तर :
विश्व के सभी राष्ट्रों में एकता बनाए रखना ही हमारा कर्म है।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
एक जगत, एक लोक’ कविता में कवि ने कौन-सी भावना प्रकट की है?
उत्तर :
‘एक जगत, एक लोक’ में कवि ने कहा है कि यह सारा विश्व एक है। सारी मानवजाति एक है। संसार के सब लोग इसी एकता का अनुभव करें। सब में समता और ममता का भाव हो। इस प्रकार कवि ने इस कविता में विश्वबंधुत्व की भावना प्रकट की है।
प्रश्न 2.
घर-घर में कौन-सा मधुर गान गूंज रहा है?
उत्तर :
संसार के सभी मनुष्यों के जीवन में हर्ष हो। सब सुहावने रागों में अपना आनंद प्रकट करें। पूरी मानवजाति में एक-दूसरे के प्रति प्रेम की भावना हो। ऐसी आकांक्षा से भरा हुआ मधुर गान घर-घर में गूंज रहा है।
भाषा-सज्जता
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :
(1) हम पाठशाला जाते हैं।
(2) विनय, तुम्हारा गृहकार्य पूरा हो गया?
(3) वाह ! क्या शानदार छक्का मारा !
इन वाक्यों में ये चिह्न आए हैं : (।), (,), (?), (!)। प्रत्येक चिह्न अपना विशेष भाव और अर्थ रखता है।
किसी भी भाषा को बोलते, पढ़ते और लिखते समय अर्थ को स्पष्ट करने के लिए वाक्यों के बीच या अंत में रुकना पड़ता है। इस रुकावट के संकेत देनेवाले लिपि चिह्नों को ‘विरामचिह्न’ कहते है।
नीचे विभिन्न विरामचिह्नों (Punctuation) का परिचय दिया गया है :
(i) पूर्णविराम (Full Stop) (।) : पढ़ते समय जिस स्थान पर वाक्य पूर्ण होता है, वहाँ पूर्णविराम का चिह्न रखा जाता है।
जैसे – (i) हमारे देश का नाम भारत है।
(ii) अहमदाबाद गुजरात का प्रमुख नगर है।
(2) अल्पविराम (Comma) (,) : वाक्य पढ़ते समय जहाँ थोड़ी देर के लिए रुकना हो, वहाँ अल्पविराम लगाया जाता है।
जैसे – (i) माँ, आज मेरा जन्मदिन है।
(ii) आषाढ़, सावन, भादों और आश्विन वर्षाऋतु के महीने हैं।
(3) प्रश्नवाचक चिह्न (Mark of Interrogation) ( ? ) :
किसी व्यक्ति से कोई जानकारी प्राप्त करने के हेतु उपयोग में लिए जानेवाले वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिहन लगाया जाता है।
जैसे – (i) आपका नाम क्या है?
(ii) गाड़ी कब आएगी?
(4) विस्मयादिबोधक चिह्न (Mark of Exclamation) (!) :
बात करते समय कभी-कभी हम हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, प्रशंसा आदि भाव प्रकट करते हैं। ऐसे भाव प्रकट करने को ‘उद्गार’ कहते हैं। इन उद्गारों को सूचित करने के लिए विस्मयादिबोधक चिह्न लगाया जाता है।
जैसे – (i) आज मैं कितना खुश हूँ ! (हर्ष)
(ii) हाय ! अब मैं क्या करूँ ! (शोक)
(iii) छिः कितने गंदे हो तुम ! (घृणा)
(iv) अरे ! यह रस्सी साँप कैसे बन गई! (आश्चर्य)
(v) वाह ! क्या कविता है। (प्रशंसा)
(5) योजक चिह्न (Hyphen) ( – ) : दो शब्दों को जोड़ने के लिए योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
जैसे- (i) यहाँ कोई छोटा-बड़ा नहीं है।
(ii) सुख-दुःख सबके जीवन में आते हैं।
(6) निर्देशक चिह्न (Dash) (-) : वाक्य में किसी बात की स्पष्टता करने के लिए निर्देशक चिह्न लगाया जाता है।
जैसे- (अ)
( i) कृपया मुझे निम्नलिखित पुस्तकें भेज दीजिए –
(ii) ये नए लड़के टीम में लिए गए, वे थे – अशोक, मोहन, गणेश
(ब) बातचीत (वार्तालाप) में भी निर्देशक चिह्न का प्रयोग होता है।
जैसे – दुकानदार – आपको क्या चाहिए?
(7) कोष्ठक (Bracket) [ ( ) ] : किसी शब्द के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक का प्रयोग होता है।
जैसे – आज विद्युत (बिजली) का उपयोग बढ़ गया है।
(8) अवतरण चिह्न (Inverted Commas) :
इकहरा अवतरण चिह्न (‘ ‘) : इकहरे अवतरण चिह्न का प्रयोग किसी उपनाम, रचना या पुस्तक के शीर्षक आदि को उद्धृत करते समय किया जाता है।
जैसे- (i) हमने ‘दयालु शिकारी’ कहानी पढ़ी।
(ii) गोपालदास ‘नीरज’ प्रसिद्ध कवि हैं।
दुहरा अवतरण चिह्न (” “) : किसी व्यक्ति के कथन को मूल रूप में उद्धृत करने के लिए दुहरे अवतरण चिहन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – (i) नेहरूचाचा कहते थे – “आराम हराम है।”
(ii) लालबहादुर शास्त्री ने कहा था – “जय जवान, जय किसान ।
8. निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्न लगाइए :
(1) छि छि तुमने यह क्या किया
(2) वैशाली ने मयंक से कहा घर चलो
(3) वाह मजा आ गया
(4) अरे तुम नहीं गए
उत्तर :
(1) छि ! छि ! तुमने यह क्या किया !
(2) वैशाली ने मयंक से कहा, “घर चलो।”
(3) वाह ! मजा आ गया !
(4) अरे ! तुम नहीं गए।
प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
विश्वबंधुत्व’ के बारे में सहपाठियों के समक्ष पाँच-सात वाक्य बोलिए।
उत्तर :
दुनिया में अनेक देश हैं। वे सभी एक ही पृथ्वी पर बसे हुए हैं। जिस तरह एक माता की कई संताने होती हैं, उसी तरह इन सभी देशों के लोग इस धरतीमाता की संताने हैं। इस दृष्टि से दुनिया के सभी लोग भाई-भाई हैं। उनका यह भाईचारा ही विश्वबंधुत्व है। हमें (किसी भी कीमत पर) इस भाईचारे को बनाए रखने का प्रयत्न करना चाहिए।
प्रश्न 2. अपनी कॉपी में ‘दुनिया का मानचित्र’ चिपकाइए। उसमें भारत के नक्शे में रंग भरिए।
प्रश्न 3. टेपरिकॉर्डर पर देश की एकता दशनिवाले गीत सुनिए।
प्रश्न 4.
किन्हीं पाँच धर्म और उनके धर्मग्रंथ की सूची बनाइए।
उत्तर:
धर्म ——– धर्मग्रंथ
(1) हिन्दू – भगवद्गीता
(2) इस्लाम – कुरान
(3) ईसाई – बाइबिल
(4) सिख – गुरुग्रंथसाहिब
(5) पारसी – अवेस्ता
प्रश्न 5. दीपावली, ईद, पतेती, क्रिसमस जैसे त्योहारों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
एक जगत, एक लोक Summary in Hindi
(1) एक जगत …………………….. आसमान ।
यह संसार एक मानवलोक है। इस दुनिया में रहनेवाले सभी लोग एक जैसे सम्मान के हकदार हैं। रात में एक ही चंद्रमा सारे संसार में अपनी चाँदनी फैलाता है। दिन में एक ही सूर्य सारे संसार को प्रकाशित करता है। हम सब एक ही धरती पर और एक ही आसमान के नीचे रहते हैं।
(2) एक तेज ………………. एक प्राण।
हमें मिलनेवाला प्रकाश, हवा और पानी एक ही हैं। हम सबके जीवन में सुखदुःख भी एक जैसे हैं। हमारे शरीर एक जैसे हैं। हम सबके खून का रंग एक-सा है। हमारे शरीर की बनावट एक जैसी हड्डियों से हुई है। हमारे प्राण भी एक जैसे हैं।
(3) हर्ष भरे …………………. मधुर गान।
हम आनंदित होकर सुंदर राग छेड़ें। हम समानता और पारस्परिक प्रेम के गीत गाएँ। रात-दिन घर-घर में यही गीत गूंजे कि हम सब एक जगत, एक लोक के निवासी हैं।
(4) राष्ट्रों में ………………… निशान।
संसार के सभी राष्ट्रों में एकता का भाव लाना ही हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। हम सब मिलकर प्रगति करें। सबके साथ न्याय हो। मानवता की रक्षा हो। यही हमारा धर्म बने । हम सब मिल-जुलकर विश्वशांति के निशान (झंडे) को लहराएँ और इस तरह अपनी एकता साबित करें।
एक जगत, एक लोक Summary in English
(1) This world is the world of men. All the men residing in this world deserve the same respect. Only one moon showers its light all over the world at night. In the same way, the sun enlightens the whole earth during the day. We all reside on the same earth and under the same sky.
(2) The light, air and water that we get are of the same kind. Not only this, but the happiness and miseries are also same in our life. The bodies of all of us are made up of bones of the same kind. Our souls are also of the same type.
(3) Let’s sing good music with pleasure. Let’s sing the songs of equality and mutual love. The same sweet song is sung in each house that we are all of the same world, reside on the same earth. We are entitled to the same respect.
(4) It is our foremost duty to in calcute the feeling of unity among all the nations of this world. Let us progress all together. Let it be our religion that all get justice and protect humanity. Let all of us meet together and hoist the flag of world peace so that we may achieve our unity.
विषय-प्रवेश
यह संसार बहुत बड़ा है। संसार में बहुत-से देश और बहुत-सी जातियाँ हैं। सब एक ही धरती पर रहते हैं। धरती सबकी माता है। इसलिए सब भाई-भाई हैं। इस कविता में विश्वबंधुत्व की भावना प्रकट हुई है।
शब्दार्थ (Meanings)
जगत – दुनिया, संसार; world लोक – दुनिया, विश्व; world मान – आदर, सम्मान; respect भूमि – जमीन, धरती; land, earth तेज – प्रकाश; light देह – शरीर; body रक्त – खून, लहू; blood अस्थि- हड्डी; bones प्राण – जान, जीव; soul हर्ष – आनंद; joy राग – गीत; song सुहाना – सुंदर; beautiful समता – समानता, बराबरी; equality ममता – प्रेम; love तराना – गीत, गाना; song निशदिन-दिन-रात; day and night मधुर – मीठा; sweet ऐक्य – एकता; unity कर्म – काम; duty प्रगति – उन्नति, विकास; progress, development हिलमिल के- मिल-जुलकर; together निशान -चिह्न (झंडा); symbol (flag)
अभ्यास
1. निम्नलिखित वाक्य किसने, किससे कहा और क्यों? बताइए :
प्रश्न 1.
“माँ, मैं उसकी गंदी आदत छुड़ाकर रहूँगी।”
उत्तर :
यह वाक्य नन्ही ने अपनी माँ से कहा, क्योंकि वह बिच्छू की डंक मारने की आदत छुड़ाना चाहती थी।
प्रश्न 2.
“क्या करूँ! डंक मारना मेरा स्वभाव है।”
उत्तर :
यह वाक्य बिच्छू ने नन्ही से कहा, क्योंकि नन्ही का उपकार भूलकर उसने उसे डंक मार दिया था।
प्रश्न 3.
“तुम यह गंदी आदत छोड़ दो, नहीं तो मुसीबत में कोई तुम्हारी मदद नहीं करेगा।”
उत्तर :
यह वाक्य नन्ही ने बिच्छू से कहा, क्योंकि वह बिच्छू की बुरी आदत के बारे में उसे चेतावनी देना चाहती थी।
प्रश्न 4.
“भलाई करना मेरा स्वभाव है।”
उत्तर :
यह वाक्य नन्ही ने बिच्छू से कहा, क्योंकि बिच्छू के विश्वासघात को भूलकर उसने उसकी मदद की थी।
प्रश्न 5.
“मैं वचन देता हूँ कि अब मैं किसी निर्दोष जीव को डंक नहीं मारूंगा।”
उत्तर :
यह वाक्य बिच्छू ने नन्ही से कहा, क्योंकि नन्ही से विश्वासघात करने पर उसे बहुत पछतावा हुआ था।
प्रश्न 2.
यदि तुम नन्ही की जगह होते तो बिच्छू के साथ कैसा बर्ताव करते? सोचकर कहिए।
उत्तर :
डंक मारना बिच्छू की आदत है। जिसने उसके साथ भलाई की, उसे भी वह डंक मारता है ! नन्ही स्वभाव की अच्छी है। वह समझदार और उदार है। उसने बिच्छू की बुरी आदत छुड़ाने का संकल्प किया है। वह बिच्छू के बुरे व्यवहार को भूलकर उसके साथ भलाई करती है। आखिर बिच्छू शर्मिंदा होकर अपनी बुरी आदत छोड़ देता है। बिच्छू की जगह मैं होता तो मैं भी उसके साथ नन्ही की तरह बर्ताव करता। बुरे व्यक्ति को सुधारने के लिए यह सबसे उत्तम मार्ग है।
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
नन्ही कौन थी?
उत्तर :
नन्ही एक बतख थी।
प्रश्न 2.
बिच्छू कहाँ फँस गया था?
उत्तर :
बिच्छू दलदल में फँस गया था।
प्रश्न 3.
बिच्छू को क्यों पछतावा हुआ?
उत्तर :
बिच्छू को पछतावा हुआ, क्योंकि दो बार जीवन-दान देनेवाली बतख (नन्ही) को डंक मारने चला था।
प्रश्न 4.
नन्ही ने क्या निश्चय किया?
उत्तर :
नन्ही ने यह निश्चय किया कि वह मुसीबत में पड़े को हमेशा बचाती रहेगी।
प्रश्न 5.
नन्ही ने बिच्छू को क्यों बचाया?
उत्तर :
बिच्छू दलदल में फंस गया था। उसने नन्ही से प्रार्थना की, “बहन, मुझे बचा लो।” नन्ही को बिच्छू पर दया आ गई। इसलिए नन्ही ने बिच्छू को बाहर निकालकर बचाया।
प्रश्न 6.
बिच्छू के स्वभाव के बारे में माँ ने नन्ही को क्या कहा?
उत्तर :
बिच्छू के स्वभाव के बारे में माँ ने नन्ही को कहा कि बिच्छू अपनी आदत का गुलाम है। उसे चाहे कितनी बार बचाया जाए, वह बार-बार डंक मारता रहेगा।
प्रश्न 7.
नन्ही ने अपने स्वभाव के बारे में क्या कहा?
उत्तर :
नन्ही ने बिच्छू से कहा कि भलाई करना मेरा स्वभाव है। मैं तुमसे बदला लेने के लिए अपनी आदत क्यों छोड़ दूँ? मेरा काम बचाना है। मैं मुसीबत में पड़े को हमेशा बचाती रहूँगी।
2. घटनाओं को उनके सही क्रम में लिखिए :
(अ) नन्ही बिच्छू की आवाज सुनकर दौड़ती आ गई।
(ब) नन्ही अपनी माँ के पास चली गई।
(क) नन्ही ने बिच्छू को दलदल से निकालकर सूखे स्थान पर रख दिया।
(ड) नन्ही ने बिच्छू को दलदल में फँसा हुआ देखा।
(इ) बिच्छू ने नन्ही को डंक मार दिया।
उत्तर :
(अ) नन्ही ने बिच्छू को दलदल में फँसा हुआ देखा।
(ब) नन्ही बिच्छू की आवाज सुनकर दौड़ती आ गई।
(क) नन्ही ने बिच्छू को दलदल से निकालकर सूखे स्थान पर रख दिया।
(ड) बिच्छू ने नन्ही को डंक मार दिया।
(इ) नन्ही अपनी माँ के पास चली गई।
3. इकाई में से पाँच संज्ञा शब्द ढूंढ़िए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : बिच्छू – बिच्छू दलदल में फँस गया था।
उत्तर :
(1) नन्ही – नन्ही एक बतख का नाम है।
(2) स्थान – मुंबई में देखनेलायक कईं स्थान हैं।
(3) मुसीबत – मैंने मुसीबत में पड़े मित्र की सहायता की।
(4) पानी-पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
(5) आदत – सुबह जल्दी उठना अच्छी आदत है।
4. इकाई में प्रयुक्त मुहावरों में से किन्हीं तीन मुहावरों को रेखांकित कीजिए और उनका अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
देखिए : पृष्ठ क्रमांक – 35, 36 ‘मुहावरे – अर्थ और वाक्य-प्रयोग’।
5. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द खोजकर उनका वाक्य में प्रयोग करके लिखिए :
उदाहरण : नदी = सरिता
वाक्य : नर्मदा गुजरात की सबसे बड़ी सरिता है।
उत्तर :
(1) स्थान = जगह
वाक्य : अच्छे-बुरे लोग हर जगह पाए जाते हैं।
(2) स्वभाव = प्रकृति
वाक्य : वह अच्छी प्रकृति का आदमी है।
(3) मुसीबत = संकट
वाक्य : संकट में धीरज से काम लेना चाहिए।
(4) प्रसन्न = खुश
वाक्य : आज में बहुत खुश हूँ।
(5) थिरकना = नाचना
वाक्य : वर्षा के बादल देखकर मोर नाचने लगे।
6. निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखिए :
(1) बिच्छू ( 2 ) नदी (3) शैतानी (4) डंक (5) मुसीबत
उत्तर :
डंक, नदी, बिच्छू, मुसीबत, शैतानी।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित चित्र को देखकर दो-दो वाक्य लिखिए और कहानी बनाइए।
अथवा
निम्नलिखित चित्रों के आधार पर कहानी तैयार कीजिए।
उत्तर :
कबूतर और चींटी
एक नदी थी। उसके किनारे एक पेड़ था। पेड़ पर एक कबूतर रहता था। पेड़ के नीचे एक चींटी रहती थी।
एक दिन कबूतर ने चींटी को नदी के पानी में डूबते हुए देखा। उसने फौरन एक पत्ता तोड़कर चींटी के पास फेंका। चींटी पानी से पत्ते पर आ गई। पत्ता बहते-बहते किनारे आया। कबूतर ने नदी से पत्ता बाहर निकाल दिया। चींटी की जान बच गई। उसने कबूतर को धन्यवाद दिया।
एक दिन कबूतर पेड़ की डाल पर बैठा था। एक शिकारी ने उसे देखा और उसकी तरफ बंदूक का निशाना साधा । चींटी ने यह देखा। उसने फौरन जाकर शिकारी के पाँव में काटा। शिकारी दर्द से चिल्लाया। उसकी आवाज सुनकर कबूतर उड़ गया। चींटी ने कबूतर की जान बचाई। कबूतर ने उसका आभार माना।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित चित्र को देखकर बताइए कि इसके बाद क्या-क्या हुआ होगा?
उत्तर :
इस चित्र में दो कारों और एक मोटरसाइकिल में हुई टक्कर दिखाई गई है। पास ही सड़क पर ऐम्ब्युलन्स् 108 खड़ी है। दुर्घटना में घायल लोगों को ऐम्ब्युलन्स् द्वारा अस्पताल पहुँचाया होगा।’ कार में लगी आग को बुझाने के लिए फायरब्रिगेड को बुलाया होगा। पुलिस भी तुरंत आ गई होगी। उसने दुर्घटना-संबंधी आगे की कार्यवाही की होगी।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्न का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
(1) बिच्छू बोला नन्ही बहन आज तुम जीत गई
(2) क्यों भाई तुमने मुझे डंक क्यों मारा
(3) बिच्छू भाई ठिठक क्यों गए डंक मारो
(4) भलाई करना मेरा स्वभाव है
(5) बहन मुझे बचा लो
उत्तर :
(1) बिच्छू बोला, “नन्ही बहन, आज तुम जीत गई।”
(2) “क्यों भाई, तुमने मुझे डंक क्यों मारा?’
(3) “बिच्छू भाई, ठिठक क्यों गए? डंक मारो।”
(4) “भलाई करना मेरा स्वभाव है।”
(5) “बहन, मुझे बचा लो।”
प्रश्न 10.
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
देवताओं का अभिवादन स्वीकार करने के पश्चात् ब्रह्माजी ने उनसे कुशल-मंगल पूछा। इस पर इन्द्र बोले, “पितामह, हम वृत्रासुर से त्रस्त हैं। अपनी प्राणरक्षा करना हमारे लिए कठिन हो रहा है। असुर न केवल हमसे अधिक बलवान हैं, अपितु चतुर भी अधिक हैं। हम एक शस्त्र बनाते हैं तो वे चार बना लेते हैं। हम उनसे पार नहीं पा सकते। कृपा कर वृत्रासुर के विनाश का कोई उपाय बताइए।”
(1) असुर के बारे में इन्द्र ने क्या कहा?
(2) देवता ब्रह्माजी के पास क्यों गए?
उत्तर :
(1) असुर के बारे में इन्द्र ने कहा कि हम वृत्रासुर से भयभीत हैं। असुर बलवान तो हैं ही, संख्या व चतुराई में भी हमसे अधिक हैं। उनके पास हमसे चार गुने शस्त्र हैं।
(2) देवता वृत्रासुर के विनाश का उपाय पूछने के लिए ब्रह्माजी के पास गए।
प्रश्न 11.
नीचे दिए हुए वर्णों से पाँच-पाँच शब्द बनाइए :
(भ, व, र, न, ग)
उत्तर :
भ- भवन, भलाई, भगत, भगवान, भजन।
व – वजन, वानर, वेश, विद्या, विकास ।
र – रस, रण, राग, रीति, रोटी।
न – नगर, नाग, नयन, नीर, नियम।
ग – गणेश, गरूड़, गीत, गमला, गाय।
Hindi Digest Std 6 GSEB समझदार नन्ही Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
नन्ही ने बिच्छू को ……………… में फँसा देखा।
A. झाड़ी
B. जाल
C. चक्कर
D. दलदल
उत्तर :
D. दलदल
प्रश्न 2.
बिच्छू को ……………. सूझी।
A. कल्पना
B. शैतानी
C. युक्ति
D. मनमानी
उत्तर :
B. शैतानी
प्रश्न 3.
बिच्छू ने किसकी बात अनसुनी कर दी?
A. माँ की
B. पिता की
C. मित्र की
D. नन्ही की
उत्तर :
D. नन्ही की
प्रश्न 4.
बिच्छू दूसरी बार कहाँ गिरा?
A. पानी की धारा में
B. कुएँ में
C. तालाब में
D. गड्ढे में
उत्तर :
A. पानी की धारा में
प्रश्न 5.
नन्ही बिच्छू का ……………. समझ गई।
A. सवाल
B. बहाना
C. इरादा
D. वादा
उत्तर :
C. इरादा
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(1) नन्ही ने बिच्छू की करुण पुकार सुन ली।
(2) बिच्छू दलदल में फँस गया था।
(3) डंक मारना बिच्छू का स्वभाव है।
(4) मैं बिच्छू की गंदी आदत छुड़ाकर रहूँगी।
(5) अब मैं किसी निर्दोष जीव को डंक नहीं मारूँगा।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
नन्ही ने बिच्छू को बचाया, क्योंकि …………….
(अ) वह अभी बहुत छोटा था।
(ब) उसने एक बार नन्ही को बचाया था।
(क) उसे बिच्छू पर दया आ गई थी।
उत्तर :
नन्ही ने बिच्छू को बचाया, क्योंकि उसे बिच्छू पर दया आ गई थी।
प्रश्न 2.
नन्ही पीड़ा से तड़प उठी, क्योंकि. …………….
(अ) उसे एक काँटा चुभ गया था।
(ब) बिच्छू ने उसे डंक मार दिया था।
(क) बिच्छू को बचाते समय वह घायल हो गई थी।
उत्तर :
नन्ही पीड़ा से तड़प उठी, क्योंकि बिच्छू ने उसे डंक मार दिया था।
प्रश्न 3.
नन्ही को माँ के पास पहुँचने में देर हो गई, क्योंकि …………..
(अ) वह दलदल में फँस गई थी।
(ब) वह बिच्छू को बचाने में लग गई थी।
(क) वह बिच्छू से बातें करने में लग गई थी।
उत्तर :
नन्ही को माँ के पास पहुँचने में देर हो गई, क्योंकि वह बिच्छू को बचाने में लग गई थी।
प्रश्न 4.
बिच्छू शर्म से पानी-पानी हो गया, क्योंकि …………..
(अ) नन्ही की माँ ने उसे बुरी तरह फटकारा था।
(ब) उसे दूसरी बार बचानेवाली नन्ही को वह डंक मारने जा रहा था।
(क) नन्ही ने दूसरी बार उसकी जान बचाई थी।
उत्तर :
बिच्छू शर्म से पानी-पानी हो गया, क्योंकि उसे दूसरी बार बचानेवाली नन्ही को वह डंक मारने जा रहा था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
बिच्छू ने नन्ही से क्या प्रार्थना की?
उत्तर :
बिच्छू ने नन्ही से प्रार्थना की, “बहन, मुझे बचा लो।”
प्रश्न 2.
शैतानी सूझने पर बिच्छू ने क्या किया?
उत्तर :
शैतानी सूझने पर बिच्छू ने नन्ही को डंक मार दिया।
प्रश्न 3.
नन्ही ने माँ के सामने क्या निश्चय किया?
उत्तर :
नन्ही ने माँ के सामने यह निश्चय किया कि वह बिच्छू की गंदी आदत छुड़ाकर रहेगी।
प्रश्न 4.
नन्ही ने क्या सोचकर बिच्छू को दुबारा जीवनदान दिया?
उत्तर :
नन्ही ने यह सोचकर बिच्छू को दुबारा जीवनदान दिया कि शायद अब उसने डंक मारने की गंदी आदत छोड़ दी होगी।
प्रश्न 5.
अंत में बिच्छू ने क्या प्रतिज्ञा की?
उत्तर :
अंत में बिच्छू ने यह प्रतिज्ञा की कि अब वह किसी निर्दोष जीव को कभी डंक नहीं मारेगा।
प्रश्न 6.
बुरे व्यक्ति को हम सही रास्ते पर कैसे ला सकते हैं?
उत्तर :
बुरे व्यक्ति के साथ बार-बार भलाई करके हम उसे सही रास्ते पर ला सकते हैं।
प्रश्न 7.
समझदार नन्ही’ कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर :
‘समझदार नन्ही’ कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि धीरज और प्रेम से हम बुरे व्यक्ति की बुराई भी छुड़ा सकते हैं।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
डंक मारने पर नन्ही ने बिच्छू से क्या कहा?
उत्तर :
डंक मारने पर नन्ही ने बिच्छू से कहा कि मैंने तो तुम्हारी जान बचाई थी। फिर भी तुमने मुझे डंक मार दिया। तुम यह गंदी आदत छोड़ दो। यदि तुम इसे नहीं छोड़ोगे तो मुसीबत
में कोई तुम्हारी मदद नहीं करेगा।
प्रश्न 2.
बिच्छू को पछतावा क्यों हुआ?
उत्तर :
नन्ही ने बिच्छू के साथ भलाई की थी, फिर भी बिच्छू ने डंक मारने की आदत नहीं छोड़ी। उसने दूसरी बार नन्ही को डंक मारने की कोशिश की। इस बार उसे अपनी गलती समझ में आई। इसलिए बिच्छू को पछतावा हुआ।
भाषा-सज्जता
सर्वनाम
रामू – पिताजी, “मैं चित्रकार बनूँगा”।
पिताजी – अच्छा, तुम चित्रकार बनना चाहते हो?
रामू – पिताजी, आपने कभी चित्रकारी सीखना शुरू किया था?
पिताजी – हाँ, शुरू किया था, लेकिन मेरी माँ ने मना कर दिया था। वह मुझे संगीतकार बनाना चाहती थी।’
ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए।
‘मैं’ शब्द ‘रामू’ संज्ञा के स्थान पर आया है।
‘तुम’ शब्द भी ‘राम’ संज्ञा के लिए आया है।
‘आप’ शब्द ‘पिता’ संज्ञा के लिए आया है।
‘वह’ शब्द ‘माँ’ संज्ञा के स्थान पर आया है।
इस प्रकार ‘मैं’, ‘तुम’, ‘आप’ और ‘वह’ शब्द किसी-न-किसी संज्ञा के स्थान पर आए हैं। ये शब्द सर्वनाम हैं।
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, वे सर्वनाम कहलाते हैं।
सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त होनेवाले शब्द :
मैं, हम, मेरा, हमारा, मुझे, हमें, मुझमें, मुझसे, मेरे लिए, हमसे, हमारे लिए।
तू, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, आपसे, आपको, तुम्हें, तुम्हारी, तुम्हारे, तेरे, तुझे ।
वह, वे, उसे, उनका, उन्हें, उनसे, उसकी, उसका, उससे, उनकी, उनके।
यह, ये, इसे, इसको, इन्हें, इनका, इनसे, इनके लिए।
कौन, किसने, कुछ, कोई, किसी, कब, कैसे, किसको, किससे, क्या।
जैसा, वैसा, स्वयं, आप, खुद, स्वतः।
1. निम्नलिखित वाक्यों में से सर्वनाम छाँटकर लिखिए :
(1) मैं बुद्धिमान लड़का हूँ।
(2) तुम तो चित्रकारी सीख रहे थे न?
(3) आप कहाँ जा रहे हैं?
(4) हम स्कूल जा रहे हैं।
(5) वह साहब से शिकायत करेगा।
(6) वे अच्छे लड़के हैं।
(7) उसे हँसना अच्छा लगता है।
(8) उन्होंने उपदेश दिया है।
(9) तुम्हें कविता कैसी लगी?
(10) दाल में कुछ पड़ गया है।
उत्तर :
(1) मैं
(2).तुम
(3) आप
(4) हम
(5) वह
(6) वे
(7) उसे
(8) उन्होंने
(9) तुम्हें
(10) कुछ
2. कोष्ठक में से उचित सर्वनाम चुनकर रिक्त स्थानों में लिखिए :
(मैं, वह, उसे, कौन, तुम)
उत्तर :
(1) तुम चुप क्यों बैठे हो?
(2) उसे खेलना अच्छा लगता है।
(3) मैं कलाकार बनना चाहता हूँ।
(4) वह शरारत करता है।
(5) देखते हैं, कौन जीतता है?
संयुक्ताक्षर
किसी व्यंजन का स्वर हटाकर उसे आगेवाले व्यंजन से जोड़ देने पर संयुक्ताक्षर बनता है। जैसे- मच्छर, राष्ट्रीय, मस्तक, अन्य, नगण्य ।
इन शब्दों में रेखांकित अक्षर संयुक्ताक्षर हैं।
संयुक्ताक्षरों से बने कुछ शब्द :
क् + ष = क्ष – कक्षा, क्षमा
ज् + अ = ज्ञ – ज्ञान, विज्ञान
क् + र = क्र – क्रम, क्रिया
द् + व = द्व – विद्वान, द्वार
द् + द = ६ – तद्दन, राजगद्दी
ह् + य = ह्य – बाह्य, सह्य
क + र् + म – कर्म
ध + र् + म – धर्म
श् + च = श्च – आश्चर्य, पश्चात्
श् + र = श्र – श्रवण, श्रेष्ठ
त् + र = त्र – त्रस्त, त्रिमुख
ट् + र = ट्र – राष्ट्र, ट्रक
द् + ध = द्ध – युद्ध, प्रसिद्ध
द् + म = द्म – पद्म, छद्म
ह् + ऋ = ह – हृदय, अपहृत
निम्नलिखित शब्दों में संयुक्ताक्षरों को रेखांकित कीजिए :
वाक्य, दफ्तर, नगण्य, अन्य, सभ्यता, धनाढ्य, रास्ता, भक्ष्य मूल्य, लक्ष्य, सम्मान, चिह्न
उत्तर :
वाक्य, दफ्तर, नगण्य, अन्य, सभ्यता, धनाढ्य, रास्ता, भक्ष्य, मूल्य, लक्ष्य, सम्मान, चिह्न
प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1. पुस्तकालय में जाकर पंचतंत्र या हितोपदेश की अन्य कहानियाँ पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
प्रश्न 2.
पानी के पास रहनेवाले तीन पक्षी हैं – बगुला, सारस और बतख । इनके चित्र अपनी कॉपी में चिपकाइए और प्रत्येक के बारे में दो वाक्य लिखिए।
उत्तर :
पानी के पास रहनेवाले पक्षी :
(1) बगुला : बगुला एक अनोखा पक्षी है। वह अपनी एकाग्रता के लिए प्रसिद्ध है। वह बड़े ध्यान से देखता है और चंचल मछली को चोंच में झपट लेता है।
(2) सारस : सारस अपनी जोड़ी में देखा जाता है। इसकी ‘टिरटों टिरटों’ आवाज सुनने में अच्छी लगती है।
(3) बतख : बतख बहुत भोला पक्षी है। शिकारी इसे बड़ी आसानी से पकड़ लेते हैं।
प्रश्न 3.
वफ़ादार कुत्ते की कहानी पढ़िए।
उत्तर :
भोला एक सेठ का नौकर था। एक दिन वह कहीं से एक पिल्ला ले आया। पिल्ला देखने में बड़ा सुंदर और प्यारा लगता था। सेठ-सेठानी तो उसे घर में रखने के खिलाफ थे, पर बच्चों ने कहा, “हम इसे पालेंगे।” उन्होंने उसका नाम रखा – ‘टाइगर’। बच्चों को टाइगर से
खेलने में बहुत मजा आता था।
धीरे-धीरे पिल्ला बड़ा हो गया।
एक रात घर में सब गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक टाइगर जोर-जोर से भौंकने लगा। भोला की नींद टूट गई। उसने एक आदमी को हाथ में थैली लिए देखा। वह चिल्लाया – “चोर! चोर ! पकड़ो! पकड़ो!” चोर थैली फेंककर भाग रहा था। सेठ-सेठानी भी वहाँ आ गए। सबने देखा कि थैली में हीरा जड़े सोने के गहने थे। उधर टाइगर ने चोर की टाँग दबोच रखी थी। सबने चोर को पकड़ लिया और पुलिस को बुलाकर उसे उसके हवाले कर दिया। टाइगर की वफ़ादारी और बहादुरी से सब बहुत खुश हुए। सेठने कहा, “सचमुच यह कुत्ता नहीं, टाइगर ही है।” उन्होंने टाइगर की पीठ पर हाथ फेरकर उसे शाबाशी दी।
प्रश्न 4.
बिच्छू, साँप और मधुमक्खी के चित्र अपनी कॉपी में चिपकाइए।
प्रत्येक के बारे में दो-तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर :
बिच्छू : डंक मारना बिच्छू का स्वभाव है। इसके डंक मारने पर पीड़ा के मारे आदमी तड़पने लगता है।
साँप : यह बड़ा जहरीला प्राणी है। इसके डसने से आदमी की मृत्यु भी हो सकती है।
मधुमक्खी : मधुमक्खी पेड़ों पर अपना छत्ता बनाती है और उसमें फूलों का रस जमा करती है। शहद हमें मधुमक्खियों के छत्ते से ही मिलता है। छेड़ने पर मधुमक्खी बुरी तरह काटती है।
प्रश्न 5.
महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक’ के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर :
महाराणा प्रताप मेवाड़ के बड़े शूरवीर और स्वाभिमानी राजा थे। उनके घोड़े का नाम चेतक था। वे उसे बहुत चाहते थे और हमेशा उसी पर सवारी करते थे। हल्दी-घाटी के युद्ध में लड़ते-लड़ते राणा प्रताप बुरी तरह घायल हो गए। वे अपने एक सरदार के कहने पर युद्ध के मैदान से बाहर जा रहे थे। तभी शत्रु के दो सिपाहियों ने उन्हें देख लिया। वे उनके पीछे पड़ गए। चेतक ने इसे भाँप लिया। रास्ते में चौड़ा नाला आया तो चेतक ने जोर की छलाँग मारी और नाले के उस पार हो गया। वहाँ गिरते ही चेन के प्राण निकल गए, लेकिन राणा प्रताप शत्रु के हाथों में जाने से बच गए। बाद में राणा प्रताप ने चेतक की याद में एक स्मारक बनवाया।
समझदार नन्ही Summary in English
When a young duckling (Nani) reached on the bank of a river, it saw that a scorpion was trapped in mud.
The scorpion requested Nani, “Dear sister, please save me.” Nani felt pity on it. Nani picked up the scorpion and placed it on a dry place.
The scorpion felt like playing a joke with Nani and it stung Nani. Nani began to struggle in pain. It asked the scorpion, “Brother, why did you sting me ?”
The scorpion replied indifferently, “What can I do? It is my nature to sting others.”
Nani spoke, “Please leave away this bad habit, otherwise nobody will help you when you are in trouble.”
The scorpion did not take any notice of Nani’s advice and went away. Nani also went away to its mother in the river. Mother asked, “Dear daughter Nani, why were you left behind ?”
Nani said, “Mother, a scorpion was trapped in mud. I went there to save him. That is why I was left behind.”
Mother was pleased. She said, “Daughter, you did a very good deed.”
“But in return, the scorpion stung me.”
Mother said, “Scorpion is slave to its bad habit. You may save it many a times but it will sting you all the times.”
Nani replied, “I shall not be at peace until I force it to leave its bad habit of stinging.”
After some days, the scorpion was again held up in danger. It fell into the water-stream and was about to sink.
Seeing the death before its eyes, the scorpion remembered Nani. It began to call Nani.
Nani heard its painful cries and rushed at once to the scorpion. Suddenly Nani thought. “I will not save this scorpion of bad habit now.”
The scorpion was repeatedly praying for help saying, “Sister, pity on me.” Nani’s heart melted. It thought, “The scorpion might have left its bad habit of stinging.”
Nani saved the scorpion for the second time and gave it a new life. But the scorpion, as per its nature ran to sting Nani.
Nani understood its intention. It smiled and said, “Brother scorpion, why did you stop ? Sting me.”
The scorpion was now ashamed. Full of remorse, it said, “Sister Nani, tell me one thing. I have always cheated you and stung you and yet you have done good to me and saved me. Why so ?”
Nani replied, “It is my nature to do good to others. Why should I give up my good habit simply to take revenge? My nature is to save others. I shall always save every one who is in trouble. Your nature is to sting; you go on stinging every one and let us see who wins.”
The scorpion was much remorseful. It spoke, “Young sister ! you have won today. I promise you that now I shall not sting any innocent one.”
Nani became happy and she ran to the river. Her mother asked, “Dear daughter, why are you late ?”
Nani told her mother the whole story.
Mother spoke with love, “Dear wise Nani ! Good men show the path of being good to others by doing good deeds all times.” Nani began to dance with pleasure.
विषय-प्रवेश
सबका स्वभाव एक जैसा नहीं होता। अच्छे स्वभाववाले लोग हमेशा अच्छे काम करते हैं। वे दूसरों की भलाई करते हैं। बुरे स्वभाववाले लोग बुरे काम करते हैं। जो उनका भला करते हैं, उनके साथ भी वे बुरा व्यवहार करते हैं। हमें किसी भी स्थिति में किसीका बुरा नहीं करना चाहिए।
शब्दार्थ (Meanings)
तट – किनारा; bank नन्ही – छोटी (यहाँ बतख का नाम); small (here the name of a duckling) बिच्छू – डंक मारनेवाला एक जंतु, वीछी; a scorpion दलदल – जिसमें खड़े होने पर पाँव अंदर धंसता चला जाए, ऐसी गीली जमीन; mud प्रार्थना – बिनती; request शैतानी – शरारत; mischief डंक – बिच्छू का जहरीला काँटा, जो उसकी पूँछ में होता है।; sting तड़पना – व्याकुल होना, दर्द से छटपटाना; to struggle लापरवाहीबेफिक्री; carelessness स्वभाव – आदत, प्रकृति; habit, nature पुनः – फिर; again प्राण – जान, जीवन; soul, life संकट – मुसीबत; difficulty धारा- प्रवाह, बहाव; flow करुण-दुःखभरी, दर्दभरी; painful पुकार – बुलाने की आवाज; cry झपटकर – बड़ी तेजी से; very fast सहसा – एकाएक; suddenly गिड़गिड़ाना – बिनती करना; to request दोबारा – दूसरी बार; second time इरादा – विचार; intention अनुसार – मुताबिक, according to ठिठकना-रुकना, झिझकना; to stop शर्म – लज़्जा; shame खिसियाना- लज्जित होना, शर्मिंदा होना; to be remorseful विश्वासघात – धोखेबाजी; cheating भलाई – अच्छाई; goodness पछतावा – अपने बुरे काम पर दुःख होना; to repent निर्दोष – बेकसूर; innocent राह – रास्ता; way प्रसन्न – खुश; happy
मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग
(1) अनसुनी करना – ध्यान न देना
वाक्य : माँ की बात अनसुनी करके तुमने अच्छा नहीं किया।
(2) आदत का गुलाम होना – आदत से मजबूर होना
वाक्य : वह झूठ बोलना छोड़ नहीं सकता, क्योंकि वह आदत का गुलाम है।
(3) मन डोलना – विचार बदलना
वाक्य :
डॉक्टर ने मना किया था, फिर भी मिठाई देखकर मेरा मन डोल गया।
(4) जीवनदान देना – मरने से बचा लेना, नया जीवन देना
वाक्य : डॉक्टर मरीजों को जीवनदान देता है।
(5) शर्म से पानी-पानी होना – बहुत लज्जित होना
वाक्य : चोरी पकड़ी जाने पर नौकर शर्म से पानी-पानी हो गया।
(6) वचन देना – वादा करना
वाक्य : राजा दशरथ ने रानी कैकेयी को तीन वचन दिए।
(7) थिरकने लगना-खशी से नाचना
वाक्य : संगीत सुनते-सुनते लोग थिरकने लगे।
५१ से १०० तक के अंक पढ़िए और ध्यान में रखिए :

भोले भैया को रास्ते में आनेवाले अंकों का उच्चारण कराते हुए साइकिल तक पहुँचाइए :

स्वाध्याय
1. उदाहरण के अनुसार जोड़े मिलाइए :

उत्तर :
2. गिनती को शब्दों में और शब्दों को अंकों में लिखिए :
(1) उन्नासी – ७९
(2) चौहत्तर – ७४
(3) उनसठ – ५९
(4) तिरसठ – ६३
(5) ७५ – पचहत्तर
(6) ९० – नब्बे
(7) ५४ – चौवन
(8) ८९ – नवासी
3. कोष्ठक में दिए गए सर्वनाम शब्दों में से लिखकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए :
(रमेश, वह, गीता, हम, उसे, मैं, हम, कौन)
उत्तर :
(1) वह तीस वर्ष का है।
(2) पता नहीं कौन दरवाजा खटखटा रहा है?
(3) पुस्तक रुचिकर है, उसे मैं भी पढूंगी।
(4) हम सब मिलकर क्रिकेट खेलेंगे।
(5) रविवार को मैं बाज़ार जाऊँगा।
4. ५१ से ७३ तक के अंकों को क्रमशः जोड़कर चित्र बनाइए और रंग भरिए
उत्तर :
चिड़िया
इतना जानिए
1. निम्नलिखित हिन्दी शब्दों के लिए गुजराती / अंग्रेजी शब्द लिखिए :
(1) तकिया (2) कंघा (3) खरल (4) चारपाई (5) उपला
उत्तर :
(1) तकिया – मोशाडु Pillow
(2) कंघा सो Comb
(3) खरल – Stone Mortar
( 4 ) चारपाई – Steel / Bedstead
(5) उपला – Dung Cake
2. निम्नलिखित शब्दों के लिए हिन्दी शब्द लिखिए :

उत्तर :
इस खेल को छः अंकोवाला पासा फेंककर खेलिए :

जो छात्र खेलते समय १०० पर पहले पहुँच जाएगा वह विजयी होगा।
3. सही जोड़ मिलाइए :
उत्तर :
4. उदाहरण के अनुसार जोड़े मिलाइए :

उत्तर :
5. अंकों में लिखिए :
(1) तिरपन (2) इक्यानबे (3) चौहत्तर (4) उन्नासी (5) सड़सठ
उत्तर :
(1) तिरपन – ५३
(2) इक्यानबे – ९१
(3) चौहत्तर – ७४
(4) उन्नासी – ७९
(5) सड़सठ – ६७
प्रवृत्तियाँ
(1) शिक्षक गिनती बोलेंगे, छात्र सुनेंगे।
(2) शिक्षक गिनती बोलेंगे, छात्र दोहराएँगे।
(3) शिक्षक एक-एक विद्यार्थी से गिनती का पठन करवाएंगे।
(4) शिक्षक एक से पचास तक गिनती बोलेंगे और उसे छात्र दोहराकर अजगर के चित्र में क्रमिक रूप से लिखेंगे।
(5) शिक्षक छात्रों को २१ से ५० तक अकों और शब्दों में लिखने का
निर्देश देंगे। लेखन के दौरान वे आवश्यक मार्गदर्शन देंगे।
* पढ़िए, समझिए, बोलिए और लिखिए।
विषय-प्रवेश
व्यावहारिक जीवन में हमें रुपये-पैसों की गिनती करनी पड़ती है। इसलिए हमें गिनती की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। इस पाठ में ५१ से १०० तक के अंकों के उच्चारण और लेखन की जानकारी दी गई है।
1. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :
(बाज़ार, वह, बिच्छू, अस्पताल, घर)
उत्तर :
(1) सब लड़के अपने-अपने घर जा सकते हैं।
(2) रमेश को बुखार था, इसलिए वह स्कूल नहीं गया।
(3) मीना और जैमिनी बाज़ार जा रहे थे।
(4) मैंने बिच्छू को दलदल से बाहर निकाला।
(5) शिकारी हिरनी को अस्पताल ले गया।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
आपने किन-किन कहानियों का पठन किया है?
उत्तर :
मैंने इन कहानियों का पठन किया है : दयालु शिकारी, बातूनी कछुआ, प्यासा कौआ, कौआ और लोमड़ी, समझदार नन्ही।
प्रश्न 2.
आपने पढ़ी हुई कहानी अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
उत्तर छात्र अपनी कॉपी में लिखें।
प्रश्न 3.
शिकारी ने हिरनी को कैसे बचाया?
उत्तर :
शिकारी की गोली हिरनी की टाँग में लगी थी। शिकारी हिरनी को जानवरों के अस्पताल में ले गया। वहाँ डॉक्टर ने हिरनी का इलाज किया। इस तरह शिकारी ने हिरनी को बचाया।
प्रश्न 4.
प्रगति, न्याय और मानवधर्म के लिए हमारा क्या कर्तव्य है?
उत्तर :
हम विश्व के सभी राष्ट्रों को एकता के सूत्र में बाँधे। हम सब में समता और ममता की भावना जगाएँ। हम सारे विश्व में शांति की स्थापना करें। प्रगति, न्याय और मानवधर्म के लिए यही हमारा कर्तव्य है।
प्रश्न 5.
नन्ही बतख का स्वभाव कैसा था?
उत्तर :
नन्ही की माँ ने उसे सिखाया था कि वह भलाई के काम करे। जो नन्ही के साथ बुरा बर्ताव करता था, उसके साथ भी वह भलाई करती थी। किसी से बदला लेने के लिए वह अपनी अच्छी आदत छोड़ना नहीं चाहती थी। मुसीबत में पड़े हुए को बचाना वह अपना फर्ज समझती थी। इस प्रकार सबकी भलाई करना नन्ही बतख का स्वभाव था।
3. निम्नलिखित वर्णों से शुरू करके पाँच-पाँच शब्द बनाइए और वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) च (2) क्ष (3) त (4) भ
उत्तर :
(1) च : चमेली – चमेली का फूल खुशबूदार होता है।
चक्की – चक्की से अनाज पीसा जाता है।
चतुर – रमेश चतुर लड़का है।
चंपा – यह चंपा का वृक्ष है।
चंद्रमा – चंद्रमा के प्रकाश को ‘चाँदनी’ कहते हैं।
(2) क्ष : क्षितिज – वह दिनभर क्षितिज की ओर देखता रहा।
क्षत्रिय – क्षत्रिय बड़े वीर होते हैं।
क्षमा – क्षमा वीरों का भूषण है।
क्षीर – दूध को क्षीर भी कहते हैं।
क्षुधा – मुझे बड़ी क्षुधा (भूख) लगी है।
(3) त : तरबूज – यह तरबूज बहुत मीठा है।
तराजू – तराजू से वस्तुओं का वजन मालूम होता है।
तमाशा – हमने बंदर का तमाशा देखा।
तस्वीर – ये ऐतिहासिक स्थानों की तस्वीरें हैं।
तलवार – तलवार की धार बहुत तेज है।
(4) भ : भवन – यह शाला का नया भवन है।
भजन – गाँधीजी रोज भजन करते थे।
भक्त – नरसिंह मेहता श्रीकृष्ण के भक्त थे।
भक्षक – हाय ! रक्षक ही भक्षक बन गया।
भगदड़ – धमाका होते ही चारों ओर भगदड़ मच गई।
4. समान तुक(प्रास)वाले शब्द बनाकर लिखिए :
(1) सामाजिक – प्रामाणिक, सांसारिक, पारिवारिक।
(2) मानवता – दानवता, सज्जनता, स्वतंत्रता ।
(3) भलाई – बुराई, हवाई, जुदाई।
(4) घबराहट – खड़खड़ाहट, सरसराहट, फड़फड़ाहट
5. गिनती को शब्दों में और शब्दों को अंकों में लिखिए :
(1) ९६ – छियानबे
(2) ६७ – सड़सठ
(3) ५१ – इक्यावन
(4) ८८ – अठासी
(5) अठहत्तर – ७८
(6) सत्तावन – ५७
(7) उनहत्तर – ६९
(8) सत्तानबे – ९७
6. निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी (विलोम) शब्द लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) स्वच्छ
(2) देश
(3) प्रिय
(4) अधिक
उत्तर :
(1) स्वच्छ x अस्वच्छ
वाक्य : यह घर छोटा है, पर अस्वच्छ नहीं है।
(2) देश x विदेश
वाक्य : पिताजी विदेश गए हुए हैं।
(3) प्रिय x अप्रिय
वाक्य : बुरे काम व्यक्ति को अप्रिय बना देते हैं।
(4) अधिक x कम
वाक्य : चाय में शक्कर कम है।
7. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) सूर्य
(2) भूमि
(3) प्राण
(4) सहसा
उत्तर :
(1) सूर्य = रवि
वाक्य : दिन में हमें रवि प्रकाश देता है।
(2) भूमि = जमीन
वाक्य : यहाँ की जमीन उपजाऊ है।
(3) प्राण = जान
वाक्य : दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई।
(4) सहसा = अचानक
वाक्य : चलते-चलते अचानक गाड़ी रुक गई।
प्रश्न 8.
नीचे दिए गए चित्र का वर्णन करते हुए आठ-दस वाक्य लिखिए :
उत्तर :
इस चित्र में गाँव के नदीघाट का प्रात:कालीन दृश्य दिखाया गया है। पहाड़ के पीछे से सूर्य निकल रहा है। नदी के दोनों किनारों पर बरगद के वृक्ष हैं। नदी में तीन बतखें तैर रही हैं। बगुला चोंच में मछली पकड़े हुए है। एक लड़का बरगद की दो जड़ों से झूल रहा है। एक लटकती जड़ पर चिड़िया बैठी झूल रही है। दो लड़के नदी में तैर रहे हैं। एक खरगोश झाड़ी में छिपा बैठा है। दो स्त्रियाँ घाट से लौट रही हैं। एक के सिर पर दो घड़े हैं और दूसरे के सिर पर टोकरी में धुले हुए कपड़े हैं। एक स्त्री घाट पर कपड़े धो रही है।
एक मंदिर के छज्जे पर मोर बैठा है। मंदिर पर ध्वजा लहरा रही हैं। मंदिर के बाहर एक यात्री विश्राम कर रहा है। उसके पीछे पानी का घड़ा रखा हुआ है। दूर एक ग्वाला नदी में गाय को पानी पिला रहा है। बरगद के पेड़ पर एक पक्षी घोंसले में अंडों के पास बैठा है। नारियल के दो पेड़ों के पास एक लड़का कागज की नाव तैरा रहा है और दूसरा लड़का हाथ से कुछ इशारा कर रहा है। दूर-दूर गाँव की झोपड़ियाँ दिखाई दे रही हैं।
प्रश्न 9.
आप साइकिल लेकर स्कूल जाते हैं और रास्ते में आपकी साइकिल की ट्युब पंक्चर हो जाती हैं। इस घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
एक दिन मैं साइकिल पर स्कूल जा रहा था। रास्ते में मेरी साइकिल की ट्युब पंक्चर हो गई। स्कूल का समय हो रहा था और इधर साइकिल को पकड़कर चलाना मुश्किल हो रहा था फिर भी उसे किसी तरह मरम्मत की दुकान तक ले गया। दुकानदार ने मरम्मत के पाँच रुपये माँगे। मेरे पास चार रुपये ही थे। मैंने उसे भरोसा दिलाया कि अगले दिन मैं एक रुपया दे जाऊँगा।
ट्युब तो ठीक हो गई, लेकिन स्कूल पहुंचने में आधे घंटे की देर हो गई। मैंने वर्गशिक्षक को सारी घटना सच-सच बता दी। वे बोले, “आज तो ठीक है, पर परीक्षा के दिन ऐसा हुआ, तब क्या करोगे?” मैंने कहा, “साहब, तब मैं घर से जल्दी निकलूंगा।” उन्होंने मुस्कराते हुए मुझे वर्ग में प्रवेश करने की अनुमति दे दी।
प्रश्न 10.
चित्र के आधार पर कहानी लिखिए :
उत्तर :
बंदर और मगर अथवा बंदर की चतुराई
एक बंदर था। वह नदी के किनारे एक पेड़ पर रहता था। पेड़ पर मीठे-मीठे फल थे। बंदर फल खाता और खुश रहता था।
एक दिन एक मगर नदी के किनारे आया। बंदर ने उसे फल खाने के लिए दिए। मगर और बंदर में दोस्ती हो गई। मगर ने एक दिन कहा, “मैं रोज तुमसे मिलता हूँ और तुम्हारे दिए हुए मीठे-मीठे फल खाता हूँ। अब तुम भी तो मेरे घर चलो। वहाँ मैं तुम्हें बढ़िया-बढ़िया चीजें खिलाऊँगा।” बंदर मगर की बातों में आ गया। वह मगर की पीठ पर बैठ गया।
नदी के बीच पहुँचकर मगर बोला, “मैं तो तुम्हारा कलेजा खाना चाहता हूँ।”
बंदर घबराया मगर उसने बुद्धि से काम लिया। उसने कहा, “अरे, अपना कलेजा तो मैं पेड़ पर ही रख आया हूँ। तुम मुझे पहले कहते ! अब लौटकर किनारे चलो। मैं तम्हें अपना कलेजा दे दूंगा।”
मूर्ख मगर बंदर को लेकर जैसे ही नदी के किनारे पहँचा, बंदर मगर की पीठ से उछलकर पेड़ पर जा बैठा और बोला, “मूर्ख, कलेजा कहीं पेड़ पर रखा जाता हैं? वह तो हमारे शरीर में ही होता है। भगवान की कृपा से मैं तेरे जाल में फंसने से बच गया।” इस तरह बंदर ने चतुराई से अपनी जान बचाई।
अभ्यास
प्रश्न 1.
इस काव्य को टेपरिकॉर्डर द्वारा सुनिए और समूह. बनाकर गान करवाइए।
उत्तर :
कक्षा में टेपरिकॉर्डर पर यह काव्य सुनाया जाए और समूह बनाकर गान किया जाए।
2. अंदाज अपना-अपना :
प्रश्न 1.
यदि सूरज न निकलता तो …
उत्तर :
यदि सूरज न निकलता तो दिन न होता। हमें सूर्य का प्रकाश न मिलता। सूर्यप्रकाश न होने पर कहीं वनस्पति न होती और हरियाली का नामोनिशान न होता। सूर्य के न निकलने पर न बादल बनते और न वर्षा होती।
प्रश्न 2.
यदि बगिचे में पेड़ चलते होते तो ….
उत्तर :
यदि बगिचे में पेड़ चलते होते तो बड़ी अफरातफरी मच जाती। वे आपस में टकराते और उनकी शाखाएँ और टहनियाँ टूट-टूटकर नीचे गिर जाती। कोई व्यक्ति बगिचे में जा नहीं सकता। सचमुच, यह एक विलक्षण दृश्य होता।
प्रश्न 3.
यदि दीपक बोलता तो ….
उत्तर :
यदि दीपक बोलता तो वह अपनी आत्मकथा सुनाता। रात में होनेवाली अनेक दिलचस्प घटनाएँ हमें दीपक के मुँह से सुनने को मिलतीं।
प्रश्न 4.
यदि पेड़-पौधे न होते तो …
उत्तर :
पेड़-पौधों से दुनिया में हरियाली छाई रहती है। उनसे तरह-तरह के फूल-फल, जड़ी-बूटियाँ आदि मिलते हैं। यदि पेड़-पौधों के बिना हरियाली न होती तो उपयोगी चीजें न मिलतीं और दुनिया वीराने में बदल जाती।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
आपके आसपास में कौन-कौन-से फूल दिखाई देते हैं?
उत्तर :
हमारे आसपास गेंदा, चमेली, गुड़हल और चंपा के फूल दिखाई देते हैं।
प्रश्न 2.
प्रकृति के तत्त्व कौन-कौन-से हैं?
उत्तर :
प्रकृति के पाँच तत्त्व हैं – अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और आकाश
प्रश्न 3.
प्रकृति से हमें क्या-क्या मिलता है?
उत्तर :
प्रकृति से हमें हवा, पानी और प्रकाश मिलते हैं। तरह-तरह के पेड़-पौधे और फल-फूल हमें प्रकृति से ही मिलते हैं।
प्रश्न 4. जोड़ मिलाइए :
नाम —— काम
(1) फूल ——- अच्छे-अच्छे काम करना
(2) सूरज ——- अँधेरा हरना
(3) दीपक ——- खुशबू देना
(4) मानव ——- गर्मी देना
उत्तर :
(1) फूल – खुशबू देना
(2) सूरज – गर्मी देना
(3) दीपक – अँधेरा हरना
(4) मानव – अच्छे-अच्छे काम करना
5. (अ) नीचे दिए गए शब्दों के समानार्थी शब्द कविता में से ढूँढ़कर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उत्तर :
(ब) चित्र के आधार पर पाँच-छः वाक्य लिखिए :
उत्तर :
सूर्य दुनिया को प्रकाश देता है। सूर्य का उदय पूर्व दिशा में होता है। शाम को यह पश्चिम दिशा में अस्त होता है। सूर्य हमारे जीवन का आधार है। इसलिए हम इसे देवता मानते हैं। सूर्योदय होने पर फूल खिलते हैं। ___फूल तरह-तरह के होते हैं। इनके अलग-अलग रंग और खुशबू होती हैं। सूर्य के चित्र के पास ही सूरजमुखी का फूल दिखाया गया है। यह फूल पीले रंग का होता है और सूर्य के निकलने पर खिलने लगता है। यह फूल हमेशा सूर्य की ओर रहता है।
6. नीचे दिए गए शब्दों में से उचित सर्वनाम चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(आप, कोई, नई, गति, क्या, पानी, अपना, कुछ)
उत्तर :
(1) तुम्हारा नाम क्या है?
(2) देखो तो कोई इधर ही आ रहा है।
(3) खाने के लिए कुछ तो दे दो। बहुत भूख लगी है।
(4) मैंने अपना काम पूरा कर दिया है।
(5) आप कहाँ जा रहे हैं?
7. ऊँची आवाज में पढ़िए और समझिए :

उत्तर :
ऊपर दिए गए शब्दों में संयुक्ताक्षर का प्रयोग हुआ है। इन्हें ध्यान से देखिए।
स्वाध्याय
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
फूलों से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर :
फूल हमेशा खुश रहते हैं। आँधी और वर्षा को वे हँसते-हँसते सहन कर लेते हैं। उनसे हमें यह सीख मिलती है कि हम प्रत्येक स्थिति में खुश रहें। कठिन से कठिन परिस्थितियों को हम हँसते-हँसते सहन कर लें।
प्रश्न 2.
सूरज की किरणें क्या करती हैं?
उत्तर :
सूरज की किरणें अंधकार को दूर भगाकर सारे संसार को प्रकाशित करती हैं।
प्रश्न 3.
दीपक जग को कैसे रोशन करता है?
उत्तर :
दीपक अपने हृदय को जला-जलाकर जग को रोशन करता है।
प्रश्न 4.
धरती को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर :
धरती को स्वच्छ बनाने के लिए हम कूड़े-कचरे को इधर-उधर न डालकर कूड़ेदान में डालेंगे। धरती को सुंदर बनाने के लिए हम अधिक-से-अधिक पेड़ लगाएँगे। हम बाग और फुलवारियाँ लगाने की प्रवृत्ति में सहयोग देंगे।
प्रश्न 5.
जग में नाम कमाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर :
जग में नाम कमाने के लिए हमें सदा अच्छे काम करने चाहिए, दीनहीन लोगों की सेवा करनी चाहिए।
2. आपकी कल्पना में घेरे में
लिखे गए शब्द संबंधी अन्य शब्द सोचकर पंखुड़ियों में लिखिए :
3. समान प्रासवाले शब्द पढ़िए और बोलिए :
उदाहरण :
दानवीय, मानवता, महानता, सज्जनता, समानता।
लंबाई, चौड़ाई, गहराई, पढ़ाई, लिखाई ।
चाचा, दादा, नाना, मामा, बेटा।
4. निम्नलिखित शब्दों का वचन-परिवर्तन करके वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण :
लड़का – लड़के
वाक्य : पाठशाला के सभी लड़के प्रार्थना में नियमित हैं।
उत्तर :
(1) पंखा – पंखे
वाक्य : हमारी कक्षा में दो पंखे हैं।
(2) आँख – आँखें
वाक्य : दुर्घटना में लड़के की दोनों आँखें चली गईं।
(3) किताब – किताबें
वाक्य : मैंने कहानी की तीन किताबें खरीदीं।
(4) पौधा – पौधे ।
वाक्य : हमने बाग में नए पौधे लगाए।
(5) पेन्सिल – पेन्सिलें
वाक्य : ये सभी पेन्सिलें अच्छी हैं।
5. काव्य-पंक्तियों को पढ़कर उसका भावार्थ लिखिए :
दीपक को देखो कैसे यह,
हरदम जलता रहता है।
अपना अंतर जला-जलाकर
रोशन जग को करता हैं।
आओ, हम भी इंसा बनकर
जग में अपना नाम कमाएँ।
अच्छे-सच्चे काम करें और,
सारी धरती को महकाएँ।
उत्तर :
दीपक सदा स्वयं जलता है लेकिन हमें प्रकाश देता है। हम भी दीपक की तरह स्वयं कष्ट सहें लेकिन दुःखी लोगों का दु:ख दूर कर उन्हें सुखी बनाएँ। ऐसा करनेवाले मानवों को ही यश मिलता है। दिल के सच्चे और अच्छे काम करनेवाले लोग ही दुनिया को सुंदर और सुखमय बनाते हैं।
Hindi Digest Std 6 GSEB धरती को महकाएँ Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
खुश-खुश कौन रहते हैं?
A. शूल
B. पत्ते
C. फूल
D. पक्षी
उत्तर :
C. फूल
प्रश्न 2.
सूरज की किरणें रोज …………… पर आती हैं।
A. छत
B. खिड़की
C. दरवाजे
D. धरा
उत्तर :
D. धरा
प्रश्न 3.
दीपक क्या जलाकर दुनिया को रोशनी देता है?
A. शरीर
B. अंतर
C. घर
D. मन
उत्तर :
B. अंतर
प्रश्न 4.
अपना अंतर जलाकर दीपक किसको रोशन करता है?
A. जग को
B. राह को
C. रात को
D. बगिया को
उत्तर :
A. जग को
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(दीपक, धरती, इंसा, खुश-खुश, किरणों)
उत्तर :
(1) बगिया के फूलों को देखो, कैसे खुश-खुश रहते हैं।
(2) सूरज की किरणों को देखो, रोज धरा पर आती हैं।
(3) दीपक को देखो, कैसे यह हरदम जलता रहता है।
(4) आओ, हम भी इंसा बनकर जग में अपना नाम कमाएँ।
(5) हम अपने अच्छे-सच्चे कामों से सारी धरती को महकाएँ।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
फूलों की क्या विशेषता है?
उत्तर :
फूलों की यह विशेषता है कि वे हमेशा खुश रहते हैं।
प्रश्न 2.
कौन फूलों को हँसने से नहीं रोक पाते?
उत्तर :
आँधी और पानी (वर्षा) फूलों को हँसने से नहीं रोक पाते।
प्रश्न 3.
जग को रोशन करने के लिए दीपक क्या जलाता है?
उत्तर :
जग को रोशन करने के लिए दीपक अपना हृदय जलाता है।
प्रश्न 4.
हम जग में नाम कैसे कमा सकते हैं?
उत्तर :
हम सच्चाई का व्यवहार और अच्छे काम करके जग में नाम कमा सकते हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए :
फूल, सूरज और दीपक से हमें क्या सीख मिलती हैं?
उत्तर :
फूल हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। सूरज अँधेरा दूर करके हमें प्रकाश देता है। दीपक स्वयं जलकर जग को रोशन करता है। इन तीनों से यह सीख मिलती है कि हमें प्रत्येक परिस्थिति में खुश रहकर अपना काम करना चाहिए। ईमानदारी से किए गए हमारे अच्छे काम ही दुनिया को सुखी और सुंदर बनाएँगे।
इतना जानिए
दिए गए संकेतों के संबंध में जानकारी प्राप्त कीजिए :

(1) इस चिह्न से सूचित होता है कि स्कूल निकट ही है, इसलिए वाहन सावधानी से चलाएँ।
(2) इस चिहन से दवाखाने या अस्पताल की सूचना मिलती है।
(3) यह चिह्न सूचित करता है कि पेट्रोल पंप पास में ही है।
(4) यह चिह्न सार्वजनिक टेलीफोन केंद्र पास में ही होने की सूचना देता है।
प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
बाग में जाकर तरह-तरह के फूलों को देखिए और चार फूलों के नाम लिखिए।
उत्तर :
(1) कमल
(2) गुलाब
(3) चमेली
(4) सूरजमुखी।
प्रश्न 2. किन्हीं तीन फूलों के चित्र बनाइए और उनमें रंग भरिए।
धरती को महकाएँ Summary in Hindi
(1) बगिया के ………….. सहते हैं।
बगिया के फूलों को देखो। वे हमेशा कैसे खुश रहते हैं ! चाहे आँधी आए या बारिश वे सबको हँसते हुए सहन करते हैं।
(2) सूरज की ………….. चमकाती हैं।
सूरज की किरणों को देखो। वे प्रतिदिन धरती पर आती हैं। वे रात के अंधेरे को दूर करके सारे संसार को प्रकाशित करती हैं।
(3) दीपक को ……….. करता है।
दीपक को देखो। वह हरदम कैसे जलता रहता है! वह अपना हृदय जलाता है, लेकिन दुनिया को उजाला देता है।
(4) आओ हम भी …………… महकाएँ।
आओ, हम भी इंसान बनें और संसार में अपना नाम रोशन करें – अपना यश फैलाएँ। हम अच्छे-अच्छे काम करें। हमारे अच्छे कामों से यह धरती सुंदर एवं सुगंधित बने।
धरती को महकाएँ Summary in English
(1) Look at the flowers in the garden. How happy they always live! They suffer all the miseries smilingly whether it is intense wind storm or rain.
(2) Look at the sun-rays. They come to the earth every day. They remove darkness of the night and spread light all over the earth.
(3) Look at the lamp. It keeps on burning! It always burns its heart, but it gives light to the world.
( 4 ) Come, let us also be human in real sense and spread our name and fame all over the world. Let the earth be
beautiful and fragrant with our kind deeds.
विषय-प्रवेश
प्रकृति सबसे बड़ी शिक्षक है। उसके अलग-अलग रूपों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। इस कविता में कवि ने हमें फूल, सूर्य और दीपक से सीख लेने के लिए कहा है।
शब्दार्थ (Meanings)
बगिया – छोटा बगीचा; a small garden फूल – पुष्प; a flower आँधी – धूलभरी जोर की हवा; wind storm पानी – जल (यहाँ, वर्षा); water (here rain) रोज-प्रतिदिन; every day धरा- धरती, भूमि; earth, land अंधकार – अँधेरा; darkness जग- दुनिया, संसार; world चमकाना – प्रकाशित करना; to spread light दीपक- दीया, दीप; a lamp हरदम – हमेशा; always अंतर – हृदय, दिल; heart रोशन – उजाला, प्रकाशित; shining इंसान – मनुष्य; a man, human महकाना – सुगंधित करना; to emit (spread) fragrance
मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग
(1) रोशन करना – प्रकाशित करना
वाक्य : दीपक अपने प्रकाश से घर को रोशन करता है।
(2) इंसान बनना – अच्छा आदमी बनना
वाक्य : अच्छे काम करके ही हम इंसान बन सकते हैं।
(3) नाम कमाना – यश पाना
वाक्य : गाँधीजी ने दुनिया में नाम कमाया।
अभ्यास
1. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए:
उदाहरण : मंडराना – आकाश में काले-काले बादल मंडराने लगे।
(1) बाधा
(2) उत्सुकता
(3) दृढ़ता
(4) बुजुर्ग
(5) व्यस्त
उत्तर :
(1) बाधा – हमारे रास्ते में कई बाधाएँ आईं।
(2) उत्सुकता – मुझे मेला देखने की बड़ी उत्सुकता थी।
(3) दृढ़ता – व्यायाम से शरीर में दृढ़ता आती है।
(4) बुजुर्ग- हमें बुजुर्गों का आदर करना चाहिए।
(5) व्यस्त – सुबह होते ही सब अपने-अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं।
2. (अ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
“दीदी, आपका यह धमाकेदार धक्का मुझे हमेशा याद रहेगा।” – गोलू ने रेशमा से ऐसा क्यों कहा?
उत्तर :
“दीदी, आपका यह धमाकेदार धक्का मुझे हमेशा याद रहेगा।” गोलू ने रेशमा से ऐसा कहा, क्योंकि उस धक्के के कारण वह पटाखे से जलने से बच गया था।
प्रश्न 2.
रेशमा की शारीरिक कमी उसके इरादों में कभी बाधा नहीं बनी – भाव समझाइए।
उत्तर :
पोलियो के कारण रेशमा के दोनों पाँव बेजान हो गए थे, लेकिन इस शारीरिक कमी से उसकी हिंमत में कमी नहीं आई थी। वह हर काम पूरे आत्मविश्वास और लगन से करती थी। पोलियो से उसके पैर निकम्मे हो गए थे, पर उसका मन कमजोर नहीं हुआ था।
(ब) यदि आपकी कक्षा में रेशमा की तरह का कोई बच्चा दाखिला ले तो आप
प्रश्न 1.
किन-किन बातों का ध्यान रखेंगे?
उत्तर :
यदि हमारी कक्षा में रेशमा की तरह का कोई विकलांग बच्चा दाखिला ले तो मैं उसकी हँसी नहीं उड़ाऊँगा। मैं उसके प्रति पूरी हमदर्दी रखूगा और इस बात का ख्याल रखूगा कि मेरे किसी व्यवहार से उसके दिल को चोट न पहुंचे।
प्रश्न 2.
किस तरह उसकी सहायता करेंगे?
उत्तर :
मैं खेल-कूद तथा अन्य प्रवृत्तियों में अपने विकलांग सहपाठी को अवश्य शामिल करूंगा। मैं किसी भी तरह उसकी उपेक्षा नहीं होने दूंगा।
प्रश्न 3.
विद्यालय में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?
उत्तर :
मैं आचार्यजी से निवेदन करूँगा कि वे शाला में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करें, जिनमें विकलांग विद्यार्थी भी भाग ले सकें।
प्रश्न 4.
बाकी बच्चों को, क्या सलाह देंगे?
उत्तर :
मैं बाकी बच्चों को यह सलाह दूंगा कि वे उस विकलांग साथी को पूरा सहयोग दें और उसके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करें।
3. सोचकर बताइए :
प्रश्न 1.
दीपावली पर आपके परिवार में क्या-क्या विशेष तैयारियाँ की जाती हैं?
उत्तर :
दीपावली पर हमारे परिवार में सर्वप्रथम पूरे घर की सफाई की जाती है। सभी चीजों को झाड़-पोंछकर उन्हें फिर से व्यवस्थित ढंग से रखा जाता है। इसके बाद कुछ मीठे और कुछ नमकीन पकवान बनाए जाते हैं। परिवार के सदस्यों के लिए नए कपड़े सिलाए या खरीदे जाते हैं।
प्रश्न 2.
क्या दीपावली पर पटाखे छुड़ाने चाहिए? क्यों?
उत्तर :
दीपावली पर पटाखे नहीं छुड़ाने चाहिए, क्योंकि इससे थोड़ी-सी खुशी मिलती है परंतु भारी खतरा रहता है। पटाखों के कारण पैसों की बरबादी होती है और वायु-प्रदूषण बढ़ता है।
प्रश्न 3.
किसी ऐसी घटना का वर्णन कीजिए जब आपको किसी ने बचाया हो या आपने किसी की सहायता की हो।
उत्तर :
पिछले वर्ष मैं अपने मामाजी के गाँव गया था। वहाँ नदी में नहाते-नहाते मैं गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। तैरना न आने से मेरे प्राण संकट में थे। मेरे साथ नहाने के लिए आए लड़के ने यह देखा। वह तुरंत तैरकर मेरे पास आया और मुझे किनारे तक खींचकर ले गया। उसकी सूझबूझ और प्रयत्न से उस दिन मैं डूबने से बच गया। उस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता।
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
सुबह से घर के सभी लोग सफाई क्यों कर रहे थे?
उत्तर :
दीपावली का त्यौहार निकट था। त्यौहार से पहले ही सब घरों में साफसफाई होने लगती है। इसलिए सुबह से घर के सभी लोग साफ-सफाई कर रहे थे।
प्रश्न 2.
रेशमा को घर की सफाई में क्यों नहीं लगाया गया होगा?
उत्तर :
रेशमा जब पाँच वर्ष की थी, तब उसे पोलियो हो गया था। उसके दोनों पैर निकम्मे हो गए थे। इसी शारीरिक कमी के कारण उसे घर की सफाई में नहीं लगाया गया होगा।
प्रश्न 3.
रेशमा ने अपनी माँ के काम में किस तरह मदद की?
उत्तर :
अलमारी से बरतन और डिब्बे उतारकर साफ किए गए थे। रेशमा ने डिब्बों पर लेबल लगाए। फिर वह एक-एक बरतन और डिब्बा माँ को देती गई और माँ उन्हें व्यवस्थित ढंग से रखती गई। इस प्रकार पहियेदार कुर्सी पर बैठे-बैठे रेशमा ने माँ की मदद की।
प्रश्न 4.
माँ ने रेशमा को बाज़ार क्यों भेजा?
उत्तर :
माँ को लड्डू बनाने के लिए कुछ सामान की जरूरत थी। पति दफ्तर चले गए थे। बेटा गोलू अभी बहुत छोटा था। दादा और दादी बहुत बुजुर्ग थे। माँ को परेशान देखकर रेशमा ने माँ से कहा कि आप मुझे सामान की सूची और एक थैली दे दीजिए। सामान मैं ले आऊँगी। रेशमा की आवाज में दृढ़ता थी। वह पहले भी एक बार सामान ला चुकी थी। इसलिए माँ ने रेशमा को बाज़ार भेजा।
प्रश्न 5.
रेशमा ने गोलू को धक्का क्यों मारा?
उत्तर :
गोलू ने एक पटाखे को बुझा हुआ समझकर छोड़ दिया था। कुछ देर बाद उसमें से चिनगारियाँ निकलने लगीं। गोलू की पीठ पटाखे की तरफ थी। रेशमा ने यह देखा और चिल्लाकर गोलू को हट जाने के लिए कहा, पर शोरगुल के कारण उसे सुनाई नहीं दिया। रेशमा जल्दी-जल्दी अपनी कुर्सी को ढकेलती हुई गोलू के पास पहुंची और उसे जोर से धक्का मारकर खुद आगे निकल गई। उसी समय पटाखा जोर से फूटा। इस प्रकार गोलू को पटाखे से बचाने के लिए रेशमा ने उसे धक्का मारा। थे। मेरे साथ नहाने के लिए आए लड़के ने यह देखा। वह तुरंत तैरकर मेरे पास आया और मुझे किनारे तक खींचकर ले गया। उसकी सूझबूझ और प्रयत्न से उस दिन मैं डूबने से बच गया। उस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता।
2. रेशमा की जिंदादिली’ विषय पर संक्षिप्त में लिखिए।
पोलियो के कारण रेशमा के पैर निकम्मे हो गए थे। लेकिन इस शारीरिक कमी का उसके मन पर कोई असर नहीं हुआ। वह अपने सारे काम स्वयं करती है। वह अपने काम के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती। घर के कामों में भी वह पूरी लगन से माँ का हाथ बँटाती है। अपनी पहियेदार कुर्सी पर बैठकर वह बाज़ार से सामान भी ले आती है। सचमुच, रेशमा एक जिंदादिल लड़की है।
3. नीचे दी गई घटनाओं को कहानी के क्रम में लिखिए :
(1) सबने रेशमा की पीठ थपथपाई।
(2) रेशमा ने गोलू को जोर से धक्का मारा।
(3) रेशमा बाज़ार से सामान लाई।
(4) रेशमा का घर दीयों के झिलमिल प्रकाश से जगमगाने लगा।
(5) गोलू अपने दोस्तों के साथ पटाखे छुड़ाने में मस्त था।
(6) माँ ने रेशमा से कहा – “कहीं चोट तो नहीं लगी?”
उत्तर :
(1) रेशमा बाज़ार से सामान लाई।
(2) रेशमा का घर दीयों के झिलमिल प्रकाश से जगमगाने लगा।
(3) गोलू अपने दोस्तों के साथ पटाखे छुड़ाने में मस्त था।
(4) रेशमा ने गोलू को जोर से धक्का मारा।
(5) माँ ने रेशमा से कहा – “कहीं चोट तो नहीं लगी?”
(6) सबने रेशमा की पीठ थपथपाई।
4. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) आँखों का तारा होना
(2) हाथ बँटाना
(3) पीठ थपथपाना
उत्तर :
देखिए पृष्ठ 72-73 : मुहावरे – अर्थ और वाक्य-प्रयोग।
5. उदाहरण के अनुसार शब्द का उपयोग करके वाक्य लिखिए :
उदाहरण : कि – की
कि– उसने कहा कि “मैं निर्दोष हूँ।”
की – मैंने नवीन की सहायता की।
(1) इसलिए – ताकि
(2) क्योंकि – जबकि
(3) ओर – और
(4) मैं – में
उत्तर :
(1) इसलिए – मदारी तमाशा दिखा रहा है, इसलिए लोग जमा हो गए हैं।
ताकि – मैदान में पुलिस का बंदोबस्त किया गया था ताकि सभा में कोई गडबड़ी न हो।
(2) क्योंकि – मैंने छाता खरीदा, क्योंकि वर्षाऋतु आ गई थी।
जबकि- बेटी साँवली है, जबकि माँ-बाप दोनों गोरे हैं।
(3) ओर – मैं आपकी ओर ही आ रहा था।
और – भाई और बहन दोनों बहुत अच्छे हैं।
(4) मैं – मैं पढ़ता हूँ।
में – बच्चे घर में शोर मचा रहे हैं।
वचन
नीचे दिए हुए वाक्य पढ़िए :

ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए :
‘अ’ विभाग में ‘लड़का’, ‘कमरा’, ‘लड़की’, ‘पुस्तक’ – ये रेखांकित शब्द हैं।
‘लड़का’ शब्द से एक ही लड़का, ‘कमरा’ शब्द से एक ही कमरा, ‘लड़की’ शब्द से एक ही लड़की और ‘पुस्तक’ शब्द से एक ही पुस्तक सूचित होती है। ये शब्द एकवचन में हैं।
‘ब’ विभाग में ‘लड़के’, ‘कमरे’, ‘लड़कियाँ’, ‘पुस्तकें’ – ये रेखांकित शब्द हैं।
ये शब्द एक से अधिक लड़के, एक से अधिक कमरे, एक से अधिक लड़कियाँ और एक से अधिक पुस्तकें सूचित करते हैं। ये शब्द बहुवचन में हैं।
शब्द के जिस रूप से संख्या सूचित हो, उसे वचन कहते हैं।
शब्द के जिस रूप से एक ही प्राणी या वस्तु सूचित हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे – लड़का, कमरा, लड़की, पुस्तक।
शब्द के जिस रूप से एक से अधिक प्राणियों या वस्तुओं का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे– लड़के, कमरे, लड़कियाँ, पुस्तकें।
6. (अ) नीचे दिए गए वाक्यों का वचन-परिवर्तन कीजिए :
उदाहरण : माँ को मिलते ही मेरी खुशी का ठिकाना न रहा।
माँ को मिलते ही हमारी खुशियों का ठिकाना न रहा।
(1) ऐसी कई घटनाएँ मेरे साथ घटी है।
(2) परिचारिका ने मरीज की अच्छी तरह से देखभाल की।
(3) रात को मैंने सुंदर सपना देखा।
(4) भूकंप का झटका आया, फिर भी मैं नहीं घबराया।
उत्तर :
(1) ऐसी एक घटना मेरे साथ घटी हैं।
(2) परिचारिका ने मरीजों की अच्छी तरह से देखभाल की।
(3) रात को हमने सुंदर सपन देखा।
(4) भूकंप के झटके आए, फिर भी मैं नहीं घबराया।
(ब) नीचे दिए गए शब्दों को चित्र में शब्दकोश के क्रमानुसार लिखिए :
मेहनत, भूकंप, सुंदर, मरीज, श्रेष्ठ, निर्दोष, तूफान, अंगूर, आकाश
उत्तर :
भाषा-सज्जता
विशेषण
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :
(1) साहिल अच्छा लड़का है।
(2) ये महँगे पटाखे हैं।
(3) ग्वाले के हाथ में लंबी लाठी है।
(4) एक नाव किनारे पर खड़ी है।
ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए।
(1) साहिल कैसा लड़का है? – अच्छा
(2) पटाखे कैसे हैं? – महँगे
(3) ग्वाले के हाथ में कैसी लाठी है? – लंबी
(4) किनारे पर कितनी नावें है? – एक
इस प्रकार ‘अच्छा’, ‘महँगे’, ‘लंबी’, ‘एक’ – ये शब्द अपने साथवाली संज्ञा की विशेषता या उसका गुण या संख्या बताते हैं। ये रेखांकित शब्द विशेषण है।
संज्ञा शब्द की विशेषता बतानेवाला शब्द ‘विशेषण’ कहलाता है।
(अ) निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण छाँटकर लिखिए :
(1) रेशमा हिम्मती लड़की है।
(2) छोटा बच्चा फिसल गया।
(3) कक्षा में दस लड़कियाँ बैठी हैं।
(4) उसकी हर सुबह नई सुबह होती है।
(5) कुत्ता वफ़ादार प्राणी है।
उत्तर :
(1) हिम्मती
(2) छोटा
(3) दस
(4) हर, नई
(5) वफ़ादार
(ब) निम्नलिखित वाक्यों में विशेषण शब्दों को रेखांकित कीजिए :
(1) यह एक सुंदर चित्र है।
(2) आसमान में काले-काले बादल छाए हुए हैं।
(3) ऊँचे पेड़ पर सुंदर फल लगे हैं।
(4) बाग में कुछ पेड़ बड़े हैं।
(5) पानी में रंगबिरंगी मछलियाँ हैं।
(6) सफेद बकरी हरी घास खा रही है।
उत्तर :
(1) यह एक सुंदर चित्र है।
(2) आसमान में काले-काले बादल छाए हुए हैं।
(3) ऊँचे पेड़ पर सुंदर फल लगे हैं।
(4) बाग में कुछ पेड़ बड़े हैं।
(5) पानी में रंगबिरंगी मछलियाँ है।
(6) सफेद बकरी हरी घास खा रही है।
योग्यता विस्तार
पटाखें छुड़ाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर :
पाठ्यपुस्तक पृष्ठ पर ‘योग्यता विस्तार’ में लिखी बातें पढ़िए।
Hindi Digest Std 6 GSEB सुबह Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
रेशमा अब ……………… साल की लड़की है।
A. नौ
B. दस
C. ग्यारह
D. बारह
उत्तर :
C. ग्यारह
प्रश्न 2.
रेशमा की माँ क्या बनाना चाहती थी?
A. पेड़े
B. बताशे
C. गुलाबजामुन
D. लड्डू
उत्तर :
D. लड्डू
प्रश्न 3.
माँ को रेशमा की आवाज में क्या महसूस हुआ?
A. ममता
B. दृढ़ता
C. नम्रता
D. लाचारी
उत्तर :
B. दृढ़ता
प्रश्न 4.
रेशमा बाज़ार से गोलू के लिए क्या लाई?
A. बिस्किट
B. चॉकलेट
C. पिपरमिंट
D. टॉफी
उत्तर :
D. टॉफी
प्रश्न 5.
रेशमा किनके साथ फुलझड़ियाँ छुड़ा रही थी?
A. दादा-दादी
B. माता-पिता
C. भाई-बहन
D. सहेली
उत्तर :
A. दादा-दादी
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(दलिया, नुक्कड़वाली, निर्भर, बुजुर्ग, भुलक्कड़, शोर, पोलियो)
(1) ओह ! मैं तो एकदम भुलक्कड़ हो गई हूँ।
(2) रेशमा को पोलियो हो गया था।
(3) रेशमा किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती।
(4) रेशमा को दूध का मेवेवाला दलिया बहुत अच्छा लगा।
(5) रेशमा के दादा-दादी बहुत बुजुर्ग थे।
(6) सारा सामान नुक्कड़वाली दुकान से ही मिल जाएगा।
(7) पटाखों के शोर में रेशमा की आवाज दब गई।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
रेशमा ने सोचा – जरूर आज कोई खास बात है, क्योंकि …
(अ) माँ लड्डू बना रही थी।
(ब) गोलू पिचकारी माँग रहा था।
(क) घर के सभी लोग साफ-सफाई में व्यस्त थे।
उत्तर :
रेशमा ने सोचा – जरूर आज कोई खास बात है, क्योंकि घर के सभी लोग साफ-सफाई में व्यस्त थे।
प्रश्न 2.
रेशमा के पाँव बेजान हो गए थे, क्योंकि …
(अ) उसे तेज बुखार आया था।
(ब) उसे पोलियो हो गया था।
(क) वह दुर्घटना में घायल हो गई थी।
उत्तर :
रेशमा के पाँव बेजान हो गए थे, क्योंकि उसे पोलियो हो गया था।
प्रश्न 3.
रसोईघर फिर से चमचमाने लगा, क्योंकि …
(अ) वहाँ प्रत्येक वस्तु साफ करके व्यवस्थित ढंग से रखी गई थी।
(ब) उसमें नया रंग-रोगान हुआ था।
(क) उसकी खिड़कियों में नए. काँच लगाए गए थे।
उत्तर :
रसोईघर चमचमाने लगा, क्योंकि वहाँ प्रत्येक वस्तु साफ करके व्यवस्थित ढंग से रखी गई थी।
प्रश्न 4.
रेशमा सबकी आँखों का तारा है, क्योंकि … .
(अ) उसका हर काम बहुत व्यवस्थित रहता है।
(ब) वह अपने काम खुद कर लेती है।
(क) वह बहुत जिंदादिल, परिश्रमी और हिंमतवाली लड़की है।
उत्तर :
रेशमा सबकी आँखों का तारा है, क्योंकि वह बहुत जिंदादिल, परिश्रमी और हिंमतवाली लड़की है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
रेशमा के घर के लोग किसमें व्यस्त थे?
उत्तर :
रेशमा के घर के लोग साफ-सफाई करने में व्यस्त थे।
प्रश्न 2.
दीपावली के त्यौहार का अच्छी तरह आनंद लेने के लिए क्या जरूरी है?
उत्तर :
दीपावली के त्यौहार का अच्छी तरह आनंद लेने के लिए घर की सफाई का काम पहले ही कर लेना जरूरी है।
प्रश्न 3.
रेशमा ने माँ से क्या शिकायत की?
उत्तर :
रेशमा ने माँ से शिकायत की कि घर की साफ-सफाई का कोई काम उसे क्यों नहीं सौंपा गया?
प्रश्न 4.
रेशमा की माँ क्यों परेशान थी?
उत्तर :
रेशमा की माँ परेशान थी, क्योंकि उस समय बाज़ार से जरूरी सामान लानेवाला घर में कोई नहीं था।
प्रश्न 5.
दीपावली कैसा त्यौहार है?
उत्तर :
दीपावली अंधेरे पर उजाले की जीत का त्यौहार है।
प्रश्न 6.
दीपावली का त्यौहार किस खुशी में मनाया जाता है?
उत्तर :
दीपावली का त्यौहार इस खुशी में मनाया जाता है कि इसी दिन श्रीराम रावण को पराजित करके अयोध्या लौटे थे।
प्रश्न 7.
फुलझड़ियाँ छुड़ाते समय रेशमा ने क्या देखा?
उत्तर :
फुलझड़ियाँ छुड़ाते समय रेशमा ने देखा कि गोलू ने जिस पटाखे को बुझा हुआ मानकर छोड़ दिया था, उसमें से चिनगारियाँ निकल रही थीं।
प्रश्न 8.
सबने रेशमा की पीठ क्यों थपथपाई?
उत्तर :
सबने रेशमा की पीठ थपथपाई, क्योंकि उसने सूझ-बूझ से अपने भाई गोलू को पटाखे से जलने से बचा लिया था।
प्रश्न 9.
गोलू को हमेशा क्या याद रहेगा?
उत्तर :
गोलू को वह धक्का हमेशा याद रहेगा जो उसे पटाखे से बचाने के लिए रेशमा ने दिया था।
प्रश्न 10.
रेशमा अपना जीवन किस तरह जी रही है?
उत्तर :
रेशमा जिंदादिली और परिश्रम से अपना जीवन जी रही है।
प्रश्न 11.
रेशमा हर सुबह अपने काम में कैसे जुट जाती है?
उत्तर :
रेशमा हर सुबह नए इरादे के साथ अपने काम में जुट जाती है।
5. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए :
दीपावली के त्यौहार के बारे में दादी ने रेशमा और गोलू को क्या बताया?
उत्तर :
दीपावली के त्यौहार के बारे में दादी ने रेशमा और गोलू को बताया कि इसी दिन श्रीराम रावण को पराजित कर अयोध्या लौटे थे। दीपावली का त्यौहार सूचित करता है कि बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की सदा जीत होती है। यह अंधकार पर उजाले की जीत का त्यौहार है।
प्रवृत्तियाँ
1. पोस्टर बनाइए:
प्रश्न 1.
पटाखे छुड़ाने से पहले ध्यान दें कि …
(1) पटाखे से आप जल सकते हैं।
(2) पटाखे से आग लग सकती है।
(3) पटाखे से वायु-प्रदूषण फैलता है।
प्रश्न 2.
पोलियोग्रस्त बच्चों को …
(1) तुम अपने आपको निराधार मत समझो।
(2) तुम हिंमत और आत्मविश्वास से जियो।
(3) तुम सब कुछ कर सकने में समर्थ हो।
2. चित्र बनाइए :
(1) एक अंधे को सड़क पार कराता हुआ एक विद्यार्थी
(2) पोलियो रसीकरण का दृश्य
(3) पहियेदार कुर्सी पर बैठा पोलियोग्रस्त बालक
(4) पटाखे न छुड़ाने के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए एक पोस्टर बनाइए।
सुबह Summary in English
Early in the morning Reshma saw that all the members of the family were engaged in cleaning the house. Someone was dusting the household things while someone was removing the webs of the spiders. Reshma thought, “There must be something special today.”
“Mama, is there anything today in the house ? All have begun cleaning the house from early morning.” Reshma asked with curiosity. “Yes, dear Rani! These are the days of festivals, aren’t they? We can enjoy the festivals well if we have cleaned all the things in the house before the festivals.” said mother touching Reshma’s cheeks lovingly.
“Oh! I have already become forgetful. But, mama, you didn’t assign me some work to do. Let me know mama! What can I do?”
“All right. First take your bath and be ready. Then I will assign you some work, there is lots of work to do.” said mother. “I also want to help you in many household works.” said Reshma in crying mood. “Indeed, I will take your help. I have thought many household works for you. Enjoy breakfast after taking your bath.
Then I will tell you.” Saying this Reshma’s mother let her sit in a wheel-chair. Reshma pushed her wheel-chair ahead and got engaged in her routine work.
When Reshma was five years old, her two legs had stopped functioning. She had a high fever and her legs below the knees became dead. Even after much more medical treatment, no life came to her legs. She had polio. But Reshma was very courageous girl. In the beginning she had to take help of others. But now she is eleven years old and she does all her works herself. She does not want to depend on her family for her own works.
All the members of her family – father, younger brother Golu, grandmother, grandfather – love her very much. She is very dear to all.Mother had cleaned all the vessels, tin-boxes, bottles after bringing them down from the shelves. She shouted Reshma, “Reshu ! if you have already taken breakfast, then please help me in my work.”
“Yes, mama! ! have already taken my breakfast. Magdal of milkmawa has become very tasty. I am coming soon after washing my hands.” Reshma reached the kitchen, pushing her wheel-chair. Reshma began to give vessels and tinpots, after sticking labels on them and her mother began to arrange them well. The kitchen began to shine again.
Father went out to his office. Mother needed some ingredients (household things) to make laddus. Golu was very young. Grandfather and Grandmother were very old. Now, who will buy the ingredients ? Mother seemed worried. Reshma said, “I will go and buy the ingredients.”
“Only give me the list of ingredients and a bag.”
“Will you alone go and buy these ingredients ?” Mother asked. “Yes, mama ! I had bought once before.” There was firmness in Reshma’s voice.
“O.K. You go and buy them, but go carefully. You will get all ingredients from the shop which is at the end of the street. After sometime Reshma returned, buying all ingredients She called Golu, “Golu ! Come, here is a chocolate for you.” Having got the chocolate, Golu began to dance with joy! Some days passed.
One day in the evening Reshma’s house began to shine with bright light of the lamps. The whole street was shining brightly. Everywhere, on the land and in the sky light was spreading. Grandmother said that Diwali is the festival of victory of light over darkness. It is the festival of victory of kindness over evil and truth over falsehood.
On this day Ram had returned to Ayodhya after victory over Ravan and this festival is celebrated in the joy of the victory. Reshma and Golu were listening to their grandmother with keen interest. After sometime all worshipped God and enjoyed prasad. Golu was very busy bursting crackers with his friends.
Reshma was bursting fulzari with her grandparents. Suddenly Reshmą saw that sparks were coming out from the cracker which Golu had thrown away believing it extinguished. Golu’s back was towards the crackers. Reshma cried out, “Golu, Golu, go away; you have a cracker behind you.”
Reshma’s voice could not be heard in the noise of crackers. Before other people could realise what has happened, Reshma hurriedly pushed the chair up and rushed to Golu. She at once pushed Golu and she herself went ahead because of her chair’s motion. ‘Dhadam’ such a loud sound happened. Reshma swiftly saved Golu from burning. Golu could not understand who pushed him and why.
As soon as mother and father heard the loud sound, they rushed out. The chair was over Reshma and Reshma was under the chair. Father turned the chair up and let Reshma sit on the chair. Mother was frightened. She spoke, “Reshu! Have you hurt yourself anywhere?” Reshma told her the fact. All praised Reshma.
Golu came to Reshma and spoke dramatically, “Didi, you have saved me today. I will always remember your strong push.” All burst out laughing. Reshma’s physical handicap did not become obstacle in her aim. Even today she lives a life full of zest and hard work. For her every morning is a new morning. She gets in her work with a new determination.
विषय-प्रवेश
प्रायः विकलांग व्यक्ति जीवन में निराशा का अनुभव करता है। उसे लगता है कि वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर सकता। उसे दूसरों के भरोसे ही जीना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। हौसला हो तो विकलांग व्यक्ति भी अपने बल पर जी सकता है। अपने साहस और फुर्ती से वह सबको प्रभावित कर सकता है।
शब्दार्थ (Meanings)
व्यस्त – (काम में) लगे हुए; busy खास – विशेष; special उत्सुकता – तीव्र इच्छा, अधीरता; curiosity, eagerness, impatience त्यौहार – पर्व, उत्सव; a festival भुलक्कड़ – भूलनेवाला; forgetful रुआँसा – रोने जैसा; sad ढकेलना – आगे बढ़ाना; to push ahead दैनिक – दिन के, रोज के; daily, routine बेजान – निर्जीव, जिनमें हरकत न हो; dead इलाज – उपचार; cure medical treatment जान – प्राण, चेतना, हरकत; soul, alive परिवार – कुटुंब a family निर्भर रहना – भरोसे रहना, आधार रखना; to depend on मेवा – सूखा फल; बादाम, काजू, किसमिस आदि; dry fruits; almonds, cashewnuts, dry small grapes etc. दलिया – दरेदरे गेहूँ से बना खाद्य पदार्थ; a sweet made of wheat flour व्यवस्थित – ढंग से, तरीके से; properly चमचमाना – चमकना; to shine दफ्तर – कार्यालय, ऑफिस; office बुजुर्ग – बड़ेबूढ़े; aged, the old दृढ़ता – मजबूती; firmness नुक्कड़ – नाका, गली का छोर; end of the street दीया – दीपक; a lamp जगमगाना – चमकना; to lighten सत्य – सच; truth असत्य – झूठ; false, untruth पराजित करना – हराना; to defeat मग्न – तल्लीन; concentrated कमी – अभाव; shortage इरादा – संकल्प, निश्चय; intention, determination बाधा – रुकावट; obstacle जिंदादिली – खुशमिजाजी, विनोदप्रियता; gay, humour जुट जाना – लग जाना; to engross
वाक्य-प्रयोग
(1) काम नहीं करना – बेकार हो जाना
वाक्य : अब नानाजी का बायाँ हाथ काम नहीं करता।
(2) जान आना-चेतना आना।
वाक्य : ठंडा पानी पिया तब शरीर में जान आई।
(3) आँखों का तारा होना – बहुत प्यारा होना
वाक्य : राकेश अपनी माँ की आँखों का तारा है।
(4) आवाज देना- बुलाना, पुकारना ।
वाक्य : माँ ने खाने के लिए बच्चों को आवाज दी।
(5) हाथ बँटाना- काम में मदद करना
वाक्य : दीदी घर के कामों में माँ का हाथ बँटाती है।
(6) क्या जमीन क्या आसमान – जमीन और आसमान समान होना
वाक्य : दीपावली में, क्या जमीन क्या आसमान, चारों तरफ रोशनी ही रोशनी थी।
(7) मग्न हो जाना – तल्लीन हो जाना
वाक्य : मैदान में जाकर हम खेल में मग्न हो गए।
(8) आवाज दब जाना – आवाज सुनाई न देना
वाक्य : सोना ने मोना को पुकारा पर शोरगुल में उसकी आवाज दब गई।
(9) पीठ थपथपाना – शाबाशी देना।
वाक्य : मुझे प्रतियोगिता में इनाम मिलने पर पिताजी ने मेरी पीठ थपथपाई।
(10) खिलखिलाकर हँसना – खुलकर हँसना
वाक्य : चुटकुला सुनकर सब खिलखिलाकर हँस पड़े।
अभ्यास
1. वाक्यों में कुछ फल और सब्जियों के नाम हैं, उन्हें ढूँढ़कर उदाहरण के अनुसार लिखिए :
(अ) इधर आ मत जा। — आम
(ब) अन्दर आ लू लग जाएगी। — आलू
(क) जयपाल कल आया था। — पालक
(ड) संतराम आ गया। — संतरा
(इ) शैलजा मुनमुन से मिली। — जामुन
(च) फैला हुआ काम अब सिमट रहा है। — मटर
2. चित्र पहेलियाँ ध्यान से देखो और बताओ यहाँ कौन-कौन-से प्राणी-पक्षी चित्रित हैं?
उत्तर :
प्राणी : हाथी, ऊँट, बैल, मगर, लोमड़ी, कछुआ
पक्षी : मोर, तोता, सारस, चिड़िया
3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : पर्वत – हिमालय ऊँचा पर्वत है।
(1) पेड़ (2) नदी (3) आम (4) हाथ (5) मकान (6) खिलौना
उत्तर :
(1) पेड़ – पेड़ हमें फल देते हैं।
(2) नदी – गंगा पवित्र नदी है।
(3) आम – आम फलों का राजा है।
(4) हाथ – खाने से पहले हाथ धोने चाहिए।
(5) मकान – यह नया मकान किसका है?
(6) खिलौना – माँ बच्चे के लिए खिलौना लाई।
4. आठ अंतर बतलाओ जल्दी, दिखाओ अपनी अक्लमंदी।
उत्तर:
5. पढ़कर कोष्ठक में उचित शब्द लिखिए :
उत्तर :
6. नीचे दी गई वर्गपहेली में से सार्थक शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
उत्तर :
(1) मधु
(2) मामा
(3) बादल
(4) सरल
(5) सावन
(6) तीर्थ
(7) नदी
(8) दल
(9) वन
(10) मद
स्वाध्याय
1. वर्ग पहेली भरिए : (शब्दकोश का उपयोग कर सकते हैं।)

संकेत : बाएँ से दाएँ
(1) नए जमाने का, आजकल का ( 4 )
(3) लड़का, बच्चा ( 3 )
(5) रात, निशा ( 3 )
(7) साँस, प्राण, जीवन शक्ति ( 2 )
(9) हिन्दी साहित्य का एक काल ( 4 )
(11) सिर, बाण, तालाब ( 2 ) (12) गाने के साथ बजाया जानेवाला ( 2 )
(13) अभिप्राय, वास्ता ( 4 )
(14) होठ, ओष्ठ ( 2 )
(16) तह, स्तर ( 3 )
(18) खाद्य सामग्री, अनाज ( 3 )
(19) यश की कथा ( 4 )
संकेत : ऊपर से नीचे
उत्तर
(1) उल्लास, खुशी, हर्ष (3)
(2) हाथ (2)
(3) वचन, संस्थापक (2)
(4) परमेश्वर (4)
(6) अपमान, बेइज्जती (4)
(8) रोगी, बीमार (3)
(10) आलसी, निकम्मा (4)
(11) बलवान, ताकतवर (3)
(15) शरीर, देह (3)
(16) ओहदा, दर्जा, पाँव (2)
(17) निश्चित, निर्णीत (2)
उत्तर :
पहेली का उत्तर :
2. उचित स्थान पर (!) (।) (,) (?) (:) (” “) विरामचिह्न लगाइए :
(क) आप क्या खाएँगे
(ख) माँ ने पूछा नन्ही बेटी तुम कहाँ रह गई थी
(ग) छि कितना गंदा पानी है
(घ) मेरी पुस्तक का नाम रामायण है
(च) वाह कितनी अच्छी किताब है
उत्तर :
(क) आप क्या खाएँगे?
(ख) माँ ने पूछा, “नन्ही बेटी, तुम कहाँ रह गई थी?”
(ग) छिः ! कितना गंदा पानी है!
(घ) मेरी पुस्तक का नाम ‘रामायण’ है।
(च) वाह ! कितनी अच्छी किताब है!
3. समान तुकवाले शब्द बनाइए और लिखिए :
उदाहरण :
खाना – भाना, गाना, नाना, दाना
तन – मन, धन, वन, फन
नानी – रानी, धानी, पानी, जानी
उत्तर :
(1) नंदन – वंदन, चंदन, क्रंदन, मंजन
(2) डाल – खाल, माल, भाल, लाल
(3) माली-खाली, प्याली, गाली, काली
4. आपके घर में या आसपास कोई-न-कोई पेड़ होगा। उसके बारे में कुछ वाक्य लिखिए।
मेरे घर के सामने बरगद का पेड़ है। उसकी जड़ें जमीन में गहराई तक गई हुई हैं। उसका तना मोटा है। उसकी डालियाँ चारों ओर खूब फैली हुई हैं। उन पर अनेक पक्षियों के घोंसले हैं। बरगद के चारों ओर पक्का चबूतरा बना हुआ है। चबूतरे पर आते-जाते लोग बैठते हैं। बरगद की छाया में बच्चे खेलते हैं। वटसावित्री के दिन मोहल्ले की स्त्रियाँ बरगद की पूजा करती हैं।
5. नीचे दिए गए वाक्यों में से विशेषण शब्द छाँटकर …….. में लिखिए :
उदाहरण : शिल्पा भोली-भाली लड़की है। — भोली-भाली
(1) कक्षा में चार बच्चे बैठे थे। — चार
(2) नीम की पत्तियाँ कड़वी लगती हैं। — कड़वी
(3) नदी में काला पानी है। — काला
(4) यह किताब मेरा भाई लाया है। — यह
(5) गिलास में थोड़ा-सा शरबत डाला है। — थोड़ा-सा
(6) हमारी पाठशाला में बड़ा बगीचा है। — बड़ा
(7) बाज़ार में पके केले मिलते हैं। — पके
6. चित्र में रंग भरिए और चित्र के बारे में कुछ विचार भी व्यक्त कीजिए :
उत्तर :
इस चित्र में एक किसान ट्रेक्टर में फसल की बोरियाँ भरकर ले जा रहा है। इन बोरियों में उसके खेत में पैदा हुई फसल है। खेत के पास पक्का कुआँ है। खेत में ही किसान का छोटा-सा घर है। यह चित्र सूचित करता है कि हमारे राज्य में कृषि-उद्योग का अच्छा विकास हुआ है। किसान सुखी और समृद्ध हुए हैं।
7. शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखिए :
पेड़, चिड़िया, काँटा, नदी, पानी, पक्का, पतला, पूजन
उत्तर :
Hindi Digest Std 6 GSEB बूझो तो जानें Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
हरियाली कौन फैलाते हैं?
A. जंगल
B. पर्वत
C. मैदान
D. पेड़
उत्तर :
D. पेड़
प्रश्न 2.
भूतल के रखवाले कौन हैं?
A. पर्वत
B. सागर
C. वन
D. मनुष्य
उत्तर :
A. पर्वत
प्रश्न 3.
नदियों का उद्गम कहाँ से होता हैं? ।
A. जंगल से
B. सागर से
C. मरुस्थल से
D. पर्वत से
उत्तर :
D. पर्वत से
प्रश्न 4.
तरबूज प्यास बुझाकर क्या पूछता है?
A. सवाल
B. हाल
C. पता
D. नाम
उत्तर :
B. हाल
प्रश्न 5.
प्रत्येक हाथ के कितने सेवक हैं?
A. दो
B. तीन
C. चार
D. पाँच
उत्तर :
D. पाँच
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(तरबूज, बच्चों, गगन, पेड़, खेतों)
(1) पर्वतों पर बड़ी संख्या में पेड़ उगते हैं।
(2) नदी के पानी से खेतों की सिंचाई की जाती है।
(3) तरबूज सबकी प्यास बुझाता है।
(4) चाँद बच्चों का ‘मामा’ है।
(5) चिड़िया गगन की सैर करती है।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
पेड़ अपने जीवन को सफल मानते हैं, क्योंकि …………..
(अ) वे हरे-भरे रहते हैं।
(ब) वे ऊँचा उठना सिखाते हैं।
(क) उन्होंने लोगों को मधुर फल दिए हैं।
उत्तर :
पेड़ अपने जीवन को सफल मानते हैं, क्योंकि उन्होंने लोगों को मधुर फल दिए हैं।
प्रश्न 2.
नदियाँ प्यासी रहती हैं, क्योंकि …………..
(अ) वे अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं।
(ब) उनकी प्यास पानी से नहीं बुझती।।
(क) उन्होंने प्यासी रहने का व्रत लिया है।
उत्तर :
नदियाँ प्यासी रहती हैं, क्योंकि वे अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं।
प्रश्न 3.
चाँद की कोई बहन नहीं है, फिर भी …………..
(अ) वह सभी स्त्रियों का भाई है।
(ब) वह राखी बँधवाता है।
(क) बच्चे उसे ‘मामा’ कहते हैं।
उत्तर :
चाँद की कोई बहन नहीं है, फिर भी बच्चे उसे ‘मामा’ कहते हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
वृक्ष किस तरह सफल हुए हैं?
उत्तर :
वृक्ष लोगों को फल देकर सफल हुए हैं।
प्रश्न 2.
पेड़ हमें किस तरह सुखी बनाते हैं?
उत्तर :
पेड़ हमें अपने फल, फूल, जड़, छाल और बीज देकर सुखी बनाते हैं।
प्रश्न 3.
पर्वत किनके उद्गम-स्थल हैं?
उत्तर :
पर्वत नदियों और झरनों के उद्गम-स्थल हैं।
प्रश्न 4.
नदी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
नदी की यह विशेषता है कि वह अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं।
प्रश्न 5.
नदी का पानी किस काम आता है?
उत्तर :
नदी का पानी खेत सींचने, नाव चलाने तथा प्राणियों, पंछियों को पीने के काम आता है।
प्रश्न 6.
तरबूज बाहर और अंदर से कैसा होता है?
उत्तर :
तरबूज बाहर से हरा और अंदर से लाल तथा रसभरा होता है।
प्रश्न 7.
दोनों हाथों की क्या विशेषता है?
उत्तर :
दोनों हाथों की यह विशेषता है कि वे पक्के मित्र होकर भी आपस में कभी बातें नहीं करते।
प्रश्न 8.
चाँद का आकार कैसा होता है?
उत्तर :
चाँद का आकार कभी पतला, कभी मोटा और कभी गेंद की तरह गोल होता है।
प्रश्न 9.
चिड़िया की क्या विशेषता है?
उत्तर :
चिड़िया की यह विशेषता है कि वह जरा भी आलस नहीं करती और हमेशा कुछ-न-कुछ करती रहती है।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
पर्वत अपने बारे में क्या कहते हैं?
उत्तर :
पर्वत कहते हैं कि हम पत्थरों के जंगल जैसे हैं। तन के साथ हमारा मन भी ऊँचा है। हमसे ही नदियाँ और झरनों का जन्म होता है। हम इस भूतल के रखवाले हैं।
प्रश्न 2.
नदियाँ अपने बारे में क्या कहती हैं?
उत्तर :
नदियाँ कहती हैं कि हम अपना पानी स्वयं नहीं पीतीं। पानी से भरी होकर भी हम प्यासी रहती हैं। हम सारी दुनिया को पानी देती हैं। हमारे पानी से खेत सींचे जाते हैं। नाविक हमारे पानी में नावें चलाते हैं। हम मनमाने ढंग से बहती हैं।
प्रवृत्तियाँ
(1) चित्र में पर्वत से निकलती नदी दिखाइए।
(2) चित्र में आकाश में उड़ती हुई चिड़िया दिखाइए।
(3) चंद्रमा के तीन चित्र बनाइए :
1. दूज का चाँद
2. अष्टमी का चाँद
3. पूनम का चाँद
राजा का हिस्सा Summary in Hindi
(1) पत्थर का वन ……… रखवारे ।
हमें आप ‘पत्थरों का जंगल’ कह सकते हैं। हमारा मन बहुत विशाल है। हम पर बहुत-से पेड़ उगते हैं। हम नदियों और झरनों के उद्गम (जन्मस्थान) हैं। हम धरती की रक्षा करते हैं।
(2) स्वयं न पीती ……….. मनमानी।
मैं अपना पानी स्वयं नहीं पीती। मैं खुद प्यासी रहकर संसार भर को अपना पानी देती हूँ। मेरे पानी से खेत सींचे जाते हैं। मेरे पानी में नावें चलती हैं। मैं अपने मन माने ढंग से बहती रहती हूँ।
(3) फल देकर …………. बनाते हैं।
हम सबको फल देते हैं। सबको फल देने में ही हमारे जीवन की सफलता है। हम हरेभरे हैं और हरियाली फैलाते हैं। अपने फूल, कलियाँ, जड़, छाल और बीज देकर हम सबको सुखी बनाते हैं।
(4) हम दोनों …………….. बात।
हम दोनों पक्के मित्र हैं। हम अनोखे काम करते रहते हैं। हमारे प्रत्येक के साथ पाँचपाँच सेवक रहते हैं। लेकिन वे आपस में कभी बातें नहीं करते।
(5) कभी हूँ …………….. मामा हूँ।
मैं कभी पतला और कभी मोटा हो जाता हूँ। कभी मेरा आकार गेंद जैसा हो जाता है। मेरी कोई बहन नहीं है, फिर भी बच्चे मुझे ‘मामा’ कहते हैं।
(6) बड़े सवेरे ………… करती हूँ मैं।
मैं सुबह बहुत जल्दी उठ जाती हूँ। मैं आकाश की सैर करती हूँ। मैं जरा भी आलस नहीं करती। मैं हमेशा कुछ-न-कुछ करती रहती हूँ।
(7) तन है मेरा …………. हाल ।
मेरा शरीर हरे रंग का है। अंदर से मैं लाल रंग का हूँ और हमेशा रस से भरा रहता हूँ। गर्मी में मैं पहले लोगों की प्यास बुझाता हूँ और फिर उनका हाल-चाल पूछता हूँ। तरबूज |
राजा का हिस्सा Summary in English
(1) You may tell us the jungle (forest) of stones. Our Cet a gli heart is vast. Many trees grow on us. We are the source of streams and rivers. We protect the earth. Mountain
(2)I never drink my water myself. I myself remain thirsty and provide water to the whole world. Fields are irrigated by my water. Boats sail on the surface of my water. I flow away according to my own wish. River
( 3 ) We give fruits to all. It is our success of life that we give fruits to all. We are healthy and spread greenary. We make others happy by giving them our flowers, nuts, roots, barks and seeds. Tree
(4) We are intimate friends. We keep on doing different works together. We each have five servants, but they never talk with one another. Two Hands
(5)I sometime become very thin and sometime become healthy. Sometime, my shape become round like a ball. I haven’t any sister, yet, children lovingly call me ‘Mama’. Moon
(6) I get up very early in the morning. I fly pleasantly in the sky. I never become idle. I always keep on doing something. Sparrow
(7) My body is green but I am red inside and I am always full of juice. In summer, first I satisfy people’s thirst and then ask them how they are. Watermelon
विषय-प्रवेश
मनोरंजन भी जीवन के लिए जरूरी है, इस पाठ में दी गईं पहेलियाँ हमारा मनोरंजन करने के साथ-साथ हमारी विचारशक्ति भी बढ़ाती हैं। इन पहेलियों को बूझने-समझने में सचमुच मजा आएगा।
शब्दार्थ (Meanings)
पहेली – समस्या; a riddle वन – जंगल; jungle, forest उगना – उत्पन्न होना; to grow नदी – सरिता; a river झरना – निर्झर; a stream घना – बहुत, सघन; thick, healthy उद्गम – उत्पत्ति का स्थान; source भू-तल – धरती का ऊपरी भाग (सतह); surface of the earth रखवारे – रखवाले; a protector मनमानी – मन के अनुसार; according to one’s wish सदाहमेशा, हरदम; always विचित्र – अनोखा; strange सेवक- नौकर; a servant सैर – भ्रमण, घूमना; travelling, sail सुस्ती – आलस; idleness, laziness तनिक – जरा, थोड़ी; little, some.
अभ्यास
1. निम्नलिखित वाक्य किसने, किससे कहा और क्यों?
प्रश्न 1.
“भले आदमी, तुम यह क्या अत्याचार कर रहे हो? भला कहीं स्त्री को भी हल में जोता जाता है?”
उत्तर :
यह वाक्य राजा भोज ने किसान से कहा, क्योंकि उसके हल में एक ही बैल था, दूसरे बैल की जगह उसकी स्त्री हल खींच रही थी।
प्रश्न 2.
“जो कहना है, मेरे साथ चलते-चलते कहो, मेरा काम क्यों रोक रहे हो?”
उत्तर :
यह वाक्य किसान ने राजा भोज से कहा, वह हल चलाना रोककर राजा से बात करना नहीं चाहता था।
प्रश्न 3.
“भले आदमी ! इस प्रकार तो तुम्हारी पत्नी थक जाएगी और थकावट की वजह से कोई दूसरा कार्य भी नहीं कर सकेगी।”
उत्तर :
यह वाक्य राजा भोज ने किसान से कहा, क्योंकि उन्हें किसान की पत्नी पर दया आ गई, जो हल में एक बैल के साथ जुती हुई थी।
प्रश्न 4.
“ये मोती तुम्हारे खेत में उगे हैं, इन पर तुम्हारा हक है।” ।
उत्तर :
यह वाक्य राजा भोज ने किसान से कहा, क्योंकि किसान के खेत में पैदा हुए मोतियों का स्वीकार करना उन्होंने उचित नहीं समझा।
प्रश्न 5.
“नहीं, महाराज, आप इन्हें राजकोष में जमा कर लें और गरीबों की भलाई के लिए काम में लें।”
उत्तर :
यह वाक्य किसान ने राजा भोज से कहा, क्योंकि मोती राजा के परिश्रम से ही उसके खेत में उगे थे, इसलिए उन मोतियों पर किसान का हक नहीं था।
2. पढ़िए और चर्चा कीजिए :
जब कोई आधा वर्ण एक वर्ण के साथ मिलता है, तो उसे संयुक्ताक्षर कहते हैं। जैसे
(1) लड़के विद्यालय में पढ़ते हैं।
(संयुक्ताक्षर : द्य = द् + य = विद्यालय)
एक ब्राह्मण पूजा कर रहा था।
(संयुक्ताक्षर : ह्म = ह् + म = ब्राह्मण)
द् + य = द्य – विद्या
द् + व = द्व- द्वार
द् + ध = द्ध – शुद्ध
ह + न = ह्र – चिह्न
ह् + म = ह्म – ब्राह्मण
द् + द = ६ – उद्देश्य
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
किसान खेती के लिए किन-किन साधनों का उपयोग करता हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
किसान खेती के लिए हल, बैल, ट्रेक्टर, कुदाल, फावड़ा, हँसिया आदि साधनों का उपयोग करता है।
प्रश्न 2.
किसान खेती करके कौन-कौन-सी फसलें पैदा करता है?
उत्तर :
किसान खेती करके रबी और खरीफ की फसलें पैदा करता है। रबी की फसल में गेहूँ, जौ, चना, सरसों आदि का उत्पादन होता है। खरीफ की फसल में ज्वार, बाजरा, दालें, चावल, गन्ना आदि की पैदावार होती है।
प्रश्न 3.
आपके गाँव के आसपास में कौन-सी फसलें ज्यादा पैदा होती हैं?
उत्तर :
मेरे गाँव के आसपास में रबी की फसल ज्यादा होती है। इस फसल में गेहूँ, जौ, चना और सरसों पैदा होती हैं।
प्रश्न 4.
किसान हमें किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर :
किसान की मुख्य उपयोगिता गाँव में होनेवाली खेती में हैं। खेती करके वह तरह-तरह के अनाज और सब्जियाँ पैदा करता है। किसान मूंगफली और गन्ने की फसलें भी उगाता है। उसके द्वारा उत्पन्न अनाज, सब्जियाँ आदि चीजें बाज़ार में बिकने के लिए आती हैं।
प्रश्न 5.
क्या आप किसान बनना चाहेंगे? ‘हाँ’ तो क्यों, ‘नहीं’ तो क्यों?
उत्तर :
‘हाँ’, मैं किसान बनना चाहूँगा।
किसान बनने से अनेक लाभ हैं। गाँव की हवा शुद्ध होती है। पीने के लिए कुएँ या नलकूप का शीतल जल मिलता है। अपने खेत में पैदा की गई ताजी सब्जियाँ खाने को मिलती हैं। अनाज बाज़ार से खरीदना नहीं पड़ता। अपनी पालतू गाय-भैंस का ताजा दूध पीने को मिलता है। अब तो गाँव में विद्यालय और दवाखाने भी खुल गए हैं। गाँव में बिजली भी आ गई है। इसलिए अब गाँवों में पहले जैसी असुविधाएँ नहीं हैं। इन्हीं कारणों से मुझे किसान बनना पसंद है।
प्रश्न 6.
आप बैलगाड़ी में बैठकर घूमना चाहेंगे या मोटरगाड़ी में? क्यों?
उत्तर :
यों तो मोटरगाड़ी में घूमना मुझे पसंद है, परंतु वर्तमान परिस्थितियों में मुझे बैलगाड़ी ही ज्यादा उचित लगती है। पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इनकी आपूर्ति पर भी ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। आए दिन मोटरगाड़ियों की दुर्घटनाएं होती रहती हैं। बैलगाड़ी की यात्रा अधिक मजेदार, सस्ती और सुरक्षित है। अतः मैं बैलगाड़ी में बैठकर घूमना चाहूँगा।
प्रश्न 7.
पशु हमारे मित्र हैं।’ – इस विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर :
(अनिल, सुनील, साहिल और हर्षिल नामके लड़के बगीचे में बैठे हैं, ‘पशु हमारे मित्र हैं।’ इस विषय में उनमें चर्चा हो रही है।)
3. सही जोड़ मिलाइए :

(1) आँख खुलना – सही बात का ज्ञान होना
(2) आँख लगना – एकदम से सो जाना।
(3) आँख चुराना – सही बात से टल जाना
(4) आँख दिखाना – क्रोध करना
(5) आँखों का तारा होना – बहुत प्रिय होना
(6) आँखों में चमक आना – प्रसन्न होना
4. उपर्युक्त मुहावरों का वाक्य-प्रयोग कीजिए :
(1) आँख खुलना – व्यवसाय में नुकसान होते ही सेठजी की आँख खुल गई।
(2) आँख लगना – बिस्तर पर लेटते ही मेरी आँख लग गई।
(3) आँख चुराना – कुछ कारण जरूर है, इसलिए वह मुझसे आँख चुरा रहा है।
(4) आँख दिखाना – जरा-सी गलती होने पर ही आप मुझे आँखें दिखाने लगे।
(5) आँखों का तारा होना – उदय अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
(6) आँखों में चमक आना – प्रिय मित्र को देखते ही साहिल की आँखों में चमक आ गई।
5. निम्नलिखित शब्द विशेषण हैं, उन शब्दों का वाक्य-प्रयोग कीजिए :
एक, प्रजा-वत्सल, बड़ा, होनहार, मीठा, मेहनती
(1) एक – किसान के पास एक बैल था।
(2) प्रजा-वत्सल – आदर्श राजा प्रजा-वत्सल होता है।
(3) बड़ा- रोमिल साहिल का बड़ा भाई है।
(4) होनहार – सचमुच, तुम होनहार लड़के हो।
(5) मीठा – कोयल का स्वर मीठा होता है।
(6) मेहनती – भारत के किसान मेहनती हैं।
6. नीचे दिए गए चित्र का वर्णन कीजिए और लिखिए :

इस चित्र में एक समृद्ध गाँव का दृश्य है। गाँव में कुछ पक्के मकान और कुछ साधारण घर हैं। गाँव में एक मंदिर है। उसके शिखर पर ध्वजा फहर रही है। गाँव के बाहर एक पक्का कुआँ है। कुएँ से कुछ दूर एक बैल खड़ा है। गाँव में जाने का रास्ता साफ-सुथरा है। एक लड़का और एक लड़की गाँव में जा रहे हैं। चित्र में एक ओर गाँव से लगे हुए खेत हैं। एक खेत में तैयार फसल दिखाई दे रही हैं। पौधों पर बालियाँ हैं। खेत में बैठे हुए व्यक्ति के हाथ में हसिया है। दूसरे खेत में धान के पौधे हैं। खेतों के आसपास पेड़ लगे हुए हैं। इस प्रकार चित्र में दिखाया गया गाँव सचमुच सुंदर है।
7. (अ) निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
राजा भोज ने रथ रोका और किसान के पास जाकर कहा, “भले आदमी! तुम यह क्या अत्याचार कर रहे हो? भला कहीं स्त्री को भी हल में जोता जाता है?”
उत्तर :
The King Bhoj stopped his chariot. He went to the farmer and said, “O kind man! How cruel you have been! Have you seen a woman anywhere pulling a plough ?”
(ब) बक्से में जो शब्दकार्ड हैं, उनको शब्दकोश के क्रम में लिखिए।
उत्तर :
किसान, खेत, प्रजा, प्रसन्न, फसल, बैल, राजा, स्त्री।
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
पंचतंत्र की कहानियाँ पढ़िए। जो कहानी सबसे अच्छी लगे उसे अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर :
एक ब्राह्मण और तीन ठग|
एक ब्राह्मण था। उसके पास एक मोटा ताजा बकरा था। ब्राह्मण ने सोचा, ‘मैं इस बकरे को बाज़ार में बेच दूँ ताकि कुछ पैसे मिले।’
एक दिन वह बकरे को कंधे पर लादकर बाज़ार में जाने के लिए निकला। उसे तीन ठगों ने देख लिया। उन्होंने ब्राह्मण से बकरा लेने का निश्चय किया। तीनों ठग ब्राह्मण के रास्ते में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर खड़े हो गए।
जैसे ही ब्राह्मण पहले ठग के पास पहुँचा, उसने कहा, “अरे, आप तो ब्राह्मण हैं फिर इस कुत्ते को कंधे पर लादकर कहाँ जा रहे हैं?” ब्राह्मण ने कहा, “भाई, यह कुत्ता नहीं, बकरा है। मैं इसे बाज़ार में बेचने जा रहा हूँ।”
आगे बढ़ने पर ब्राह्मण को दूसरा ठग मिला। उसने ब्राह्मण से कहा, “अरे रे, आप किसे कंधे पर लादकर ले जा रहे हैं? ब्राह्मण होकर कुत्ते को कंधे पर उठाने में आपको शर्म नहीं आती?” ब्राह्मण ने कहा, अरे, यह कुत्ता नहीं, बकरा है। मैं इसे बाज़ार में बेचने के लिए जा रहा हूँ।”
ब्राह्मण थोड़ा और चला तो उसे तीसरा ठग मिला। वह बोला, “छिः। छिः। कैसे ब्राह्मण हो, जो एक कुत्ते को कंधे पर उठाकर जा रहे हो? धिक्कार है तुम्हें !” ब्राह्मण ने उस ठग से कहा कि वह कुत्ते को नहीं, बकरे को ले जा रहा है। अब ब्राह्मण के मन में शंका हुई। उसने सोचा, ‘जब तीन-तीन व्यक्ति इसे कुत्ता बता रहे हैं, तो यह अवश्य ही कुत्ता होगा।’ ऐसा सोचकर उसने बकरे को नीचे जमीन पर उतार दिया और घर की राह पकड़ी। तीनों ठग बकरा लेकर चंपत हो गए।
प्रश्न 2.
आपके शरीर के अंगों से संबंधित कई मुहावरे हैं। उनको पाठ्यपुस्तक या पुस्तकालय की किताबों से ढूँढ़कर सूची बनाइए :
उत्तर :
(1) कान-कान देना, कान लगाना, कान कतरना, कान पर जॅ न रेंगना।
(2) आँख – आँख आना, आँख जाना, आँख लगना।
(3) दाँत – दाँत दिखाना, दाँत पीसना, दाँत खट्टे करना।
(4) गला – गले लगाना, गला कटना, गला घोंटना।
(5) बाँह – बाँह फड़कना, बाँह पकड़ना, बाँह देना।
(6) हाथ – हाथ आना, हाथ लगना, हाथ जोड़ना ।
(7) घुटना – घुटने टेकना, घुटने में सिर देना।
(8) पैर – पैर उखड़ना, पैर जमना, पैर तोड़कर बैठनां ।
(9) माथा – माथा ठनकना, माथा टेकना, माथा-पच्ची करना।
(10) अँगूठा – अंगूठा दिखाना, अँगूठा चूमना, अँगूठे पर मारना।
(11) पेट – पेट काटना, पेट पालना।
(12) बाल-बाल-बाल बचना, बाल बाँका न होना।
(13) सिर – सिर पीटना, सिर झुकाना।
(14) पीठ- पीठ दिखाना, पीठ फेरना।
(15) कमर – कमर तोड़ना, कमर टूटना, कमर सीधी करना।
(16) ओठ- ओठ चबाना, ओठ चाटना, ओठ काटना, ओठ फड़कना, ओठ कॉपना।
(17) पलक – पलक न लगना, पलक बिछाना, पलक पसीजना, पलक मारना।
(18) जबान – जबान काटना, जबान खींचना, जबान देना, जबान बंद करना, जबान पर लगाम न होना।
प्रश्न 3.
शब्दकोश का उपयोग करके नीचे दिए गए वर्गों से शुरू होनेवाले शब्द लिखिए :
उत्तर :
(1) त : तंबू, तट, तत्काल।
(2) न : नकल, नक्षत्र, नगर ।
(3) भ : भलाई, भरण, भवन।
(4) ष : षट्, षष्टि, षोडश।
(5) प्र : प्रकाश, प्रणव, प्रणाम।
(6) त्र : त्राण, त्रय, त्राटक।
(7) ज्ञ : ज्ञाता, ज्ञान, ज्ञानोदधि।
(8) क्ष : क्षत्रिय, क्षति, क्षण ।
प्रश्न 4.
आपके गाँव की खेती में क्या-क्या उत्पादन हुआ और उसे बेचने की व्यवस्था कहाँ है? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
हमारे गाँव में गेहूँ, चना और सरसों की पैदावार विपुल मात्रा में होती है। किसान अपने उपयोग के लिए इनकी कुछ मात्रा रखकर बाकी उत्पादन बेच देते हैं।
(करन, बलवीर और सूरज किसानों के बेटे हैं। वे इस संबंध में आपस में बातचीत कर रहे हैं।)
करन : इस बार तो हमारे खेतों में सचमुच सोना बरसा है। इतना अनाज तो अपने यहाँ मैंने कभी नहीं देखा।
बलवीर : हमारे खेत में भी इतना चना हुआ है कि घर में रखने की जगह नहीं है।
सूरज : अरे भाई, तो यह सारा अनाज घर में थोड़े ही रखा जाएगा। इसे बाज़ार में बेच दिया जाएगा।
करन : अनाज की मंडी हमारे गाँव से कुछ दूरी पर है। हम गेहूँ के बोरे एक ट्रक में भरकर ले जाएँगे।
बलवीर : हाँ, खेती का यही तो फायदा है। खेती किसानों को धन देती है और किसान देश को अनाज देते हैं।
Hindi Digest Std 6 GSEB राजा का हिस्सा Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
राजा भोज किस पर सवार होकर राज्य का भ्रमण कर रहे थे?
A. रथ पर
B. बैलगाड़ी पर
C. हाथी पर
D. ऊँट पर
उत्तर :
A. रथ पर
प्रश्न 2.
खेत किससे जोता जाता है?
A. फावड़े से
B. हल से
C. कुदाली से
D. कुल्हाड़ी से
उत्तर :
B. हल से
प्रश्न 3.
अपने काम के प्रति किसान की कैसी भावना थी?
A. धुन
B. घृणा
C. उपेक्षा
D. लगन
उत्तर :
D. लगन
प्रश्न 4.
खेत में मोती की फसल देखकर किसान को …………….. हुआ।
A. दुःख
B. सुख
C. आश्चर्य
D. दर्द
उत्तर :
C. आश्चर्य
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(दिक्कत, उमदा, भ्रमण, चरणों, काम)
उत्तर :
(1) एक दिन राजा भोज राज्य का भ्रमण करने के लिए निकले थे।
(2) मगर इतनी देर मुझे अपना काम रोकना पड़ेगा।
(3) अगर कभी कोई दिक्कत हो तो मेरे पास आना।
(4) बाकी के हिस्से में उमदा किस्म के गेहूँ उगे थे।
(5) किसान ने सारे मोती राजा के चरणों में रख दिए।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
स्त्री को हल में जोतना राजा को ……………
(अ) रिवाज के विरुद्ध लगा।
(ब) मनमानी करने जैसा लगा।
(क) अत्याचार के समान लगा।
उत्तर :
स्त्री को हल में जोतना राजा को अत्याचार के समान लगा।
प्रश्न 2.
राजा की बात सुनने के लिए किसान ………….
(अ) थोडी देर रुक गया।
(ब) अपना काम रोकना नहीं चाहता था।
(क) उसके पास गया।
उत्तर :
राजा की बात सुनने के लिए किसान अपना काम रोकना नहीं चाहता था।
प्रश्न 3.
किसान की पत्नी रानी के पास गई, क्योंकि ………………..
(अ) उसे रानी से एक बैल लाना था।
(ब) उसे रानी से पति की शिकायत करनी थी।
(क) उसे पीने का पानी देना था।
उत्तर :
किसान की पत्नी रानी के पास गई, क्योंकि उसे रानी से एक बैल लाना था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
राजा भोज प्रजा की कठिनाइयों का पता कैसे लगाते थे?
उत्तर :
राजा भोज स्वयं राज्य में घूम-घूमकर प्रजा की कठिनाइयों का पता लगाते थे।
प्रश्न 2.
किसान ने हल में पत्नी को क्यों जोता था?
उत्तर :
किसान ने हल में पत्नी को जोता था, क्योंकि उसका एक बैल मर गया था और नया बैल खरीदने के लिए उसके पास धन नहीं था।
प्रश्न 3.
किसान राजा का बैल लाने के लिए खुद तैयार क्यों नहीं हुआ?
उत्तर :
किसान राजा का बैल लाने के लिए खुद तैयार नहीं हुआ, क्योंकि राजा का बैल आने तक अपना काम रोकना उसे मंज नहीं था।
प्रश्न 4.
रानी ने किसान की पत्नी को राजा के दोनों बैल क्यों दे दिए?
उत्तर :
रानी ने किसान की पत्नी को राजा के दोनों बैल दे दिए, क्योंकि किसान का कमजोर बैल राजा के बैल का साथ नहीं दे सकता था।
प्रश्न 5.
राजा भोज किसान से मोतियों का स्वीकार क्यों नहीं कर रहे थे?
उत्तर :
राजा भोज किसान से मोतियों का स्वीकार नहीं कर रहे थे, क्योंकि उनके अनुसार वे मोती किसान के खेत में उगे थे, इसलिए वही उनका सही- हकदार था।
प्रश्न 6.
किसान मोतियों को अपने पास क्यों नहीं रखना चाहता था? ।
उत्तर :
किसान मोतियों को अपने पास नहीं रखना चाहता था, क्योंकि उसके अनुसार वे मोती राजा के परिश्रम से उत्पन्न हुए थे, इसलिए राजा ही उनका सही मालिक था।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए :
प्रश्न 1.
राजा भोज अपना एक बैल किसान को क्यों देना चाहते थे?
उत्तर :
राजा भोज बड़े दयालु थे। किसान ने अपने हल में दूसरे बैल की जगह अपनी पत्नी को जोता था। यह देखकर उन्हें किसान की पत्नी पर दया आई। किसान गरीब था। वह अपना बैल मर जाने पर नया बैल खरीदने में असमर्थ था। खेत की जुताई करना भी बहुत जरूरी था। इसलिए राजा भोज अपना एक बैल किसान को देना चाहते थे।
प्रश्न 2.
किसान मोतियों को राजा के पास क्यों ले गया?
उत्तर :
किसान ने देखा कि खेत के जितने हिस्से को राजा ने जोता था, उसमें मोती उगे थे। किसान ने सोचा कि ये मोती राजा के ही परिश्रम से उगे हैं। इन पर राजा का ही अधिकार है। उन मोतियों को अपना मानना उसे किसी तरह उचित न लगा। इसलिए किसान उन मोतियों को राजा के पास ले गया।
प्रवृत्तियाँ
(1) किसी प्रजा-वत्सल राजा की कहानी या घटना अपनी कक्षा में सुनाइए।
(2) खेती के काम में आनेवाले चार औजारों का चित्रांकन कीजिए।
राजा का हिस्सा Summary in English
The King Bhoj loved his subjects very much. He himself would disguise and wander among the people, know their difficulties and try to remove them as much as possible. One day the King was wandering in the state with his queen in his chariot.
They had reached far away from the capital. They saw that a farmer was ploughing his field, but there was only one bullock that was pulling the plough and the other was farmer’s wife in place of the other bullock.
The King Bhoj stopped his chariot. He came to the farmer and said, “O kind man! How cruel you are ! Have you seen a woman pulling a plough anywhere ?”
“My one bullock has been died. I have no money to buy another bullock. If the field is not ploughed in time, what will I eat then ?” saying this the farmer continued his work again. He did not know the person who was talking to him. The King said, “O Brother, please listen to me.”
“Anything that you want to tell me, tell me while walking with me. Why do you stop my work ?” said the farmer.
The King Bhoj began to walk with him. The King Bhoj was impressed by the farmer doing his work sincerely. He said, “O kind man! In this way your wife will be tired and so she will not be able to do any other work.”
The farmer said, “Then tell me, please, what else can I do?”
The King said, “Come with me. I will give you one of my bullocks.”
“But I will have to stop my work till then. You yourself go and bring your bullock !” said the farmer.
“All right. Do as I suggest. Send your wife to the chariot. She will bring a bullock from my wife. I will pull your plough till she returns.” said the king.
The farmer agreed. The King Bhoj joined the plough and the farmer’s wife went to the chariot. She told everything to the queen. After listening the whole story of the farmer’s wife, the queen said, “Your bullock may be weak. It cannot do with our bullock. So you take both our bullocks with you.” The farmer’s wife reached the field with the two bullocks. The farmer became very happy. The King Bhoj said, “If you have any difficulty, please come to me.” Saying this the King Bhoj introduced himself to the farmer. Listening to the king, the farmer felt very much ashamed.
Then the farmer repeatedly begged pardon of the king. The king was pleased and he went In that season the farmer had a very good crop in his field. Pearls had grown in the part of the field where the King Bhoj had pulled the plough. The farmer was astonished when he saw pearls in his field. High quality of wheat had grown in the rest part of the field.
The farmer became very happy. The farmer collected all the pearls and went to the King Bhoj. He offered all the pearls to the king and told him the whole story.
The king said, “These pearls have grown in your field. So they are yours. Keep them for yourself.” “No, Your Majesty, this is a magic of your hard work. So I can’t take them. I request you that please deposit the pearls in the treasure of the state, and use them for the welfare of the poor.” pleaded the farmer. The king was pleased very much when he heard the farmer’s request and he accepted the pearls.
विषय-प्रवेश
आदर्श राजा हमेशा अपनी प्रजा की भलाई में लगा रहता है। वह स्वयं राज्य में घूमता है और लोगों से मिलता है। प्रजा के दु:ख दूर करने के लिए वह सदा तैयार रहता है। राजा भोज ऐसे ही आदर्श राजा थे। इस पाठ में उनके प्रजाप्रेम का एक प्रसंग दिया गया है।
शब्दार्थ (Meanings)
प्रजा-वत्सल – प्रजाप्रेमी; to love one’s subjects स्वयं – खुद; oneself यथासंभव – जहाँ तक संभव हो; as much as possible भ्रमण करना – घूमना; to wander अत्याचार – जुल्म; cruelty पुनः – फिर से, दोबारा; again लगन – प्रेम, रुचि; attraction, love प्रभावित होना – असर पड़ना; to be impressed थकावट – थकान; exhaustion वजह – कारण; cause राजी होना – प्रसन्न होना, (यहाँ) स्वीकार करना; to be pleased, (here) to accept कमजोर – निर्बल, अशक्त; weak, disable दिक्कत – परेशानी, बाधा; difficulty, obstruction शर्मिंदा – लज्जित; ashamed of क्षमा – माफी; pardon हिस्सा – भाग; a share उमदा – उत्तम; noble किस्म – प्रकार; kind प्रताप – परिणाम, फल; result, fruit राजकोष – राजा का खजाना; a treasure of the king
मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग
(1) पता होना – मालूम होना
वाक्य : हमें उसकी करतूतों के बारे में पता है।
(2) आश्चर्य का ठिकाना न रहना – बहुत आश्चर्य होना
वाक्य : जादू के खेल देखकर हमारे आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
सूरज की किरणें क्या करती हैं?
उत्तर :
सूरज की किरणें रोज पृथ्वी पर आती हैं और अंधकार को दूर भगाकर सारे संसार को प्रकाशित करती हैं।
प्रश्न 2.
दीपक से आप क्या सीखते हैं?
उत्तर :
दीपक हरदम जलता रहता है। यह अपने आपको जलाकर दूसरों को प्रकाश देता है। उससे हमें यह सीख मिलती है कि हम कष्टों से न घबराएँ। हम खुद कष्ट सहकर ही दूसरों के कष्ट दूर कर सकते हैं।
प्रश्न 3.
रेशमा ने अपनी माँ के काम में किस तरह मदद की?
उत्तर :
रेशमा की माँ ने बरतन और डिब्बे उतारकर साफ कर दिए थे। रेशमा ने डिब्बे पर लेबल लगाए। फिर वह एक-एक बरतन और डिब्बा माँ को पकड़ाती गई और माँ उन्हें व्यवस्थित ढंग से रखती गई। इस प्रकार पहियेदार कुर्सी पर बैठेबैठे रेशमा ने माँ की मदद की।
प्रश्न 4.
माँ ने रेशमा को बाज़ार क्यों भेजा?
उत्तर :
माँ को लड्डू बनाने के लिए कुछ सामान की जरूरत थी। पिताजी दफ्तर चले गए थे। बेटा गोलू अभी बहुत छोटा था। दादा और दादी बहुत बुजुर्ग थे। माँ को परेशान देखकर रेशमा ने माँ से कहा कि आप मुझे सामान की सूची और एक थेली दे दीजिए। सामान मैं ले आऊँगी। रेशमा की आवाज में दृढ़ता थी। वह पहले भी एक बार सामान ला चुकी थी। इसलिए रेशमा पर भरोसा करके माँ ने उसे बाज़ार भेजा।
प्रश्न 5.
राजा भोज किसान से क्यों प्रभावित हुए?
उत्तर :
किसान के पास एक ही बैल था, इसलिए वह दूसरे बैल की जगह अपनी पत्नी को हल में जोतकर हल चला रहा था। राजा भोज चाहते थे कि वह थोड़ी देर के लिए हल चलाना रोककर उनकी बात सुने। तब किसान ने कहा कि उनकी बात सुनने के लिए वह अपना काम नहीं रोकेगा। यदि वे कुछ कहना चाहते हैं तो हल के साथ चलते-चलते कहें।
अपने काम के प्रति किसान की यह लगन देखकर राजा भोज उससे बहुत प्रभावित हुए।
2. कोष्ठक में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(कि, जिसने, और, के लिए, इसलिए, आप)
उत्तर :
(1) यह वही लड़का है जिसने कल गीत गाया था।
(2) अध्यापकजी ने बताया कि कल विद्यालय में अवकाश रहेगा।
(3) उसने बेईमानी की इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया।
(4) निर्धारित तिथि और नक्षत्र में मुझे विशेष जड़ीबूटियों को लाने के लिए घने वन में जाना होगा।
3. निम्नलिखित वर्षों से प्रारंभ होनेवाले अन्य शब्द बनाइए :
अ-आम, आग, आशिष, अमृत, अनिल।
ह – हितेश, हेमा, होली, हौसला, होश ।
म – माँ, महीना, महेश, महल, मौका।
द – दाग, दाल, देवता, दौलत, दीवार ।
ब – बचपन, बगीचा, बारिश, बादल, बोली।
द्व -द्वार, द्वारिका, द्वादशी, द्वापर, द्वारा।
4. समान तुकवाले शब्द बनाइए :
दुर्गुण – निर्गुण, सद्गुण, अवगुण, प्रगुण, बहुगुण
सुनकर – पढ़कर, चलकर, लिखकर, हँसकर, जलकर
5. अपने मित्रों के साथ आप किसी-न-किसी मेले में गये होंगे, उसका वर्णन अपने शब्दों में लिखिए :
मेले में एक घंटा
मेरे गाँव के पास एक नदी है। नदी के किनारे भगवान शिव का मंदिर है। हर साल सावन के महीने के पहले सोमवार को यहाँ मेला लगता है। इस साल मैं अपने मित्र कमल के साथ उस मेले में गया था।
मेले में आसपास के गाँवों से बहुत-से लोग आए हुए थे। मेले में चारों ओर दुकानें सजी हुई थीं। कई लोग मिठाइयाँ खरीद रहे थे। कपड़े, बर्तन और चूड़ियों की दुकानों पर महिलाओं की भारी भीड़ थी। बच्चे बहुत खुश दिखाई दे रहे थे, मानो यह मेला उन्हीं के लिए लगा हो। कई बच्चे खिलौने खरीद रहे थे। कुछ झूला झूल रहे थे। कई लोग जादूगर और मदारी के खेल देख रहे थे। हमें मेले में बहुत मजा आया। हमने मेले में रसगुल्ले खाए। हम झूले पर भी खूब झूले। फिर थोड़ी देर तक इधर-उधर घूमकर घर की तरफ रवाना हुए।
6. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) आँखों का तारा होना – बहुत प्यारा होना
वाक्य : छोटा गोलू अपनी माँ की आँखों का तारा है।
(2) माथा ठनकना – अनिष्ट की आशंका होना
वाक्य : अचानक पुलिस को दुकान में आते देखकर सेठजी का माथा ठनका।
(3) अनसुनी करना – ध्यान न देना
वाक्य : दुराचारी पुत्र ने पिता की बात अनसुनी कर दी।
(4) मन डोलना – विचलित होना, लालच उत्पन्न होना
वाक्य : अपार धनराशि देखकर उसका मन डोल गया।
7. निम्नलिखित वाक्यों का वचन-परिवर्तन करके फिर से लिखिए :
(1) नदी बहती है।
(2) महिलाएँ पूजा कर रही हैं।
(3) पेड़ पर कबूतर बैठा है।
(4) उसने खाना खा लिया है।
(5) वे आ रहे हैं।
उत्तर :
(1) नदियाँ बहती हैं।
(2) महिला पूजा कर रही है।
(3) पेड़ पर कबूतर बैठे हैं।
(4) उन्होंने खाना खा लिया है।
(5) वह आ रहा है।
8. निम्नांकित संकेतों को पहचानकर उनके नाम लिखिए :
उत्तर :
(1) खतरा
(2) आगे बम्प है
(3) रेलवे फाटक
(4) पेट्रोल पंप
9. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों का भावार्थ लिखिए :
दीपक को देखो कैसे यह हरदम जलता रहता है। अपना अंतर जला-जलाकर रोशन जग को करता है।
उत्तर :
दीपक को देखो। वह हरदम कैसे जलता रहता है! वह अपना हृदय जलाता रहता है, लेकिन दुनिया को उजाला देता है।
10. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) सूरज (2) धरती (3) पेड़ (4) किसान (5) फसल
उत्तर :
(1) सूरज – सूरज हमें प्रकाश देता है।
(2) धरती- हम सब धरती माँ के बच्चे हैं।
(3) पेड़-पेड़ हमारे मित्र हैं।
(4) किसान – किसान खेती करता है।
(5) फसल – इस साल फसल अच्छी हुई है।
इतनी शक्ति हमें देना…. अभ्यास
1. प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
‘मन का विश्वास कमज़ोर हो ना’ ऐसा कवि क्यों कहते हैं?
उत्तर :
लोग भगवान की शक्ति पर विश्वास करते हैं। वे मानते हैं कि भगवान दयालु है, सबका रक्षक है। भगवान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। आज दुनिया में अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। साधारण आदमी उन्हें रोकने में असमर्थ है।
इन अत्याचारों का अंत होता दिखाई नहीं देता। कवि भगवान से प्रार्थना करता है कि ऐसे समय में वे अपनी शक्ति का परिचय दें, ताकि उनके प्रति लोगों का विश्वास कम न हो।
प्रश्न 2.
धरती पर हर तरफ क्या है? क्यों है?
उत्तर :
धरती पर हर तरफ जुल्म और बेबसी है। हर आदमी डरा-डरा-सा है। कोई ऐसी शक्ति दिखाई नहीं देती जो अत्याचारियों का सामना करे और उन्हें लोगों को सताने से रोके।
प्रश्न 3.
हम जगत में क्या अर्पण करना चाहते हैं? क्यों?
उत्तर :
हम जगत में सुख, शांति और मैत्रीभाव अर्पण करना चाहते हैं। आज जगत में बुराइयाँ बढ़ रही हैं। जीवन में सुख-शांति का अभाव है। लोग एक-दूसरे के शत्रु बन रहे हैं। वे एक-दूसरे से बदला लेने के लिए तत्पर हैं। इसलिए इस अशांत और द:खी जगत को हम सुख, शांति, प्रेम और मैत्री अर्पण करना चाहते हैं।
प्रश्न 4.
हम सभी को क्या बाँटना चाहते हैं? क्यों?
उत्तर :
हम सभी को खुशियों के फूल बाँटना चाहते हैं।
अपने आसपास के लोगों को सुखी बनाना हमारा कर्तव्य है। उनको आनंदित देखकर हमें भी आनंद होगा। उनके जीवन में काँटे होंगे तो उन काँटों की चुभन हम भी महसूस करेंगे। इस दर्द से बचने के लिए हम उन सबको खुशियों के फूल बाँटेंगे।
प्रश्न 5.
‘सब का जीवन भी बन जाये मधुबन’ का भावार्थ क्या है?
उत्तर :
‘मधुबन’ का अर्थ है – वह बगीचा जिसमें सुंदर और खुशबूदार फूल खिले हों। हमें सबको खुशियों के फूल बाँटने चाहिए। ये फूल पाकर लोगों के चेहरों पर उदासी नहीं रहेगी। उनका मन प्रसन्नता से भर जाएगा। वे आनंद और उल्लास का अनुभव करेंगे। इस प्रकार उनका जीवन सुखी बन जाएगा।
2. नीचे दिए गए खाली स्थानों में उचित शब्द भरते हुए वाक्यों को पूरा कीजिए : [क्योंकि, ताकि, और, कि, लेकिन, फिर भी, या]
प्रश्न :
(1) राधा पढ़ने में तेज़ है ………………………………………… खेल में नहीं।
(2) रोहित बहुत तेज़ भागा ………………………………………… वह गाड़ी पकड़ना चाहता था।
(3) सुरेश को बुखार था, ………………………………………… वह स्कूल आया।
(4) मैं समझता हूँ ………………………………………… वह क्या कहना चाहता है।
(5) आप चाय पसंद करेंगे ………………………………………… कॉफी?
(6) मैंने सुबह ही पढ़ाई कर ली ………………………………………… शाम को खेल सकूँ।
(7) अध्यापक रुक गए ………………………………………… लड़के के बोलने की प्रतीक्षा करने लगे।
उत्तर :
(1) राधा पढ़ने में तेज़ है लेकिन खेल में नहीं।
(2) रोहित बहुत तेज़ भागा, क्योंकि वह गाड़ी पकड़ना चाहता था।
(3) सुरेश को बुखार था, फिर भी वह स्कूल गया।
(4) मैं समझता हूँ, कि वह क्या कहना चाहता है?
(5) आप चाय पसंद करेंगे या कॉफी?
(6) मैंने सुबह ही पढ़ाई कर ली ताकि शाम को खेल सकूँ।
(7) अध्यापक रुक गए और लड़के के बोलने की प्रतीक्षा करने लगे।
3. निम्नलिखित विषय के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए चर्चा कीजिए : बारिश होनी चाहिए या नहीं?
(1) बारिश होने से धरती हरी-भरी बनती है और खेत में अच्छी फ़सल होती है।
(2) बारिश होने से कीचड़ होता है, गंदगी फैलती है, बीमारियाँ बढ़ती हैं।
उत्तर :
उदित : अब तो इस गर्मी से जितना जल्दी छुटकारा मिले उतना अच्छा! हे इन्द्र देवता, जल्दी बादलों को भेजिए और हमें आनंद दीजिए।
संकेत : क्या यार, तुम भी बादलों को बुला रहे हो! बरसात हुई नहीं कि सब जगह कीचड़ ही कीचड़।
उदित : अरे, बारिश तो भगवान का वरदान है। उससे धरती हरी-भरी बनती है और खेत में अच्छी फसल होती है। उसीसे हमें पीने का पानी मिलता है।
संकेत : पानी तो हमें कुएँ, नदी आदि से मिलता है।
उदित : छठी कक्षा में आकर भी तुम शिशु जैसी बातें करते हो। अरे, वर्षा का पानी ही नदी और कुएँ में जाता है। अकाल में नदियाँ सूख जाती हैं और कुओं में पानी नहीं रहता।
संकेत : लेकिन बारिश होने से कीचड़ होता है, गंदगी फैलती है और बीमारियाँ बढ़ती हैं।
उदित : लेकिन पानी के बिना तो हमारा जीना मुश्किल हो जाता है। पीने, नहाने, खाना बनाने और सफाई तथा खेतों की सिंचाई के लिए हमें पानी की जरूरत पड़ती है।
संकेत : अरे, हाँ, जल को ‘जीवन’ कहा जाता है।
उदित : अब बताओ कि बारिश होनी चाहिए या नहीं?
संकेत : होनी चाहिए, जरूर होनी चाहिए, क्योंकि ‘बिन पानी सब सून’।
4. उदाहरण के अनुसार विशेषणों का उपयोग करके वाक्य बनाइए :
उदाहरण : कुछ – कुछ कपड़े गंदे हैं।
(1) सुंदर – ………………………….
(2) चार – ………………………….
(3) उसका – ………………………….
(4) थोड़ा – ………………………….
(5) लाल – ………………………….
(6) तीसरा – ………………………….
(7) पंद्रह – ………………………….
उत्तर :
(1) सुंदर : सुंदर चित्र सबको अच्छा लगता है।
(2) चार : गाय के चार पैर होते हैं।
(3) उसका : उसका भाई विदेश गया।
(4) थोड़ा : मुझे थोड़ा पानी चाहिए।
(5) लाल : दीदी को लाल गुलाब पसंद है।
(6) तीसरा : तीसरा कमरा खाली था।
(7) पंद्रह : एक पक्ष में पंद्रह दिन होते हैं।
5. संयुक्ताक्षर से शब्द बनाकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : क् + क = क्क – धक्का – उसने मुझे धक्का मारा।
(1) च् + च – च्च – ………………………….
(2) त् + त – त्त – ………………………….
(3) न् + न – न – ………………………….
(4) द् + ध – द्ध – ………………………….
(5) द् + व – द्व – ………………………….
(6) श् + व – श्र – ………………………….
(7) ह् + य – ह्य – ………………………….
(8) द् + म – द्म – ………………………….
उत्तर :
(1) च् + च = च्च – कच्चा – यह आम कच्चा है।
(2) त् + त = त्त – कुत्ता – कुत्ता वफादार जानवर है।
(3) न् + न = न्न – अन्न – अन्न खेत में पैदा होता है।
(4) द् + ध = द्ध – बुद्ध – यह भगवान बुद्ध की मूर्ति है।
(5) द् + व = द्व- विद्वान – यह विद्वान पुरुष है।
(6) श् + व = श्व – विश्व – विश्व में शांति होनी चाहिए।
(7) ह् + य = ह्य – असह्य – आज असह्य गर्मी है।
(8) द् + म = द्म – पद्म – उसके चरण पद्म जैसे हैं।
6. इस काव्य को टेपरिकार्डर के माध्यम से अपनी कक्षा में सुनाइए।
इतनी शक्ति हमें देना…. स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
हमें कैसे रास्ते पर चलना चाहिए? क्यों?
उत्तर :
हमें नेकी (अच्छाई) के रास्ते पर चलना चाहिए, क्योंकि इसीसे जीवन में सुख और शांति मिल सकती है।
प्रश्न 2.
आनेवाला कल कैसा होगा?
उत्तर :
आनेवाला कल बीते हुए कल से अच्छा होगा।
प्रश्न 3.
हम ईश्वर से कैसी जिंदगी की कामना करते हैं?
उत्तर :
हम ईश्वर से कामना करते हैं कि वह हमें जितनी भी जिंदगी दे, वह भली हो।
प्रश्न 4.
हमारे मन में कैसी भावना नहीं होनी चाहिए?
उत्तर :
हमारे मन में किसीसे बदला लेने की भावना नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 5.
हमें किसके बारे में सोचना चाहिए?
उत्तर :
हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें दूसरों से क्या मिला है, बल्कि यह सोचना चाहिए कि हमने दूसरों के लिए क्या किया है।
प्रश्न 6.
हमारा मन पावन कैसे बनेगा?
उत्तर :
हमारा मन करुणा के जल से पावन बनेगा।
प्रश्न 7.
कविता में कैसा जल बहाने की प्रार्थना की गई है? क्यों?
उत्तर :
कविता में करुणा का जल बहाने की प्रार्थना की गई है, क्योंकि उससे हम सबका मन पवित्र बनेगा।
प्रश्न 8.
किसकी रचना का अंत नहीं होना चाहिए?
उत्तर :
ईश्वर की बनाई हुई रचना का अंत नहीं होना चाहिए।
2. उदाहरण के अनुसार समान तुकवाले (तुकान्त) शब्द लिखिए :
उदाहरण : लड़ाई – उतराई, कमाई, बुनाई, धुलाई, पढ़ाई, सिलाई…
(1) लताएँ – ………………………….
(2) सुंदरता – ………………………….
(3) ग्वालिन – ………………………….
(4) लिखावट – ………………………….
(5) सुनकर – ………………………….
(6) चिड़ियाँ – ………………………….
उत्तर :
(1) लताएँ : कथाएँ, प्रथाएँ, व्यथाएँ
(2) सुंदरता : मानवता, सफलता, श्रेष्ठता
(3) ग्वालिन : मालिन, तेलिन, दर्जिन
(4) लिखावट : बनावट, सजावट, रुकावट
(5) सुनकर : लिखकर, पढ़कर, कहकर
(6) चिड़ियाँ : गुड़ियाँ, बुढ़ियाँ, चुड़ियाँ
3. नीचे दिए गए चित्र को देखकर चित्र का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए :
उत्तर :
इस चित्र में समुद्र के तट का दृश्य दिखाया गया है।
समुद्र में एक नाव है, जिसके पाल पर ध्वजा फहर रही है। दो व्यक्ति नौकाविहार कर रहे हैं। एक लड़का तैर रहा है। एक लड़का गेंद से खेल रहा है। उसके पास एक महिला खड़ी है। तट पर एक लड़का पतंग उड़ा रहा है। एक लड़की हाथ में थैली लिए घूम रही है। दो लड़के रेत से घरौंदे बना रहे हैं।
एक गुब्बारेवाला खड़ा है। एक लड़की मुँह से फूंककर गुब्बारे में हवा भर रही है। आइसक्रीमवाला गाड़ी लेकर खड़ा है। एक महिला उससे आइसक्रीम खरीद रही है। पास में उसका बच्चा खड़ा है। बाईं तरफ कोने में छत्री के नीचे मेज-कुर्सी लगाए दो व्यक्ति बैठे हुए हैं। पास में नारियल के दो वृक्ष दिख रहे हैं।
4. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
एक चिड़िया पेड़ पर रहती थी। उसका घोंसला पेड़ पर था। घोंसले में उसके तीन बच्चे थे। वह अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन एक शिकारी वहाँ आया। वह चिड़िया को मारना चाहता था। चिड़िया ने बच्चों को घोंसले में सिर नीचा कर बैठने को कहा। वह खुद वहाँ से उड़ गई और पत्तों में छिपकर बैठ गई। शिकारी चिडिया को न देखकर वहाँ से चला गया।
उत्तर :
અનુવાદ
એક ચકલી વૃક્ષ પર રહેતી હતી. તેનો માળો વૃક્ષ પર હતો. માળામાં તેનાં ત્રણ બચ્યાં હતાં. તે પોતાનાં બચ્ચાં સાથે રહેતી હતી. એક દિવસ એક શિકારી ત્યાં આવ્યો. તે ચકલીને મારી નાખવા ઇચ્છતો હતો. ચકલીએ બચ્ચાંને માળામાં માથું નીચું કરીને બેસવા કહ્યું. તે પોતે ત્યાંથી ઊડી ગઈ અને પાંદડાંમાં છુપાઈને બેસી ગઈ. ચકલીને ન જોઈને શિકારી ત્યાંથી જતો રહ્યો.
Translation :
A sparrow lived in a tree. Its nest was on the tree. It had three young ones. It lived with its young ones there. One day a hunter came there. He wanted to kill the sparrow. The sparrow told its young ones to sit in the nest keeping their head down. The sparrow itself flew away from there and hid in the leaves. The hunter did not see the sparrow and he went away from there.
5. काव्य पंक्तियों का भावार्थ लिखिए:
(1) बैर हो ना किसी का किसी से
भावना मन में बदले की हो ना…।
उत्तर :
हममें से किसी की किसीसे दुश्मनी न हो और अगर कभी हो जाए तो हमारे मन में उसका बदला लेने की भावना पैदा न हो।
(2) अपनी करुणा का जल तू बहा के
कर दे पावन हर एक मन का कोना…
उत्तर :
हे ईश्वर, तू अपनी करुणा का जल बहाकर हम सबके मन का हर कोना पवित्र कर दे।
इतनी शक्ति हमें देना…. योग्यता विस्तार
- प्रस्तुत प्रार्थना ‘अंकुश’ फिल्म से ली गई है। यह फिल्म सन् 1986 में प्रसारित हुई थी। छात्रों को इस फिल्म के प्रार्थना वाले अंश को दिखाएँ।
- भिन्न-भिन्न भाषाओं की प्रार्थना का संकलन कीजिए।
Hindi Digest Std 6 GSEB इतनी शक्ति हमें देना…. Important Questions and Answers
इतनी शक्ति हमें देना…. विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
काव्य में ईश्वर को किस रूप में संबोधित किया गया है?
A. माता
B. पिता
C. भ्राता
D. दाता
उत्तर :
D. दाता
प्रश्न 2.
कवि किसकी रोशनी माँगता है?
A. दीपक
B. बिजली
C. ज्ञान
D. विज्ञान
उत्तर :
C. ज्ञान
प्रश्न 3.
दुश्मनी से हमें किसके खो जाने का डर है?
A. पड़ोसी के
B. खुद के
C. बच्चों के
D. धन के
उत्तर :
B. खुद के
प्रश्न 4.
जाने कैसे ये …………… थमी है।।
A. जिंदगी
B. धरती
C. साँस
D. आशा
उत्तर :
B. धरती
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (कोना, दुश्मनी, ममता, विश्वास, मधुबन, बुराई)
(1) मन का ………………………………. कमज़ोर हो ना।
(2) हर ………………………………. से बचते रहें हम।
(3) सबका जीवन ही बन जाए ……………………………….।
(4) कर दे पावन हर एक मन का ……………………………….।
(5) खो न दें खुद को ही ………………………………. से।
(6) बोझ ………………………………. से तू ये उठा ले।
उत्तर :
(1) मन का विश्वास कमजोर हो ना।
(2) हर बुराई से बचते रहें हम।
(3) सबका जीवन ही बन जाए मधुबन।
(4) कर दे पावन हर एक मनका कोना।
(5) खो न दें खुद को ही दुश्मनी से।
(6) बोझ ममता से तू ये उठा ले।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
भूलकर भी हमसे कोई …
(अ) अन्याय ना हो।
(ब) अपराध ना हो।
(क) भूल ना हो।
उत्तर :
भूलकर भी हम से कोई भूल ना हो।
प्रश्न 2.
हम सभी को …
(अ) खुशियों के फूल बाँटें।
(ब) इन्सानियत के फूल बाँटें।
(क) ज्ञान के फूल बाँटें।
उत्तर :
हम सभी को खुशियों के फूल बाँटें।
प्रश्न 3.
ईश्वर की रचना का …
(अ) अपमान नहीं होना चाहिए।
(ब) अंत नहीं होना चाहिए।
(क) आरंभ नहीं होना चाहिए।
उत्तर :
ईश्वर की रचना का अंत नहीं होना चाहिए।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
कवि ईश्वर से शक्ति क्यों माँगते हैं?
उत्तर :
कवि ईश्वर से शक्ति माँगते हैं, ताकि ईश्वर के प्रति उनका विश्वास कम न हो।
प्रश्न 2.
कवि नेक रास्ते पर क्यों चलना चाहते हैं?
उत्तर :
कवि नेक रास्ते पर चलना चाहते हैं, क्योंकि सबके साथ शांति और प्रेम से रहने का यही एक तरीका है।
प्रश्न 3.
कवि ज्ञान की रोशनी क्यों चाहते हैं?
उत्तर :
कवि ज्ञान की रोशनी चाहते हैं, क्योंकि इसीसे अज्ञान का अँधेरा दूर हो सकता है।
प्रश्न 4.
हमें किससे बचते रहना चाहिए? क्यों?
उत्तर :
हमें बुराई से बचते रहना चाहिए, क्योंकि इसीसे हमारी आपसी सुख शांति नष्ट होती है।
प्रश्न 5.
हमारे मन में कैसी भावना नहीं होनी चाहिए? क्यों?
उत्तर :
हमारे मन में किसीसे बदला लेने की भावना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे आपसी संबंध खराब होते हैं।
प्रश्न 6.
हमें क्या नहीं सोचना चाहिए?
उत्तर :
हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि दूसरों से क्या मिला है।
प्रश्न 7.
में क्या सोचना चाहिए?
उत्तर :
हमें यह सोचना चाहिए कि हमने दूसरों की भलाई के लिए क्या किया है।
प्रश्न 8.
हमें सभी को क्या बॉटना है? क्यों?
उत्तर :
हमें सभी को खुशियाँ बाँटनी हैं, ताकि कोई द:खी या उदास न रहे।
प्रश्न 9.
कवि प्रभु से कैसा जल बहाने की प्रार्थना करते हैं? क्यों?
उत्तर :
कवि प्रभु से करुणा का जल बहाने की प्रार्थना करते हैं, जिससे सभी लोगों के मन पूरी तरह पवित्र बन जाएँ।
प्रश्न 10.
हर आदमी सहमा-सहमा क्यों है?
उत्तर :
हर आदमी सहमा-सहमा है, क्योंकि हर तरफ हो रहे जुल्मों के सामने वह खुद को बेबस पा रहा है।
प्रश्न 11.
धरती पर किसका बोझ है?
उत्तर :
धरती पर पाप का बोझ है।।
प्रश्न 12.
धरती का बोझ आप कैसे दूर करेंगे?
उत्तर :
हम सबको प्यार और भाईचारे का संदेश देकर धरती का बोझ दूर करेंगे।
इतनी शक्ति हमें देना…. प्रवृत्तियाँ
(1) अपनी मातृभाषा की किसी प्रार्थना को अपनी कॉपी में लिखिए।
(2) यदि भगवान तुम्हारे सामने प्रकट हो जाएँ तो तुम उनसे कौन-सा वरदान मांगोगे?
(3) भगवान को कोई ‘दीनबंधु’ कहता है, कोई ‘दयासागर’ कहता है। भगवान के ऐसे ही पाँच और नाम लिखिए।
उत्तर :
(1) संकटमोचन
(2) तारनहार
(3) गरीबनवाज
(4) दीनानाथ
(5) घट-घटवासी
(4) इस कविता जैसी किसी अन्य प्रार्थना की कुछ पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर :
मैं उन्मत्त प्रेम की लोभिन, हृदय दिखाने आई हूँ।
जो कुछ है बस यही पास है, इसे चढ़ाने आई हूँ।
चरणों पर अर्पण है, इसको चाहे तो स्वीकार करो।
यह तो वस्तु तुम्हारी ही है, ठुकरा दो या प्यार करो।
इतनी शक्ति हमें देना… Summary in Hindi
इतनी शक्ति हमें देना दाता कविता का सरल अर्थ
(1) इतनी शक्ति ………………………………. भूल होना।
हे दाता (ईश्वर)! तू हमें इतनी ताकत दे कि तुझ पर मेरे मन का भरोसा कभी कम न हो। हम हमेशा अच्छाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलें और भूलकर भी हमसे कोई गलती न हो।
(2) दूर अज्ञान के ………………………………. बदले की हो ना।
हे ईश्वर, तू हमें ज्ञान का प्रकाश दे जिससे हमारे अज्ञान का अँधेरा दूर हो जाए। हम हर बुराई से बचते रहें। तू हमें जितनी भी जिंदगी दे, वह भलाई से भरी हो। हममें से किसी की किसीसे दुश्मनी न हो और अगर कभी हो जाए तो हमारे मन में उसका बदला लेने की भावना पैदा न हो।
(3) हम न सोचें ………………………………. मन का कोना।
हम यह कभी न सोचें कि हमें मिला क्या है? हम बस यही सोचें कि हमने (दूसरों को) दिया क्या है? हम अपनी खुशियों के फूल सब में बाँटें और सबका जीवन उपवन-सा सुंदर बन जाए। हे ईश्वर, तू अपनी करुणा का जल बहाकर हम सबके मन का हर कोना पवित्र कर दे।।
(4) हम अंधेरे मे है ………………………………. कल ऐसा हो ना।
हे ईश्वर, हम अज्ञान के अँधेरे में हैं। तू हमें ज्ञान की रोशनी दे। हम एक-दूसरे से दुश्मनी कर अपने आपको मिटा न डालें। हे ईश्वर, अगर हम गलत काम करें तो हमें उसकी सजा मौत भी मिलें तो हम खुशी से उसे मंजूर कर लें। कल जो बुरी घटनाएँ हुई हैं, वे फिर न हो। आनेवाला कल बीते हुए कल जैसा बुरा न हो।
(5) हर तरफ ………………………………. अंत हो ना।
आज हर तरफ अत्याचार हो रहे हैं। लोग उन्हें रोकने में असमर्थ हैं। हर आदमी डरा-डरा दिखाई देता है। पाप का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। पता नहीं, धरती यह सब कैसे सहन कर रही है। हे परमात्मा, तू अपनी ममता के बल से धरती के इस बोझ को उठा ले, जिससे तेरी बनाई हुई यह दुनिया नष्ट होने से बच जाए।
इतनी शक्ति हमें देना… Summary in Gujarati
દાતા અમને આટલી શક્તિ આપજો
(1) હે દાતા (ઈશ્વર), તું અમને એટલી શક્તિ આપ કે તારા પરથી મારા મનનો વિશ્વાસ કદી ઓછો ન થાય. અમે હંમેશાં ભલાઈ અને પ્રામાણિકતાના માર્ગ પર ચાલીએ અને અજાણતાં પણ અમારાથી કોઈ ભૂલ ન થાય.
(2) હે ઈશ્વર, તું અમને જ્ઞાનનો પ્રકાશ આપ, જેથી અમારા અજ્ઞાનનું અંધારું દૂર થઈ જાય. અમે દરેક ખરાબ કાર્યોથી દૂર રહીએ. તું અમને જેટલી જિંદગી આપો તે ભલાઈથી ભરેલી હોય. કોઈની પણ સાથે અમારી દુશ્મનાવટ ન હોય અને જો ક્યારેક (દુશ્મનાવટ) થઈ જાય તો પણ અમારા મનમાં તેનો બદલો લેવાની ભાવના ઉત્પન્ન ન થાય.
(3) અમે એમ કદી પણ ન વિચારીએ કે અમને શું મળ્યું છે? અમે બસ એટલું જ વિચારીએ કે (અમે) બીજાઓને શું આપ્યું છે? અમે પોતાની ખુશીઓના ફૂલ બધાંમાં વહેંચી દઈએ અને સૌનું જીવન ઉપવન જેવું સુંદર બની જાય. હે ઈશ્વર, તું પોતાની કરુણાનું જળ વહાવીને અમારા સૌનાં મનનો દરેક ખૂણો પવિત્ર બનાવી દે.
(4) હે ઈશ્વર, અમે અજ્ઞાનના અંધારામાં છીએ. તું અમને જ્ઞાનનો પ્રકાશ આપ. અમે એકબીજા સાથે દુશ્મનાવટ કરીને પોતાનો નાશ ન કરી દઈએ. હે ઈશ્વર, જો અમે ખોટું કામ કરીએ તો અમને મોતની સજા પણ મળે તો અમે ખુશીથી તેનો સ્વીકાર કરી લઈએ. કાલે જે ખરાબ ઘટનાઓ બની છે તે ફરીથી ન થાય. આવનારી કાલ ગઈકાલ જેવી ખરાબ ન હોય.
(5) આજે બધી બાજુએ અત્યાચાર થઈ રહ્યો છે. લોકો તેને રોકવામાં અસમર્થ છે. દરેક માણસ ભયભીત દેખાય છે. પાપનો ભાર વધી રહ્યો છે. ધરતી આ બધું કેવી રીતે સહન કરી રહી છે, તે સમજાતું નથી. હે પરમાત્મા, તું પોતાની મમતાના બળથી ધરતીનો આ ભાર ઉપાડી લે, જેથી તારી રચેલી આ દુનિયા નષ્ટ થતી બચી જાય.
इतनी शक्ति हमें देना… Summary in English
O God, Give Us Enough Strength
(1) 0 God, give us enough strength that faith from you may not decrease. We may always walk on the path of kindness and honesty. We may not make any error unknowingly.
(2) 0 God, give us intense light of knowledge, so that darkness of our ignorance may run away. We may avoid all kinds of bad deeds. The life that you give us may be full of kindness. We may not have enmity with anybody. And some time if we have enmity with anybody, there may not be the desire of revenge in our mind.
(3) We should never think what we have gained. We should only think what we have given to others. We may distribute the flowers of happiness to all and life of all becomes as beautiful as a park. O God, please flow water of your compassion and make every corner of our mind sacred.
(4) 0 God, we are in the darkness of ignorance. Please give us intense light of knowledge. We may not destroy ourselves by making enmity with one-another. We will merrily accept the sentence of death if we do any wicked deed, so that we may not do any wicked deed again that we did in the past. Our future may not be so bad as our past.
(5) Today there is tyranny everywhere. People are unable to control it. Every person seems frightened. Burden of sins is increasing. We can’t understand how the earth bears all these. O God, please lift the burden of the earth with thy strength of affection, so that the earth created by you may be saved from destruction.
इतनी शक्ति हमें देना दाता विषय-प्रवेश
इस कविता में कवि ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि हम सब लोग अच्छाई के रास्ते पर चलें। भूलकर भी हमसे कोई गलती न हो। हमारे मन में किसीसे बदला लेने की भावना पैदा न हो। हम पाने की नहीं, देने की चाह रखें। अगर सब लोग आपस में अपनी-अपनी खुशियाँ बाँटना सीख ले तो यह धरती सचमुच मधुवन बन जाएगी।
इतनी शक्ति हमें देना दाता शब्दार्थ (Meanings)
- शक्ति – बल, ताकत; ability, strength
- दाता – देनेवाला, ईश्वर; giver, donor, God
- विश्वास – भरोसा; trust, confidence, faith
- नेक- अच्छा, ईमानदार; kind, honest
- पे- पर; on
- अज्ञान-ज्ञान का अभाव; ignorance
- रोशनी – प्रकाश, उजाला; illumination, intense light
- भली- अच्छी; kind
- बैर – दुश्मनी; enmity
- भावना – इच्छा, चाह; desire
- बदला – प्रतिशोध; revenge
- अर्पण करना – देना, समर्पित करना; to give, to offer, to dedicate
- मधुबन – उपवन, बगीचा; garden, park
- करुणा – दया; pity, mercy, compassion
- जल – पानी; water
- पावन – पवित्र; holy, sacred
- खुद कोअपने आपको; oneself
- सजा – दंड; punishment, sentence
- गुजरा – बीता; passed
- गुजरे – बीते; may pass
- जुल्म- अत्याचार; tyranny, cruelty
- बेबसी – लाचारी; helplessness
- सहमा-सा – डरा हुआ; frightened
- बोझभार; burden
- थमना – रुकना, ठहरना; to stop
- ममता – प्रेम, आत्मीयता; love, affection,
- रचना – बनाई हुई दुनिया, सृष्टि; created world
अनूठे इन्सान अभ्यास
1. प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
नेपोलियन और उसकी बहन के स्वभाव में क्या अंतर था?
उत्तर :
नेपोलियन सच बोलने से डरता नहीं था। उसमें सच्चाई का सामना करने का साहस था। अपने कारण हुई दूसरे की हानि वह सहन नहीं कर सकता था। उसकी बहन का चरित्र इसके विपरीत था। वह डरपोक थी और सच्चाई का सामना नहीं कर सकती थी।
वह झूठ बोलकर सच्चाई से बच निकलने में ही अपनी भलाई मानती थी। उसे केवल अपने बचाव की चिंता थी, दूसरों के नुकसान की नहीं। इस प्रकार, नेपोलियन और उसकी बहन के स्वभाव में बहुत अंतर था।
प्रश्न 2.
आप नेपोलियन की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर :
नेपोलियन का धक्का लगने से अमरूद बेचने जानेवाली लड़की के अमरूद कीचड़ में गिरकर खराब हो गए थे। अब वह उन्हें बेच नहीं सकती थी उसे डर था कि अब वह अपनी माँ को क्या जवाब देगी? नेपोलियन को लगा कि उसके कारण उस गरीब लड़की की हानि हुई है।
उसकी हानि को पूरा करना उसने अपना फर्ज समझा। उसने अपनी माँ को सच-सच हकीकत बता दी और उस लड़की को माँ से पूरे पैसे दिलवाए।
अगर नेपोलियन की जगह मैं होता तो मैं भी उसीकी तरह उस गरीब लड़की का नुकसान न होने देता।
प्रश्न 3.
आप अपने जेब खर्च का उपयोग किस प्रकार करते हैं?
उत्तर :
मुझे जेबखर्च के लिए प्रतिदिन 10 रुपये मिलते हैं। मैं सभी पैसे खर्च नहीं करता। हमारे स्कूल के उपहारगृह में चीजें किफायती दरों पर मिलती हैं। इसलिए स्कूल में नाश्ता करने के बाद भी मेरे पास कुछ रुपये बच जाते हैं। इन्हें मैं अपने पास बचाकर रखता हूँ।
कभी किसी सहपाठी को सहायता की आवश्यकता हो तो मैं इस बचत में से उसकी मदद करता हूँ। छोटी बहन की वर्षगाँठ का उपहार भी मैं इसी बचत की रकम से खरीदता हूँ। माताजी और पिताजी के जन्मदिनों पर इसी बचत से मैं उनके लिए फूलों के हार जरूर लाता हूँ।
इस प्रकार, अपने जेबखर्च का मैं आवश्यकता के अनुसार उपयोग करता है।
प्रश्न 4.
बापू के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर :
बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। लोग उन्हें ‘महात्मा गाँधी’ के नाम से जानते हैं। महात्मा गाँधीजी ने देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लंबी लड़ाई लड़ी। वे अनेक बार जेल गए। उन्होंने कई सत्याग्रह किए। आज़ादी की लड़ाई में देश की जनता ने उनका पूरा साथ दिया।
लोगों ने उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ का सम्मान दिया। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ। 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में बापू की हत्या हो गई। बापू ने हमें शांति, प्रेम और अहिंसा का संदेश दिया। उनकी समाधि ‘राजघाट’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 5.
बापू धन क्यों इकट्ठा कर रहे थे?
उत्तर :
उस समय देश में आज़ादी के लिए आंदोलन चल रहा था। बापू उसके नेता थे। आंदोलन के लिए धन की जरूरत पड़ती थी। बापू यह धन कहाँ से लाते? इसलिए वे सारे देश में घूम-घूमकर सभाएँ करते और धन इकट्ठा करते थे।
प्रश्न 6.
आपको कौमुदी का पात्र कैसा लगा? क्यों?
उत्तर :
मुझे कौमुदी का पात्र बहुत प्रेरक लगा।
महिलाओं को गहनों के प्रति स्वाभाविक मोह होता है। फिर कौमुदी तो। अभी सोलह साल की बालिका थी। उसके गहने बहुत कीमती थे। ऐसे गहने दुबारा नहीं बन सकते थे। फिर भी देश की आज़ादी के लिए उसने अपने गहनों का त्याग कर दिया।
गाँधीजी को अपने सभी गहने भेंट कर उसने साबित कर दिया कि देशप्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इसीलिए कौमुदी का पात्र हम सब के लिए बड़ा प्रेरणादायक है।
प्रश्न 7.
क्या आपने भी कभी अपने माता-पिता के सामने गलती स्वीकार की है? उस घटना को अपने शब्दों में बताइए।
उत्तर :
एक बार छुट्टी के दिन मैं अपनी सोसायटी के मैदान में साथियों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। बल्लेबाजी करते समय मैंने गेंद को इतनी जोर से मारा कि एक मकान की खिड़की का काँच टूट गया। मकान के मालिक क्रोधित होकर बाहर आए और पूछा, “मेरा काँच किसने तोड़ा?”
साथियों ने मेरा ही नाम लिया। उस सज्जन ने जाकर मेरे मातापिता से इसकी शिकायत की। मैंने अपनी गलती मान ली। वे सज्जन भी खुश हुए और बोले, “कोई बात नहीं बेटा, खेलो जरूर, पर इतना ध्यान रखो कि किसी का नुकसान न हो।”
2. उदाहरण के अनुसार संयुक्त वर्ण से बने दो-दो शब्द लिखिए :
(1) द् + ध = द्ध = शुद्ध – ………………………
(2) त् + त = त्त = वित्त – ………………………
(3) द् + म = द्म = पद्म – ………………………
(5) ह + म = ह्म – ब्रह्म – ………………………
उत्तर :
(1) द् + ध = द्ध = शुद्ध – बुद्ध, क्रुद्ध
(2) त् + त = त्त = वित्त – कुत्ता, छत्ता
(3) द् + म = य = पद्म – छद्म, सद्म
(4) द् + व = द्व = विद्वान – द्वार, द्वेष
(5) ह + म = हा = ब्रह्म – ब्रह्मांड, ब्राह्मण
3. निम्नलिखित विषय पर चर्चा कीजिए:
प्रश्न 1.
महात्मा गाँधी और देशप्रेम
उत्तर :
शिक्षक – शौनक, हम गाँधीजी को क्या कहकर उन्हें मान देते हैं?
शौनक – गुरुजी, हम गाँधीजी को ‘बापू’ और ‘राष्ट्रपिता’ कहकर उन्हें मान देते हैं।
शिक्षक – शाबाश, परंतु उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ क्यों कहते हैं?
सुनील – गुरुजी, गाँधीजी ने अपना सारा जीवन देश की सेवा में अर्पित कर दिया। उन्होंने अपने घर-परिवार की चिंता नहीं की, केवल देश की चिंता की।
रमण – उन्होंने कई सत्याग्रह किए और वे कई बार जेल गए। उन्होंने कई बार उपवास किए। देश को अंग्रेजों के शासन से आज़ाद कराने के लिए उन्होंने कोई भी प्रयत्न बाकी नहीं रखा। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से देश की सेवा की। सचमुच, बापू महान देशप्रेमी थे।
प्रश्न 2.
इन्सान अनूठा कब कहलाता है?
उत्तर :
शिक्षक – महेश, क्या तुम बता सकते हो कि इन्सान अनूठा कब कहलाता है?
महेश – गुरुजी, जब व्यक्ति कोई असाधारण काम करता है, तब वह ‘अनूठा इन्सान’ कहलाता है। जैसे – सरदार वल्लभभाई पटेल।
शिक्षक – उन्होंने कौन-सा अनूठा काम किया था?
महेश – गुरुजी, जब हमारा देश आज़ाद हुआ तब यहाँ लगभग 600 रियासतें थीं। इनमें से कुछ राजा बड़े हठी थे। वे अपनी रियासत छोड़ने को तैयार नहीं थे। सरदार पटेल ने बड़ी कुशलता से सभी राजाओं से उनकी रियासतें लीं और एक स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण किया। सभी लोग सरदार का लोहा मान गए।
रौनक – गुरुजी, इसीलिए तो सरदार पटेल को ‘लौहपुरुष’ कहते हैं।
शिक्षक – हाँ, सरदार पटेल लोखंडी इरादों के आदमी थे। सचमुच, वे ‘अनूठे इन्सान’ थे।
प्रश्न 3.
तुम अपने देश की सेवा कैसे करोगे?
उत्तर :
शिक्षक – (विद्यार्थियों से) तुम लोग महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरु, लालबहादुर शास्त्री आदि नेताओं की देशसेवा के बारे में जानते हो। लेकिन तुम खुद अपने देश की सेवा कैसे करोगे?
अंशुमान – गुरुजी, मैं कृषि वैज्ञानिक बनूँगा। मैं खेती के नए-नए तरीकों का आविष्कार कर तरह-तरह के अनाजों, दालों और शाक-सब्जियों की पैदावार बढ़ाऊँगा।
प्रदीप – गुरुजी, मैं इंजीनियर बनकर ऐसी तकनीक विकसित करूँगा कि जिससे सस्ते, सुंदर और मजबूत मकान बने। मैं ऐसा प्रयत्न करूँगा कि देश में कोई बेघर न रहे।
कौशल – गुरुजी, मैं देश में फैले हुए भ्रष्टाचार को जड़-मूल से उखाड़ फेंकने का इरादा रखता हूँ। इसके लिए जो भी हो सकेगा, मैं ईमानदारी से करूँगा।
शिक्षक – मुझे खुशी है कि तुम लोग किसी-न-किसी तरह देश की सेवा करना चाहते हो। भविष्य में तुम्हारे हाथों में ही देश की बागडोर होगी। मुझे विश्वास है कि तुम लोग सच्चे देशसेवक बनोगे।
4. नीचे संज्ञा से बननेवाले विशेषण शब्द दिए गए हैं, उनका वाक्य में प्रयोग करके लिखिए :
(1) धर्म – धार्मिक
(2) रंग – रंगीन
(3) लोभ – लोभी
(4) भारत – भारतीय
(5) चमक – चमकीला
(6) शक्ति – शक्तिमान
(7) गुण – गुणवती
(8) बल – बलवान
(9) दया – दयावान
(10) दर्शन – दर्शनीय
उत्तर :
(1) धर्म-धार्मिक – मेरे दादाजी कोई-न-कोई धार्मिक कार्य करते रहते हैं।
(2) रंग-रंगीन – शीला रंगीन कपड़े पसंद करती है।
(3) लोभ-लोभी – लोभी आदमी से कुछ पाने की आशा मत करो।
(4) भारत-भारतीय – भारतीय लोग अतिथिप्रिय होते हैं।
(5) चमक-चमकीला – सोना चमकीला होता है।
(6) शक्ति-शक्तिमान – वह सभी काम करने में शक्तिमान है।
(7) गुण-गुणवती – सुरेखा गुणवती बालिका है।
(8) बल-बलवान – भीम बहुत बलवान थे।
(9) दया-दयावान – आप बड़े दयावान पुरुष हैं।
(10) दर्शन-दर्शनीय – दक्षिण भारत में कई दर्शनीय स्थान हैं।
5. उदाहरण के अनुसार लिंग परिवर्तन कीजिए:
उदाहरण : पुत्र – पुत्री
(1) मेढ़क – …………………………
(2) तरुण – …………………………
(3) कुमार – …………………………
(4) देव – …………………………
(5) हिरन – …………………………
उत्तर :
(1) मेढक – मेढकी
(2) तरुण – तरुणी
(3) कुमार – कुमारी
(4) देव – देवी
(5) हिरन – हिरनी
उदाहरण : साँप – साँपिन
(1) कुम्हार – …………………………
(2) नाग – …………………………
(3) बाघ – …………………………
(4) धोबी – …………………………
(5) ग्वाला – …………………………
उत्तर :
(1) कुम्हार – कुम्हारिन
(2) नाग – नागिन
(3) बाघ – बाघिन
(4) धोबी – धोबिन
(5) ग्वाला – ग्वालिन
उदाहरण : मोर – मोरनी
(1) शेर – …………………………
(2) जादूगर – …………………………
(3) मास्टर – …………………………
(4) डॉक्टर – …………………………
(5) ऊँट – …………………………
उत्तर :
(1) शेर – शेरनी
(2) जादूगर – जादूगरनी
(3) मास्टर – मास्टरनी
(4) डॉक्टर – डॉक्टरनी
(5) ऊँट – ऊँटनी
6. प्रश्न 5 में जिन शब्दों के लिंग परिवर्तन किये हैं, उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
जैसे –
हिरन – हिरनी : – हिरन दौड़ रहा है।, हिरनी दौड़ रही है।
पुत्र – पुत्री : – राहुल राजीव गाँधी के पुत्र हैं।, इन्दिरा जी जवाहरलाल जी की पुत्री थीं।
उत्तर :
- मेढक – मेढक टरटरा रहा है।
मेढकी – मेढकी टरटरा रही है। - तरुण – तरुण कॉलेज जा रहा है।
तरुणी – तरुणी कॉलेज जा रही है। - कुमार – कुमार खेल रहा है।
कुमारी – कुमारी खेल रही है। - देव – देव मुस्करा रहा है।
देवी – देवी मुस्करा रही है। - कुम्हार – कुम्हार घड़े बना रहा है।
कुम्हारिन – कुम्हारिन घड़े बना रही है। - नाग – नाग फुफकार रहा है।
नागिन – नागिन फुफकार रही है। - बाघ – बाघ गरज रहा है।
बाघिन – बाघिन गरज रही है। - धोबी – धोबी कपड़े धो रहा है।
धोबिन – धोबिन कपड़े धो रही है। - ग्वाला – ग्वाला दूध ला रहा है।
ग्वालिन – ग्वालिन दूध ला रही है। - शेर – शेर गरज रहा है।
शेरनी – शेरनी गरज रही है। - जादूगर – जादूगर खेल दिखा रहा है।
जादूगरनी – जादूगरनी खेल दिखा रही है। - मास्टर – मास्टर पढ़ा रहा है।
मास्टरनी – मास्टरनी पढ़ा रही है। - डॉक्टर – डॉक्टर मरीज को देख रहा है।
डॉक्टरनी – डॉक्टरनी मरीज को देख रही है। - ऊँट – ऊँट बलबला रहा है।
ऊँटनी – ऊँटनी बलबला रही है।
7. चित्र के आधार पर चर्चा करके कहानी लिखिए :
उत्तर :
सच्चे मित्र
एक जंगल था। उसमें एक तालाब के किनारे कौआ, हिरन, चूहा और कछुआ ये चार मित्र रहते थे।
एक दिन हिरन घूमते – घूमते शिकारी के जाल में फँस गया। कौआ, चूहा और कछुआ कहीं दूर चले गए थे। उसने मित्रों को आवाज दी, पर वहाँ कोई नहीं था।
कुछ समय के बाद कौआ आया। उसने हिरन को जाल में फँसा हुआ देखा तो बहुत दुःखी हुआ। उसने हिरन से कहा, “मित्र, चिंता न करो। मैं अभी तुम्हें जाल से मुक्त कराता हूँ।”
वह उड़ता हुआ चूहे के पास पहुँचा और बोला, “चूहा भाई, जल्दी चलो। अपना मित्र हिरन शिकारी के जाल में फँस गया है। जाल काटकर उसे तुम्हीं मुक्त करा सकते हो। ऐसा करो कि तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ तो हम जल्दी पहुँच जाएँगे।” कछुए ने कहा, “कौआ ठीक कहता है। तुम दोनों जल्दी जाओ। मैं भी बाद में आता हूँ।”
कौआ चूहे को अपनी पीठ पर बिठाकर ले आया। चूहे ने धीरे – धीरे जाल काट डाला। कौए ने दूर से शिकारी को आते हुए देखा। उसने हिरन को सावधान किया। हिरन जाल से निकलकर भागा। चूहा पास की झाड़ी में छिप गया।
तब तक कछुआ वहाँ पहुँच चुका था। शिकारी के पास थैली थी। हिरन को न पाकर गुस्से में उसने कछुए को पकड़कर थैली में ले जाना चाहा, लेकिन तब तक कछुआ तालाब में सरक गया। शिकारी हाथ मलता रह गया।
इस तरह कौआ, हिरन, चूहा और कछुआ चारों ने मित्रता निभाई।
अनूठे इन्सान स्वाध्याय
1. प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
नेपोलियन की बहन का नाम क्या था?
उत्तर :
नेपोलियन की बहन का नाम इलाइजा था।
प्रश्न 2.
नेपोलियन लड़की को अपने घर क्यों ले गया?
उत्तर :
लड़की के अमरूद खराब हो जाने से उसे नुकसान हुआ था। नेपोलियन माँ से पैसे दिलाकर उसका नुकसान पूरा करवाना चाहता था। इसलिए वह लड़की को अपने घर ले गया।
प्रश्न 3.
गाँधी जी को सोने की चूड़ी देनेवाली लड़की का नाम क्या था?
उत्तर :
गाँधीजी को सोने की चूड़ा देनेवाली लड़की का नाम ‘कौमुदी’ था।
प्रश्न 4.
गाँधी जी ने कौमुदी से क्या कहा?
उत्तर :
गाँधीजी ने कौमुदी से कहा, “तुम्हें दोनों चूड़ियाँ देने की जरूरत नहीं है। एक ही चूड़ी लेकर मैं तुम्हें अपने हस्ताक्षर दे दूंगा।”
प्रश्न 5.
हस्ताक्षर करने के बाद गाँधी जी ने क्या लिखा?
उत्तर :
हस्ताक्षर करने के बाद गाँधीजी ने लिखा, तुम्हारे इन आभूषणों की अपेक्षा “तुम्हारा त्याग ही सच्चा आभूषण है।”
प्रश्न 2.
(क) अपने गाँव में घटी कोई आँखों देखी घटना के बारे में लिखिए।
उत्तर :
मेरा गाँव जंगल के पास है। कभी – कभी जंगली जानवर गाँव में आ जाते हैं।
एक दिन मैं अपने मित्र के साथ उसके घर के पीछे खेल रहा था। अचानक तेंदुआ दबे पाँव आया और उसने मेरे मित्र पर हमला कर दिया। मैं जोर से चिल्लाया, “तेंदुआ, तेंदुआ, बचाओ – बचाओ।” आवाज़ सुनकर मित्र की माँ एक डंडा लेकर दौड़ी और तेंदुए पर टूट पड़ी।
उसका उग्र रूप देखकर तेंदुआ भाग गया। मेरी जान में जान आई। मित्र की गरदन पर तेंदए के पंजे के खरोंच पडे थे। कोई गहरा घाव नहीं पड़ा था। कई लोग वहाँ जमा हो गए। सबने मित्र की माँ के साहस की प्रशंसा की।
इस घटना को कई साल हो गए, पर मैं इसे आज तक नहीं भूल सका। वह बहादूर माँ आज हमारे गाँव की सरपंच है।
(ख) इस इकाई के आधार पर अपने मित्रों से पूछने के लिए पाँच प्रश्न बनाइए।
उत्तर :
- तुमसे किसी का नुकसान हो जाए तो क्या तुम उसकी भरपाई करोगे?
- क्या तुम नेपोलियन की तरह अपने मातापिता के आगे सच बोलते हो?
- तुम्हारे सच बोलने से तुम्हें नुकसान हो रहा हो, तो क्या तुम उसे सहन कर लोगे?
- तुम देश के लिए क्या दे सकते हो?
- तुम देश की सेवा किस प्रकार करना चाहते हो?
3. विरामचिह्नों का उपयोग करके परिच्छेद फिर से लिखिए और अनुवाद कीजिए।
दुर्गावती बचपन से ही बहादुर थीं उन्हें युद्ध करने में अपूर्व धैर्य दूरदर्शिता अटूट साहस और स्वाभिमान जैसे गुण विरासत में मिले थे जहाँ वे सुशील कोमल अति सुंदर और भावुक थीं वहीं दूसरी ओर से वीर साहसी और अस्त्र-शस्त्र चलाने में भी निपुण थीं शिकार खेलने में उन्हें विशेष रुचि थी वे तीर और बंदूक का अचूक निशाना लगाने में भी कुशल थीं।
उत्तर :
दुर्गावती बचपन से ही बदाहुर थीं। उन्हें युद्ध करने में अपूर्व धैर्य, दूरदर्शिता, अटूट साहस और स्वाभिमान जैसे गुण विरासत में मिले थे। जहाँ वे सुशील, कोमल, अति सुंदर और भावुक थीं, वहीं दूसरी ओर वे वीर, साहसी और अस्त्र – शस्त्र चलाने में भी निपुण थीं। शिकार खेलने में उन्हें विशेष रुचि थी। वे तीर और बंदूक का अचूक निशाना लगाने में भी कुशल थीं।
અનુવાદ :
દુર્ગાવતી બાળપણથી જ બહાદુર હતાં. તેમને યુદ્ધ કરવામાં અપૂર્વ ધેર્ય, દૂરદેશીપણું, અખંડ સાહસ અને સ્વાભિમાન જેવા ગુણ વારસામાં મળ્યા હતા. જ્યાં તેઓ સુશીલ, કોમળ, અત્યંત સુંદર અને ભાવુક હતાં, ત્યાં બીજી બાજુ તેઓ વીર, સાહસી અને અસ્ત્ર – શસ્ત્ર વાપરવામાં પણ કુશળ હતાં. શિકાર કરવામાં તેમને વિશેષ રુચિ હતી. તેઓ તીરથી અને બંદૂકથી નિશાન તાકવામાં પણ કુશળ હતાં.
Translation :
Durgavati was brave from her childhood. She had inherited the virtues such as great patience, cautiousness, endless adventure, and self-respect. She was virtuous, soft, very beautiful, and sensitive. On the other side, she was brave, adventurous, and clever in using weapons. She had a great interest in hunting. She was clever in shooting with an arrow and a gun.
अनूठे इन्सान योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
गाँधी जी और नेपोलियन के बारे में परिचय प्राप्त कीजिए।
उत्तर :
गाँधीजी
महात्मा गाँधी का नाम केवल भारत में ही नहीं, सारे संसार में प्रसिद्ध है। उनका नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर शहर में 2 अक्तूबर, 1869 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई। फिर वे इंग्लैंड जाकर बैरिस्टर बने।
गाँधीजी ने भारत में अंग्रेज सरकार के अत्याचारों के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन चलाया। गाँधीजी के प्रयत्नों से सदियों से गुलाम भारत को स्वतंत्रता मिली। गाँधीजी ने हिन्दुओं और मुसलमानों की एकता के लिए काम किया। उन्होंने हरिजनों की दुर्दशा सुधारने के लिए भरसक प्रयत्न किए।
उन्होंने खादी – प्रचार, ग्रामसुधार, स्त्री शिक्षा जैसे कई महत्त्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने जीवनभर हमारे देश की सेवा की, इसलिए वे हमारे देश के ‘राष्ट्रपिता’ कहलाए।
गाँधीजी सत्य, प्रेम और अहिंसा के पुजारी थे। वे सरलता और सादगी की मूर्ति थे। वे बच्चों को बहुत प्यार करते थे।
30 जनवरी, 1948 के दिन गाँधीजी की हत्या हो गई। मरते समय गाँधीजी के मुख से ‘हे राम’ शब्द निकला था।
आज गाँधीजी हमारे बीच नहीं है, फिर भी उनके महान कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।
नेपोलियन बोनापार्ट
नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का शासक था। उसका जन्म 15 अगस्त, 1769 में हुआ था। पहले वह सेनापति था, परंतु क्रांति के बाद वह सम्राट बन गया। उसने फ्रांस के आसपास के कई देश जीत लिए।
1812 में उसने रूस पर आक्रमण किया, किंतु भयंकर ठंड में उसके बहुत से सैनिक मारे गए और आखिर उसे वापस लौटना पड़ा। 1815 में वाटर लू के युद्ध में उसकी बुरी तरह पराजय हुई। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
उसे बन्दी बनाकर सेन्टहेलना टापू में रखा गया। वहीं 6 वर्ष के बन्दी जीवन में उसकी मृत्यु हुई। नेपोलियन की गिनती विश्व के महान सेनापतियों में की जाती है।
प्रश्न 2.
महापुरुषों के जीवन की घटनाओं का संकलन कीजिए।
उत्तर :
भाषा – सज्जता
किसी घटना, प्रसंग आदि का वर्णन करते समय प्रयोग किए गए रूढ़ और मार्मिक कथन को ‘कहावत’ कहते हैं। कहावत की पृष्ठभूमि में कोई कहानी या घटना होती है। धीरे – धीरे जब यह रूढ़ हो जाती है तो कहावत बन जाती है।
कहावत सीधे हृदय में प्रवेश कर विशेष प्रभाव उत्पन्न करती है। कभी उसमें व्यंग्य की पैनी धार होती है तो कभी उसमें हृदय को छू लेनेवाला मर्म होता है। कहावतें कभी – कभी नीति या बोधपूर्ण उक्तियों का काम भी करती हैं।
कहावतें प्रायः पूर्ण वाक्य के रूप में होती हैं और किसी प्रसंग के अंत में आकर उसका स्पष्टीकरण करती है। जैसे – यदि कोई व्यक्ति किसी काम के बारे में जानकारी नहीं रखता और दूसरों को दोष देता है, तो उसकी इस बहानेबाजी को सूचित करने के लिए कहा जाता है – ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा।’ अर्थात् नाचना आता नहीं, इसलिए आँगन को टेढ़ा (अनुपयुक्त या दोषपूर्ण) बताकर वह नाचने से बचना चाहता है।
मातापिता अपने कमाऊ बेटे का बुरा व्यवहार भी सहन कर लेते हैं। उनकी इस स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा जाता है ‘दुधार गाय की लात भी भली।’
कभी – कभी कवियों की मार्मिक सूक्तियाँ भी कहावत का रूप ले लेती हैं। जैसे
- (1) ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय।
- (2) रहिमन याचकता गहे बड़े छोटे हो जात।
- (3) हरि को भजे सो हरि का होय।
सार:
- कहावतें प्रायः पूर्ण वाक्य के रूप में होती हैं।
- कहावतें ज्ञान और अनुभव का निचोड़ होती हैं।
- कहावतों का स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जा सकता है। जैसे –
दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय। (दुर्बल को मत सताओ, क्योंकि उसकी हाय में बड़ी शक्ति होती है।)
इस प्रकार, कहावत अपने आप में एक पूर्ण विचार और स्वतंत्र वाक्य है। - कहावत का प्रयोग करने के लिए उसके सूचितार्थ को समझना आवश्यक है।
(सूचना : पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 11 से 13 पर दी गई कहावतों को भली भाँति समझिए।)
अनूठे इन्सान भाषा-सजता
आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास –
तुम्हें छात्रावास में इसलिए भेजा था कि तुम परीक्षा में प्रथम आ सको पर तुमने तो यहाँ रहकर भी बेकार की बातों में समय बरबाद करना शुरू कर दिया।
इसे कहते हैं – ‘आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास’ अर्थात् अच्छा काम छोड़कर महत्त्वहीन काम में लग जाना।
उलटा चोर कोतवाल को डांटे –
एक तो तुमने चोरी की और ऊपर से मुझे ही डाँट रहे हो?
इसे कहते हैं – ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ अर्थात् अपराधी द्वारा निर्दोष को धमकाना।
ऊँची दुकान फीका पकवान –
हमने तो तुम्हारी दुकान की प्रसिद्धि सुनकर सामान खरीदा था मगर आपका सामान तो बहुत ही घटिया निकला।
इसे कहते हैं – ‘ऊँची दुकान फीका पकवान’ अर्थात् प्रसिद्धि के अनुरूप न होना।
एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा –
वह शराबी तो था ही, जुआ भी खेलने लगा। यह तो वही बात हुई – एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा। अर्थात् एक दोष के साथ-साथ दूसरा दोष भी लग जाना।
एक सड़ी मछली सारे तालाब को गंदा करती है –
जब से धनराज हमारी कक्षा में आया है उसने कई बार चोरी की है। उसकी देखा-देखी कई और लड़के भी इस लत में पड़ गए हैं। ठीक ही कहा है – एक सड़ी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।
अर्थात् एक की बुराई के कारण सबकी बदनामी होना।
कंगाली में आटा गीला –
गंगू पहले ही बहुत निर्धन था, छोटी-सी नौकरी में बड़ी मुश्किल से गुज़ारा कर रहा था, अब तो वह भी छूट गई।
इसे कहते हैं – ‘कंगाली में आटा गीला’ अर्थात् मुसीबत में और मुसीबत आना।
कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली –
उस साधारण गायिका की तुलना लता मंगेशकर से करना उचित नहीं – कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली।
अर्थात दो व्यक्तियों की स्थिति में बहुत अंतर होना।
कोयले की दलाली में हाथ काला –
उसका साथ छोड़ दो, पूरा गुंडा है, कभी तुम्हें भी ले बैठेगा। जानते नहीं, कोयले की दलाली में हाथ काला। अर्थात् बुरे के साथ रहने पर बुराई मिलती है।
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए –
सेठ मोहनदास कई दिनों से बीमार हैं, फिर भी अस्पताल नहीं जाना चाहते हैं । उनके लिए तो चमडी जाए पर दमड़ी न जाए।
अर्थात् कंजूस व्यक्ति कष्ट सहन कर लेता है, लेकिन पैसे खर्च नहीं करता।
जो गरजते हैं सो बरसते नहीं –
कमल ने इस बार 100 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त करने का दावा किया था। वह प्रथम तो क्या, तृतीय भी न आ सका।
इसे कहते हैं – ‘जो गरजते हैं सो बरसते नहीं’ अर्थात् जो डींग मारते हैं, वे काम नहीं करते।
नाम बड़े और दर्शन छोटे –
तुम्हारे विद्यालय की बहुत प्रशंसा सुन रखी थी, पर आकर देखा तो पढ़ाई का स्तर कुछ भी नहीं। इसे कहते हैं – ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ अर्थात् प्रसिद्धि अधिक किन्तु तत्त्व कुछ भी नहीं।
बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से पाय –
सारे साल तो तुमने पढ़ाई नहीं की अब उत्तीर्ण होने के सपने देख रहे हो? यह संभव नहीं है, क्योंकि किसी ने कहा है – ‘बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से पाय’ अर्थात् बुरे कामों का अच्छा फल नहीं मिलता।
| इन कहावतों को पढ़ने से पता चलता है कि उनमें से शाब्दिक अर्थ नहीं, बल्कि कुछ विशेष अर्थ प्रकट होता है। कहावत का पूर्ण वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जाता है। कहावत का प्रयोग किसी बात के समर्थन या खंडन के लिए किया जाता है। |
Hindi Digest Std 6 GSEB अनूठे इन्सान Important Questions and Answers
अनूठे इन्सान विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
नेपोलियन अपनी बहन के साथ कौन – सा खेल खेल रहा था?
A. पकड़ा – पकड़ी
B. आँख – मिचौनी
C. टेनिस
D. खो – खो
उत्तर :
B. आँख – मिचौनी
प्रश्न 2.
नेपोलियन ने लड़की को क्या दिया?
A. दो सिक्के
B. तीन सिक्के
C. चार सिक्के
D. पाँच सिक्के
उत्तर :
B. तीन सिक्के
प्रश्न 3.
नेपोलियन कैसा इन्सान था?
A. निडर
B. दिलदार
C. बहादुर
D. अनूठा
उत्तर :
D. अनूठा
प्रश्न 4.
कौमुदी के पिता किसकी नीलामी करा रहे थे?
A. हस्ताक्षरों की
B. आवेदनपत्रों की
C. मानपत्रों की
D. आभूषणों की
उत्तर :
C. मानपत्रों की
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (जेवरों, अमरूद, बड़गरा, कौमुदी, सत्यवादी, दृढ़, देशप्रेम, टोकरी)
(1) नेपोलियन जब छोटा था तभी से वह …………………………………. था।
(2) लड़की …………………………………. बेचने के लिए जा रही थी।
(3) नेपोलियन के टकराने से उसकी …………………………………. नीचे गिर पड़ी।
(4) बचपन से ही उसे खुद पर …………………………………. विश्वास था।
(5) वहाँ …………………………………. नाम के गाँव में सभा का आयोजन किया गया।
(6) गाँधीजी ने उपस्थित बहनों से …………………………………. की भीख माँगी।
(7) गाँधीजी ने …………………………………. से कहा।
(8) …………………………………. से बढ़कर कुछ नहीं।
उत्तर :
(1) नेपोलियन जब छोटा था तभी से वह सत्यवादी था।
(2) लड़की अमरूद बेचने के लिए जा रही थी।
(3) नेपोलियन के टकराने से उसकी टोकरी नीचे गिर पड़ी।
(4) बचपन से ही उसे खुद पर दृढ़ विश्वास था।
(5) वहाँ बड़गरा नाम के गाँव में सभा का आयोजन किया गया।
(6) गाँधीजी ने उपस्थित बहनों से जेवरों की भीख माँगी।
(7) गाँधीजी ने कौमुदी से कहा।
(8) देशप्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
लड़की को डर था, कि …
(अ) अब वह केले कहाँ से खरीदेगी?
(ब) कीचड़ में गिरकर अमरूद खराब न हो गए हों।
(क) वह माँ को क्या जवाब देगी?
उत्तर :
लड़की को डर था, कि वह माँ को क्या जवाब देगी?
प्रश्न 2.
नेपोलियन भागा नहीं, क्योंकि …
(अ) वह लड़की को जो हानि हुई थी उसे भरपाई करना चाहता था।
(ब) वह निडर था।
(क) वहाँ से भागना संभव नहीं था।
उत्तर :
नेपोलियन भागा नहीं, क्योंकि वह लड़की को जो हानि हुई थी उसे भरपाई करना चाहता था।
प्रश्न 3.
माँ नेपोलियन से खुश हुई, क्योंकि …
(अ) वह लड़की को धक्का देकर भागा नहीं था।
(ब) उसने माँ को सच – सच बता दिया था।
(क) उसने अपने जेबखर्च का पैसा दिलाया था।
उत्तर :
माँ नेपोलियन से खुश हुई, क्योंकि उसने माँ को सच – सच बता दिया था।
प्रश्न 4.
भाषण समाप्त कर गाँधीजी …
(अ) महिलाओं से उनके जेवर माँगने लगे।
(ब) सबको अपने हस्ताक्षर देने लगे।
(क) भेंट में मिली वस्तुएँ नीलाम करने लगे।
उत्तर :
भाषण समाप्त कर गाँधीजी भेंट में मिली वस्तुएं नीलाम करने लगे।
प्रश्न 5.
गाँधीजी ने कौमुदी के …
(अ) हार को सच्चा आभूषण बताया।
(ब) त्याग को सच्चा आभूषण बताया।
(क) साहस को सच्चा आभूषण बताया।
उत्तर :
गाँधीजी ने कौमुदी के त्याग को सच्चा आभूषण बताया।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
नेपोलियन किससे टकराया?
उत्तर :
नेपोलियन एक अमरूद बेचने जा रही लड़की से टकराया।
प्रश्न 2.
अमरूदों के खराब हो जाने का क्या कारण था?
उत्तर :
अमरूद कीचड़ में गिर जाने के कारण खराब हो गए थे।
प्रश्न 3.
इलाइजा अमरूदवाली लड़की को घर ले जाने का विरोध क्यों कर रही थी?
उत्तर :
इलाइजा अमरूदवाली लड़की को घर ले जाने का विरोध कर रही थी, क्योंकि उसे माँ के नाराज होने का डर था।
प्रश्न 4.
नेपोलियन कैसा इन्सान था?
उत्तर :
नेपोलियन सच्चाई के पथ पर चलनेवाला इन्सान था।
प्रश्न 5.
बड़गरा गाँव किस राज्य में है?
उत्तर :
बड़गरा गाँव केरल राज्य में है।
प्रश्न 6.
कौमुदी ने गाँधीजी को भेंट में क्या – क्या दिया?
उत्तर :
कौमुदी ने गाँधीजी को भेंट में अपने हाथों की सोने की चूड़ियाँ, गले का स्वर्णहार और कानों के रत्नजड़ित बुंदे दिए।
प्रश्न 7.
कौमुदी ने अपने कीमती गहने गाँधीजी को क्यों दे दिए?
उत्तर :
कौमुदी ने अपने कीमती गहने गाँधीजी को दे दिए, क्योंकि उसकी दृष्टि में देश का महत्त्व गहनों से अधिक था।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
नेपोलियन को सच बोलने का क्या परिणाम भुगतना पड़ा?
उत्तर :
नेपोलियन ने अपनी माँ को बता दिया कि उसके कारण अमरूद बेचनेवाली लड़की को हानि उठानी पड़ी है। उस लड़की को डर है कि उसकी माँ उसे बुरी तरह डाँटेगी। अपनी जेबखर्च की रकम में से उस लड़की को अमरूदों के पूरे पैसे देने के लिए नेपोलियन ने माँ से कहा।
माँ नेपोलियन की सच्चाई से बहुत खुश हुई। उसने नेपोलियन से कहा कि अब एक महीने तक उसे जेबखर्च के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा। नेपोलियन ने माँ की बात मान ली। उसने अपने सच बोलने के परिणाम को खुशी – खुशी भुगत लिया।
प्रश्न 2.
कौमुदी कौन थी? उसने अपने देशप्रेम का परिचय किस प्रकार दिया?
उत्तर :
कौमुदी केरल के बड़गरा गाँव की बालिका थी। बड़गरा गाँव में धन इकट्ठा करने के लिए गाँधीजी की सभा का आयोजन हुआ था। सभा में भाषण के बाद गाँधीजी ने उपस्थित महिलाओं से उनके गहने माँगे। बहुत – सी महिलाओं ने अपने गहने गाँधीजी को भेंट कर दिए।
उस समय 16 वर्ष की कौमुदी गाँधीजी के पास आई।
उसने गाँधीजी से उनके हस्ताक्षर माँगे। हस्ताक्षर के बदले में उसने अपने दोनों हाथों की सोने की चूड़ियाँ, गले का स्वर्णहार और कानों के रत्नजडित बुंदे गाँधीजी को दे दिए। यह निश्चित था कि उतने कीमती गहने अब वह नहीं बनवा सकती थी, परंतु देश के लिए उसने अपने गहनों की परवाह नहीं की। इस प्रकार, मूल्यवान गहने देकर कौमुदी ने अपने देशप्रेम का परिचय दिया।
अनूठे इन्सान प्रवृत्तियाँ
- गाँधीजी का चित्र चिपकाइए और उनके बारे में पाँच वाक्य लिखिए :
गाँधीजी महान देशभक्त थे। उन्होंने अनेक कष्ट सहकर हमें आज़ादी दिलाई। वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। हम उन्हें प्रेम से ‘राष्ट्रपिता’ कहते हैं। गाँधीजी ने अपनी आत्मकथा लिखी है। उसका नाम ‘सत्य के प्रयोग’ है। - आपने अपने दादा – दादी में कौन – सी अनूठी बातें देखी हैं? बताइए।
- मेरे दादाजी नाटकों में अभिनय करते हैं। वे अच्छे अभिनेता हैं।
- मेरे दादाजी अंग्रेजी भी बहुत अच्छी बोलते हैं।
- मेरी दादीजी सुरीले कंठ से भजन गाती हैं।
- मेरी दादीजी देशी दवाओं से ही हमारी बीमारियाँ अच्छी कर देती हैं।
- नेपोलियन की तरह अब्राहम लिंकन भी अनूठे इन्सान थे। अपने पुस्तकालय से महापुरुषों के चरित्र संबंधी पुस्तकें लाकर पढ़िए।
- नेपोलियन फ्रांस का सम्राट था। यूरोप के नक्शे में फ्रांस देश को ढूंढिए।
अनूठे इन्सान Summary in English
Peculiar Persons
Such Was Napolean!
Napolean was truthful since his childhood. One day he was playing hide and seek with his sister Ilija. Ilija had hidden and Napolean was running here and there trying to seek her. Suddenly he dashed the girl who was going to sell guavas.
Her basket of guavas fell down. Her guavas became dirty because of mud. She began to cry and said, “Now, what will I say (reply) to my mother ?”
Naija began to say, “Brother, let us run away from here.”
“No sister, she has got loss because of us,” Napolean said this. He gave three small coins from his pocket to the girl and said, “Sister, I have only three coins. Please take them.”
“What can I do with these three coins ? My mother will beat me,” said the girl. “Then come with us to our home. We will pay you the rest of the money from our mother,” said Napolean.
Listening this llaija said to Nepolean, “Brother, if we take this girl to our home, mother will be displeased.”
But Napolean did not listen. He took the girl to his home with him. He informed everything to his mother and said, “Mother, please pay the girl from my pocketmoney which you give me.”
“Allright. I am happy for your truthfulness, but remember that you will not get anything for your pocketmoney for a month,” said mother.
“Allright, mother,” said Napolean laughing.
Kaumudi accepted the condition firmly. Gandhiji gave his autograph and wrote this sentence : “Your sacrifice is a real ornament than your all these ornaments.”
Really, nothing is superior to patriotism.
अनूठे इन्सान Summary in Gujarati
અનોખા માનવી
આવો હતો નેપોલિયન
નેપોલિયન જ્યારે નાનો હતો ત્યારથી જ સત્યવાદી હતો. એક દિવસ તે પોતાની બહેન ઈલાઈજા સાથે સંતાકૂકડી રમી રહ્યો હતો. ઈલાઇજા છુપાઈ ગઈ હતી અને નેપોલિયન તેને શોધવા માટે આમતેમ દોડી રહ્યો હતો. અચાનક એ એક છોકરાં સાથે ભટકાયો.
છોકરી જામફળ વેચવા માટે જતી હતી. નેપોલિયનના ધક્કાથી એની ટોપલી નીચે પડી ગઈ. ત્યાં કીચડ હોવાથી એના બધાં જામફળ ખરાબ થઈ ગયાં. તે રડતા – રડતી કહેવા લાગી, “હવે, માને હું શો જવાબ આપીશ?”
ઈલાઈજા કહેવા લાગી, “ચાલ ભાઈ, આપણે અહીંથી ભાગી જઈએ.”
“ના બહેન, આપણા લીધે તો તેને નુકસાન થયું છે.” આમ કહીને નેપોલિયને ખીસામાંથી ત્રણ નાના સિક્કા કાઢીને તે છોકરીને આપતાં કહ્યું, “બહેન, મારી પાસે આ ત્રણ જ સિક્કા છે. તું આ લઈ લે.”
આ ત્રણ સિક્કાથી શું થશે? મારી મા મને ખૂબ મારશે,” છોકરીએ કહ્યું. સારું, તો તું અમારી સાથે અમારા ઘેર ચાલ, અમે તને મારી મા પાસેથી બીજા પૈસા અપાવી દઈશું.”
આ સાંભળીને ઈલાઇજાએ નેપોલિયનને કહ્યું, “ભાઈ, આને ઘેર લઈ જઈશું તે મા નારાજ થશે.”
નેપોલિયન માન્યો નહીં, તે પેલી છોકરીને પોતાની સાથે ઘેર લઈ ગયો. માને * હકીકત જણાવીને તે બોલ્યો, “મા, તમે મને જે ખીસા – ખર્ચા આપો છો તેમાંથી આ છોકરીને પૈસા આપી દો.”
“ઠીક છે. હું તારી સચ્ચાઈથી ખુશ છું, પરંતુ યાદ રાખજે, હવે તેને એક મહીના સુધી ખીસા – ખર્ચ માટે કંઈ પણ નહીં મળે,” માએ કહ્યું.
ઠીક છે મા,” નેપોલિયને હસતાં – હસતાં કહ્યું,
માએ તે છોકરીને બે મોટા સિક્કા આપ્યા. તે ખુશખુશાલ થતી ઘેર ચાલી ગઈ. નેપોલિયનને છોકરીને ધક્કો મારવાની સજા તો મળી, પરંતુ સત્યના માર્ગે ચાલવાને લીધે તેને આ સજા ભોગવવામાં અનેરો આનંદ આવ્યો.
હકીકતમાં નેપોલિયન સચ્ચાઈને માર્ગે ચાલનારો મનુષ્ય હતો. બાળપણથી જ તેને પોતાના પર દઢ વિશ્વાસ હતો અને તેમાં દઢ ઇચ્છાશક્તિ પણ હતી.
સાચું દાન માલબાર(કેરલ)ની વાત છે. ત્યાં બડગરા નામના એક ગામમાં સભાનું આયોજન કરવામાં આવ્યું. ગાંધીજીએ પોતાના ભાષણમાં ઉપસ્થિત સૌ બહેનો પાસે ઘરેણાંની ભિક્ષા માગી. ઘણી વસ્તુઓ ભેટમાં મળી.
પોતાનું ભાષણ પૂરું કરીને ગાંધીજી આ વસ્તુઓની બોલી બોલીને વેચવા લાગ્યા. તે વખતે કૌમુદી નામની સોળ વર્ષની એક બાલિકા મંચ પર આવી, તેણે એક હાથની સોનાની બંગડી ઉતારી અને ગાંધીજીને. તે આપતાં બોલી, “શું, આપ મને તમારા હસ્તાક્ષર આપશો?”
ગાંધીજી હસ્તાક્ષર કરી જ રહ્યા હતા કે તેણે બીજા હાથની બંગડી પણ ઉતારી દીધી. આ જોઈને ગાંધીજીએ કહ્યું, “અરે ગાંડી છોકરી, બંને બંગડીઓ આપવાની જરૂર નથી. એક જ બંગડી લઈને હું તને મારા હસ્તાક્ષર આપી દઈશ.”
એના ઉત્તરમાં કૌમુદીએ પોતાના ગળાનો સોનાનો હાર ઉતાર્યો. ગાંધીજીએ પૂછ્યું, “તેં તારા માતાપિતાની આજ્ઞા તો લીધી છે ને?
કંઈ પણ ઉત્તર આપ્યા વિના તેણે કાનમાંથી રત્નજડિત બુટ્ટીઓ પણ કાઢી લીધી. ગાંધીજીએ પૂછ્યું” તેં આ ઘરેણાં આપવા માટે તારા માતાપિતાની આજ્ઞા લીધી છે ને?
કૌમુદી કંઈક ઉત્તર આપે, એ પહેલાં જ કોઈકે કહ્યું, “આના પિતા તો અહીં જ છે ને, માનપત્રોની બોલી બોલવામાં તેઓ જ બોલી બોલાવીને તમને મદદ કરી રહ્યા છે.’
હવે ગાંધીજીએ કૌમુદીને કહ્યું “તને એ તો ખબર હશે કે આ ઘરેણાં આપી દીધા પછી તું ફરીથી નવાં ઘરેણાં નહીં બનાવી શકે !”
કૌમુદીએ આ શરત મક્કમતાપૂર્વક સ્વીકારી લીધી. ગાંધીજીએ હસ્તાક્ષર કર્યા પછી આ વાક્ય લખ્યું – તારાં આ ઘરેણાં કરતાં તારો ત્યાગ જ ખરું ઘરેણું છે.
સાચે જ, દેશપ્રેમથી ચડિયાતું કશું નથી.
अनूठे इन्सान ऐसा था नेपोलियन विषय – प्रवेश
नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस देश का सम्राट था। यहाँ उसके बचपन की एक घटना दी गई है। इस घटना से पता चलता है कि सच्चाई का डटकर सामना करने का गुण उसमें बचपन से ही था। वह झूठ बोलकर अपनी गलती नहीं छिपाता था।
अनूठे इन्सान शब्दार्थ
- सत्यवादी – हमेशा सच बोलनेवाला; truthful
- आँख – मिचौनी – लुका – छिपी का खेल; hide and seek
- अचानक – एकाएक, अकस्मात; suddenly
- टकराना – धक्का लगना; to dash
- अमरूद – पेरू; guava
- हानि – नुकसान; loss
- नाराज – अप्रसन्न, नाखुश; unhappy, sad, displeased
- पथ – मार्ग, रास्ता; way अद्भुत – अनोखा; peculiar, extraordinary
- दृढ़ – मजबूत; strong
- खुद पर – अपने आप पर; one’s self
- इच्छा शक्ति – मनचाही वस्तु प्राप्त करने की शक्ति; determination
सच्चा दान विषय – प्रवेश
अपने देश से सबको प्रेम होता है। अपने देश की आज़ादी और उसके सम्मान के लिए देशभक्त लोग अपना सर्वस्व भी देने के लिए तैयार हो जाते हैं। यहाँ महात्मा गाँधी की उपस्थिति में देश के लिए सर्वस्व त्याग करनेवाली एक लड़की के बारे में बताया गया है।
अनूठे इन्सान शब्दार्थ
- आयोजन – इंतजाम; arrangement
- जेवर – गहने, आभूषण; ornaments
- नीलाम करना – बोली लगाकर बेचना; to bid
- मंच – स्टेज; stage
- हस्ताक्षर – दस्तखत; autograph
- स्वर्णहार – सोने की माला; golden chain
- आज्ञा – अनुमति; permission
- बुंदे – कान के आभूषण; the ornaments of ears
- मानपत्र – आदर सूचित करनेवाला पत्र; a letter of respect
- त्याग – छोड़ने की भावना; a sense of deserting
- भाषण – सभा के सामने बोलना; speech, lecture
ज़रा मुस्कुराइए अभ्यास
प्रश्न 1.
सामयिकों, अखबारों में से चुटकुले पढ़िए और कक्षा में सुनाइए। आपने जो चुटकुले सुने या पढ़े हों उन्हें लिखिए।
उत्तर :
(1) पिता : राजू, तुम हर बार इतिहास में अनुत्तीर्ण क्यों हो जाते हो?
राजू : क्योंकि, इस विषय के सभी प्रश्न उस समय के होते है, जब मैं पैदा भी नहीं हुआ था।
(2) पिता : (बेटे से) बेटा, जाओ डाकघर से दो चिट्ठियाँ ले आओ।
बेटा : पापा पैसे तो दीजिए।
पिता : अरे बेटे! पैसों से तो सभी ले आते हैं। अगर तुम मेरे बेटे हो तो बिना पैसे के लेकर आओ (थोड़ी देर में ही बेटा ४-५ चिट्ठियाँ लेकर आ गया।)
पिता : अरे! ये तो पहले से ही लिखी हैं।
बेटा : पापा अगर आप मेरे पापा है तो लिखी चिट्ठियों पर ही लिखकर दिखाइए।
(3) सोहन : सोनल बताओ, अक्ल बड़ी या भैंस?
सोनल : भैया, पहले दोनों के जन्मदिन बताओ तभी तो पता चलेगा कि कौन बड़ा है।
(4) टीचर : जहाँ बहुत बारिश होती है, वहाँ कौन-सी चीज़ ज्यादा पैदा होती छात्र : जी, कीचड़।
(5) पिता : लंका को ‘सोने की लंका’ क्यों कहते थे?
बेटा : इसलिए कि वहाँ कुम्भकर्ण जैसे सोनेवाले लोग थे।
(6) अमित : (पहलवान से) कमाल है भाई, ५ साल पहले भी तुमने अपनी उम्र ३२ वर्ष बताई थी और आज भी अपनी उम्र वर्ष ही बताते हो?
पहलवान : हम पहलवान है, जो एक बार कह देते हैं, उस पर अटल रहते हैं। अपनी बात से पीछे नहीं हटते।
(7) सुरेन्द्र : नवीन, इन्सान की नज़र ज्यादा तेज है या जानवर की?
नवीन : जानवर की। सुरेन्द्र : यह तुम कैसे कह सकते हो?
नवीन : क्योंकि जानवर कभी चश्मा नहीं पहनते।
(8) अंकल : आरती, तुमने अखबारवाले का बिल देखा है?
आरती : अंकल, क्या शहर में लोग बिलों में भी रहते हैं?
(9) नौकर : मालिक, आप एक साथ दो-दो रोटियाँ क्यों खाते हैं?
मालिक : डॉक्टर ने मुझे डबल रोटी खाने को कहा है।
(10) एक छोटी बच्ची ने टेलीफोन पर अपने पिताजी की आवाज़ सुनी। वह जोर-जोर से रोने लगी।
माँ ने पूछा : अरे बेटी, क्यों रो रही हो? बेटी : अब इसमें से पिताजी कैसे निकलेंगे?
(11) मालिक : (नौकर से) तू कोई भी काम करने से पहले मुझसे पूछ लिया कर। (थोड़ी देर बाद)
नौकर : मालिक। रसोईघर में बिल्ली दूध पी रही है, क्या मैं उसे भगा दूँ?
(12) सुशील : मेरे पिताजी जब माचिस की डिबिया खरीदते हैं तो सारी तीलियाँ गिनते हैं कि कहीं कम तो नहीं।
गीता : मेरे पिताजी माचिस की डिबिया खरीदते हैं तो सारी तीलियाँ जलाकर देखते हैं कि कोई तीली खराब तो नहीं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित परिच्छेद में से मुहावरे ढूंढ़िए और उनके अर्थ देकर वाक्य-प्रयोग कीजिए।
रमेश पढ़ाई में होशियार लड़का है, इसलिए रमेश पिताजी की आँखों का तारा है। इस साल रमेश ने कमर कसके परीक्षा की तैयारी की थी। जब वह परीक्षा देने गया तो उसका ईद का चाँद मित्र महेश का नंबर भी उसके नज़दीक था।
महेश आस्तीन का साँप निकला और वह अध्यापक की नज़र चुरा के रमेश की कापी में से नकल कर रहा था। उस वक्त अध्यापक ने देखा और वे आग बबूला हो गये।
उत्तर :
- आँखों का तारा- बहत प्यारा
वाक्य : गौरव अपनी माँ की आँखों का तारा है। - कमर कसना – अच्छी तरह तैयार होना
वाक्य : मैंने भी प्रतियोगिता में जीतने के लिए कमर कस ली है। - ईद का चाँद होना – बहुत दिन बाद मिलना।
वाक्य : आजकल तुम, ईद के चाँद हो गए हो, दिखाई नहीं देते। - आस्तीन का साँप – कपटी मित्र, मित्र बनकर शत्रु जैसा व्यवहार करना।
वाक्य : मैंने मनोज पर पूरा विश्वास किया, लेकिन वह आस्तीन का साँप निकला। - नज़र चुराना – किसी का ध्यान न जाए इस तरह काम करना
वाक्य : अपराधी पुलिस की नज़र चुराकर भाग गया। - आग बबूला होना – बहुत क्रोधित होना
वाक्य : नौकर से गुलदस्ता टूट जाने पर मालकिन आग बबूला हो गई।
प्रश्न 3.
रेखांकित शब्दों के लिंग बदलकर वाक्य फिर से लिखिए :
(1) मेरे दादाजी यात्रा पर गये हैं।
(2) एक आदमी ने मुझसे कहा।
(3) लेखक कहानी लिख रहा है।
(4) मेरी मालकिन का स्वभाव बहुत अच्छा है।
(5) बारिश को देखकर मोर नाचने लगा।
(6) जंगल में शेर दहाड़ रहा है।
(7) सेठ दुकान में बैठे हैं।
(8) अध्यापक पढ़ रहे है।
(9) पंडित रामायण सुनाने लगे।
(10) लड़का दुकान के पास खड़ा है।
उत्तर :
(1) मेरी दादीजी यात्रा पर गयी हैं।
(2) एक औरत ने मुझसे कहा।
(3) लेखिका कहानी लिख रही है।
(4) मेरे मालिक का स्वभाव बहुत अच्छा है।
(5) बारिश को देखकर मोरनी नाचने लगी।
(6) जंगल में शेरनी दहाड़ रही है।
(7) सेठानी दुकान में बैठी हैं।
(8) अध्यापिका पढ़ रही है।
(9) पंडिताइन रामायण सुनाने लगी।
(10) लड़की दुकान के पास खड़ी है।
प्रश्न 4.
उदाहरण के अनुसार शब्द का चार-चार वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
जैसे :
घर – मेरा घर सूरत में है।
– मुझे अपना घर बहुत पसंद है।
– मेरे घर में तीन कमरे हैं।
– मैं अपना घर साफ रखता हूँ।
(1) बाग
(2) नदी
(3) दोस्त
(4) पसंद
(5) कहानी
उत्तर :
(1) बाग :
- बाग में फूल होते हैं।
- बाग में लड़के खेलते हैं।
- मैं रोज बाग में जाता हूँ।
- यह बाग बहुत सुंदर है।
(2) नदी :
- हम नदी में नहाते हैं।
- लोग नदी में तैरते हैं।
- नदी में नावें चलती हैं।
- गंगा पवित्र नदी है।
(3) दोस्त :
- गौरव मेरा दोस्त है।
- मेरा दोस्त पढ़ने में होशियार हैं।
- मैं अपने दोस्त के साथ खेलता हूँ।
- जीवन में दोस्त होना जरूरी है।
(4) पसंद :
- मुझे गुलाब का फूल पसंद है।
- दीदी की पसंद चमेली का फूल है।
- माँ केवड़ा पसंद करती है।
- सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है।
(5) कहानी :
- मैं प्रेमचंदजी की कहानी पढ़ रहा था।
- मुझे कहानी पढ़ने का शौक है।
- गुरुजी ने हमें एक दिलचस्प कहानी सुनाई।
- बच्चे कहानी सुनने में मग्न थे।
प्रश्न 5.
कहावतों के अर्थ दिए गए हैं, कक्षा में उदाहरण देकर चर्चा कीजिए :
(1) अक्ल बड़ी या भैंस – शरीर बड़ा होने की अपेक्षा अक्ल बड़ी होती है।
उत्तर :
शिक्षक : हमारी अक्ल मस्तिष्क में होती है, मस्तिष्क हमारी खोपड़ी में होता है। हमारी खोपड़ी भैंस से बहुत छोटी होती है और अक्ल तो उससे और भी छोटी होती है। फिर भी अक्ल को भैंस से बड़ी क्यों कहा जाता है?
एक विद्यार्थी : गुरुजी, कद में बड़े होने से ही कोई बड़ा नहीं हो जाता। रोग का एक कीटाणु छोटा होने पर भी हमें बीमार बनाकर कड़वी दवा खाने के लिए मजबूर कर देता है। इसी तरह अक्ल सूक्ष्म और अदृश्य शक्ति है। यह सारा ज्ञान-विज्ञान मनुष्य की अक्ल का जलसा है। यदि भैंस में अक्ल होती तो वह ‘पशु’ क्यों कहलाती? मनुष्य के पास अक्ल है, इसलिए वह भैंस को पालकर उसका दूध निकालता है। हाथी और शेर भी मनुष्य के वश में हो जाते हैं। इसीलिए मनुष्य की अक्ल को भैंस से बड़ा माना जाता है।
शिक्षक : हाँ, इसीलिए तो कहावत है – अक्ल बड़ी या भैंस?
(2) आसमान से गिरा खजूर में अटका – एक के बाद एक विपत्ति में फँसना।
उत्तर :
शिक्षक : गोपाल, क्या इस कहावत का तुम्हें कभी अनुभव हुआ है?
गोपाल : हाँ गुरुजी, एक बार मेरे दादाजी बीमार हुए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर पिताजी घर लौटे तो देखा कि बाथरूम में पैर फिसल जाने से दादी के हाथ और सिर में गहरी चोट आई है। तब, उनके मुँह से मैंने यही कहावत सुनी थी – आसमान से गिरा खजूर में अटका।
(3) आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास – अच्छा काम छोड़कर महत्त्वहीन काम में लग जाना।
उत्तर :
शिक्षक : धवल, क्या तुम इस कहावत का कोई उदाहरण दे सकते हो?
धवल : क्यों नहीं गुरुजी, मेरे चाचाजी फिल्म में अभिनेता बनने के लिए लखनऊ से मुंबई आए थे। बहुत कोशिश की, पर किसी फिल्म में मौका नहीं मिला। आखिर उन्हें एक दफ्तर में क्लर्क बनकर जीविका चलानी पड़ी। एक दिन मैंने उनके मुँह से यही कहावत सुनी थी – आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास।
(4) जो गरजते हैं वो बरसते नहीं – जो डींग मारते हैं, वे काम नहीं करते।
उत्तर :
शिक्षक : सलिल, क्या तुम इस कहावत का उदाहरण दे सकते हो?
सलिल : गुरुजी, हमारे मुहल्ले में बरसों से पानी की किल्लत है। पिछले नगरपालिका चुनाव में हर पार्टी के नेता ने लोगों से कहा कि यदि वे चुनकर आएँगे, तो कुछ दिनों में ही लोगों को नियमित रूप से भरपूर पानी दिलाएँगे। चुनाव हुए दो साल हो गए। जो उम्मीदवार जीता, वह अभी तक कहीं नजर नहीं आया। अब इसे आप क्या कहेंगे?
शिक्षक : सच है, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।
(5) जैसी करनी वैसी भरनी – जो जैसा करते हैं उसे उसीके अनुसार फल भुगतना पड़ता है।
उत्तर :
शिक्षक : सूरज, क्या इस कहावत को तुम सच मानते हो?
सूरज : गुरुजी, अभी मैं स्कूल आ रहा था तो एक युवक एक महिला के गले से सोने की जंजीर झटककर भाग रहा था। महिला के चिल्लाने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसकी खूब पिटाई की। फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। अब इसे हम क्या कहेंगे?
मोहन : जैसी करनी, वैसी भरनी।
ज़रा मुस्कुराइए योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
“ठहाका मारकर हँसो और सौ साल जिओ’ कैसे? कक्षा में इस वाक्य पर चर्चा कीजिए।
उत्तर :
शिक्षक : रमेश, ‘ठहाका मारकर हँसना’ किसे कहते हैं? रमेश : गुरुजी, खूब जोर से हँसने को ‘ठहाका मारकर हँसना’ कहते हैं।
मधुर : इसे ‘अट्टहास’ भी कहते हैं।
शिक्षक : मधुर, क्या तुमने किसी को ठहाका मारकर हँसते हुए देखा है?
मधुर : गुरुजी, मेरे दादाजी तो रोज ही ठहाके लगाते हैं?
शिक्षक : उनकी उम्र क्या है?
मधुर : गुरुजी, वे पच्चासी वर्ष के हैं और बिलकुल स्वस्थ हैं। वे कोई कसरत भी नहीं करते।
शिक्षक : अरे, ठहाका मारकर हँसने से मन के सारे तनाव दूर हो जाते हैं और श्वसन तथा पचनतंत्र का व्यायाम भी हो जाता है। ये अंग स्वस्थ रहने से ही व्यक्ति दीर्घजीवी बनता है। इसलिए दिन में एक बार तो हमें ठहाका मारकर हँसना चाहिए।
प्रश्न 2.
आकाशवाणी (रेडियो), दूरदर्शन एवं प्रसार माध्यमों से चुटकुले एवं हास्य कार्यक्रम सुनिए और देखिए।
प्रश्न 3.
पाठशाला में प्राप्य सामयिक, अखबार में से चुटकुले खोजकर संग्रह कीजिए।
प्रश्न 4.
हास्य कलाकारों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
Hindi Digest Std 6 GSEB ज़रा मुस्कुराइए Important Questions and Answers
ज़रा मुस्कुराइए विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
मालिक ने किराएदार से कहा था, कि इसे अपना ही समझना।
A. गाँव
B. मकान
C. घर
D. ससुराल
उत्तर :
C. घर
प्रश्न 2.
एक आदमी ने सोनू से किसका उपयोग करने के लिए कहा?
A. कील का
B. खोपड़ी का
C. पत्थर का
D. हाथ का
उत्तर :
B. खोपड़ी का
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: (पत्थर, ग्यारह, किराया, डेढ़)
(1) तुम मुझे ……………………………. क्यों नहीं देते?
(2) मैं ……………………………. से कील ठोक रहा था।
(3) कल मैंने रात के ……………………………. बजे तक पढ़ाई की।
(4) रात को ……………………………. बजे के बाद सारे मोहल्ले की लाइट चली गई थी।
उत्तर :
(1) तुम मुझे किराया क्यों नहीं देते?
(2) मैं पत्थर से कील ठोक रहा था।
(3) कल मैंने रात के डेढ़ बजे तक पढ़ाई की।
(4) रात को ग्यारह बजे के बाद सारे मोहल्ले की लाइट चली गई थी।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए : डब्बू इतिहास में फेल हो गया, क्योंकि …
(अ) वह परीक्षा में अनुपस्थित था।
(ब) उसने पढ़ाई नहीं की थी।
(क) सभी प्रश्न उस समय के पूछे गए थे, जब वह पैदा भी नहीं हुआ था।
उत्तर :
डब्बू इतिहास में फेल हो गया, क्योंकि सभी प्रश्न उस समय के पूछे गए थे, जब वह पैदा भी नहीं हुआ था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
किराएदार घर का किराया क्यों नहीं दे रहा था?
उत्तर :
किराएदार घर का किराया नहीं दे रहा था, क्योंकि मालिक ने उससे घर को अपना ही घर समझकर रहने के लिए कहा था।
प्रश्न 2.
रात के डेढ़ बजे तक पढ़ने की मुन्ना की बात झूठ क्यों थी?
उत्तर :
राते के डेढ़ बजे तक पढ़ने की मुन्ना की बाज झूठ थी, क्योंकि मुहल्ले की लाइट ग्यारह बजे के बाद चली गई थी।
ज़रा मुस्कुराइए प्रवृत्तियाँ
- स्कूल के पुस्तकालय से चुटकुलों (जोक्स) की पुस्तक लेकर पढ़िए।
- चुटकुलों की पुस्तक से पाँच चुटकुले अपनी कॉपी में लिखिए।
ज़रा मुस्कुराइए Summary in Gujarati
જરા હસો.
(1) માલિક (ભાડૂતને) તમે મને ભાડું કેમ આપતા નથી?
ભાડૂત : તમે જ તો કહ્યું હતું કે આને તમારું જ ઘર સમજજો.
(2) (સોનુને માથામાં ઈજા થઈ.)
ડૉક્ટર: (સોનુને) આ કેવી રીતે થયું?
સોનુ : (ડૉક્ટરને) હું પથ્થર વડે ખીલી ઠોકી રહ્યો હતો. એક માણસે
મને કહ્યું, “ગધેડા, ક્યારેક તો ખોપડીનો પણ ઉપયોગ કરતો રહે.”
(3) મુન્નો : પપ્પા, ગઈ કાલે મેં રાત્રે દોઢ વાગ્યા સુધી અભ્યાસ કર્યો.
પિતા : શાબાશ, દીકરા, પરંતુ રાતના અગિયાર વાગ્યા પછી તો આખા મહોલ્લાની લાઇટ જતી રહી હતી.
મુન્નો : સાચું! હું તો ભણવામાં એટલો મશગૂલ હતો કે મને ખબર જ ન પડી!
ज़रा मुस्कुराइए Summary in English
Let’s Laugh
(1) Owner :(to the tenant) Why do you not pay me house-rent?
Tenant : You yourself had told me to believe the house as mine.
(2) (Sonu injured her head.)
Doctor : (to Sonu) How did this happen?
Sonu :(to the doctor) I was fixing the nail with a stone. A man said to me, “O donkey, some time use your head, too.”
(3) Munno : Papa, yesterday I studied till half-past one at night.
Father : Very good, dear son, but after eleven at night light had gone in our whole street.
Munno : True! But I was so engrossed in my studies that I didn’t know it !
जरा मुस्कराइए विषय-प्रवेश
हँसी-मजाक को हम ज्यादा महत्त्व नहीं देते, लेकिन दैनिक जीवन में इसका भी महत्त्व है। हँसने से मन प्रसन्न हो जाता है। चिंता, तनाव और उदासी छू-मंतर हो जाते हैं। स्वस्थ रहने के लिए भी हास्य जरूरी है।
जरा मुस्कराइए शब्दार्थ
- किराएदार – जिसने रहने के लिए घर किराए पर लिया हो वह – tenant
- खोपड़ी- मस्तक, सिर – head
- इस्तेमाल – उपयोग – use
- मगन (मग्न) – तल्लीन – fully engrossed
पुस्तक – हमारी मित्र अभ्यास
प्रश्न 1.
अगर आप किसी को चिट्ठी लिख रहे हैं तो पता किस क्रम में लिखेंगे? नीचे दी गई जगह में लिखिए:
गली / मोहल्ले का नाम, घर का नंबर, राज्य का नाम, खंड का नाम, कस्बे / शहर / गाँव का नाम, पिनकोड़ नंबर
…………………………………………………………………………
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…………………………………………………………………………
आपने इस क्रम में ही क्यों लिखा? चर्चा कीजिए।
उतर :
घर का नंबर : 1201
गली / मोहल्ले का नाम : गोळ गली
गाँव / कस्बे / शहर का नाम : पाटण
खंड का नाम (जिला) : पाटण जिला
राज्य का नाम : गुजरात
पिनकोड नंबर : 384 265
आपने इस क्रम में ही क्यों लिखा? चर्चा कीजिए।
विद्यार्थी – गुरुजी, ऊपर दी गई जानकारी आपने इसी क्रम में क्यों लिखी है? ‘पिनकोड’ का अर्थ क्या है?
शिक्षक – पता ऊपर दिए गए तरीके से लिखा होगा तो डाकविभाग को उसे सही पते पर पहुँचाने में आसानी होगी। “पिन’ शब्द Postal Index Number (PIN) का संक्षिप्त रूप है। यह नंबर अंकों में होता है। इसके हर अंक का एक खास स्थानीय अर्थ है। यह लिखने से पत्र राज्य और शहर के संबंधित डाकखाने तक सरलता से पहुँच जाता है।
प्रश्न 2.
प्रारूप के आधार पर मित्र को ‘जन्मदिन बधाई’ के संदर्भ में पत्र लिखिए :

उतर :
35, ‘इन्द्रधनुष’
अंकुर सोसायटी,
मणिनगर,
अहमदाबाद -380009
30 अक्तूबर, 2013
प्रिय सुधांशु,
नमस्ते।
आज अचानक केलेंडर पर ध्यान गया तो याद आया कि 28 दिसंबर को तुम्हारी बारहवीं सालगिरह है। इस पत्र द्वारा मैं तुम्हें बधाई भेज रहा हूँ। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें दीर्घायु, सुंदर स्वास्थ्य और सुयश प्रदान करे।
यहाँ सब कुशल हैं। आशा है, आप सब भी कुशल होंगे।
परिवार में बड़ों को प्रणाम। छोटी माधवी को बहुत-बहुत प्यार।
तुम्हारा मित्र,
रत्नाकर।
प्रश्न 3.
अपने मित्र को चिट्ठी भेजना चाहते हो, तो ठीक से अपनी जगह पर पहुंचे ऐसा पता लिखिए:
उत्तर :
विनोदभाई ए. शाह M.A.
801, मेहता कॉर्ट,
13, गिल्डर लेन,
लेमिंग्टन रोड,
मुंबई – 400 008
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प्रश्न 4.
चित्र देखिए और जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछिए :
उत्तर :
- लड़का कहाँ से सड़क पार कर रहा है?
- लड़के को सड़क के बदले कहाँ चलना चाहिए?
- लड़के और लड़की को कहाँ से सड़क पार करनी चाहिए?
- सड़क पर वाहन क्यों रुके हुए हैं?
- आदमी और औरत (पति और पत्नी) कहाँ घूम रहे हैं?
- साइकिलवाला लड़का अपना दाहिना हाथ क्यों दिखा रहा है?
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए :
दुनिया साहसी लोगों के लिए है। कायर हमेशा सोचते रहते हैं और बैठे-बैठे सपना देखा करते हैं, पर साहसी विजयी हो जाते हैं। साहस के बिना योग्यता व्यर्थ है।
आलसी आदमी तो मन के लड्डू ही खाते हैं। मगर जो कर्मवीर हैं, वे सफलता प्राप्त कर लेते हैं। कायर भय के सामने काँपने लगता है। साहसी का लहू भय को देखकर जोश से भर जाता है। साहस के बिना बड़ा डील-डौल किस काम का? दुनिया का इतिहास साहसी पुरुषों और स्त्रियों की कहानियों से भरा पड़ा है।
अब इस गद्यांश के आधार पर अपने साथियों से पूछने के लिए प्रश्न बनाइए।
उत्तर :
- यह दुनिया किनके लिए है?
- कायर और साहसी में क्या फर्क है?
- किसके बिना योग्यता व्यर्थ है?
- किसके बिना बड़ा डील-डौल व्यर्थ है?
- दुनिया का इतिहास किनकी कहानियों से भरा पड़ा है?
पुस्तक – हमारी मित्र स्वाध्याय
1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
पत्र कब और कहाँ से लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र 4 अगस्त, 2011 को 195, उमियानगर सोसायटी, मुंदरा (जिला – कच्छ) से लिखा गया है।
प्रश्न 2.
पत्र किसने किसको लिखा है?
उत्तर :
पत्र पूजन ने मित्र मनोज को लिखा है।
प्रश्न 3.
पत्र किस विषय के बारे में लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र पुस्तकों के महत्त्व के बारे में लिखा गया है।
2. अपने घर कोई पुराना या नया पत्र ढूंढ़िए और उसे देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
पत्र किसने लिखा है?
उत्तर :
यह पत्र रोहित पटेल ने लिखा है।
प्रश्न 2.
पत्र क्यों लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र स्वस्थ रहने के उपाय बताने के लिए लिखा गया है।
प्रश्न 3.
पत्र कौन-से दिनांक को लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र 13 अगस्त, 2008 को लिखा गया है।
3. पत्र भेजने के लिए आम तौर पर पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र या लिफ़ाफ़ा इस्तेमाल किया जाता है।
डाकघर जाकर इनका मूल्य पता कीजिए। यह भी पता कीजिए कि इनमें क्या अंतर होता है :
(1) पोस्टकार्ड : ……………………………….
(2) अंतर्देशीय पत्र : ……………………………
(3) लिफ़ाफ़ा : ……………………………….
उत्तर :
(1) पोस्टकार्ड : पोस्टकार्ड खुला होता है। इसमें लिखने के लिए अधिक जगह नहीं होती। इसका मूल्य 50 पैसे हैं।
(2) अंतर्देशीय पत्र : इसे लिखने के बाद तीन ओर से मोडकर बंद किया जा सकता है। इसका उपयोग केवल अपने देश में ही हो सकता है। इसका मूल्य 2.50 रुपए हैं।
(3) लिफ़ाफ़ा : अलग कागज पर पत्र लिखकर और उसे मोडकर लिफ़ाफ़े में रखा जाता है। इसमें पत्र सुरक्षित रहता है। लिफ़ाफ़े पत्र के अलावा प्रायः बहनें अपने दूर रहनेवाले भाइयों को राखी भेजती हैं। इसका मूल्य 5 रुपए हैं।
4. अपने आस-पास की किसी भी घटना का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए :
जैसे कि – नदी में बाढ़ आना।
उत्तर :
29, किशोरकुंज,
गोमतीपुर,
अहमदाबाद -380021
19 दिसंबर, 2013
प्रिय मित्र कमलेश,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी बहन की बीमारी की बात जानकर दुःख हुआ। उसे खाने-पीने में सावधानी रखनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि वह जल्दी ही अच्छी हो जाएगी।
कल रात हमारे मुहल्ले में शोर्ट-सर्किट के कारण एक मकान में आग लग गई। शुरू में किसी को कुछ पता न चला। घर के लोग सोए हुए थे। अचानक धुआँ उठने लगा और बदबू आने लगी तो लोग जाग गए। कुछ ही देर में काफी लोग वहाँ जमा हो गए। मैं भी वहाँ पहँच गया।
यह तो अच्छा हआ कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी जल्दी आ गई और कुछ ही देर में आग बुझ गई। मामूली नुकसान के सिवा कोई बड़ी हानि नहीं हुई। सचमुच, ऐसी घटनाएँ बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं।
बाकी सब कुशल हैं। तुम्हारे माता-पिता को मेरा प्रणाम।
तुम्हारा मित्र,
राजेश
पुस्तक – हमारी मित्र इतना जानिए
पेशेवाले लोग :
(1) કાછિયો
(2) તંબોળી (પાનવાળો)
(૩) કંદોઈ
(4) વેપારી
(5) ઘડિયાળી
(6) બુકબાઇન્ડર
(7) ગાંધી
(8) ખાટલો ભરનાર
(9) કાપડિયો
(10) સંઘાડિયો
उत्तर :
(1) કાછિયો – कुँजड़ा – vegetable-vendor
(2) તંબોળી (પાનવાળો) – तंमोली – maker of leaf quid
(૩) કંદોઈ – हलवाई – confectioner
(4) વેપારી – सौदागर – merchant
(5) ઘડિયાળી – घड़ीसाज – dealer or repairer of clocks and watches
(6) બુકબાઇન્ડર – जिल्दसाज – book-binder
(7) ગાંધી – पंसारी – grocer
(8) ખાટલો ભરનાર – खटबुना – cot filler
(9) કાપડિયો – बज़ाज़ – clothmerchant
(10) સંઘાડિયો – खरादी – worker on a lathe, turner
- भारतीय डाक : यह चित्र भारतीय डाक को सूचित करता है।
- डाक बोक्स : पत्र डालने के लिए ऐसे बोक्स रखे जाते हैं। फिर डाक कर्मचारी ये पत्र निकालकर डाकघर ले जाता है।
- यह चित्र मोबाइल फोन का उपयोग निषेध सूचित करता है।
- यह चित्र कार का जाना मना सूचित करता है।
पिनकोड़ नंबर के संदर्भ में –
- – पिनकोड की शुरुआत 15 अगस्त 1972 को डाक-तार विभाग ने पोस्टल नंबर योजना के नाम से की है।
- – पिन शब्द पोस्टल इंडेक्स नंबर [Postal Index Number] का छोटा रूप है।
- – पिनकोड़ नंबर 6 अंकों का होता है। हर अंक का एक खास स्थानीय अर्थ है।
उदाहरण के लिए :
एन.सी.ई.आर.टी.ई. को भेजे गये लिफ़ाफ़े पर लिखा अंक है – 110016 – यहाँ पहले स्थान का अंक यह बताता है कि पिन कोड दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब या जम्मूकश्मीर का है। अगले दो अंक 10 यह तय करते हैं कि यह दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के उपक्षेत्र दिल्ली का कोड़ है। अगले तीन अंक 016 दिल्ली उपक्षेत्र के हैं। ऐसे बनता है डाकघर का कोड़। जिससे डाक बाँटने में सुविधा होती है।
– अब तुम्हारा स्कूल जहाँ पर है; उस इलाके का पिनकोड़ पता कीजिए।
पुस्तक – हमारी मित्र योग्यता विस्तार
चिट्ठी का संदेश
चिट्ठी में है मन का प्यार,
चिट्ठी है घर का अखबार।
छोटा-सा कागज़ बिन पैर,
करता दुनिया भर की सैर।
नए-नए संदेश सुनाकर,
जोड़ रहा है दिल के तार।
प्रश्न 1.
डाकघर की मुलाकात कीजिए और इसके बारे में आठ-दस वाक्य लिखिए।
उत्तर :
पिछले गुरुवार को हमारी शाला में छुट्टी थी। पिताजी ने मुझे एक पत्र डाकखाने की पत्र-पेटी में डालने के लिए दिया।
डाकघर हमारे घर से थोड़ी दूरी पर है। उसके बाहर ही पत्र-पेटी है। मैंने उसमें पत्र डाल दिया। उत्सुकतावश में डाकघर के भीतर गया। वहाँ अलग-अलग खिड़कियों पर बैठे कर्मचारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे। कुछ लोग पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र, लिफ़ाफ़े और डाक टिकट खरीद रहे थे।
मनीऑर्डर (धनादेश) करनेवालों की अलग कतार थी। रजिस्ट्री और पार्सल की खिड़की के सामने भी कुछ लोग खड़े थे। मैंने वहाँ लोगों के तार करते हुए भी देखा। कुछ लोग बचत-बैंक में पैसे जमा करवाने आए थे। एक कोने में डाकिए पत्र-पेटियों के पत्र लाकर जमा कर रहे थे।
कुछ डाकिये थैले लेकर पत्र बाँटने के लिए बाहर निकल रहे थे।
इस प्रकार, मैंने डाकघर की मुलाकात ली। डाकघर सचमुच हमारी बड़ी सेवा करता है।
प्रश्न 2.
प्रकल्प कार्य – डाक टिकिटों का संग्रह कीजिए।
प्रश्न 3.
आकाशवाणी, दूरदर्शन के कार्यक्रमों को सुनकर कार्यक्रम के बारे में प्रतिभाव देने के लिए खत लिखिए।
उत्तर :
30, लताकुंज,
गुरुनिवास सोसायटी,
खोडियार रोड,
सूरत।
दिनांक : 15 नवंबर, 2013
प्रिय मित्र नंदन,
अभी-अभी मैंने रेडियो पर एक सुंदर नाटक सुना और तुम्हें पत्र लिखने का मन हो गया।
रेडियो और दूरदर्शन दोनों हमारे जीवन के अंग बन गए हैं। रेडियो पर हम समाचार और गाने सुनते हैं। साथ ही इसमें महिलाओं, बच्चों, किसानों आदि के लिए उपयोगी कार्यक्रम भी आते हैं। दूरदर्शन तो आज घर-घर की शोभा बन गया है। यह हमें चित्रों के साथ घटनाओं की खबरें देता है।
इसके अलग-अलग चैनलों पर आनेवाले धारावाहिक देखने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं। सचमुच, दूरदर्शन ज्ञान, मनोरंजन और जानकारी का अनूठा माध्यम है। परंतु इसके सभी कार्यक्रमों के बीच आनेवाले विज्ञापनों की झड़ी कार्यक्रम देखने का सारा मज़ा किरकिरा कर देती है।
यदि विज्ञापनों की इस भरमार पर कुछ अंकुश लगाया जाए तो दूरदर्शन पर अपने पसंद का कार्यक्रम या धारावाहिक देखने का सही आनंद मिल सकता है।
इस संबंध में तुम्हारा क्या मत है? अवश्य लिखकर भेजना। शेष सब कुशल है।
तुम्हारा मित्र,
साहिल शाह।
पुस्तक – हमारी मित्र भाषा-सज्जता
- यह एक उद्यान है।
- बच्चे झूला झूल रहे हैं।
- माली पौधों को पानी दे रहा है।
- कुछ व्यक्ति आपस में बात-चीत कर रहे हैं।
- बच्ची दौड़ रही है।

इन वाक्यों में कहीं कुछ कार्य हो रहा है। जो पद किसी कार्य के करने या होने का बोध करवाए, वह ‘क्रिया’ कहलाता है।

‘लिखना’, ‘पढ़ना’, ‘चलना’, ‘दौड़ना’, ‘खाना’, ‘पीना’, ‘खेलना’, ‘देखना’ आदि शब्द ‘क्रियाएँ हैं।
आप जो क्रियाएँ करते हैं, उनकी सूची बनाइए।
Hindi Digest Std 6 GSEB पुस्तक – हमारी मित्र Important Questions and Answers
पुस्तक – हमारी मित्र भाषा-सज्जता क्रिया

ऊपर दिए हुए चित्र देखिए।
पहले चित्र में लड़का दौड़ता है।
दूसरे चित्र में लड़की गाती है।
तीसरे चित्र में पिताजी खाते हैं।
इस प्रकार, इन चित्रों में दौड़ना, गाना और खाना – ये क्रियाएँ दिखाई गई हैं।
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :
(1) रमेश खेलता है।
(2) मछली तैरती है।
(3) कबूतर उड़ता है।
(4) कुत्ता भौंकता है।
(5) बंदर कूदता है।
(6) बिल्ली सोती है।
रमेश क्या करता है? …………………………… खेलता है।
मछली क्या करती है? …………………………… तैरती है।
कबूतर क्या करता है? …………………………… उड़ता है।
कुत्ता क्या करता है? …………………………… भौंकता है।
बंदर क्या करता है? …………………………… कदता है।
बिल्ली क्या करती है? …………………………… सोती है।
इन वाक्यों में खेलना, तैरना, उड़ना, भौंकना, कूदना और सोना – ये पद क्रियाएँ हैं।
आप जो क्रियाएँ करते हैं, उनकी सूची बनाइए :
उत्तर :
खेलना, सोना, खाना, पढ़ना, दौड़ना, लिखना, कूदना, देना, सुनना, देखना, घूमना आदि।
पुस्तक – हमारी मित्र विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
उमियानगर सोसायटी किस शहर में है?
A. मुंदरा में
B. सूरत में
C. बड़ौदा में
D. अहमदाबाद में
उत्तर :
A. मुंदरा में
प्रश्न 2.
मन का मैल कौन दूर करता है?
A. संत
B. संगीत
C. भजन
D. पुस्तकें
उत्तर :
D. पुस्तकें
प्रश्न 3.
ज्ञान प्राप्त करने की उत्सुकता क्या कहलाती है?
A. कामना
B. अभिलाषा
C. जिज्ञासा
D. अकुलाहट
उत्तर :
C. जिज्ञासा
प्रश्न 4.
पुस्तकें पढ़कर क्या करने की हमारी जिम्मेदारी हैं?
A. ज्ञान-वितरण
B. ज्ञान-अर्जन
C. ज्ञान-मंथन
D. नव-जागरण
उत्तर :
B. ज्ञान-अर्जन
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (साबुन, स्रोत, वांचे गुजरात, जीवन, जिज्ञासा, पुस्तक)
(1) तुम भी ………………………………… अभियान में सम्मिलित हुए होंगे।
(2) जो ………………………………… के मित्र, वो मेरे भी मित्र।
(3) पुस्तकें मन के मैल के लिए ………………………………… का कार्य करती हैं।
(4) किताबें ज्ञान का ………………………………… हैं।
(5) किताबों से हमारी ………………………………… पूर्ण होती है।
(6) हमें किताबें पढ़कर ………………………………… को सजाना और सँवारना है।
उत्तर :
(1) तुम भी ‘वांचे गुजरात’ अभियान में सम्मिलित हुए होंगे।
(2) जो पुस्तक के मित्र, वो मेरे भी मित्र।
(3) पुस्तकें मन के मैल के लिए साबुन का कार्य करती हैं।
(4) किताबें ज्ञान का स्रोत हैं।
(5) किताबों से हमारी जिज्ञासा पूर्ण होती है।
(6) हमें किताबें पढ़कर जीवन को सजाना और सँवारना है।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
ताबें हमें भले-बुरे का …
(अ) महत्त्व बताती हैं।
(ब) स्रोत बताती हैं।
(क) फर्क बताती हैं।
उत्तर :
किताबें हमें भले-बुरे का फर्क बताती है।
प्रश्न 2.
किताबें मन का अंधकार मिटाकर …
(अ) प्रेम का संचार करती हैं।
(ब) ज्ञान का संचार करती हैं।
(क) प्रकाश का संचार करती हैं।
उत्तर :
किताबें मन का अंधकार मिटाकर ज्ञान का संचार करती हैं।
प्रश्न 3.
हमें जन्मदिन के अवसर पर भेंट में …
(अ) पुस्तकें देनी चाहिए।
(ब) गुलदस्ता देना चाहिए।
(क) कोई उपयोगी चीज देनी चाहिए।
उत्तर :
हमें जन्मदिन के अवसर पर भेंट में पुस्तकें देनी चाहिए।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
जन कई दिनों से क्या विचार कर रहा था?
उत्तर :
पूजन कई दिनों से मनोज को पत्र लिखने का विचार कर रहा था।
प्रश्न 2.
‘वांचे अभियान’ के संदर्भ में राज्य सरकार ने कौन-सा सूत्र घोषित किया था?
उत्तर :
‘वांचे गुजरात’ के संदर्भ में राज्य सरकार ने यह सूत्र घोषित किया था : ‘जो पुस्तक के मित्र, वो मेरे भी मित्र’।
प्रश्न 3.
पुस्तकों के बारे में गाँधीजी ने क्या कहा था?
उत्तर :
पुस्तकों के बारे में गाँधीजी ने कहा था कि ‘पुस्तकें हमारे मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं।’
प्रश्न 4.
पूजन मनोज से क्या आशा करता है?
उत्तर :
पूजन मनोज से यह आशा करता है कि वह किसी अच्छी किताब का कम-से-कम एक पन्ना हररोज पढ़े।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
पूजन ने मनोज को कई दिन बाद पत्र क्यों लिखा?
उत्तर :
पूजन की पाठशाला में ‘वांचे गुजरात’ अभियान शुरू किया गया था। इसके अंतर्गत कई प्रवृत्तियाँ आरंभ की गई थीं। पूजन ने भी इन प्रवृत्तियों में भाग लिया था। इसलिए उसने मनोज को कई दिन बाद पत्र लिखा।
प्रश्न 2.
किताबों का महत्त्व क्या है?
अथवा
हमें पुस्तके क्यों पढ़नी चाहिए?
उत्तर :
पुस्तकें हमें ज्ञान देती हैं। वे हमें अच्छे-बुरे की पहचान कराती हैं। किताबों से हमारी जिज्ञासा की पूर्ति होती है। ज्ञान-विज्ञान को गतिमान रखने का काम पुस्तकें ही करती हैं। पुस्तकों से सच्ची मित्रता का लाभ अवश्य मिलता है। इस तरह हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्त्व है।
पुस्तक – हमारी मित्र प्रवृत्तियाँ
(1) आपके पाठ्यक्रम में जो पुस्तकें हैं, उनके नाम लिखिए।
(2) गुजराती में निकलनेवाले बालमासिक पत्रों के नाम लिखिए।
(3) अपनी पढ़ी हुई कहानियों की पुस्तकों में से किन्हीं दो के नाम बताइए।
(4) अपने पिताजी से उनकी प्रिय पुस्तक का नाम पूछिए। यह भी जानिए कि उन्हें वह पुस्तक क्यों अच्छी लगती हैं।
(5) पाँच धार्मिक पुस्तकों के नाम लिखिए :
उत्तर :
(1) रामायण
(2) भगवद्गीता
(3) गुरुग्रंथसाहिब
(4) कुरान
(5) बाइबिल
पुस्तक – हमारी मित्र Summary in Gujarati

પુસ્તક- આપણું મિત્ર
195, ઉમિયાનગર સોસાયટી,
મુંદરા,
જિલ્લો : કચ્છ
તારીખ : 4-8-2011
પ્રિય મનોજ,
નમસ્તે.
હું અહીં કુશળ છું. આશા છે કે ત્યાં સૌ કુશળ હશે. કેટલાય દિવસોથી તને પત્ર લખવાનું વિચારતો હતો, પરંતુ અમારી સ્કૂલમાં ‘વાંચે ગુજરાત’ અભિયાન અંતર્ગત અનેક પ્રવૃત્તિઓ ચાલી રહી હતી, એમાં હું સામેલ થઈ ગયો હતો. મિત્ર, તું પણ “વાંચે ગુજરાત’ અભિયાનમાં જોડાયો હોઈશ. અભિયાનના સંદર્ભમાં રાજ્ય સરકારે પણ આ સૂત્રની ઘોષણા કરી હતી, “જે પુસ્તકના મિત્ર – તે મારા પણ મિત્ર.”

હું આજે તને પત્ર દ્વારા પુસ્તકોના મહત્વ વિશે લખી રહ્યો છું. પુસ્તકો આપણા સૌનાં મિત્રો છે. એ આપણને નવું જ્ઞાન આપે છે અને સારા-ખરાબનો ભેદ દર્શાવે છે. પૂજ્ય ગાંધીજીએ કહ્યું હતું કે, “પુસ્તકો મનને માટે સાબુનું કામ કરે છે.” મનમાં જે અજ્ઞાન હોય, અંધકાર હોય, તેનો નાશ કરીને જ્ઞાનનો સંચાર કરે છે.
પુસ્તકો જ્ઞાનનો સ્ત્રોત છે. જેનાથી જિજ્ઞાસા પૂરી થાય છે. એટલું જ નહીં, તે જ્ઞાન અને વિજ્ઞાનને ગતિમાન રાખે છે. પુસ્તકો મૂલ્યવાન છે. આપણે તે વાંચીને આપણા જીવનને સજાવવાનું અને ઉજાળવાનું છે. મિત્ર, હું એમ કહેવા માગું છું કે મારે પૈસા નહિ પુસ્તકો જોઈએ છે.
આપણે જન્મદિવસના અવસરે ફૂલોનો ગુલદસ્તો નહીં, પરંતુ પુસ્તકોની ભેટ આપવી જોઈએ. પુસ્તકો આપણા મિત્ર છે અને રહેશે. એમને વાંચીને જ્ઞાન મેળવવાની જવાબદારી આપણા સૌની છે. મેં દરરોજ સારા પુસ્તકનું એક પાનું વાંચવાનું શરૂ કરી દીધું છે. મને આશા છે કે તું પણ એવું જ કરીશ.

ચાલો, આજથી સંકલ્પ કરીએ કે મિત્રોના જન્મદવિસે અથવા શુભપ્રસંગે આપણે શુભકામનાની સાથે સાથે પુસ્તકોની મૂલ્યવાન ભેટ આપીશું. હવે અમને બુકે નહિ પણ બુક જોઈએ.
કુટુંબના સૌ વડીલોને મારા પ્રણામ.
તારો મિત્ર,
પૂજન
पुस्तक – हमारी मित्र Summary in English
A Book – Our Friend
195, Umiyanagar Society,
Mundara,
District : Kutch
Date : 4 – 8 – 2011
Dear Manoj,
Namaste.
I am happy here and hope you all will be happy there. I was thinking of writing a letter to you for many days, but many activities were being performed in our school related to the movement.
‘Vanche Gujarať and I was engrossed in it. Friend, you also might have joined the movement Vanche Gujarat’. In reference to this movement the state government also has announced the slogan, “Those who are book’s friends, are also my friends.”
Today I am writing to you about the importance of books. Books are our friends. They give us new knowledge and show the difference between the good and the bad. Mahatma Gandhiji once said, “Books do work of soap for our mind.” They destroy the darkness of ignorance and spread the light of knowledge.
Books are the source of knowledge by which our curiosity is fulfilled. Not only that, they keep our knowledge and science motivative. Books are valuable. We have to decorate and enlighten our life by reading them.
Friend, I want you to say that I desire books, not money. On the day of birthday celebration we should give books as gift instead of a bouquet. Books are our friends and will remain friends for ever.
It is our responsibility to get knowledge by reading them. I have begun to read one page of a good book every day. I hope you will also do the same.
Let’s take a vow that on our friends’ birthday or any auspicious occasion, with good wishes we shall give valuable books as gift. Now we want ‘a book, not a bouquet’.
Convey my regards to elders of your family.
Your Friend,
Poojan
पुस्तक-हमारी मित्र विषय-प्रवेश
पुस्तकें हमें ज्ञान देती हैं। उनको पढ़ने से हमारा मानसिक विकास होता है। उनको पढ़कर हम आगे बढ़ते हैं। यह पाठ एक पत्र के रूप में है। इसमें पुस्तकों का महत्त्व बताया गया है।
पुस्तक-हमारी मित्र शब्दार्थ
- सकुशल – खैरियत से; happy
- अभियान – कोई अच्छी प्रवृत्ति; activitiy, movement
- अंतर्गत – शामिल; related
- सम्मिलित होना – शामिल होना, जुड़ जाना; to join
- संदर्भ – प्रसंग, संबंध; reference, relation
- सूत्र – नारा; slogan
- फर्क – अंतर; difference
- संचार करना – फैलाना; to spread
- स्रोत – उत्पत्ति, जन्मस्थान; source
- जिज्ञासा – ज्ञान प्राप्त करने या कुछ जानने की उत्सुकता; curiosity
- गतिमान रखना- आगे बढ़ाना; to motivate, to progress
- मूल्यवान – कीमती; valuable
जय विज्ञान की अभ्यास
1. टेपरिकार्डर या सी.डी. के जरिए काव्य का श्रवण एवं समूहगान कीजिए।
उत्तर :
टिप्पणी : बढ़िया टेपरिकार्डर या सी.डी. प्लेयर पर ध्यान से काव्य सुनें और सभी छात्र उसका लयताल बद्ध गान करें।
2. क्या होता? बताइए :
प्रश्न 1.
यदि मोबाइल की खोज नहीं होती तो . . .
उत्तर :
यदि मोबाइल की खोज नहीं होती तो संदेश देने के लिए हमें लेंडिग फोन अथवा पी.सी.ओ. के फोनों पर आधार रखना पड़ता और हम जहाँ और जब चाहते तब बात करने की सुविधा नहीं होती।
प्रश्न 2.
यदि हम समय और शक्ति का सही उपयोग नहीं करते तो . . .
उत्तर :
यदि हम समय और शक्ति का सही उपयोग नहीं करते तो आज देश ने जो प्रगति की है, वह नहीं होती।
प्रश्न 3.
यदि कम्प्यूटर, फैक्स और इंटरनेट आदि का आविष्कार नहीं हुआ होता तो . . .
उत्तर :
यदि कम्प्यूटर, फैक्स और इंटरनेट आदि साधनों का विकास नहीं हुआ होता तो हम जितनी तेज और सहज ढंग से प्रगति कर रहे हैं, वह संभव न होती।
3. दिए गए उदाहरण के अनुसार समान प्रासवाले शब्दों की रचना कीजिए :
उदाहरण : लिखावट – रुकावट, सजावट
(1) नौकरानी : ……………………………………..
(2) आर्थिक : ……………………………………..
(3) नायिका : ……………………………………..
(4) चुनाव : ……………………………………..
उत्तर :
(1) नौकरानी : देवरानी, सेठानी, जेठानी
(2) आर्थिक : धार्मिक, सामाजिक, तार्किक
(3) नायिका : गायिका, सेविका, लेखिका
(4) चुनाव : चढ़ाव, पड़ाव, तनाव
जय विज्ञान की स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कम्प्यूटर और इंटरनेट से हमें क्या लाभ हुए हैं?
उत्तर :
कम्प्यूटर से बड़ी से बड़ी गणना भी पलक झपकते हो जाती है। बटन दबाते ही बैंक में आपका पूरा खाता सामने आ जाता है। घर बैठे रेलवे और हवाईसफर के टिकट बुक करा सकते हैं। घर बैठे मुद्रण-कार्य किया जा सकता है। सेना, शिक्षा आदि तमाम क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग वरदान सिद्ध हुआ है।
इंटरनेट जानकारी का भंडार है। इसमें किसी भी क्षेत्र से संबंधित पूरी और प्रामाणिक जानकारी मिल सकती है।
प्रश्न 2.
समय और शक्ति की बचत कैसे होती है?
उत्तर :
कम्प्यूटर जैसे वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग से समय और शक्ति की बचत होती है।
प्रश्न 3.
किन उपकरणों के माध्यम से संदेशाव्यवहार हो सकता है?
उत्तर :
टेलीफोन, मोबाइल, फैक्स जैसे उपकरणों के माध्यम से संदेशाव्यवहार हो सकता है।
प्रश्न 4.
हम धरती पर सुख-सुविधाएँ कैसे निर्माण करेंगे?
उत्तर :
हम विज्ञान के नए-नए उपकरणों का सही उपयोग कर धरती पर सुख सुविधाओं का निर्माण करेंगे।
प्रश्न 5.
क्या करने से हम दुनिया में यश पा सकते हैं?
उत्तर :
हम पिछड़ेपन को छोड़कर समय के साथ आगे बढ़े तो दुनिया में यश पा सकते हैं।
प्रश्न 6.
तुम्हें विज्ञान का कौन-सा आविष्कार सबसे अच्छा लगता है? क्यों?
उत्तर :
हमें टेलीविजन का आविष्कार सबसे अच्छा लगता है, क्योंकि यह तरह तरह से हमारा मनोरंजन करता है।
2. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
कम्प्यूटर की क्रान्ति आ गई, इंटरनेट की परछाईं,
अधर-अधर पर खुशियाली की, गंगा-यमुना लहराई,
बच्चे नई सदी के बोलें, दूनी अपनी शान की!
जय जवान…
प्रश्न 2.
चलें समय के साथ तभी तो, दुनिया में यश पाएँगे,
इस वसुधा पर स्वर्ण-सवेरा, निज प्रयास से लाएँगे,
फिर करनी शुरुआत सभी को, मानवता के गान की!
जय जवान…
उत्तर :
भावार्थ के लिए देखिए ‘कविता का सरल अर्थ’।
3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :
- उपकरण,
- मोबाइल,
- कम्प्यूटर,
- क्रांति,
- खुशियाली
उत्तर :
- उपकरण : आजकल बिजली के उपकरण महँगे हो गए हैं।
- मोबाइल : मेरी दीदीने नया मोबाइल खरीदा है।
- कम्प्यूटर : मैं कम्प्यूटर पर खेल खेलता हूँ।
- क्रांति : बिजली के आविष्कार से हमारे जीवन में क्रांति आ गई है।
- खुशियाली : नई गाड़ी आने पर घर में खुशियाली छा गई।
4. चित्र देखकर अपनी कापी में वाक्य लिखिए :
उत्तर:
- लड़का पढ़ रहा है।
- मोर नाच रहा है।
- लड़की दौड़ रही है।
- लड़का पानी पी रहा है।
- लड़का स्नान कर रहा है।
- लड़का कूड़ेदान में केले के छिलके डाल रहा है।
- लड़का क्रिकेट खेल रहा है।
- धोबी कपड़े धो रहा है।
- लड़का बीमार लड़के को पहिएवाली कुर्सी पर बैठाकर ले जा रहा है।
- बालक सो रहा है।
- फेरीवाला शाक-सब्जी बेचने जा रहा है।
- लड़का पौधों को पानी दे रहा है।
जय विज्ञान की योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके कहानी, जीवन प्रसंग, घटनाएँ आदि ढूँढ़कर भीतिपत्र (बुलेटिन) पर चिपकाइए।
उत्तर :
रेडियो, टीवी और कम्प्यूटर के माध्यम से कहानी, जीवन-प्रसंग, घटनाएँ आदि सुनिए तथा पढ़िए और उन्हें अपने शब्दों में सुंदर हस्ताक्षरों में लिखकर स्कूल के भीतपत्र पर चिपकाइए।
प्रश्न 2.
चर्चा कीजिए : वैज्ञानिक खोज – वरदान या शाप
उत्तर :
(चार मित्र शाम को बगीचे में बैठे हुए)
अनूप – वाह, क्या मस्त ठंडी हवा है। प्रकृति ने ग्रीष्म ऋतु में गर्मी दी है तो ऐसी ठंडी हवा भी दी है।
मंजुल- अरे, यह बगीचा चारों तरफ खुला है, इसलिए अच्छा लगता है। फिर, ठंडी हवा भी रोज और हरदम नहीं चलती। घर में ए.सी. न हो तो मैं रात में सो ही नहीं सकता। सचमुच ए.सी. के रूप में विज्ञान हमारे लिए वरदान है।
संजय – अरे ए.सी. ही क्यों, विज्ञान ने ही हमें बिजली की रोशनी दी है। बिजली से ही पंखे चलते हैं, फ्रीज में चीजें सुरक्षित रहती हैं। ठंडी में नहाने के लिए गर्म पानी करनेवाला गीजर भी बिजली से ही चलता है। लिफ्ट भी बिजली से ही चलती है।
मंजुल – सिनेमा, टीवी, टेलीफोन, मोबाइल, कम्प्यूटर, लेपटोप आदि भी विज्ञान की अद्भुत खोजें हैं।
गौरव – अरे विज्ञान के गुण गानेवालों, यह क्यों भूल जाते हो कि ये बम, मिसाइलें, तरह-तरह के ड्रग्स भी विज्ञान के ही आविष्कार हैं। बम-विस्फोटों से जान-माल की जो भयंकर हानि हो रही है, वह विज्ञान का शाप नहीं तो और क्या है?
अनूप – हाँ, इसमें कोई शक नहीं कि विज्ञान ने मानव के विनाश के साधनों का भी आविष्कार किया है। इस अर्थ में वह अवश्य शाप है, परंतु उसने तरह-तरह की सुविधाएँ भी दी हैं। विनाश के साथ उसने हमें विकास के साधन भी दिए हैं।
मंजुल-देखो भाई, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। अच्छाइयों के साथ बुराइयाँ सब में होती हैं। फूलों के राजा गुलाब में भी काँटे होते हैं।
संजय – इसका मतलब यही है कि विज्ञान यदि वरदान है, तो शाप भी है। परंतु उसके वरदान इतने हैं कि उसके शापों पर जल्दी ध्यान ही नहीं जाता।
मंजुल- कुछ भी हो आज के मनुष्य के लिए तो विज्ञान वरदान ही है।
पढ़िए और समझिए :
टेलिफोन – (Telephone) – दूरभाष
मोबाइल – (Mobile) – भ्रमणभाष
केल्क्यु लेटर – (Calculator) – गणनयंत्र
कम्प्यूटर – (Computer) – संगणक
टी.वी. – (Television) – दूरदर्शन
रेडियो – (Radio) – आकाशवाणी
टेपरिकार्डर – (Taperecorder) – ध्वनिमुद्रण यंत्र
फैक्स – (Fax) – चित्रसंदेश
इंटरनेट – (Internet) – आंतरजाल
उत्तर :
(1) टीवी – दूरदर्शन
(2) रेडियो – आकाशवाणी
(3) टेपरिकार्डर – ध्वनिमुद्रण यंत्र
(4) टेलिफोन – दूरभाष
(5) मोबाइल – भ्रमणभाष
(6) केल्क्यू लेटर – गणनयंत्र
(7) कम्प्यूटर – संगणक
(8) फैक्स – चित्रसंदेश
(9) इंटरनेट – आंतरजाल
Hindi Digest Std 6 GSEB जय विज्ञान की Important Questions and Answers
जय विज्ञान की विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
‘जय जवान – जय किसान’ … यह एक ………………………………… है।
A. वाक्य
B. पंक्ति
C. कहावत
D. नारा
उत्तर :
D. नारा
प्रश्न 2.
‘सिलसिला’ शब्द का अर्थ क्या है?
A. क्रम
B. भ्रम
C. श्रम
D. शुरुआत
उत्तर :
A. क्रम
प्रश्न 3.
विज्ञान ने किसका जादू दिखाया है?
A. विनाश
B. विकास
C. विलास
D. प्रयास
उत्तर :
B. विकास
प्रश्न 4.
‘मानव’ शब्द का विरुद्धार्थी शब्द बताइए।
A. पावन
B. फागुन
C. वामन
D. दानव
उत्तर :
D. दानव
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (क्रांति, सदी, मोबाइल, सुविधाओं, उपकरण)
(1) ………………………………… का शुरू सिलसिला।
(2) नये-नये ………………………………… बनाए।
(3) ………………………………… पर बातें करिए।
(4) कम्प्यू टर की ………………………………… आ गई।
(5) बच्चे नई ………………………………… के बोलें।
उत्तर :
(1) सुविधाओं का शुरू सिलसिला।
(2) नये-नये उपकरण बनाए।
(3) मोबाइल पर बातें करिए।
(4) कम्प्यूटर की क्रांति आ गई।
(5) बच्चे नई सदी के बोलें।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
‘जय जवान, जय किसान’ का नारा . . .
(अ) गाँधीजी ने दिया।
(ब) जवाहरलाल नेहरू ने दिया।
(क) लालबहादुर शास्त्री ने दिया।
उत्तर :
‘जय जवान, जय किसान’ का नारा लालबहादुर शास्त्री ने दिया।
प्रश्न 2.
नए-नए अनुसंधानों के कारण ही . . .
(अ) नए-नए उपकरण बनते हैं।
(ब) हम दूसरों का अनुकरण करते हैं।
(क) नए-नए उदाहरण दिए जाते हैं।
उत्तर :
नए-नए अनुसंधानों के कारण ही नए-नए उपकरण बनते हैं।
प्रश्न 3.
विज्ञान के कारण हमें . . .
(अ) तरह-तरह की दुविधाएँ मिली हैं।
(ब) तरह-तरह की सुविधाएँ मिली हैं।
(क) तरह-तरह की रचनाएँ मिली हैं।
उत्तर :
विज्ञान के कारण हमें तरह-तरह की सुविधाएँ मिली हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
कवि किसकी जय-जयकार करते हैं?
उत्तर :
कवि किसान, जवान और विज्ञान की जय-जयकार करते हैं।
प्रश्न 2.
विज्ञान ने कौन-सी डगर आसान बना दी है?
उत्तर :
विज्ञान ने मानव को विजयश्री दिलानेवाली डगर आसान बना दी है।
प्रश्न 3.
वैज्ञानिक उपकरणों का फायदा क्या है?
उत्तर :
वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग से कार्य आसान हो जाता है एवं श्रम और शक्ति की बचत होती है।
प्रश्न 4.
यश पाने का मार्ग कौन-सा है?
उत्तर :
यश पाने का मार्ग है समय के साथ चलना।
प्रश्न 5.
हमें किसकी शुरुआत करनी है?
उत्तर :
हमें मानवता के गान की शुरुआत करनी है।
जय विज्ञान की प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
चार वैज्ञानिकों और उनके आविष्कारों के नाम बताइए :
उत्तर:
| वैज्ञानिक | आविष्कार |
| (1) थोमस अल्वा एडीसन | (1) बिजली |
| (2) अलेक्जेंडर ग्राहमवेल | (2) टेलीफोन |
| (3) जी. मारकोनी | (3) रेडियो |
| (4) जॉन लॉगी बेयर्ड | (4) दूरदर्शन |
प्रश्न 2.
जगदीशचंद्र बसु, होमी जहाँगीर भाभा और विक्रम साराभाई – इन तीन भारतीय वैज्ञानिकों के चित्र प्राप्त कर अपनी कापी में चिपकाइए।
प्रश्न 3.
जवान और किसान किन वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करते हैं?
उत्तर :
जवान का अर्थ है सैनिक। ये राइफल, बंदूक, मशीनगन, गोलाबारुद आदि लड़ाई में काम आनेवाले अस्त्र-शस्त्रों का उपयोग करते हैं। किसान ट्रेक्टर के रूप में वैज्ञानिक उपकरण का उपयोग करता है।
जय विज्ञान की Summary in Hindi
जय विज्ञान की कविता का सरल अर्थ
(1) जय जवान ……………………………… अनुसंधान की! जवान की जय हो, किसान और विज्ञान की जय हो।
वैज्ञानिक आविष्कारों से सुविधाओं का क्रम शुरू हुआ। इनसे लोगों के सुख भोग में वृद्धि हुई। इनके कारण समय और शक्ति की भी बचत हुई। जादू की तरह विकास हुआ।
नए-नए साधन बनाए गए। आज इन नए अनुसंधानों का जय-जयकार हो रहा है।

(2) मोबाइल ……………………………… आसान की!
मोबाइल पर बातें कीजिए। पेजर और फैक्स का उपयोग कीजिए। आज लोग पलभर में मथुरा, जयपुर पहुँच जाते हैं। जिस पर चलने से जल्दी पहुँचने का आनंद मिले, विज्ञान ने वह रास्ता आसान कर दिया है।
(3) कम्प्यूटर ……………………………… शान की!
कम्प्यूटर के कारण जीवन में बदलाव आ गया है। इंटरनेट सबको सुख दे रहा है। इसके उपयोग से सबके होठों पर ऐसी मुस्काने हैं जैसे उन पर खुशियों की गंगा-जमुना लहरा रही हो। इस नई सदी के बच्चे (पिछली सदी के बच्चों की अपेक्षा) दूने गर्व से बातें कर रहे हैं।

(4) चलें समय ……………………………… गान की!
हम समय के साथ चलें तो ही दुनिया में यश पाएँगे। हम अपने प्रयत्नों से इस धरती पर सुनहरी सुबह लाएँगे। हमें मानवता के गीतों की फिर शुरुआत करनी है।
जय विज्ञान की Summary in Gujarati
વિજ્ઞાનનો જય હો.
(1) જવાનનો જય હો, કિસાનનો જય હો, વિજ્ઞાનનો જય હો.
વૈજ્ઞાનિક આવિષ્કારોથી સુવિધાઓનો ક્રમ શરૂ થયો છે. આનાથી લોકોના સુખોપભોગમાં વૃદ્ધિ થઈ. આને કારણે સમય અને શક્તિની પણ બચત થઈ. જાદુની જેમ વિકાસ થયો.
નવાં-નવાં સાધનો બનાવવામાં આવ્યાં. આજે એ નવાં અનુસંધાનોનો જય જયકાર થઈ રહ્યો છે.

(2) મોબાઇલ પર વાતો કરો. પેજર અને ફેંક્સનો ઉપયોગ કરો. આજે લોકો પળવારમાં મથુરા, જયપુર પહોંચી જાય છે. જેના પર ચાલવાથી જલદી પહોંચવાનો આનંદ મળે, વિજ્ઞાને તે માર્ગ સરળ બનાવી દીધો છે.
(3) કમ્યુટરને લીધે જીવનમાં પરિવર્તન આવી ગયું છે. ઇન્ટરનેટ સૌને સુખ આપી રહ્યું છે. એના ઉપયોગથી સૌના હોઠો પર એવાં સ્મિત છે કે જાણે તેમના પર ખુશીઓની ગંગા-જમના લહેરાઈ રહી હોય! આ નવી સદીનાં બાળકો (પાછલી સદીનાં બાળકોની અપેક્ષા) બમણા ગર્વથી વાતો કરી રહ્યાં છે.

(4) આપણે સમયની સાથે ચાલીશું તો જ દુનિયામાં યશ મળશે. આપણે પોતાના પ્રયાસોથી આ ધરતી પર સોનેરી સવાર લાવીશું. આપણે માનવતાના ગીતોની ફરીથી શરૂઆત કરવાની છે.
जय विज्ञान की Summary in English
Bravo Science
(1) Bravo soldier, bravo farmer, bravo science.
The sequence of comforts have begun with the scientific inventions. Because of these inventions comforts in people life have increased, time and strength have been saved. Development has become like a miracle.
Novel instruments have been made. Today, the novel instruments have been praised.
(2) Talk on mobile. Use pager and fax. Today people can reach Mathura, Jaipur very soon. Science has made the way easy by which we can enjoy reaching very soon.
(3) Our life has been changed due to computers. Internet is giving joy to all. All have smile on their lips for using the internet. It is like the waves of the Ganga the Jamuna ! The children of the new century are talking with double pride in comparison to the children of the previous century.
(4) If we walk with the modern age (time), we will get fame in the world. We will bring golden morning on this earth with our own efforts. We have to begin the songs of humanity again.
जय विज्ञान की विषय-प्रवेश
विज्ञान ने हमें सुख-सुविधा के अनेक साधन दिए हैं। अब उनमें मोबाइल, कम्प्यूटर आदि भी शामिल हो गए हैं। कम्प्यूटर में ई-मेल और इंटरनेट जैसी सुविधाएँ भी हैं। इस कविता में किसान और जवान के साथ विज्ञान की भी जय कही गई है।
जय विज्ञान की शब्दार्थ
- जवान – सैनिक; soldier
- सुविधा – काम को आसान बनानेवाला साधन; comfort, convenience
- सिलसिला – क्रम; sequence
- विलासिता – सुख भोग; sensual enjoyment
- उपकरण – साधन; tool, instrument
- विकास – प्रगति; development, progress
- नूतन – नया; new, novel
- अनुसंधान – खोज; invention, discovery
- पथ – मार्ग, रास्ता; way, road
- डगर – रास्ता; way
- क्रान्ति – बदलाव, परिवर्तन; revolution
- परछाई – छाया; shadow
- अधर – होठ; lips
- खुशियाली – आनंद, खुशी; joy, delight
- सदी – शताब्दी, सौ वर्ष की अवधि; century
- दूनी – दोगुनी; double
- शान – शोभा; beauty, charming
- यश-कीर्ति, नाम; fame, credit
- वसुधा – पृथ्वी, धरती; earth
- निज- अपना; own
- प्रयास – कोशिश; effort, endeavour
- मानवता – मनुष्यता, इंसानियत; humanity, humaneness
जय विज्ञान की मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग
- स्वर्ण सवेरा लाना – सुख-सुविधा निर्माण करना
वाक्य : हम बड़े होकर देश में स्वर्ण सवेरा लाएंगे। - गंगा-यमुना लहराना – बहुत आनंदित होना, खुशहाल होना
वाक्य : फसल अच्छी हुई तो किसान के घर गंगा-यमुना लहराने लगेगी।
न्याय अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
अली ख्वाज़ा ने मोहरें तेल में क्यों छुपाई होंगी?
उत्तर :
तेल के रंग के कारण मोहरें दिखाई न पडें, इसलिए अली ख्वाजा ने मोहरें तेल में छुपाई होंगी।
प्रश्न 2.
मित्र के साथ हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर :
मित्र के साथ सच्चाई और ईमानदारी से भरा व्यवहार करना चाहिए। मित्र के साथ हमें कभी छल – कपट और विश्वासघात नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 3.
वाज़िद और हसन की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर :
वाजिद की जगह मैं होता तो अपने मित्र के साथ विश्वासघात न करता।
अगर मैं हसन की जगह होता तो मैं भी उसीकी तरह घटना की पूरी छान – बीन करता और युक्ति से अली ख्वाजा को न्याय दिलाता।
2. नीचे लिखे संदर्भ में कहानी के पात्रों के संवाद कक्षा में बुलवाइए :
प्रश्न 1.
अली ख्वाजा और वाज़िद (जब अली ख्वाज़ा तेल का घड़ा रखने आया)
उत्तर :
अली ख्वाजा और वाजिद (जब अली ख्वाजा तेल का घड़ा रखने आया।)
वाजिद : आओ, आओ, अली भाई, कहिए, क्या बात है?
अली ख्वाजा : वाजिद भाई, बात यह है कि अल्लाह के शुक्र से मैं मक्का जा रहा हूँ। सारी तैयारी हो गई है। यह तैल से भरा घड़ा है। मैं चाहता हूँ कि इसे आप अपने यहाँ रख लें। जब मैं वापस आऊँगा, तब ले लूँगा।
वाजिद : हाँ, हाँ, कोई बात नहीं, यह लीजिए मेरे तहखाने की चाबी। वहाँ घड़ा रख आइए। जब लौटें तब, वहाँ से ले जाएँ।
अली ख्वाजा : शुक्रिया।
प्रश्न 2.
अली ख्वाज़ा और वाज़िद का झगड़ा
उत्तर :
अली ख्वाजा : अरे वाजिदभाई, तेल के इस घड़े में मेरी पाँच सौ मोहरें थी, वे इसमें नहीं हैं।
वाजिद : अलीभाई, आप हमारे यहाँ तेल से भरा घड़ा रख गए थे। वह वैसे का वैसा आप वापस आकर ले गए। यह मोहरों की बात कहाँ से आ गई?
अली ख्वाजा : मोहरें घड़े के अंदर थीं। मैंने उनका जिक्र करने की जरूरत नहीं समझी। लेकिन अभी देखा तो उसमे तेल है, पर मोहरें नहीं हैं।
वाजिद : देखिए, आप तहखाने में जिस जगह जैसा घड़ा रख गए थे, वैसा आपको मिल गया। इसके सिवा मैं कुछ नहीं जानता।
अली ख्वाजा : उसमें मोहरें नहीं है, इसका मतलब आपने मोहरें चुरा ली हैं।
वाजिद : अली, एक तो मैंने आपका तेल रखा और ऊपर से चोरी का इल्जाम! शर्म नहीं आती आपको?
अली ख्वाजा : शर्म तो तुमको आनी चाहिए, दोस्त और पड़ोसी के साथ धोखेबाजी करते हुए। मोहरें चुरा ली और अब बड़े साहूकार बनते हो !
वाजिद : जो चीज थी ही नहीं, उसकी चोरी का सवाल ही पैदा नहीं होता। तुम्हारे इल्जाम लगाने से मैं चोर नहीं बन जाता।
प्रश्न 3. हसन ने क्या सूझ-बूझ दिखाई थी, कक्षा में चर्चा कीजिए और लिखिए।
उत्तर:
शिक्षक : रमण, हसन ने वाजिद की चोरी पकड़ने के लिए क्या किया?
रमण : गुरुजी, वाजिद की चोरी पकड़ने के लिए हसन ने दो तेलियों को बुलाया।
शिक्षक : हसन ने तेलियों को क्यों बुलवाया?
दीपक : गुरुजी, तेली ही बता सकते थे कि घड़े में भरा तेल कितना पुराना है।
शिक्षक : तो तेलियों ने तेल के बारे में पता कैसे लगाया?
सौरभ : गुरुजी, तेलियों ने तेल को चखकर तथा सूंघकर बताया कि घड़े में भरा तेल दो महीने पुराना है। अली ख्वाजा छः महीने पहले गया था। उसका भरा हुआ तेल होता तो छः महीने पुराना होता। इसका अर्थ यह हुआ कि वाजिद ने पुराना तेल निकालकर नया तेल भरा था। पुराना तेल निकालने पर उसे मोहरें जरूर मिलीं होंगी।
शिक्षक : इस तरह हसन ने बड़ी चतुराई से वाजिद की चोरी पकड़ ली।
न्याय स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
वाजिद को कैसे पता चला कि बर्तन में मोहरें हैं?
उत्तर :
वाजिद जब घड़े की सील तोड़कर तेल निकालने लगा, तब घड़े से सिक्कों की आवाज़ आई। उसे लगा कि घड़े में तेल के नीचे कुछ है। इसलिए उसने सारा तेल दूसरे बर्तन में निकाल लिया। इस तरह वाजिद के बर्तन में मोहरों का पता चला।
प्रश्न 2.
अली ख्वाज़ा और वाज़िद के बीच झगड़ा क्यों हुआ?
उत्तर :
वाजिद ने अली ख्वाजा के घड़े से तेल निकालने के साथ उसमें रखी मोहरें भी निकाल लीं। तेल तो उसने फिर से भर दिया पर मोहरें चुरा लीं। अली ख्वाजा ने मक्का की यात्रा से लौटकर अपना घड़ा देखा तो उसमें मोहरें नहीं थीं। उसने मोहरों के बारे में वाजिद से पूछा तो वाजिद ने मोहरें चुराने से साफ इन्कार किया। इसलिए उन दोनों के बीच झगड़ा हुआ।
प्रश्न 3.
खलीफ़ा ने हसन को अपने दरबार में क्यों बुलाया?
उत्तर :
एक दिन खलीफा अपना भेष बदलकर शहर में घूम रहे थे। एक जगह उन्होंने कुछ लड़को को ‘न्यायालय का खेल’ खेलते हुए देखा। वे छिपकर उनका खेल देखने लगे। जो लड़का न्यायाधीश बना था, उसकी समझदारी और निर्णय करने की पद्धति उन्हें बहुत अच्छी लगी।
उन्हें लगा कि अली ख्वाजा और वाजिद के झगड़े को यह लड़का सुलझा सकता है। इसलिए उन्होंने हसन को अपने दरबार में बुलाया।
प्रश्न 4.
तेलियों की बात सुनकर वाज़िद क्यों घबराया?
उत्तर :
तेलियों ने घड़े के तेल को देख, चख और सूंघकर बताया कि वह दो महीने पुराना है। अली ख्वाजा ने घड़े में छः महीने पहले तेल भरा था। इससे साबित हो गया कि वाजिद ने अली का तेल निकालकर बाद में उसमें दूसरा तेल भरा। पुराना तेल निकालने पर उसे घड़े में रखी मोहरें जरूर मिली होंगी। तेलियों की बात सुनकर अली को लगा कि उसकी चोरी पकड़ी जाएगी, इसलिए वह घबरा गया।
प्रश्न 5.
तेलियों ने कैसे सच्चा निर्णय किया?
उत्तर :
तेलियों को तेल की अच्छी परख थी। कौन – सा तेल कितने समय का है, इसे वे आसानी से बता सकते थे। उन्होंने घड़े के तेल को देखा, सूंघा और चखा। उन्होंने बताया कि घड़े का तेल दो महीने से ज्यादा पुराना नहीं है। इस प्रकार, तेल की गंध और स्वाद की पहचान कर तेलियों ने घड़े के तेल के बारे में सच्चा निर्णय किया।
प्रश्न 6.
वास्तविकता जानने पर खलीफ़ा ने क्या निर्णय किया?
उत्तर :
हसन की सूझबूझ से तेल के बारे में वास्तविकता का पता चल गया। इससे खलीफा को न्याय के लिए सबूत मिल गया। उन्होंने वाजिद को अली ख्वाजा की मोहरें वापस करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने विश्वासघात के अपराध के लिए वाजिद को सजा सुनाई। खलीफा ने बुद्धिमान हसन को बहुत – सा पुरस्कार दिया।
2. निम्नलिखित वाक्य कौन किसे कहता है, लिखिए :
(1) यह तेल का घड़ा मैं आपके घर रखकर जाना चाहता हूँ।
(2) आप अपना घड़ा तहखाने में रख आइए।
(3) आप काज़ी की अदालत में जाइए।
(4) आप इस घड़े की जाँच कीजिए।
(5) हुजूर, मैं तो छ: महीने पहले मक्का की यात्रा करने गया था।
उत्तर :
(1) अली ख्वाजा वाजिद से कहता है।
(2) वाजिद अली ख्वाजा से कहता है।
(3) लोग अली ख्वाजा से कहते हैं।
(4) हसन तेलियों से कहता है।
(5) अली ख्वाजा खलीफा से कहता है।
प्रश्न 3.
(क) आपने किए हुए प्रवास का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर :
15, आनंदनिवास,
कालबादेवी रोड,
मुंबई – 400 002।
24 दिसंबर, 2012
प्रिय मित्र शैलेश,
सप्रेम नमस्कार।
कल ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी दीदी की सगाई की खबर पढ़कर बहुत खुशी हुई।
पिछले रविवार को हम कुछ मित्रों ने एक प्रवास का आयोजन किया था। सुबह नौ बजे हम सब मित्र गेट वे ऑफ इंडिया पहुँच गए। वहाँ एक मोटर बोट में बैठकर हम एलिफेंटा के लिए चल दिए। ठंडी – ठंडी हवा की लहरों ने हमारे तन – मन को पुलकित कर दिया। लगभग एक घंटे की जलयात्रा के बाद हम एलिफेंटा पहुंचे।
एलिफेंटा का वास्तविक नाम धारापुरी है। हमने वहाँ की प्राचीन गुफाएँ देखीं। कई गुफाओं में बुद्ध की प्रतिमाएँ हैं। एक गुफा में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति है। उसने हम सबका मन मोह लिया। हमने वहाँ के एक होटल में खाना खाया। कुछ समय हमने विश्राम करने और खेलने में बिताया। शाम को पाँच बजे हम मुंबई लौट आए।
हमारा यह एक दिवसीय पर्यटन बहुत ही मजेदार रहा। उसकी याद आज भी हमारे मन को प्रसन्न कर देती है।
अपने मातापिता से मेरा प्रणाम कहना। शीला दीदी को बधाई।
तुम्हारा मित्र,
सुरेश
(ख) क्या तुम्हारे साथ भी कभी कोई ऐसी घटना घटी है कि तुम्हें न्याय के लिए किसी के पास जाना पड़ा हो? उस घटना को विस्तार से लिखिए।
उत्तर :
एक बार मैं अपनी छोटी बहन मीनल के साथ मेले में गया था। मेला हमारी गली में ही लगा था। माँ ने हम दोनों को दस – दस रुपये दिए थे। मेरे बटुए में दस रुपये का एक नोट पहले से पड़ा था। यह दस का नोट मिलने पर दस रुपये के दो नोट अर्थात् बीस रुपये हो गए।
मेले में हमने दस – दस रुपये की कुल्फी खाई। मैंने अपना बटुआ खोला और उसमें से एक दस का नोट निकालकर कुल्फीवाले को दे दिया। मीनल ने अपना बटुआ खोला तो वह खाली था। उसने मेरे बटुए में पड़ा नोट देख लिया था। उसे लगा कि मैंने उसका दस रुपये का नोट ले लिया है, नहीं तो मेरे पास दो नोट कहाँ से आए?
अपने बटुए में नोट न देखकर मीनल रुआंसी हो गई। बोली, “लगता हैं, मेरा नोट तूने ले लिया है। अब मैं कुल्फी का पैसा कहाँ से दूँ?” मैंने उसे समझाया कि दूसरा दस रुपये का नोट मेरे बटुए में पहले से है, पर वह न मानी और मुझे झूठा बताने लगी। मैंने अपने बटुए से नोट कुल्फीवाले को दिया और मीनल को लेकर माँ के पास आया।”
मैंने माँ से कहा, “माँ, देखो मीनल मुझे झूठा कह रही है। आपने जो दस का नोट दिया था, वह इसने कहीं गिरा दिया। अब अपनी गलती के लिए मुझे दोष दे रही है। माँ, अब तू ही इसको समझा।”
मीनल अभी भी रो रही थी और मुझे झूठा साबित कर रही थीं। माँ ने उससे कहा, “अरी पगली, टेबल पर देख, वह क्या पड़ा है।” माँ का दिया हुआ नोट मीनल टेबल पर ही भूल गई थी। वह नोट उसने बटुए में डाला ही नहीं था, तो मिलता कैसे!
अब मीनल को अपनी भूल का पता चला। उसने मुझसे क्षमा माँगी।
(ग) कहानी की प्रमुख घटनाओं को इस क्रम में लिखो कि पूरी कहानी स्पष्ट हो सके, जैसे
ईराक में व्यापारी अली ख्वाजा के पास एक हजार सोने की मुहरें इकट्ठा होना।
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उत्तर :
- पाँच सौ मोहरों को तेल से भरे घड़े में रखना।
- उस घड़े को मित्र वाजिद के तहखाने में रख आना और मक्का की यात्रा पर निकल जाना।
- जरूरत पड़ने पर वाजिद द्वारा घड़े में से तेल निकालना और मोहरों को चुरा लेना
- अली ख्वाजा और वाजिद में झगड़ा। खलीफा से न्याय माँगना।
- खलीफा का भेष बदलकर नगर में निकलना और हसन का मिलना।
- हसन द्वारा तेलियों को बुलाना और मोहरों की चोरी का पता चलना।
- अली ख्वाजा को मोहरें वापस मिलना, वाजिद को सजा।
4. निम्नांकित कहानी के चित्र एवं वाक्य उलट-पुलटकर दिए गए हैं, उसको पढ़कर कहानी का निर्माण कीजिए और उचित शीर्षक दीजिए :
शेर की नींद खुल गयी और उसने गुस्से से चूहे को पंजे में पकड़ लिया। चूहा रोते-रोते बोला, “कृपा करके मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारी मदद करूँगा।”

जाल में फँसते ही शेर दहाड़ने लगा। उसकी दहाड़ सुनकर चूहा वहाँ आया। शेर को जाल में फँसा देखकर अपने साथियों को बुलाकर चूहे ने शेर को जाल से छुड़ाया।
एक दिन जंगल में एक शेर आराम से सो रहा था। शेर जहाँ सो रहा था उसके पास एक बिल था। जिसमें एक चूहा रहता था।
शेर को चूहे और उसके साथियों ने जाल से छुड़ाया और शिकारी से बचाया। उस दिन से शेर और चूहा मित्र बन गये। साथ में खेलने लगे।

शेर को सोया हुआ देखकर चूहा उसके पास गया। वह शेर के शरीर पर चढ़ा और नाचने लगा।
एक दिन एक शिकारी जंगल में शिकार करने आया। उसने सिंह का शिकार करने के लिए जाल बिछाया।
उत्तर :
नोंध : उलट – पुलट वाक्यों तथा चित्रों के लिए पाठ्यपुस्तक देखें।
एक दिन जंगल में एक शेर आराम से सो रहा था। शेर जहाँ सो रहा था, . उसके पास एक बिल था, जिसमें एक चूहा रहता था।
शेर को सोया हुआ देखकर चूहा उसके पास गया। वह शेर के शरीर पर चढ़ा और नाचने लगा।
शेर की नींद खुल गई और उसने गुस्से से चूहे को पंजे में पकड़ लिया। चूहा रोते – रोते बोला, “कृपा करके मुझे छोड दो, (किसी दिन) तुम्हारी मदद करूँगा।”
एक दिन एक शिकारी जंगल में शिकार करने आया। उसने सिंह का शिकार करने के लिए जाल बिछाई।
जाल में फँसते ही शेर दहाड़ने लगा। उसकी दहाड़ सुनकर चूहा वहाँ आया। शेर को जाल में फँसा देखकर वह अपने साथियों को बुला लाया। उन्होंने जाल काट डाला और शेर को जाल से छुड़ाया।
इस तरह चूहे ने शेर को शिकारी से बचाया। उस दिन से शेर और चूहा मित्र बन गए और साथ में खेलने लगे।
शीर्षक :
- शेर और चूहा।।
- छोटे भी बड़ों के काम आते हैं।
5. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियावाचक शब्द ढूँढ़कर उदाहरण अनुसार वाक्य फिर से लिखिए :
उदाहरण :
- राधा ने संजीव को पत्र लिखा।
- राधा ने किसको पत्र लिखा?
(1) अध्यापक ने बच्चों को कहानी सुनाई।
(2) रात को कूत्ते भौंक रहे थे।
(3) वह पटाखे देख रहा है।
(4) वेदांत किताब पढ़ रहा था।
(5) पता नहीं तन्मय मेरे पास से कब चला गया।
(6) आकाश में पतंग उड़ रही थी।
उत्तर :
क्रियावाचक शब्द
(1) अध्यापक ने बच्चों को कहानी सुनाई। वाक्य : बच्चों को कहानी किसने सुनाई? – सुनाई
(2) रात को कुत्ते भौंक रहे थे। वाक्य : कुत्ते कब भौंक रहे थे? – भौंक रहे थे
(3) वह पटाखे देख रहा है। वाक्य : वह क्या देख रहा है? – देख रहा है
(4) वेदांत किताब पढ़ रहा था। वाक्य : कौन किताब पढ़ रहा था? – पढ़ रहा था
(5) पता नहीं तन्मय मेरे पास से चला गया। वाक्यः तन्मय मेरे पास से कब चला गया? – चला गया
(6) आकाश में पतंग उड़ रही थी। वाक्य :पतंग कहाँ उड़ रही थी? – उड़ रही थी
6. कहानी पढ़िए, उचित शीर्षक दीजिए एवं चर्चा करके प्रश्नों का निर्माण कीजिए तथा उत्तर लिखिए :
एक बार राजा कृष्णदेवराय के महल में एक सेवक काँच का खूबसूरत मोर साफ कर रहा था। गलती से उसके हाथ से मोर गिरकर टूट गया। राजा को वह मोर बहत प्रिय था। जब राजा महल में आए, उन्हें अपना प्रिय मोर दिखाई न दिया। पूछने पर पता चला कि वह टूट गया है। क्रोध में आकर उन्होंने सेवक को छ: महीने के लिए कारागार में डलवा दिया।
कुछ दिनों बाद राजा कृष्णदेवराय, मंत्री तेनालीराम और दूसरे दरबारियों के साथ राजा उद्यान में घूमने निकले। तेनालीराम बोले, “महाराज, पास ही बाल उद्यान है। उसे भी देखते चलें।”
राजा कृष्णदेवराय बाल उद्यान की ओर आए। उद्यान में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। एक स्थान पर बच्चे नाटक खेल रहे थे। एक बच्चा राजा बना हुआ था। उसके सामने दो
सिपाही एक अपराधी को पकड़कर खड़े थे। खेत के मालिक ने शिकायत की, “महाराज, आज यह मेरे खेत से गाजर और मूली उखाड़कर ले गया।” सुनकर राजा बने बच्चे ने चोरी करनेवाले से पूछा। उसने गलती मान ली तब वह बोला, “ठीक है, तुम्हें माफी दी जाती है पर ध्यान रखना कि दोबारा यह गलती न हो।” फिर खेत के मालिक से कहा, “तुम्हारे नुकसान की भरपाई शाही खजाने से की जाएगी पर पहली गलती पर भला हम कैसे सजा दें।”

नाटक देखने के बाद मंत्री ने कहा, “महाराज, यह बच्चा तो बड़ा शरारती है। इसे सजा मिलनी चाहिए।” तेनालीराम बोले, “हाँ महाराज, मेरे विचार से सज़ा यही हो कि इसे राज दरबार में बुलाकर यह नाटक फिर से दोहराने को कहा जाए।”
नाटक देखकर राजा कृष्णदेवराय सोच में पड़ गए। तेनालीराम की चतुराई पर वे मन-ही-मन मुस्कुरा उठे। यह देखकर मंत्री असमंजस में पड़ गए। उसके बाद राजा कृष्णदेवराय बोले, “सचमुच तेनालीराम, तुमने ठीक कहा। आज मैं समझा कि न्याय करते समय राजा का मन बच्चे जैसा निर्मल होना चाहिए।”
अगले ही दिन राजा ने उस सेवक को रिहा करवा दिया।
तेनालीराम की चतुराई
प्रश्न 1.
सेवक से कौन – सा अपराध हुआ?
उत्तर :
सेवक से राजा का प्रिय काँच का मोर टूट गया था।
प्रश्न 2.
राजा ने सेवक को क्या सजा दी?
उत्तर :
राजा ने सेवक को छ: महीने के लिए कारागार में डलवा दिया।
प्रश्न 3.
बाल उद्यान में क्या हो रहा था?
उत्तर :
बाल उद्यान में बच्चे नाटक खेल रहे थे।
प्रश्न 4.
तेनालीराम राजा कृष्णदेवराय को बाल उद्यान में क्यों ले गए?
उत्तर :
तेनालीराम राजा कृष्णदेवराय को बाल उद्यान में ले गए, क्योंकि वे उन्हें यह समझाना चाहते थे कि न्याय करते समय राजा का मन बालक जैसा निर्मल होना चाहिए।
प्रश्न 5.
तेनालीराम बालक को कौन – सी सजा दिलाना चाहते थे?
उत्तर :
तेनालीराम बालक को यह सजा दिलाना चाहते थे कि उद्यान में किए गए नाटक को वह दरबार में दोहराए।
प्रश्न 6.
न्याय करते समय राजा का मन कैसा होना चाहिए?
उत्तर :
न्याय करते समय राजा का मन बच्चे जैसा निर्मल होना चाहिए।
प्रश्न 7.
राजा ने सेवक को क्यों रिहा कर दिया?
उत्तर :
राजा ने सेवक को रिहा कर दिया, क्योंकि उसने पहली बार यह मामूली अपराध किया था।
न्याय योग्यता विस्तार
- ऐसी अन्य कहानियाँ पुस्तकालय में जाकर पढ़िए।
- बीरबल की चतुराई, पंचतंत्र की कहानियाँ, अरेबियन नाईट्स जैसे कहानी संग्रह पढ़िए।
- इस कहानी का नाट्यीकरण कीजिए।
Hindi Digest Std 6 GSEB न्याय Important Questions and Answers
न्याय विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
ईराक की राजधानी का नाम बताइए।
A. तेहरान
B. जेरूसलाम
C. बगदाद
D. मदीना
उत्तर :
C. बगदाद
प्रश्न 2.
पुराने समय में जहाँ सामान रखा जाता था …
A. खानखानादि
B. गुसलखाना
C. मयखाना
D. तहखाना
उत्तर :
D. तहखाना
प्रश्न 3.
किसी चीज को ढककर उसको मुहरबंद करना …
A. सील
B. कील
C. हील
D. मील
उत्तर :
A. सील
प्रश्न 4.
पयगंबर का उत्तराधिकारी …
A. वजीफा
B. खलीफा
C. शरीफा
D. मुनाफा
उत्तर :
B. खलीफा
प्रश्न 5.
इनमें से किस शब्द का अर्थ ‘कहानी’ होता है …
A. हिस्सा
B. रस्सा
C. किस्सा
D. दीक्षा
उत्तर :
C. किस्सा
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (सबूत, सूझबूझ, तिजोरी, शरीफ, दावत, सुनवाई)
(1) अली ख्वाजा ने मक्का ……………………………….. की यात्रा का निश्चय किया।
(2) एक दिन वाजिद के घर ……………………………….. थी।
(3) उसने उन मोहरों को अपनी ……………………………….. में छिपाकर रख दिया।
(4) एक सप्ताह बाद का समय ……………………………….. के लिए दिया गया।
(5) खलीफा को न्याय के लिए ……………………………….. मिल गया।
(6) सभी लोगों ने हसन की ……………………………….. और न्याय की प्रशंसा की।
उत्तर :
(1) अली ख्वाजा ने मक्का शरीफ की यात्रा का निश्चय किया।
(2) एक दिन वाजिद के घर दावत थी।
(3) उसने उन मोहरों को अपनी तिजोरी में छिपाकर रख दिया।
(4) एक सप्ताह बाद का समय सुनवाई के लिए दिया गया।
(5) खलीफा को न्याय के लिए सबूत मिल गया।
(6) सभी लोगों ने हसन की सूझबूझ और न्याय की प्रशंसा की।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
अली ख्वाजा ने अपनी जमा – पूँजी मित्र के यहाँ रखने का निश्चय किया, क्योंकि …
(अ) वह अकेला था।
(ब) उसे परिवार में किसी पर विश्वास न था।
(क) उसके घर सुरक्षा का अच्छा प्रबंध था।
उत्तर :
अली ख्वाजा ने अपनी जमा – पूँजी मित्र के यहाँ रखने का निश्चय किया, क्योंकि वह अकेला था।
प्रश्न 2.
वाजिद ने तरह – तरह के पकवान बनवाए थे, क्योंकि …
(अ) उसे गरीबों को खिलाना था।
(ब) उसे उनको बेचना था।
(क) उसके घर दावत थी।
उत्तर :
वाजिद ने तरह – तरह के पकवान बनवाए थे, क्योंकि उसके घर दावत थी।
प्रश्न 3.
वाजिद ने अली ख्वाजा के घड़े से तेल निकाला, क्योंकि …
(अ) उसे उसकी मोहरें चुरानी थीं।
(ब) उसे उसकी जाँच करनी थी।
(क) उसके घर में तेल खत्म हो गया था।
उत्तर :
वाजिद ने अली ख्वाजा के घड़े से तेल निकाला, क्योंकि उसके घर में तेल खत्म हो गया था।
प्रश्न 4.
ख्वाजा काजी की अदालत से निराश होकर लौटा, क्योंकि …
(अ) वह छुट्टी पर गया था।
(ब) उसके पास पक्के सबूत नहीं थे।
(क) काजी को उसकी बात समझ में नहीं आई।
उत्तर :
ख्वाजा काजी की अदालत से निराश होकर लौटा, क्योंकि उसके पास पक्के सबूत नहीं थे।
प्रश्न 5.
खलीफा ने हसन को दरबार में बुलाया, क्योंकि …
(अ) वह बहुत समझदार था।
(ब) वह अच्छा जासूस था।
(क) वह काजी का बेटा था।
उत्तर :
खलीफा ने हसन को दरबार में बुलाया, क्योंकि वह बहुत समझदार था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
अली ख्वाजा ने तेल का घड़ा कहाँ रखा?
उत्तर :
अली ख्वाजा ने तेल का घड़ा अपने मित्र और पड़ोसी वाजिद के घर के तहखाने में रखा।
प्रश्न 2.
वाजिद के घर में तेल क्यों खत्म हो गया था?
उत्तर :
वाजिद के घर में तेल खत्म हो गया था, क्योंकि दावत के कारण तरह – तरह के पकवान बनाए गए थे।
प्रश्न 3.
वाजिद ने घड़े का तेल दूसरे बर्तन में क्यों निकाला?
उत्तर :
वाजिद ने घड़े का तेल दूसरे बर्तन में निकाला, क्योंकि उसे लगा कि घड़े में तेल के सिवा कुछ और भी है।
प्रश्न 4.
लोगों ने ख्वाजा को क्या सलाह दी?
उत्तर :
लोगों ने ख्वाजा को काजी की अदालत में जाने की सलाह दी।
प्रश्न 5.
शहर में भेष बदलकर घूमते समय खलीफा ने क्या देखा?
उत्तर :
शहर में भेष बदलकर घूमते समय खलीफा ने कुछ लड़कों को न्यायालय का खेल खेलते हुए देखा।
प्रश्न 6.
खलीफा हसन से क्यों प्रभावित हुए?
उत्तर :
खलीफा हसन से प्रभावित हुए, क्योंकि उनको न्याय करने का हसन का तरीका बहुत सही लगा।
प्रश्न 7.
अली ख्वाजा ने वाजिद से कितने समय पहले तेल भरा था?
उत्तर :
अली ख्वाजा ने वाजिद से चार महीने पहले तेल भरा था।
प्रश्न 8.
लोगों ने हसन की तारीफ क्यों की?
उत्तर :
लोगों ने हसन की तारीफ की, क्योंकि उसने बड़ी सूझबूझ से अली ख्वाजा और वाजिद के झगड़े का फैसला किया था।
न्याय प्रवृत्तियाँ
(1) न्याय की देवी का चित्र प्राप्त कर अपनी कॉपी में चिपकाइए।
(2) तुम्हारी कक्षा के दो लड़कों में से एक ने दूसरे से कुछ रुपये उधार लिए थे। उधार लेनेवाला लड़का पैसे चुका नहीं रहा है। तुम इस मामले का निपटारा कैसे करोगे?
(3) अपने निकट के किसी न्यायालय या ग्रामपंचायत की मुलाकात लीजिए।
(4) गुजरात का उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) कहाँ है?
उत्तर :
अहमदाबाद में।
(5) भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ है?
उत्तर :
दिल्ली में।
न्याय Summary in Gujarati
ન્યાય
જૂના જમાનામાં ઇરાકની રાજધાની બગદાદમાં એક વેપારી રહેતો હતો, તેનું નામ હતું અલીખ્વાજા. વેપાર કરતાં – કરતાં જ્યારે તેની પાસે એક હજાર સોનામહોરો ભેગી થઈ, તો તેણે મક્કા શરીફની યાત્રા કરવાનો નિશ્ચય કર્યો. તે એકલો રહેતો હતો.
તેણે પોતાની જમાપૂંજી પોતાના મિત્રને ત્યાં મૂકવાનો નિશ્ચય કર્યો. યાત્રાના ખર્ચ માટે તેણે પાંચ સો સોનામહોર જુદી રાખી, વધેલી સોનામહોર એક ઘડામાં મૂકીને તેલ ભરી દીધું. અલીખ્વાજા પડોશમાં પોતાના મિત્ર વાજિદને ઘેર ગયો. તેને પોતાની યાત્રા વિશે જાણ કરીને કહ્યું, “આ તેલનો ઘડો હું તમારે ત્યાં મૂકીને જવા ઇચ્છું છું. મક્કાથી પાછો આવીને લઈ જઈશ.”
વાજિદે પોતાના ભોંયરાની ચાવી એને આપતા કહ્યું કે, “તમે તમારો ઘડો ભોંયરામાં મૂકી આવો અને જ્યારે પાછા ફરો ત્યારે એ જગ્યાએથી લઈ લેજો.” અલીખ્વાજા ઘડો મૂકીને યાત્રાએ જતો રહ્યો.

એક દિવસ વાજિદને ઘેર મિજબાની હતી. ભાત – ભાતનાં પકવાન બનાવતાં તેલ ખલાસ થઈ ગયું. રાતનો સમય હતો. વાજિદની બીબી માથું ખંજવાળવા માંડી. ત્યારે તેને અલીખ્વાજાના તેલના ઘડાની યાદ આવી.
તેણે વાજિદને કહ્યું કે, “તમે ભોંયરામાં રાખેલા તેલના ઘડામાંથી થોડું તેલ કાઢી લાવો. આ સમયે બજાર તો બંધ છે. કાલ સવારે બજારમાંથી નવું તેલ લાવીને ઘડામાં ભરી દઈશું.” ખ્વાજા આજે રાત્રે જ આવીને તો તેલ નહીં માંગે.
બીબીની વાત સાંભળીને વાજિદ ભોંયરામાં ગયો. જ્યારે ઘ તેલ કાઢવા લાગ્યો ત્યારે ઘડામાંથી સિક્કાઓનો ખણખણાટ સંભળાયો. તેને લાગ્યું કે ઘડામાં તેલની નીચે કંઈક છે. આથી બધું તેલ બીજા વાસણમાં કાઢ્યું. તેણે જોયું કે ઘડામાં તો પાંચ સો સોનામહોરો હતી.
તેણે તે મહોરો પોતાની તિજોરીમાં મૂકી દીધી અને તેલ લાવીને બીબીને આપી દીધું. બીજે દિવસે તેણે બજારમાંથી નવું તેલ લાવીને ઘડામાં ભરી દીધું. જેવી રીતે ખ્વાજાઅલીએ કર્યું હતું તેવી જ રીતે તેણે ઘડાને સીલ કરી દીધું.
થોડા દિવસો પછી ખ્વાજા મક્કાની યાત્રાએથી પાછો આવ્યો. ઘરમાં પોતાનો ‘ સામાન મૂકીને તે સીધો જ વાજિદને ઘેર ગયો અને પોતાની યાત્રાની બધી વાત કરી. પછી તેલનો ઘડો લઈને તે ઘેર આવ્યો. જ્યારે તેણે ઘડાનું તેલ કાઢીને જોયું તો તેના પગ નીચેથી જમીન જ સરકી ગઈ. તે માથું પકડીને બેસી ગયો, કારણ કે ઘડામાં એક પણ સોનામહોર નહોતી. તે વિચારવા લાગ્યો કે હવે શું કરવું?
તે તરત જ વાજિદને ઘેર ગયો અને પોતાની સોનામહોરો માગવા લાગ્યો. વાજિદે કહ્યું, “સીલબંધ તેલનો ઘડો, જ્યાં તમે મૂકીને ગયા હતા ત્યાંથી જ તમે લઈ ગયા છો. મેં તો તેને હાથ પણ નથી લગાડ્યો. હું કેવી રીતે માની લઉં કે તેમાં સોનામહોરો હતી.” બંને મિત્રોમાં બોલાચાલી થવા લાગી. બંનેનો ઝઘડો સાંભળીને આસપાસના લોકો ભેગા થઈ ગયા. લોકોએ જ્યારે ઝઘડો વધતો જોયો ત્યારે ખ્વાજાને કહ્યું કે “આપ કાજીની અદાલતમાં જાઓ. તે જ આપનો ઝઘડો પતાવી શકશે.”
ખ્વાજાએ કાજીની અદાલતમાં પોતાની વાત રજૂ કરી, પરંતુ પાકા પુરાવાના અભાવે તેને ત્યાંથી પણ નિરાશ પાછા ફરવું પડ્યું, ત્યારે તેણે બગદાદના ખલીફાને ત્યાં અપીલ કરી અને ન્યાય માગ્યો. ખલીફાએ તેની અપીલ સ્વીકારી લીધી અને સમગ્ર બાબત પર વિચાર કરવા માટે સમય માગ્યો. એક સપ્તાહ પછીનો સમય સુનાવણી માટે રાખવામાં આવ્યો. ખ્વાજા અને વાજિદનો કિસ્સો હવે પ્રખ્યાત થઈ ગયો હતો.

ખલીફા એક દિવસ પોતાનો વેશ બદલીને શહેરમાં ફરી રહ્યા હતા. ત્યારે તેમણે કેટલાક છોકરાઓને ન્યાયાલયની રમત રમતા જોયા. તેઓ છુપાઈને તેમનો ખેલ જોવા લાગ્યા. તેમને લાગ્યું કે જે છોકરો ન્યાયાધીશ બન્યો છે તે ખૂબ સમજુ છે. તે જેવી રીતે ન્યાય કરી રહ્યો છે તે બિલકુલ યોગ્ય છે.
એટલે તેમણે તે છોકરાને પોતાની પાસે બોલાવ્યો અને તેનું નામ પૂછ્યું. છોકરાએ કહ્યું, “મારું નામ હસન છે.” ખલીફાએ કહ્યું, “મેં તમારી રમત જોઈ છે, તું ખૂબ સમજુ છે. કાલે અમારા દરબારમાં આવજે.”
બીજે દિવસે ખલીફાના દરબારમાં અલીખ્વાજા, વાજિદ અને હસન હાજર થયા. ખલીફાએ હસનને કહ્યું, “તું આ બંનેના ઝઘડાની વાત સાંભળ, અને કહે કે આમાંથી કોણ સાચું બોલી રહ્યું છે.”
હસને બંનેની વાતો ધ્યાનથી સાંભળી. પછી તેણે બે તેલીઓને દરબારમાં બોલાવ્યા. થોડી વારમાં બે તેલી આવી ગયા. હસને તેમને કહ્યું, “આપ આ ઘડાના તેલની પરીક્ષા કરો અને બતાવો કે આ ઘડામાં તેલ કેટલું જૂનું છે.”
બંને તેલીઓએ વારાફરતી તેલને જોયું, સુંવ્યું અને ચાખ્યું. પછી પોતાનો નિર્ણય આપ્યો: “ઘડાનું તેલ બે મહિના કરતાં વધારે જૂનું નથી.”
તેલીઓની વાત સાંભળી વાજિદ તો ગભરાઈ ગયો. અલીખ્વાજા ખુશ થઈને બોલી ઊઠ્યો, “હુજૂર, હું તો છ મહિના પહેલાં મક્કાની યાત્રા કરવા ગયો હતો. ત્યારે મેં તેલ ખરીધું હતું.” તેલીઓ અને અલીખ્વાજાની વાત સાંભળીને સૌને વાસ્તવિક્તાનું જ્ઞાન થઈ ગયું.
ખલીફાને ન્યાય માટે પુરાવો મળી ગયો હતો. ખલીફાએ હસનને ધન્યવાદ આપ્યા અને વાજિદને કહ્યું, “આપે અલીખ્વાજાના ઘડામાંથી તેલ અને સોનામહોરો કાઢી છે, તે આપ તેને પાછું આપી દો અને ચોરી તથા વિશ્વાસઘાતના અપરાધની સજા ભોગવો.” ખલીફાએ હસનને પુરસ્કાર भायो.
ખલીફાના દરબારમાં હાજર સો લોકોએ હસનની સૂઝ – સમજણ અને ન્યાયની ભારે પ્રશંસા કરી.
न्याय Summary in English
Justice
In ancient age there lived a merchant named Alikhwaja in Bagdad, the capital of Iraq. He had earned one thousand gold coins by his business. So he decided to go on pilgrimage of Meccasharif. He lived alone.
He decided to keep his gold coins at his friend’s house. He kept five hundred gold coins for his expenditure of his pilgrimage, put the rest gold coins in a pot and filled it with edible oil. Alikhwaja went to his friend Vajid’s house.
He informed him about his pilgrimage and said, “I want to keep this pot full of edible oil at your place. I will take it back when I return from Mecca.
Valid gave him the key of his cellar and said, “You yourself put the pot in the cellar and get it back from that place when you return.” Alikhwaja put the pot there and went on pilgrimage.
One day there was a dinner party at Vajid’s house. While cooking various sweets, edible oil was finished. It was night. When Vajid’s wife began to think, she remembered Alikhwaja’s pot which was full of edible oil. She said to Vajid, “Please go to the cellar and get some edible oil from that pot.
The bazaar is closed now. We shall buy new edible oil from the bazaar the next day and fill the pot up. Khwaja won’t come tonight and ask for the oil.”
After listening to his wife Vajid went to the cellar. When he broke the seal of the pot and began to take oil from it, he heard the sound of the coins. He felt that there must be something in the pot below the oil. So he poured the oil in another vessel and found five hundred gold coins in the pot. He put the gold coins in his safe and brought oil to his wife. The next day he bought new oil and filled the pot up. Then he sealed the pot as Khwaja had done.
After some days Khwaja returned from the pilgrimage of Mecca. After leaving the luggage at home, he went straight to Vajid’s house and told him about his pilgrimage. Then he returned home with his oil pot. When he emptied the pot he was stunned. He was shocked because there wasn’t any gold coin in the pot. He began to think what he should do then.
Immediately he went to Vajid’s house and asked for his gold coins. Vajid said, “You yourself have taken the sealed pot from where it was. I have not even touched the pot. How can I believe that there were gold coins in the pot ?” Both the friends began to quarrel. People around gathered there. When people saw that the quarrel had gone out of control they said to Khwaja, “Please go to the Kaji (judge) in the court. He will settle your quarrel.”
Khwaja presented his own case in the court before the Kaji. But because of no evidence he had to return disappointed. Then he appealed to the Khalipha of Bagdad and requested for justice. The Khalipha accepted his appeal and asked for some time to think. A week was kept for hearing the case. The case of Khwaja and Vajid had become familiar.
One day when Khalipha was going in his disguised clothes, he saw some boys playing the game of a court. He began to watch the game hiding somewhere. He felt that the boy who had become the judge was very wise.
The way he was justifying the case was quite right. So he called the boy to him and asked his name. The boy said, “My name is Hasan” The Khalipha said, “I have seen your game. You are very wise. Please come to our court tomorrow.”
The next day Alikhwaja, Vajid and Hasan remained present in the court. The Khalipha said to Hasan, “Listen to the quarrel of these two persons and say who is right (true) of the two.”
Hasan heard both of them attentively. Then he called two oil merchants (persons who extract oil from oil seeds and sell). Soon they came. Hasan said to them, “Please taste the oil from the pot and say how old the oil is.”
Both the oil merchants saw, sniffed and tasted the oil. Then they gave their opinion : “The oil of this pot is not older than two months.”
Hearing the fact Vajid was frightened. Alikhwaja became happy and said, “I had gone to pilgrimage of Mecca before six months. At that time I had bought the oil.” After hearing the two oil merchants and Alikhwaja all realised the fact.
The Khalipha had enough evidence for justice. The Khalipha congratulated Hasan and said to Vajid, “Return the oil and gold coins to Alikhwaja which you have taken from his pot and bear the punishment for the guilt of theft and betrayal.” The Khalipha gave reward to Hasan.
People who were present in the court praised Hasan for his wisdom and justice.
न्याय विषय – प्रवेश
अदालत किसी झगड़े का निपटारा करते समय सबूतों पर ध्यान देती है। सबूत न मिलने पर वह सही न्याय नहीं दे पाती। ऐसे मामले में सूझ – बूझ काम आती है। इस कहानी में एक चतुर लड़का अपनी सूझ – बूझ से एक व्यापारी को सही न्याय दिलाता है।
न्याय शब्दार्थ
- मोहर – सोने का सिक्का; gold coin
- पूँजी- धन; wealth
- तहखानाजमीन के नीचे बना कमरा; cellar
- दावत – भोजन-समारंभ, मित्रों-रिश्तेदारों को खिलाने का कार्यक्रम; dinner party, feast
- पकवान – खाने की चीजें, मिठाई; sweets
- सील – ठप्पा, मुहर; seal
- काजी – न्यायाधीश; judge
- सबूत – प्रमाण; proof, evidence
- अभाव- कमी, न होना; non-existence/lacking
- निराश – दुःखी, हताश; disappointed
- खलीफा – पैगंबर का उत्तराधिकारी; Khalipha, next to prophet
- अपील-निवेदन; appeal
- प्रख्यात – प्रसिद्ध; famous
- भेष- वेश, पहनावा; dress
- तेली- तेल निकालनेवाला; a person who extracts oil from oilseeds and sells it
- जाँच – परख; investigation
- वास्तविकता – असलियत; reality, fact
- विश्वासघात – धोखा; betrayal, breach of trust
- पुरस्कार – इनाम; prize, award
- सूझ-बूझ – समझदारी; understanding, wisdom
- भूरि-भूरि – बहुत; very much
न्याय मुहावरे – अर्थ और वाक्य – प्रयोग
- सिर खुजलाना – समझ न पाना कि क्या किया जाए
वाक्य : प्रश्न सुनकर लड़का सिर खुजलाने लगा। - पैरों तले की जमीन खिसक जाना – आघात लगना
वाक्य : जब यात्री को मालूम हुआ कि जेब से बटुआ गायब हुआ है, तो उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। - सिर पकड़कर बैठ जाना – निराश होना
वाक्य : उत्तीर्ण छात्रों में अपना नाम (नंबर) न देखकर राजू सिर पकड़कर बैठ गया। - उलटे पाँव जाना – फौरन जाना
वाक्य : एक नोट फटा देखकर मैं उलटे पाँव दुकानदार के पास गया। - कहा – सुनी होना – वाद – विवाद होना
वाक्य : सीट पर बैठने के लिए दो यात्रियों में कहा – सुनी होने लगी। - अपनी बात रखना – जो हुवा था वह बताना।
वाक्य : किसान ने पंचायत में अपनी बात रखी। - भूरि – भूरि प्रशंसा करना – बहुत तारीफ करना
वाक्य : बादशाह अकबर ने बीरबल की चतुराई की भूरि – भूरि प्रशंसा की।
यह भी एक परीक्षा अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
देवेन्द्र ने परीक्षा होने के बावजूद भी भिखारी की मदद क्यों की?
उत्तर :
भिखारी के पाँव में गहरी चोट लगी थी। उसमें से खून बह रहा था। उसे अस्पताल पहुँचाना जरूरी था। देवेन्द्र के लिए मानव की सेवा सबसे पहला कर्तव्य था। इन्सान की सेवा ही उसकी दृष्टि में सबसे बड़ा धर्म था। इसलिए परीक्षा होने के बावजूद उसने भिखारी की मदद की।
प्रश्न 2.
प्रधानाध्यापक ने देवेन्द्र के पिता को बधाई क्यों दी?
उत्तर :
देवेन्द्र मेधावी विद्यार्थी था। स्कूल की परीक्षा में उसका पास होना निश्चित था। इसके साथ ही उसने बूढ़े भिखारी की सहायता की थी। अपनी परीक्षा के बावजूद उसने उसे अस्पताल में भरती करवाया था। इस तरह वह इन्सानियत की परीक्षा में भी पास हो गया था। सचमुच, देवेन्द्र एक होनहार सपूत था। इसलिए प्रधानाध्यापक ने उसके पिता को बधाई दी।
प्रश्न 3.
क्या देवेन्द्र ने जो किया वह सही किया? क्यों?
उत्तर :
भिखारी के प्रति मानवता दिखाकर देवेन्द्र ने बहुत सही काम किया था।
भिखारी अंधा, बूढ़ा और अपाहिज था। घायल होने के बाद वह पूरी तरह असहाय हो गया था। अगर देवेन्द्र उसे अस्पताल में भरती न कराता तो पता नहीं उसकी क्या दशा होती। इन्सान की सेवा व्यक्ति का सबसे पहला कर्तव्य और सबसे बडा धर्म हैं। देवेन्द्र ने इसी कर्तव्य और धर्म का पालन किया था। इसीलिए उसने जो किया, वह सही किया था।
2. आप स्कूल के मैदान में खेल रहे हैं और आपके साथी को पैर में मोच आ गई तो आप क्या करेंगे? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
मैं – अरे रघु, तू क्यों लँगड़ा रहा है?
रघु – खेलते – खेलते मेरे पैर में मोच आ गई है। मैं ठीक से चल नहीं सकता।
मैं – ठहर, मैं स्कूल के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से आयोडेक्स लेकर आता हूँ। (मैंने आयोडेक्स का मलम रघु के मोचवाले स्थान पर लगाया। कुछ देर बाद)
रघु – यार ! तेरे इलाज ने तो कमाल कर दिया। अब में ठीक से चल सकता हूँ। सचमुच, तू धन्यवाद के पात्र है।
3. लिंग के आधार पर वाक्य सही है या गलत? अगर वाक्य गलत है, तो सुधारकर दुबारा लिखिए:
(1) मेरे पास एक बड़ी संदूक है।
(2) मैंने अहमदाबाद से अंबाजी की टिकट ली।
(3) रावण के साथ युद्ध में राम का विजय हुआ।
(4) मैंने पुस्तक खरीदी।
(5) रमेश की स्कूल विशाल है।
(6) आपकी आवाज़ मधुर है।
(7) रोहन को क्रिकेट खेलने में बड़ी मज़ा आती है।
(8) हमें पौष्टिक खुराक लेना चाहिए।
(9) मैंने एक सुंदर तसवीर देखा।
(10) आज भारी बरसात हुआ।
उत्तर :
(1) मेरे पास एक बड़ी संदूक है। (गलत) सही
वाक्य : मेरे पास एक बड़ा संदूक है।
(2) मैंने अहमदाबाद से अंबाजी की टिकट ली। (गलत) सही
वाक्य : मैंने अहमदाबाद से अंबाजी का टिकट लिया।
(3) रावण के साथ युद्ध में राम का विजय हुआ। (गलत) सही
वाक्य : रावण के साथ युद्ध में राम की विजय हुई।
(4) मैंने पुस्तक खरीदी। (सही वाक्य)
(5) रमेश की स्कूल विशाल है। (गलत) सही
वाक्य : रमेश का स्कूल विशाल है।
(6) आपकी आवाज़ मधुर है। (सही वाक्य)
(7) रोहन को क्रिकेट खेलने में बड़ी मजा आती है। (गलत) सही
वाक्य : रोहन को क्रिकेट खेलने में बड़ा मजा आता है।
(8) हमें पौष्टिक खुराक लेना चाहिए। (गलत) ही
वाक्य : हमें पौष्टिक खुराक लेनी चाहिए।
(9) मैंने एक सुंदर तस्वीर देखा। (गलत) सही
वाक्य : मैंने एक सुंदर तस्वीर देखी।
(10) आज भारी बरसात हुआ। (गलत) सही
वाक्य : आज भारी बरसात हुई।
4. निम्नलिखित वाक्यों का वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(1) लड़के मैदान में खेल रहे हैं।
(2) आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।
(3) मैंने आज एक व्यक्ति की मदद की।
(4) उद्यान में हरा-भरा पेड़ है।
(5) मेरी किताब वापस दीजिए।
उत्तर :
(1) लड़का मैदान में खेल रहा है।
(2) आकाश में पक्षी उड़ रहा है।
(3) मैंने आज कई व्यक्तियों की मदद की।
(4) उद्यान में हरे – भरे पेड़ हैं।
(5) मेरी किताबें वापस दीजिए।
यह भी एक परीक्षा स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) बूट पालिशवाले ने राहगीर से क्या कहा?
उत्तर :
बूटपालिशवाले ने राहगीर से कहा कि मैं आपके जूते चमकाकर शानदार बना दूंगा। मैं उन्हें आईना बना दूंगा। उनमें अपनी शक्ल देखकर फिर आप पैसे दीजिए, वे भी सिर्फ दो रुपये!
(2) भिखारी के कटोरे में क्या-क्या था?
उत्तर :
भिखारी के कटोरे में कुछ पकौड़ियाँ, अमरूद, रोटी के टुकड़े और कुछ रेजगारी थी।
(3) देवेन्द्र भिखारी को अस्पताल क्यों ले गया?
उत्तर :
अंधे भिखारी को किसीने साइकिल की टक्कर मार दी थी। उसकी टाँग में जख्म हो गया था। वह सड़क के बीचोबीच पड़ा था। उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी। इसलिए देवेन्द्र भिखारी को अस्पताल ले गया।
(4) देवेन्द्र ने भिखारी के लिए क्या किया?
उत्तर :
अंधा और बढ़ा भिखारी राह के बीच पडा कराह रहा था। देवेन्द्र ने उसे वहाँ से उठाकर फूटपाथ पर बिठाया, जो रोटी बाहर गिर गई थी, वह कटोरे में डाल दी। सड़क पर उसके बिखर गए पैसे भी कटोरे में डाल दिए। भिखारी के पाँव में लगे घाव से खून बह रहा था। इसलिए देवेन्द्र उसे सहारा देकर अस्पताल ले गया और वहाँ उसने भिखारी को भरती करा दिया।
(5) प्रधानाध्यापक ने देवेन्द्र के घर फोन क्यों लगाया?
उत्तर :
प्रधानाध्यापक को बताया गया कि परीक्षा शुरू हो गई थी, परंतु देवेन्द्र नहीं आया था। देवेन्द्र मेधावी छात्र था। वह उन विद्यार्थियों में था जो प्रथमश्रेणी में आते हैं। उसके अभी तक न आने से प्रधानाध्यापक चिंतित हो उठे। उन्हें लगा कि रास्ते में वह किसी दुर्घटना का शिकार न हो गया हो। इसलिए स्थिति का पता लगाने के लिए उन्होंने देवेन्द्र के घर फोन लगाया।
2. निम्नलिखित वाक्य कौन-किसे कहता है, लिखिए :
(1) “अंधा है क्या? देखकर नहीं चलता। मेरे कप टूट गए।”
(2) “जीते रहो बेटा। भगवान तुम्हें अच्छे नंबर से उत्तीर्ण करे।”
(3) “चलो बाबा तुम्हें अस्पताल तक पहुँचा दूं।” ।
(4) “सर! परीक्षा शुरू हो गई और देवेन्द्र अभी तक अनुपस्थित है।”
(5) “शाबाश! तुमने यह जानते हुए भी कि परीक्षा का समय है, अपना कर्तव्य निभाया।”
(6) “जूते चमका दूँ, शानदार कर दूंगा।”
उत्तर :
(1) चायवाला एक बालक से कहता है।
(2) भिखारी विद्यार्थी (देवेन्द्र) से कहता है।
(3) विद्यार्थी (देवेन्द्र) अंधे – बूढ़े भिखारी से कहता है।
(4) एक अध्यापक प्रधानाध्यापक से कहता है।
(5) प्रधानाध्यापक विद्यार्थी (देवेन्द्र) से कहते हैं।
(6) बूटपालिशवाला राहगीर से कहता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
एक बार अवन्ती के देश में तीन व्यापारी आए। राज दरबार में उन्होंने प्रार्थना की, कि उनके प्रश्नों के उत्तर दिए जाएँ। कोई भी दरबारी व्यापारियों के प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सका। यहाँ तक कि राजा भी उलझन में पड़ गये। तब किसी ने कहा कि अवन्ती को बुलवाया जाए, वही इनके प्रश्नों के उत्तर दे सकता है। राजा ने अवन्ती को बुलाने की आज्ञा दी। हाथ में लाठी लिए हुए अपने गधे पर सवार अवन्ती दरबार में पहुंचा।
उत्तर :
અનુવાદ
એક વખત અવન્તીના દેશમાં ત્રણ વ્યાપારીઓ આવ્યા. રાજદરબારમાં તેમણે વિનંતી કરી કે તેમના પ્રશ્નોના જવાબ આપવામાં આવે. કોઈ પણ દરબારી વ્યાપારીઓના પ્રશ્નોના જવાબ આપી શક્યો નહિ. એટલે સુધી કે રાજા પણ વિમાસણમાં પડી ગયા. ત્યારે કોઈએ કહ્યું કે અવન્તીને બોલાવવામાં આવે, તે જ એમના પ્રશ્નોના જવાબ આપી શકે છે. રાજાએ અવન્તીને બોલાવવાની આજ્ઞા કરી. હાથમાં લાકડી લઈને, પોતાના ગધેડા ઉપર બેસીને અવન્તી દરબારમાં પહોંચ્યો.
Translation
Once three merchants came to Avanti. They requested in the court that the answers to their questions should be given. No courtier could answer the questions of the merchants. Even the king was confused. Then someone suggested that Avanti should be called, only he could give the answers to those questions. The king ordered to call Avanti. Taking a stick in hand, riding his donkey Avanti reached to the court.
यह भी एक परीक्षा इतना जानिए

उत्तर :

यह इन्डियन एअरलाईन्स का निशान है। इवाई डाक पर यह चिह्न होता है।

यह उपकरण ट्राफिक सिग्नल का है। इसमें पीले, लाल और हरे रंग की बत्तियाँ होती हैं। इन रंगों की बत्तियों की सूचना के अनुसार वाहन रुकते या सड़क पार करते हैं।

यह न्याय की देवी की मूर्ति है। इसकी आँखों पर पट्टी बँधी है। वह निष्पक्षता का तथा तराजू न्याय का सूचन करते हैं।

बगीचे या फूलवारी में लगी इस सूचना का अर्थ है – फूल न तोड़े।

इस निशान का अर्थ है कि कूड़ा यहाँ रखे कूड़ेदान में ही डालें।

इस चित्र का अर्थ है कि इस क्षेत्र में शान्ति बनाए रखें। प्रायः अस्पतालों के पास यह चित्र रखा जाता है।
यह भी एक परीक्षा योग्यता विस्तार
- इस एकांकी के मूल भाववाली अन्य कहानियाँ पुस्तकालय से खोजकर पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
- इस एकांकी का अपनी नाट्यीकरण कीजिए।
Hindi Digest Std 6 GSEB यह भी एक परीक्षा Important Questions and Answers
यह भी एक परीक्षा विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
‘यह भी एक परीक्षा’ पाठ का प्रकार क्या है?
A. कहानी
B. उपन्यास
C. एकांकी
D. निबंध
उत्तर :
C. एकांकी
प्रश्न 2.
पाठ के पहले दृश्य का स्थल कहाँ है?
A. मेले में
B. प्रदर्शनी में
C. दुकान में
D. बाजार में
उत्तर :
D. बाजार में
प्रश्न 3.
चाय गिरने से बालक का क्या खराब हो गया था?
A. शर्ट
B. पेंट
C. बेग
D. जूते
उत्तर :
B. पेंट
प्रश्न 4.
देवेन्द्र की पेंट पर किसके धब्बे थे?
A. पान के
B. चाय के
C. खून के
D. स्याही के
उत्तर :
C. खून के
प्रश्न 5.
देवेन्द्र कैसा छात्र था?
A. चालाक
B. आज्ञाकारी
C. नियमित
D. मेधावी
उत्तर :
D. मेधावी
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (जिन्दगी, शकुन, श्रेणी, जोंक, गहरी, अठन्नी)
(1) अरे हट ! ………………………………………. की तरह चिपक जाता है।
(2) यहाँ तो पिक्चर के टिकट में भी ………………………………………. कम है।
(3) इस अंधे ने तो ………………………………………. ही खराब कर दिया।
(4) अरे, तुम्हारे पाँव में तो ………………………………………. चोट है।
(5) वह तो प्रथम ………………………………………. में उत्तीर्ण होनेवाले छात्रों में से हैं।
(6) इन्सान की ………………………………………. इस परीक्षा से बहुत बड़ी और कीमती होती है।
उत्तर :
(1) अरे हट ! जोंक की तरह चिपक जाता है।
(2) यहाँ तो, पिक्चर के टिकट में भी अठन्नी कम है।
(3) इस अंधे ने तो शकुन ही खराब कर दिया।
(4) अरे, तुम्हारे पाँव में तो गहरी चोट है।
(5) वह तो प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होनेवाले छात्रों में से हैं।
(6) इन्सान की जिन्दगी इस परीक्षा से बहुत बड़ी और कीमती होती है।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
एक बालक …
(अ) हाकर से टकराता है।
(ब) भिखारी से टकराता है।
(क) एक चायवाले से टकराता है।
उत्तर :
एक बालक एक चायवाले से टकराता है।
प्रश्न 2.
भिखारी के कटोरे में …
(अ) छः रुपये थे।
(ब) सात रुपये थे।
(क) आठ रुपये थे।
उत्तर :
भिखारी के कटोरे में सात रुपये थे।
प्रश्न 3.
देवेन्द्र का रोल नंबर …
(अ) कमरा नंबर चार में था।
(ब) कमरा नंबर तीन में था।
(क) कमरा नंबर पाँच में था।
उत्तर :
देवेन्द्र का रोल नंबर कमरा नंबर चार में था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
बालक ने भिखारी को पैसे क्यों नहीं दिए?
उत्तर :
बालक ने भिखारी को पैसे नहीं दिए, क्योंकि उसे पिक्चर देखनी थी, जिसके टिकट में भी अठन्नी कम पड़ रही थी।
प्रश्न 2.
बूढ़े भिखारी से कौन टकराया?
उत्तर :
बूढ़े भिखारी से एक साइकिल – स्वार बालक टकराया।
प्रश्न 3.
बूढ़े भिखारी की मदद किसने की?
उत्तर :
बूढ़े भिखारी की मदद देवेन्द्र नामक एक विद्यार्थी ने की।
प्रश्न 4.
सबसे बड़ा कर्तव्य और कर्म क्या है?
उत्तर :
इन्सान की सेवा ही सबसे बड़ा कर्तव्य और कर्म है।
प्रश्न 5.
स्कूल की परीक्षा से पहले देवेन्द्र किस परीक्षा में पास हो गया था?
उत्तर :
स्कूल की परीक्षा से पहले देवेन्द्र इन्सानियत की परीक्षा में पास हो गया था।
प्रश्न 6.
देवेन्द्र समय पर स्कूल न पहुंचा तो किसे चिन्ता हुई?
उत्तर :
देवेन्द्र समय पर स्कूल न पहुँचा तो उसके अध्यापक और प्रधानाध्यापक को चिन्ता हुई।
यह भी एक परीक्षा प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
मानवता को सूचित करनेवाले तीन प्रसंग बताइए।
उत्तर :
(1) नदी या तालाब में डूबते हुए व्यक्ति को बचाना।
(2) कुत्ते को पत्थर मारकर भगानेवाले बालक को रोकना।
(3) वृद्ध महिला को सड़क पार कराना।
प्रश्न 2.
तुम्हारा छोटा भाई अपने बीमार साथी को उसके घर पहुँचाने जाता है, इसलिए स्कूल से देर से आता है। देर से आने का कारण बताने पर तुम उसके साथ कैसा व्यवहार करोगे?
उत्तर :
यदि मेरा छोटा भाई अपने बीमार साथी की मदद कर स्कूल से देर से आता है तो पहले में उसके मित्र को फोन करके उसका हाल – चाल पूलूंगा। फिर मैं अपने भाई को शाबाशी दूंगा कि उसने एक सच्चे मित्र का फर्ज निभाया।
प्रश्न 3.
इन प्रसंगों को दिखाते हुए चित्र बनाइए :
(अ) गाय को घास खिलाता हुआ व्यक्ति।
(ब) प्यासे बालक को पानी पिलाती हुई महिला।
यह भी एक परीक्षा Summary in Gujarati
આ પણ એક પરીક્ષા – પ્રથમ દશ્ય. (પડદો ઊંચકાય છે. બજારનું દશ્ય – કેટલાક લોકો અહીંતહીં આવી-જઈ રહ્યા છે.)

એક બાળક : (ખભા પર થેલો, હાથમાં બ્રશ) બૂટ – પૉલિશ, બૂટ – પૉલિશ!
(એક રાહદારીને) બાબુજી ! જોડાં ચમકાવી આપું, શાનદાર કરી આપીશ..
રાહદારી : ના રે, આઘો ખસ.
બાળક : (બૂટ પકડીને) જોડાને દર્પણ જેવા બનાવી આપીશ. બાબુજી, તમારો ચહેરો જોઈને પછી પૈસા આપજો. ફક્ત બે રૂપિયા.
રાહદારી : અરે આઘો ખસ, જળોની જેમ ચોંટી જાય છે. ભાગ. (રાહદારીની પાછળ બાળક ચાલ્યો જાય છે. – બીજી તરફથી એક ફેરિયો છાપાંઓનું બંડલ લઈને આવે છે.)
ફેરિયો : (છાપું હલાવતાં) આજની તાજી ખબર. ભૂકંપથી પડેલાં મકાનોનું નવનિર્માણ. વિદ્યાર્થીનીઓની ફી માફ ! સ્કૂલના છોકરાઓએ ડાકુને પકડ્યો. આજની તાજી ખબરો! (કેટલાક લોકો છાપું ખરીદે છે. બીજી તરફથી ચાવાળો છોકરો આવે છે. એક હાથમાં બાલદી, જેમાં કપ મૂકેલા છે. બીજા હાથમાં કીટલી છે.)
ચાવાળો : ચા ગરમ ! ચા ગરમ ! ચા. (છાપું વાચતાં – વાંચતાં ચાલતો એક બાળક ચાવાળા સાથે અથડાય છે. બાલદી છટકીને નીચે પડે છે. બે – ત્રણ કપ વેરાઈ જાય છે.)
ચાવાળો : આંધળો છે કે શું? જોઈને નથી ચાલતો ! મારા કપ ફૂટી ગયા.
બાળક : ચાલ, ચાલ – ચાલતો થા અહીંથી. પૅન્ટ ખરાબ કરી નાખ્યું અને ઉપરથી રૂઆબ કરે છે. (બંને લડતા – ઝઘડતા ચાલ્યા જાય છે – બીજી તરફથી એક ઘરડો આંધળો ભિખારી કાંખ – લાકડીને સહારે આવે છે. વાટકામાં પૂરી, જામફળ, રોટલીના ટુકડા, પરચૂરણ વગેરે છે.)
ભિખારી : બાબુજી, ભૂખ્યો છું. મારું બધું જ લૂંટાઈ ગયું! ભગવાન તમને ખૂબ બરકત આપશે. ભગવાન તમારું ભલું કરશે. એક બાળકઃ (હાથમાં પુસ્તકો) આઘો ખસ! અહીં તો સ્કૂલનું મોડું થાય છે અને આ સામે આવી રહ્યો છે. (ખીસામાં હાથ નાખી, પૈસા કાઢીને ગણે છે.) અહીં તો પિક્યરની ટિકિટમાં પણ આઠ આના ઓછા છે! તું આપીશ? (ચાલ્યો જાય છે.)

ભિખારી : બેટા, હું આંધળો છું, અસહાય છું. હું વળી તને શું આપી શકું? સૌને આપનારો તે આસમાની છત્રીવાળો છે. (એક બાળક સાઇકલ પર આવીને બુઢા સાથે અથડાય છે. બુઢ નીચે પડી જાય છે. લાકડી અને વાટકો દૂર જઈ પડે છે.)
ભિખારી : (ચીસ પાડીને) હાય રે, મારો પગ તૂટી ગયો ! હવે શું કરું? સાઇકલવાળો (કપડાં ખંખેરીને સાઇકલ ઉપાડે છે.) આંધળો છે કે શું? સામે આવી ગયો? આ ભિખારીઓએ તો હેરાન – પરેશાન કરી દીધા છે, સ્કૂલનું મોડું કરાવી દેશે ! પરીક્ષાનો પહેલો દિવસ છે. (સાઇકલ પર જાય છે.)
ભિખારી : (પડ્યો – પડ્યો) હાય ભગવાન. મારો પગ તૂટી ગયો રે ! અરે, કોઈ મને ઊભો કરો. કોઈ તો ભલા માણસ, મને સડકને કિનારે બેસાડી દો. એ લાલા, એ બાબુ ! મને સડકની એક બાજુ લઈ ચાલો ને. (એક વિદ્યાર્થી આવે છે. હાથમાં દફતર છે.)
વિદ્યાર્થી : અરે, શું થઈ ગયું? બુઢા બાબા, (પગ જોઈને) અરેરે ખૂબ વાગ્યું છે. (વાટકામાં પૈસા, રોટલી વગેરે મૂકી આપે છે.) લે બાબા ! આ તારો વાટકો. એમાં સાત રૂપિયા છે.
ભિખારી : (વાટકો લઈને ઊંહકારો ભરતો) જીવતો રહે બેટા. ભગવાન તને સારા ગુણથી પાસ કરે – મારા રાજા બાબુને, મારા આંધળાની લાકડી ક્યાં છે? બેટા! મને સડકને કિનારે ક્યાંક ઝાડ નીચે બેસાડી દે. તારું ભલું થશે.
વિદ્યાર્થી : (લાકડી આપીને) લે, આ રહી લાકડી. (સ્કૂલની ઘંટડી સંભળાય છે.) અરે, પહેલી ઘંટડી વાગી ગઈ. આજે પરીક્ષાનો પહેલો જ દિવસ છે. પરંતુ … ભલે ! (બૂઢાને) લે બાબા, ઊઠ, તને ફૂટપાથ પર બેસાડી દઉં. અરે, તારા પગમાં તો ઊંડો જખમ છે. – લોહી વહી રહ્યું છે. (ઘડિયાળ જોઈને, મનમાં વિચારતો) પેલી બાજુ પરીક્ષાનો સમય, આ બાજુ આ આંધળા બાબા? શું કરું? (અંતરાત્માનો અવાજ સંભળાય છે – મનુષ્યની સેવા એ સૌથી પહેલું કર્તવ્ય છે. મનુષ્યની સેવા એ સૌથી મોટો ધર્મ છે.).

વિદ્યાર્થી : (બાબાને) ચાલો બાબા, તમને ઇસ્પિતાલ સુધી પહોંચાડી દઉં. (વિદ્યાર્થી ટેકો આપી તેને લઈ જાય છે.)
બીજું દશ્યા
(આચાર્યનો ખંડ. આચાર્ય પાછળના પાટિયા પર કંઈ લખતા હોય છે. એક અધ્યાપકનું આગમન.)
અધ્યાપક : સર, પરીક્ષા શરૂ થઈ ગઈ અને દેવેન્દ્ર સેન હજી સુધી આવ્યો નથી.
આચાર્ય : શું દેવેન્દ્ર ! શું થયું? એ તો બુદ્ધિમાન વિદ્યાર્થી છે. અરે ભાઈ, કોઈને સ્કૂટર લઈને મોકલો, પરંતુ થોભો. મારી પાસે ફોન નંબર છે. પહેલાં વાત જાણી લઉં. (ફોન ઉપાડે છે.) હલો, હલો, હલો જી હું શાળાના આચાર્ય બોલી રહ્યો છું, અરે ભાઈ, દેવેન્દ્રની પરીક્ષા શરૂ થઈ ગઈ છે.
આજે પહેલો દિવસ છે. હજુ સુધી તે કેમ આવ્યો નથી? ઘેરથી નીકળે કલાક થઈ ગયો? હા, પરીક્ષા શરૂ થયે દસ મિનિટથી વધારે થઈ ગઈ. ભાઈ, તપાસ કરો. એ તો પ્રથમ શ્રેણીમાં ઉત્તીર્ણ થનારાઓમાં છે. (ફોન મૂકીને) તેને ઘેરથી નીકળે બહુ સમય થઈ ગયો છે. આવી જવો જોઈએ.
જુઓ, તે આવી જાય તો મારી પાસે મોકલજો. તેની સાથેના છોકરાને પૂછીને તપાસ કરો કે ક્યાંક અકસ્માત તો નથી થયો ને. (અધ્યાપકનું ગમન. થોડી વાર પછી હાંફતાં – હાંફતાં દેવેન્દ્રનું આગમન.)
દેવેન્દ્ર : મહાશય, શું હું અંદર આવી શકું? આચાર્યઃ અરેદેવેન્દ્ર આટલું મોડું? અત્યાર સુધી ક્યાં હતો?
દેવેન્દ્ર : (ગભરાયેલા અવાજમાં) ઇસ્પિતાલ, સર !
આચાર્ય : (કડક સ્વરે) ઇસ્પિતાલ? શું પરીક્ષા ત્યાં થઈ રહી હતી? અરે ! આ પૅન્ટ પર લોહીના ડાઘા? ક્યાંક પડી ગયો હતો કે?
દેવેન્દ્ર : જી નહીં. એક અંધ ભિખારીને કોઈકે સાઈકલની ટક્કર મારી હતી. તેનો પગ ખૂબ જખી થયો હતો. તે સડકની વચ્ચોવચ પડ્યો કણસી રહ્યો હતો. તેનો તરત જ ઇલાજ કરવાની જરૂર હતી, એટલે તેને ઇસ્પિતાલમાં ભરતી કરાવીને આવી રહ્યો છું. સર, ક્ષમા માગું છું !
આચાર્ય : શાબાશ ! પરીક્ષાનો સમય છે, એ જાણતો હોવા છતાં તે તારું કર્તવ્ય નિભાવ્યું. મનુષ્યની જિંદગી આ પરીક્ષા કરતાં ખૂબ મોટી અને કીમતી હોય છે. જા, પરીક્ષાખંડમાં બેસ. ચોથા નંબરના ખંડમાં તારો રોલ નંબર છે. (દેવેન્દ્ર જાય છે. આચાર્ય ફોન ઉપાડે છે.)

આચાર્ય : કોઈ ઘરડા બુઢાનો અકસ્માત થઈ ગયો હતો. તેને ઇસ્પિતાલમાં ભરતી કરાવીને આવ્યો છે. અરે ભાઈ, આ પરીક્ષામાં તો પાસ થશે જ, પરંતુ આનાથી પણ મોટી માનવતાની પરીક્ષામાં પાસ થઈ ગયો છે. આવા તેજસ્વી સપૂતના આપ પિતા છો. અભિનંદન!
यह भी एक परीक्षा Summary in English
This Is Also An Exam (One-Act)
Scene One
(The curtain is raised up. Scene of a bazaar – some people are coming-going here and there.)
Boy :(A bag on shoulder, a brush in hand) Boot polish, Boot polish! (to a way-farer) Let me shine your shoes. I will make them shining.
Way-farer : Oh No, go away.
Boy :(holding shoes) I will make them like mirror. Babuji, give me money after seeing your face. Only two rupees.
Way-farer : Oh! go away. You stick like a leech. Run away. (The boy walks behind the way-farer. – A vendor comes from the other side with a bundle of newspapers.)
Vendor :(Shaking a newspaper) Today’s latest news. Reconstruction of the buildings collapsed in earthquake. Redemption of the students fee! School boys caught a bandit ! Today’s latest news! (Some people buy newspapers. From the other side a kettle-boy comes. He has a bucket with cups in one hand and a kettle in other hand.)
Kettle-boy: Hot tea! Hot tea! Tea … Tea [A boy reading newspaper and walking dashes with the kettleboy. The bucket falls down. Two-three cups are broken (scattered).]
Kettle-boy : Are you blind ? Don’t you see? My cups broke.
Boy : Go, go – walk away from here. Spoiled my pants and threatening me! (Both walk on quarrelling. An old blind beggar comes from the other side walking with the help of crutch. He has puris, a guava, pieces of bread, some coins, etc. in his bowl.
Beggar : Babuji, I am hungry. Everything has been lost ! God bless you. Give me something.
A Boy : (books in hand) Go aside ! I am getting late to school and you are coming in front of me. (He counts money from his pocket.) Here eight anas less to buy a picture-ticket! Will you give me? (Walks away.)
Beggar : Dear, I am blind, helpless. What can I give you ? Only God is there to give to all. (A boy riding a bicycle comes and dashes with the old man. The old man falls down. His crutch and bowl drop down.)
Beggar : (crying) Oh! broke my leg ! What can I do now?
Cyclist : (cleans clothes and carries his bicycle.) Are you blind ? Came before ? The beggars have harassed. I will be late to school. Today is the first day of the exam. (Rides bicycle and goes.)
Beggar : (lying) O God! My leg is broken! Please help me. Help me to sit beside the road. 0 Lala, O Babu! Please carry me to the road-side. (A student comes. He has a school-bag in his hand.)
Student : Oh! What happened to you old Babu ? (looking at the leg.) Oh! you are seriously injured. (places money, bread, etc. in the bowl.) Take this bowl Baba. There are seven rupees in it.
Beggar :(taking bowl and sobbing) Long live my son. God promote you with good marks. Please carry me to the road-side somewhere and let me sit under a tree. God bless you.
Student : (giving crutch) Take this crutch. (Hears school-bell ringing.) Oh, the first bell has been rung. Today is the first day of exam. But … All right! (to enheter bele has been reaga nova the old man) Take this crutch Baba and get up. I will help you to sit on the footpath. Oh! you have a deep wound in your leg. Blood is flowing. (Seeing the wrist-watch and thinking.) On one side there is an exam, the other side the old blind Baba, what should I do? (Inner voice is heard. Service to a man is our first duty. Service to a man is our first duty. Service to a man is the greatest religion.)
Student : (to Baba) Come Baba. Let me take you to the hospital. (The student supports and takes him to the hospital.)
Scene Two
(Principal’s office. The principal is writing something on the board. A teacher enters.)
Teacher : Sir, exam has begun but Devendra Sen has not come yet.
Principal : What, Devendra! What happened ? He is an in telligent student. Please ask someone to go on a scooter, but wait. I have his phone number. First, let me know. (dials the number) Hello, hello, hello. I, the school principal is speaking. Devendra’s exam has begun. Today is the first day of the exam. Why has he not come yet? Did he leave home before an hour ? Yes, more than ten minutes of the exam passed. Sir, inquire of him. He is one of the students passing with first class. (putting the phone down) Much time has passed. He must be coming. If he comes, send him to me. Ask his classmates and inquire whether he has not met with an accident. (A . teacher enters. After some time Devendra enters panting.)
Devendra : Sir, may I come in ?
Principal : Oh! Devendra, why are you so late? Where were you till now?
Devendra : (in chopped voice) Hospital, sir !
Principal : (in strict voice) Hospital ? Was the exam being taken there ? Oh! spots of blood on your pants ? Did you fall down anywhere ?
Devendra : No, sir. A cyclist had knocked down a blind beggar. His leg was seriously injured. He was lying in the middle of the road and moaning. He needed immediate medical help. So I admitted him to the hospital and returned. Sir, excuse me!
Principal : Well-done! Even though you knew that it is exam time, you performed your duty. Life of a person is more precious than exam. Go to your exam room. Your roll number is in room number four. (Devendra goes, the principal dials the number.)
Principal : (on phone) Hello! Sen sir ? Yes, sir, Devendra has come. On his way an old man met with an accident. He admitted him to the hospital. Yes, sir, he will surely pass the exam, but he has succeeded in a greater exam than this, and it is the exam of humanity. You are the father of such a bright virtuous son. Congratulations.
यह भी एक परीक्षा विषय – प्रवेश
विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे अच्छे से अच्छे अंक पाना चाहते हैं। लेकिन शिक्षा पाने का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक पाना ही नहीं है।
शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य व्यक्ति में छिपी शक्तियों को जगाना है, व्यक्ति को सही मनुष्य बनाना है, उसे मानवता का पाठ पढ़ाना है। यह एकांकी इसी बात को सूचित करता है।
यह भी एक परीक्षा शब्दार्थ
- राहगीर – मुसाफिर; way-farer
- आईना – दर्पण; mirror
- जोंक – चमड़ी से चिपककर खून पीनेवाला एक जल-जंतु; leech
- नवनिर्माण- फिर से बनाना, नई रचना; reconstruction
- छिटकना – बिखरना; to drop
- बैसाखी – वह लाठी जिसे टेककर अपाहिज चलते हैं।; crutch
- रेजगारी- छुट्टे पैसे, छोटे सिक्के; coins
- बरकत – लाभ, फायदा; advantage, benefit
- बेसहारा – निःसहाय; orphan, helpless
- नीली छतरीवाला – भगवान; God
- शकुन – शुभ मुहूर्त; auspicious time
- चोट – घाव; wound, injury
- कर्तव्य – फर्ज; duty
- अनुपस्थित – गैरहाजिर; absent
- मेधावी – प्रतिभाशाली, बुद्धिमान; intelligent
- श्रेणी – दर्जा; class
- उत्तीर्ण – सफल; passing, successful
- जख्मी-घायल; wounded, injured
- कराहना – दर्दभरी आवाज़ निकालना; to groan
- भरती – दाखिल; admit
- होनहार – अच्छे लक्षणोंवाला; lucky
- सपूत – लायक पुत्र; virtuous son
यह भी एक परीक्षा मुहावरे – अर्थ और वाक्य – प्रयोग
- आईना बनाना – बहुत चमकदार बनाना
वाक्य : उसने जूतों पर ऐसी पॉलिश की, कि उन्हें आईना बना दिया। - रोब झाड़ना – प्रभाव दिखाना
वाक्य : उस गरीब आदमी पर क्यों रोब झाड़ रहे हो? - नाक में दम करना – बहुत परेशान करना
वाक्य : वहाँ बंदरों ने लोगों की नाक में दम कर दिया था। - शकुन खराब करना – शुभ मुहूर्त में बाधक बनना
वाक्य : अपनी बदतमीजी से तुमने मेरा शकुन खराब कर दिया।
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
हमारे मन में कैसी भावना होनी चाहिए?
उत्तर :
हमारे मन में किसी से बदला लेने की भावना नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 2.
हस्ताक्षर करने के बाद गाँधी जी ने क्या लिखा?
उत्तर :
हस्ताक्षर करने के बाद गाँधीजी ने लिखा, तुम्हारे इन आभूषणों की अपेक्षा “तुम्हारा त्याग ही सच्चा आभूषण है।”
प्रश्न 3.
हमें पुस्तकें क्यों पढ़नी चाहिए?
उत्तर :
पुस्तकें हमें ज्ञान देती हैं। वे हमें अच्छे – बुरे की पहचान कराती हैं। किताबों से हमारी जिज्ञासा की पूर्ति होती है। ज्ञान – विज्ञान को गतिमान रखने का काम पुस्तकें ही करती हैं। पुस्तकों से सच्ची मित्रता का लाभ अवश्य मिलता है। इस तरह हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्त्व है।
प्रश्न 4.
समय और शक्ति की बचत कैसे होती है?
उत्तर :
कम्प्यूटर जैसे वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग से समय और शक्ति की बचत होती है।
प्रश्न 5.
खलीफ़ा ने हसन को अपने दरबार में क्यों बुलाया?
उत्तर :
एक दिन खलीफा अपना भेष बदलकर शहर में घूम रहे थे। एक जगह उन्होंने कुछ लड़को को ‘न्यायालय का खेल’ खेलते हुए देखा। वे छिपकर उनका खेल देखने लगे। जो लड़का न्यायाधीश बना था, उसकी समझदारी और निर्णय करने की पद्धति उन्हें बहुत अच्छी लगी। उन्हें लगा कि अली ख्वाजा और वाजिद के झगड़े को यह लड़का सुलझा सकता है। इसलिए उन्होंने हसन को अपने दरबार में बुलाया।
प्रश्न 6.
देवेन्द्र ने भिखारी के लिए क्या किया?
उत्तर :
अंधा और बूढ़ा भिखारी राह के बीच पड़ा कराह रहा था। देवेन्द्र ने उसे वहाँ से उठाकर फूटपाथ पर बिठाया, जो रोटी बाहर गिर गई थी, वह कटोरे में डाल दी। सड़क पर उसके बिखर गए पैसे भी कटोरे में डाल दिए। भिखारी के पाँव में लगे घाव से खून बह रहा था। इसलिए देवेन्द्र उसे सहारा देकर अस्पताल ले गया और वहाँ उसने भिखारी को भरती करा दिया।
2. निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जीवन में खेल बहुत जरूरी है। खेल से मनोरंजन मिलता है। हमारी तंदुरस्ती ठीक होती है। हम कभी बीमार नहीं पड़ते। रोज़ खेलने से खाया हुआ अन्न पच जाता है और शरीर में स्फूर्ति आती है। खेल हमारे सारे शरीर को मज़बूत बनाते हैं और हमारा दिमाग तेज़ करते हैं। जो लड़के नहीं खेलते वे आलसी और बीमार रहते हैं। खेलते समय हमें अपने साथियों का ख्याल रखना पड़ता है। उनसे हम खूब मिल-जुलकर खेलते हैं। जिससे हममें कई अच्छी आदतें आप ही आप आ जाती हैं। ये आदतें आगे जाकर हमारे लिए बड़ी लाभकारक होती है, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल पर भी पूरा जोर देना चाहिए।
प्रश्न 1.
जीवन में खेल क्यों जरूरी है?
उत्तर :
खेल से मनोरंजन होता है, तंदुरस्ती ठीक रहती है और हम निरोगी रहते हैं। खाया हुआ अन्न खेलने से पच जाता है और शरीर में स्फूर्ति रहती है। खेल से शरीर मज़बूत और दिमाग तेज़ बनता है। इसलिए जीवन में खेल जरूरी है।
प्रश्न 2.
खेल के अभाव में क्या होता है?
उत्तर :
खेल के अभाव में शरीर में आलस्य रहता है और भोजन का पाचन ठीक से नहीं होता। इससे हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रहता और हम बीमार तथा कमजोर रहते हैं।
प्रश्न 3.
पढ़ाई के साथ खेल पर जोर देना चाहिए? क्यों?
उत्तर :
हाँ, पढ़ाई के साथ खेल पर भी जोर देना चाहिए, क्योंकि खेलते समय हम साथियों के साथ मिल – जुलकर खेलते हैं। हम साथियों का ख्याल रखते हैं। इससे हममें अपने आप कई अच्छी आदतें आ जाती हैं। ये आदतें हमारे भावी जीवन में बहुत उपयोगी साबित होती हैं।
प्रश्न 4.
परिच्छेद का योग्य शीर्षक दीजिए।
उत्तर :
- खेल का महत्त्व
- खेल से लाभ
3. निम्नलिखित विषय पर अपने विचार लिखिए :
(1) विज्ञान का महत्त्व
(2) देवेन्द्र की मानवता
(3) हसन का सच्चा न्याय
उत्तर :
(1) विज्ञान का महत्त्व : विज्ञान ने दुनिया को अनेक उपहार दिए हैं। रेल, मोटर, विमान, हेलिकॉप्टर जैसे यातायात के साधन हमें विज्ञान ने ही दिए हैं। पानी के जहाज (जलपोत), स्टीमरें, पनडुब्बियों भी उसी ने दी है। जिस बिजली से हमारे जीवन को तरह – तरह की सुविधाएँ मिली हैं, वह भी विज्ञान की ही देन है। विज्ञान से हमें अनेक जीवनरक्षक दवाएँ मिली हैं।
आधुनिक शल्यचिकित्सा ने बहुतों को नया जीवन दिया है। आज खेती की नई – नई पद्धतियों का विकास हुआ है। इससे देश में अनाज, शाक – सब्जी, फल आदि का उत्पादन बढ़ा है। ट्रैक्टर से खेती करना बहुत आसान हो गया है। यदि विज्ञान न होता तो पुस्तकों की छपाई कैसे होती?
तरह – तरह की मशीनें कैसे बनती? सिनेमा, दूरदर्शन, टेलीफोन, कम्प्यूटर, मोबाइल आदि हमें विज्ञान से ही मिले हैं। इसलिए विज्ञान का जितना महत्त्व बताया जाए, उतना कम है।
(2) देवेन्द्र की मानवता : देवेन्द्र को परीक्षा देने के लिए शीघ्र स्कूल पहुँचना था। परंतु रास्ते में उसे एक अंधा, बूढ़ा और अपाहिज भिखारी कराहता हुआ मिला। उसके पैर से खून बह रहा था। देवेन्द्र ने सोचा कि इसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। सहारा देकर वह लाचार भिखारी को अस्पताल ले गया और वहाँ उसे भरती कराया। भिखारी के इलाज का प्रबंध करने के बाद वह परीक्षा देने स्कूल पहुँचा।
मानव – सेवा के लिए उसने परीक्षा की चिन्ता नहीं की। उसने भिखारी की जिन्दगी को परीक्षा से अधिक महत्त्व दिया। इस प्रकार, देवेन्द्र ने अपनी मानवता का परिचय दिया।
(3) हसन का सच्चा न्याय : वाजिद ने अली ख्वाजा की पाँच सौ मोहरें ले ली थी। सबूत न होने से काजी भी उसे चोर साबित नहीं कर सका था। खलीफा ने यह मामला हसन को सौंपा। हसन ने सूझबूझ से काम लिया। उसने तेलियों द्वारा तेल की जाँच कराई और साबित कर दिया कि वाजिद ने ख्वाजा का तेल निकाल लिया था और घड़े में दूसरा तेल भरा था। उसीने घड़े से ख्वाजा की मोहरें ले ली थीं। इस प्रकार, बालक होने के बावजूद हसन ने अक्लमंदी से काम लिया और सच्चा न्याय किया।
4. अपने मित्र को जन्मदिन की बधाई देता हुआ पत्र लिखिए।
उत्तर :
25, लक्ष्मीमंगल
गोमतीपुर,
अहमदाबाद – 380021
14 नवंबर, 2013
प्रिय मित्र सुदीप,
सप्रेम नमस्ते।
17 नवंबर को तुम्हारा जन्मदिन हैं। तुम्हें मेरी खूब – खूब बधाइयाँ।
मित्र, मुझे तुम्हारे जन्मदिन की पार्टी का निमंत्रण – पत्र मिला है। उसमें यदि मैं शामिल होता तो यह मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होती। परंतु उसी दिन मेरी बुआ के बेटे की शादी है। पूरा परिवार उसमें शामिल होगा। सबके साथ मुझे भी जाना पड़ेगा। इसलिए मैं तुम्हारी पार्टी में नही आ सकूँगा। आशा है, तुम मुझे माफ कर दोगे।
एक बार फिर बधाई।
तुम्हारा मित्र,
सुहास सोलंकी
5. कहावतों का अर्थ लिखिए :
प्रश्न 1.
उलटा चोर कोतवाल को डाँटे
उत्तर :
अपराधी द्वारा निर्दोष को धमकाना।
प्रश्न 2.
आसमान से गिरा खजूर में अटका
उत्तर :
एक मुसीबत से छूटकर दूसरी मुसीबत में फँसना।
प्रश्न 3.
जैसी करनी वैसी भरनी
उत्तर :
अपने किए हुए बुरे काम का फल भुगतना।
6. निम्नांकित चित्रों को देखकर कहानी का निर्माण कीजिए :
उत्तर:
भलाई का बदला
जंगल में एक तालाब था। एक दिन एक चींटी तालाब के किनारे घूम रही थी। उसी समय पानी की एक लहर आई। चींटी लहर के साथ तालाब में बहने लगी।
तालाब के किनारे एक पेड़ था। उस पर एक कबूतर बैठा हुआ था। उसने चींटी को बहते हुए देखा। उसने तुरंत वृक्ष से एक पत्ता तोड़ा और तालाब में डाला। पत्ता चींटी के पास गिरा। चींटी पत्ते पर चढ़कर तालाब के किनारे आ गई। उसने कबूतर को धन्यवाद दिया।
एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने पेड़ की डाल पर बैठे हुए कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने यह देखा। वह तुरंत शिकारी के पास पहुंची।
उसने शिकारी के पैर में काट लिया। शिकारी दर्द से चीखा। उसकी चीख सुनकर कबूतर उड़ गया। इस तरह चींटी ने कबूतर की जान बचाई।
सच है, भलाई का बदला भलाई से चुकाना चाहिए।
7. आप हररोज जो क्रियाएँ करते हैं, उनकी सूची बनाकर वाक्य लिखिए।
उत्तर:
- जागना : मैं सुबह छः बजे जागता हूँ।
- नहाना : मैं सुबह सवा छः बजे नहाता हूँ।
- खाना : मैं स्कूल में आकर एक बजे खाना खाता हूँ।
- पढ़ना : लिखना: मैं तीन बजे से पाँच बजे तक पढ़ता – लिखता हूँ।
- देखना : मैं शाम को कुछ समय दूरदर्शन के कार्यक्रम देखता हुँ।
- खेलना : मैं शाम को एक घंटा मित्रों के साथ खेलता हूँ।
- सोना : मैं रात को दस बजे सोता हूँ।
8. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
कुछ दिनों के बाद अली ख्वाजा मक्का की यात्रा से वापस आया। घर में अपना सामान रखकर वह सीधा वाजिद के घर गया और अपनी यात्रा की सारी बातें बताईं। फिर तेल का घड़ा लेकर वह घर आ गया। जब उसने घड़े का तेल निकालकर देखा तो उसके पैरों तले से ज़मीन ही खिसक गई। वह सिर पकड़कर बैठ गया, क्योंकि घड़े में एक भी सोने की मोहर नहीं थी। वह सोचने लगा, अब क्या किया जाए?
उत्तर :
અનુવાદ
થોડા દિવસો પછી અલી ખ્વાજા મક્કાની યાત્રાએથી પાછો આવ્યો. ઘરમાં પોતાનો સામાન મૂકીને તે સીધો વાજિદને ઘેર ગયો અને પોતાની યાત્રાની બધી વાત કરી. પછી તેલનો ઘડો લઈને તે ઘેર આવ્યો. જ્યારે તેણે ઘડાનું તેલ કાઢીને જોયું તો તેના પગ નીચેથી જમીન જ સરકી ગઈ. તે માથું પકડીને બેસી ગયો, કારણ કે ઘડામાં એક પણ સોનામહોર નહોતી. તે વિચારવા લાગ્યો કે હવે શું કરવું?
खेलें हम खेल
शिक्षक निम्नलिखित कोष्ठक के आधार पर कक्षा में खेल खेलवाएंगे। यह खेल दो प्रकार से हो सकता है:
(1) अंक आधारित खेल
(2) वर्ण आधारित खेल।
समानार्थी शब्द बनाना :
(1) वसुधा
(2) पथ
(3) मधुबन
(4) गगन
(5) बरकत
(6) आनंद
(7) निशा
(8) शान
(9) पुष्प
(10) सूरज
(11) पक्षी
(12) आदमी
(13) आँख
(14) ईश्वर
(15) पानी
लिंग – परिवर्तनः
(1) सेवक
(2) अभिनेता
(3) कवि
(4) लेखक
(5) नाई
(6) प्रज्ञावान
(7) मोर
(8) इन्द्राणी
(9) आचार्य
(10) नर
(11) वर
(12) भगवान
(13) पुजारी
(14) सेठानी
(15) मालिक
विरोधी शब्द बनाना :
(1) आदर
(2) जीवन
(3) अंधकार
(4) मान
(5) सुंदर
(6) विश्वास
(7) सार्थक
(8) नूतन
वचन – परिवर्तन करना :
(1) पुस्तक
(2) लता
(3) गुरु
(4) स्त्री
(5) सड़क
(6) बेटा
(7) आँख
(8) कपड़ा
यह खेल खेलने के लिए पासा आवश्यक है।
(1) पासा फेंकने पर मिलनेवाले दो अंकों को जोड़कर जो अंक मिलेगा उस क्रम में दिए हुए शब्द का समानार्थी शब्द छात्र को देना होगा। (इसी प्रकार लिंग परिवर्तन के लिए खेल खेलें।) पासा फेंकने पर मिलनेवाले दो अंकों के अन्तर से जो अंक मिलता है, उस अंक पर दिए गए शब्द का विरोधी शब्द देना होगा। (इसी प्रकार वचन परिवर्तन के लिए खेल खेलें।)
(2) पासा फेंकने पर मिलनेवाले दो वर्ण के उपयोग से तीन/चार वर्णों से बननेवाले अर्थपूर्ण शब्द बनाइए। जैसे ज – ल = जल, जलज, जलपान, बिजली, बजरंगबली…
सूचना :
शिक्षक शब्द बदलकर नये शब्दों के लिए भी खेल खेला सकते हैं।
इस प्रकार पाये जाने वाले वर्ण लेकर विभिन्न प्रकार के शब्द बनवा सकते हैं :
जैसे कि – घर की चीज-वस्तुएँ
– पाठशाला की वस्तुएँ
– वैज्ञानिक उपकरण
– संचार के साधन
– यातायात के साधन
– पशु-पक्षी के नाम
उत्तर:
समानार्थी शब्द बताइए:
(1) वसुधा = पृथ्वी, धरती
(2) पथ = रास्ता, मार्ग
(3) मधुबन = बगीचा, उपवन
(4) गगन = आकाश, नभ
(5) बरकत = लाभ, बढ़ती, फायदा
(6) आनंद = प्रसन्नता, खुशी
(7) निशा = रात, रजनी
(8) शान = शोभा, प्रतिष्ठा
(9) पुष्प = फूल, सुमन
(10) सूरज = सूर्य, रवि
(11) पक्षी = खग, विहग
(12) आदमी = मनुष्य, इन्सान
(13) आँख = नेत्र, लोचन
(14) ईश्वर = भगवान, परमात्मा
(15) पानी = जल, नीर
विरोधी शब्द बताइए:
(1) आदर ✗ निरादर
(3) अंधकार ✗ प्रकाश
(5) सुंदर ✗ असुंदर, कुरूप
(7) सार्थक ✗ निरर्थक
(2) जीवन ✗ मृत्यु
(4) मान ✗ अपमान
(6) विश्वास ✗ अविश्वास
(8) नूतन ✗ पुरातन
लिंग बदलिए:
(1) सेवक – सेविका
(2) अभिनेता – अभिनेत्री
(3) कवि – कवयित्री
(4) लेखक – लेखिका
(5) नाई – नाइन
(6) प्रज्ञावान – प्रज्ञावती
(7) मोर – मोरनी
(8) इन्द्राणी – इन्द्र
(9) आचार्य – आचार्या
(10) नर – नारी
(11) वर – वधू
(12) भगवान – भगवती
(13) पुजारी – पुजारिन
(14) सेठानी – सेठ
(15) मालिक – मालकिन
वचन – परिवर्तन कीजिए:
(1) पुस्तक – पुस्तकें
(2) लता – लताएँ
(3) गुरु – गुरु
(4) स्त्री – स्त्रियाँ
(5) सड़क – सड़कें
(6) बेटा – बेटे
(7) आँख – आँखें
(8) कपड़ा – कपड़े
पुनरावर्तन स्व-अध्ययन
प्रश्न 1.
इस पहेली में यातायात के ग्यारह साधनों के नाम छिपे हैं। बताओ तो जानें।
उत्तर:
- ऊँट
- बैलगाड़ी
- टमटम
- ताँगा
- स्कूटर
- मोटर
- कार
- नौका
- जलयान
- रेल
- वायुयान
प्रश्न 2.
दूरदर्शन के अपने सब से मनपसंद कार्यक्रम के बारे में लिखिए।
उत्तर :
आजकल दूरदर्शन के विविध चैनलों पर कई कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। सी.आई.डी., क्राईम पेट्रोल, रसोई शो, सास बिना ससुराल, समाचार, बड़े अच्छे लगते हैं, कुछ तो लोग कहेंगे, तारक महेता का उल्टा चश्मा आदि कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय हैं।
इन कार्यक्रमों में ‘तारक महेता का उल्टा चश्मा’ नामक कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है। यह स्वच्छ पारिवारिक कार्यक्रम है। इसमें गोकुलधाम सोसायटी के सभ्यों के जीवन से संबंधित विविध प्रसंगों और घटनाओं का सुंदर चित्रण किया गया है। जेठालाल, दयाबेन, डॉक्टर हाथी, बबीताजी, सोढी और टप्पू – सेना आदि पात्रों का अभिनय जानदार है।
एक दिन जेठालाल अपने ही गोदाम में अपने सहायक नटुकाका के हाथों गलती से कैद हो जाते हैं। इसके कारण उन पर जो बीतती है उसका बड़ा मार्मिक चित्रण इस चैनल पर दिखाया गया था। इसके अतिरिक्त टप्पू – सेना की शरारतें, सोसायटी का खेल – महोत्सव, पत्रकार पोपटलाल की पार्टी आदि प्रसंगों का प्रदर्शन भी बहुत मनोरंजक था।
इस सिरियल में दिखाए जानेवाले सभी प्रसंग सुरुचिपूर्ण एवं शिष्ट होते हैं। विविध प्रसंगों में हास्यरस सहज ढंग से निष्पन्न होता है। सब प्रसंग बहुत ही मनोरंजक एवं शिक्षापात्र होते हैं। इसलिए ‘तारक महेता का उल्टा चश्मा’ कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है। यह मेरा मनपसंद कार्यक्रम है।
प्रश्न 3.
आपने कक्षा या मैदान में खेले हुए कोई एक खेल के बारे में लिखिए।
उत्तर :
क्रिकेट बचपन से ही मेरा प्रिय खेल रहा है। इसे खेलते हुए कई रोमांचक घटनाएँ हुई हैं। वे मुझे अब तक याद हैं। पिछले महीने ही कक्षा सातवीं की टीम से हमारा मैच था। मैं छठी कक्षा की अपनी टीम का कप्तान था। मैच बीस ओवर का था।
टॉस उछाला गया तो हमें गेंदबाजी मिली। सामनेवाली टीम ने बीस ओवर में 120 रन बनाए। अब हमें 121 रन बनाने थे। हमारे दो खिलाड़ी 0 रन ही पर आउट हो गए। तीसरे और चौथे ने मिलकर 50 रन बनाए। फिर दो खिलाड़ी 7 और 12 रन बनाकर चलते बने।
हालत यह हो गई कि हमारे आठ खिलाड़ी पेवेलियन चले गए थे और रन थे कुल 93। तब मैंने बल्ला सँभाला। अब केवल 2 ओवर में 28 रन बनाने थे। यह लगभग असंभव था। लेकिन कहावत हैं कि जब खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान। पहले ही ओवर में हमने 16 रन बनाए।
दूसरे ओवर में हमें आखिरी मौका था जीतने का और बारह रन बनाने थे। सामने गेंदबाज बड़ा चतुर था। पहली गेंद पर मैंने चौका बनाया। दूसरी तीन गेंद खाली गई। अब केवल दो गेंद हमारे हाथ में थीं। हार – जीत का फैसला इन दो गेंद पर था।
पहली गेंद आई और मैंने आँख मूंद कर बल्ला घुमा दिया। देखा तो दो रन बन गए थे। अंतिम गेंद पर छक्का लग गया और हमारी टीम विजय के उल्लास में झूम उठी थी।
क्रिकेट के साथ जुड़ी ऐसी यादें क्या हम कभी भूल सकते हैं?
प्रश्न 4.
पने सुने हुए मजेदार चुटकुले लिखिए।
उत्तर :
(1) नवीन : जानवर की।
सुरेन्द्रः यह तुम कैसे कह सकते हो?
नवीन: क्योंकि जानवर कभी चश्मा नहीं पहनते।
(2) मालकिनः रामू, मैंने कहा था पूजा के लिए धूप ले आना।
रामू : मगर लाता कहाँ से मालकिन? आज तो दिनभर बादल छाये रहे।
(3) अमित : भाई! रात को सूर्य क्यों नहीं निकलता?
सुमितः निकलता तो है।
अमित: फिर दिखाई क्यों नहीं देता?
सुमित : अरे! अँधेरे में कैसे दिखाई देगा?
(4) (दो दोस्त हिन्दी व्याकरण के पेपर की तैयारी कर रहे थे।)
पहला दोस्त : ‘पिंकी मिठाई नहीं खाती।’ – इसमें पिंकी क्या है?
दूसरा दोस्त : मूर्ख।
(5) सोहनः सोनल बताओ, अक्ल बड़ी या भैंस?
सोनल : भैया, पहले दोनों के जन्मदिन बताओ तभी तो पता चलेगा कि कौन बड़ा है।